Thursday, December 31, 2015

शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 महिलाएं प्रवेश करेंगी

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में 26 जनवरी को शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 महिलाएं प्रवेश करेंगी। यहां महिलाओं के महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध है। हाल ही में एक महिला ने मंदिर के चबूतरे पर चढ़कर शनि मूर्ति को तेल चढ़ा दिया था, जिस पर बवाल मच गया था।

पुणे के संगठन भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने बताया कि मंदिर में महिलाओं के जाने पर पाबंदी महिलाओं के साथ भेदभाव की सूचक है। इसे 21वीं सदी में सहन नहीं किया जा सकता है। संगठन की प्रतिनिधि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर उसने यह पंरपरागत प्रतिबंध हटाने की मांग करेंगी।

Tuesday, December 29, 2015

हेमा मालिनी के डांस स्कूल के लिए दो सौ वर्ग मीटर जमीन की मंजूरी

महाराष्ट्र की भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी के डांस स्कूल के लिए दो सौ वर्ग मीटर जमीन की मंजूरी दे दी है। राज्य के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने मंगलवार को हेमा मालिनी के आधिकारिक निवास पर अनुमति का आदेश पत्र उन्हें सौंपा। डांस स्कूल के लिए हेमा ने लगभग बीस साल पहले सरकार से जमीन मांगी थी।
यह भूखंड अंधेरी के एंबिवली क्षेत्र में स्थित है। कुछ शर्तों के अनुपालन के बाद जिला कलेक्टर के आदेश से जमीन को अंतिम तौर पर हेमा को सौंप दिया जाएगा। शर्त के मुताबिक, डांस स्कूल (नाट्य विहार कला केंद्र चैरिटी ट्रस्ट) जमीन के एक विशेष क्षेत्र में बगीचा बनाएगा और इसे आम लोगों को लिए खुला रखा जाएगा।
खडसे के प्रवक्ता के मुताबिक, शर्त में यह भी कहा गया है कि हेमा मालिनी का संगठन एक ट्रस्ट है, जो लाभ नहीं कमा सकता। इस मौके पर हेमा ने बताया, "इससे पहले मुझे स्वर्गीय बाल ठाकरे ने शिवसेना भाजपा सरकार के समय जमीन की मंजूरी दिला दी थी लेकिन वह भूखंड सीआरजेड के अंतर्गत आ गया और मुझे दूसरा भूखंड का इंतजार करना पड़ा।

मैंने इसके लिए तीन मुख्य मंत्रियों विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और पृथ्वीराज चाह्वाण से भी बात की थी।" हेमा ने कहा, "मैं स्कूल को बच्चों को शास्त्रीय नृत्य सिखाने और पढ़ाने का मंच बनाना चाहती हूं।"

Wednesday, December 23, 2015

खुली नीलामी में बेचने के दौरान नियमों का उल्‍लंघन

  बांद्रा की प्राइम लोकेशन पर एसोसिएट जर्नल्‍स लिमिटेड (AJL) को 1983 में आवंटित की गई भूमि के बारे में हाल ही में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्‍ित को खुली नीलामी में बेचने के दौरान नियमों का उल्‍लंघन हुआ है। रिपोर्ट में कम से कम आठ उल्‍लंघनों का जिक्र है।
इसमें कहा गया है कि प्‍लॉट के आवंटन में विवेकाधीन शक्‍ितयों का लगातार दुरुपयोग किया गया। यह बात सामने आई थी कि 3,478 वर्ग मीटर की यह भूमि AJL की सं‍पत्‍ित का हिस्‍सा थी, जिसे बाद में यंग इंडिया को हस्‍तांतरित कर दिया गया।
यंग इंडिया कंपनी का मालिकाना हक सोनिया गांधी और राहुल गांधी (दोनों के पास 38-38 फीसद शेयर हैं) के पास है। फर्स्‍ट पोस्‍ट की खबर के अनुसार, इस जानकारी के सामने आने के बाद महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री कार्यालय की ओर से असेसमेंट रिपोर्ट तैयार कराई गई है।
भाजपा नेता सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी लखनऊ, नई दिल्‍ली, मुंबई, इंदौर, भोपाल और पंचकुला में AJL की संपत्‍ित को पाने के लिए की गई धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के मामले में सोनिया और राहुल गांधी को अदालत खींच ले गए हैं। इन जमीनों की कीमत हजारों करोड़ रुपए है।

इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी को 19 दिसंबर को अदालत में पेश होना पड़ा था, जहां से उन्‍हें जमानत मिल गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होनी है। मुख्‍यमंत्री कार्यालय की रिपोर्ट में डिस्‍पोजल ऑफ गवर्नमेंट लैंड्स रूल 1971 के नियम 31 के हवाले से कहा गया है कि भूमि के औद्योगिक और व्‍यावसासिक उपयोग के लिए आवंटन में उल्‍लंघन किया गया।

Monday, December 21, 2015

मुंबई के तीन युवक सीरिया जाकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल हो गए

महाराष्ट्र के आंतक निरोधी दस्ते को आशंका है कि मुंबई के तीन युवक सीरिया जाकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल हो गए हैं। करीब दो माह से लापता तीनों युवकों की पहचान उजागर कर दी गई है।
एटीएस के मुताबिक, मलवानी निवासी तीनों युवकों के नाम हैं - अयाज सुल्तान (23), मोहसिन शेख (26) और वाजिद शेख (25)
अब तक मिली जानकारी
·         अयाज यह कहते हुए 30 अक्टूबर को घर से निकला था कि कुवैत की कंपनी से मिले नौकरी के ऑफर के सिलसिले में उसे पुणे जाना है।
·         वहीं मोहसिन शेख दोस्त की शादी में जाने का बहाना बनाकर 16 दिसंबर को घर से निकला था।
·         वाजिद खान भी 16 दिसंबर को ही यह बहाना बनाकर निकला था कि उसे अपना आधार कार्ड सही करवाना है।
·         तीनों के परिजन को भी शक है कि वे आतंकी संगठन का हिस्सा बन गए हैं।
·         मई 2014 के बाद यह दूसरा मौका है जब मुंबई के युवकों के आतंकी संगठन से जुड़ने की खबर आई है।
·         ताजा मामले के लेकर एटीएस के एक अधिकारी ने बताया है कि तीन युवक एक ही मोहल्ले में रहते हैं और करीबी दोस्त हैं।
·         परिजनों ने भी पुष्टि की है कि तीनों देश से बाहर जाने की फिराक में थे। इसके लिए वे पैस भी बचा रहे थे।

·         आशंका है कि तीनों इंटरनेट के जरिए आतंकी संगठन के संपर्क में आए।

Friday, December 18, 2015

साझेदारी का एलान

भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी और हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक स्टीवेन स्पीलबर्ग ने गुरुवार को यहां नई साझेदारी का एलान किया। अनिल की रिलायंस एंटरटेनमेंट और स्पीलबर्ग की ड्रीमवर्क्स मिलकर नई फिल्म, टेलीविजन और डिजिटल सामग्री निर्माण कंपनी बनाएंगी। इसका नाम अंबलिन पार्टनर्स होगा।
इन कंपनियों ने इस संयुक्त उद्यम के लिए 50 करोड़ डॉलर (करीब 3,300 करोड़ रुपये) का कर्ज भी जुटा लिया है।
यहां जारी एक साझा बयान में कहा गया है कि जेफ स्कोल की कंपनी पार्टिसिपेंट मीडिया और प्रमुख अमेरिकी मनोरंजन फर्म एंटरटेनमेंट वन भी इस संयुक्त उद्यम में हिस्सेदार होंगी। ये कंपनियां विशेष कंटेंट के लिए मिलकर काम करेंगी। साथ ही सह-निर्माण के अवसरों पर भी विचार करेंगी।
इस साझेदारी को लेकर अंबानी ने कहा कि रिलायंस एंटरटेनमेंट और ड्रीमवर्क्स सात साल से साथ काम कर रही हैं। नई परियोजना ने उनकी कंपनियों को साथ काम करने का एक और मौका दिया है। उम्मीद है कि स्टीवेन की लगन और जेफ के सामाजिक तौर पर जागरूक नजरिये से ग्लोबल दर्शकों के मनोरंजन के लिए गुणवत्तापूर्ण सामग्री तैयार होगी।

स्पीलबर्ग ने कहा, "हम प्रिय मित्र अनिल अंबानी और रिलायंस में उनकी टीम के साथ अपने लंबे सबंध को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। उनके सहयोग से हमारे पास शानदार फिल्में बनाने का अवसर होगा।"

Tuesday, December 15, 2015

कांग्रेस भवन का निर्माण

नेहरू लाइब्रेरी के लिए आवंटित भूमि पर कांग्रेस भवन का निर्माण हो रहा है। भूमि का यह टुकड़ा मुंबई में एक प्रमुख स्थान (उपनगर बांद्रा) पर है। इसे "नेशनल हेराल्ड" और "कौमी एकता" समाचार पत्रों की मालिकाना हक वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को आवंटित किया गया था। भूमि आवंटन के बाद देरी से भुगतान करने के कारण दो करोड़ रुपये से अधिक का ब्याज भी माफ किया गया है।
यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत दाखिल आरटीआई अर्जी के जवाब में मिली है। जवाब के अनुसार, यह इमारत 11 मंजिला होगी। इसमें 135 कारों की पार्किंग की जगह होगी। इसमें 14 कार्यालयों के लिए जगह दी गई है, लेकिन समाचार पत्र के कार्यालयों, लाइब्रेरी और अनुसंधान केंद्र के लिए जगह निर्धारित नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को यह सूचना म्यूनिसिपल कारपोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई (एमसीजीएम) के अग्निशमन विभाग ने दी है।

गलगली ने एमसीजीएम के भवन प्रस्थापना विभाग से मेसर्स एजेएल को भूमि पर निर्माण की मंजूरी देने के बारे में जानकारी मांगी थी। जवाब में बताया गया है कि एमसीजीएम ने 14 जून, 2013 को कंपनी को कार्य शुरू करने का प्रमाणपत्र जारी किया था। बाद में यह भूमि फनल ऑफ द एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकार में आ गई। उसने भी इस संबंध में कंपनी को 5 फरवरी, 2014 को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दे दिया। हालांकि अग्निशमन विभाग ने कांग्रेस भवन के निर्माण के लिए 8 फरवरी, 2013 को ही एनओसी जारी कर दी थी।

Friday, December 11, 2015

एम्‍बुलेंस के सीएनजी सिलेंडर में धमाका

ठाणे में गुरुवार-शुक्रवार की दरम्‍यानी रात एक दर्दनाक हादसा पेश आया जिसमें कुछ मिनट पहले ही पैदा हुए बच्‍चे की मौत हो गई।
खबरों के अनुसार रात करीब 12.30 बजे कुछ ही देर पहले जन्‍मे बच्‍चे और उसकी मां को ले जा रही एम्‍बुलेंस के सीएनजी सिलेंडर में धमाका हो गया।
इस धमाके के बाद एम्‍बुलेंस ने आग पकड़ी ली। इस हादसे में जहां नवजात बच्‍चे की मौत हो गई है वहीं उसकी मां के अलावा दो अन्‍य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है। खबरों के अनुसार हादसा ठाणे के वर्तक नगर में में हुआ है।

सिलेंडर में ब्‍लास्‍ट के बाद वहां रहने वाले डर गए और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड ने आग बुझाकर घायलों को अस्‍पताल पहुंचाया है। फिलहाल यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि यह धमाका कैसे हुआ।

Wednesday, December 9, 2015

मुंबई में तीन गुना बढ़े रेप के मामले, महज 27 फीसद मामलों में हुई सजा

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। शहर के एक एनजीओ प्रजा फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में रेप के मामलों में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है।
साल 2013 की तुलना में साल 2014 में दुष्‍कर्म के मामलों में 49 फीसद का इजाफा हुआ है। वहीं, छेड़छाड़ के मामलों में यह आंकड़ा 39 फीसद बढ़ गया है। यह जानकारी प्रजा फाउंडेशन के संस्थापक निताई मेहता ने एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर दी।
रेप के सबसे अधिक मामले दक्षिण मुंबई में दर्ज किए गए। एनजीओ की यह रिपोर्ट पिछले पांच साल के दौरान 18,000 लोगों पर किए गए सर्वे और दर्ज किए गए अपराधों और दोषी ठहराए गए अपराधियों की दर पर आधारित है।
फाउंडेशन की 200 सदस्यों की टीम ने वित्तीय वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 के दौरान यह सर्वे किया। फाउंडेशन के संस्थापक निताई मेहता ने कहा कि चिंता का विषय यह है कि काफी सिफारिशों के बावजूद पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल साबित हुआ है।

इस सर्वे के मुताबिक साल 2014 में दुष्‍कर्म के मामलों में सिर्फ 27 फीसद को ही सजा हुई है, जबकि ब्रिटेन में यह दर 57 फीसद है। साल 2010-11 में रेप के 165 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा बढ़कर 643 हो गया। वर्ष 2010-11 से 2014-15 के चार सालों के अंतराल में दुष्‍कर्म के मामलों में 290 फीसद की बढ़त देखी गई है।

Tuesday, December 8, 2015

आजम खान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से ज्यादा खतरनाक

शिवसेना ने यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कर डाली है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए आजम खान पर निशाना साधा है। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि आजम खान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से ज्यादा खतरनाक हैं।
शिवसेना ने भारत में अल्पसंख्यकों के मामले को लेकर आजम के संयुक्त राष्ट्र से दखल देने की अपील करने पर उनकी कड़ी आलोचना की है। 
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान ने यह मांग करते हुए नया विवाद छेड़ा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकी संगठन घोषित किया जाए।

उन्होंने संगठन पर दंगे की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप लगाया जिसपर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। खान ने कहा था कि उन्होंने (आरएसएस) कई दंगों को अंजाम दिया और कई की साजिश रची है। आरएसएस को आतंकी संगठन घोषित किया जाना चाहिए।

Thursday, December 3, 2015

न्याय का देवता

शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। राजा हो या रंक, वे उसके कर्मों के अनुसार न्याय करते हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र के अहमद नगर में स्थित शनि शिंगणापुर गांव में घरों में दरवाजे नहीं है। लोग कीमती सामान भी ताले या तिजोरी में नहीं रखते हैं। और तो और पुलिस थाने के लॉकअप में भी ताले नहीं लगाए जाते हैं। पुलिसकर्मी नट-बोल्‍ट से ही दरवाजा बंद कर देते हैं।

इस परंपरा को ध्‍यान में रखते हुए नए बने पुलिस थाने में बने लॉक-अप में भी ताला बंद नहीं किया जाता। शनि मंदिर से कुछ ही दूरी पर बने इस थाने के क्षेत्राधिकार में शनि शिंगणापुर सहित नौ गांव आते हैं। थाना बनाए जाने के तीन महीने से कम समय में यहां 15 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

Wednesday, December 2, 2015

पीटर मुखर्जी को 14 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में

शीना बोरा हत्याकांड में मंगलवार को अदालत ने पीटर मुखर्जी को 14 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में पीटर को उच्च सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल लाया गया। इस हत्याकांड के दो अन्य आरोपी संजीव खन्ना और श्यामवर राय भी इसी जेल में बंद हैं।
मजिस्ट्रेट एनबी शिंदे ने कहा, "आरोपी को 14 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।" सीबीआई वकील ने अदालत को बताया कि एजेंसी की अब तक की जांच पूरी हो गई है। आरोपी को अब न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है। पीटर के वकील ने कहा कि वह जमानत के लिए जल्द ही सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे। कोर्ट के बाहर पीटर के भाई गौतम ने पत्रकारों को बताया, "पीटर निर्दोष हैं। सच की जीत होगी।"

सीबीआई ने सोमवार को पीटर की हिरासत एक दिन और (मंगलवार तक) बढ़ाने की मांग की थी। उसकी दलील थी कि उसे पता लगाना है कि क्या शनिवार व रविवार रात हुए पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान पीटर ने कुछ विरोधाभासी बयान दिए थे। पीटर (59) इंद्राणी के पति हैं और उन्हें 19 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।

Tuesday, December 1, 2015

सहिष्‍णुता का उदाहरण

देश और संसद में असहिष्‍णुता पर बहस जारी है। इस बीच पेरिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाक पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात को शिवसेना ने सहिष्‍णुता का उदाहरण करार दिया है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुलाकात को लेकर दिए एक बयान में कहा है कि मैं मानता हूं अगर मोदी जी खुद चलकर नवाज शरीफ से जाकर मिले और हाथ मिलाया है तो ये हमारे पीएम की सहिष्‍णुता है।

उन्‍होंने आगे कहा कि जिस देश में भारत के खिलाफ नारे लगाए जाते हैं, भारत विरोधी कदम उठाए जाते हैं और आतंक की भाषा बोली जाती है वहां के पीएम से अगर हमारे प्रधानमंत्री मिलते हैं तो मुझे नहीं लगता सहिष्‍णुता का इससे बड़ा कोई उदाहरण हो सकता है।

Monday, November 30, 2015

परिवार राष्ट्रगान के दौरान खड़ा नहीं हुआ

देश में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच आज सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोगों द्वारा एक मुस्लिम परिवार को सिनेमाहाल से बाहर जाने के लिए कहा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने सिनेमाहाल में पिक्चर देखने आए एक मुस्लिम परिवार को सिर्फ इसलिए बाहर निकाल दिया क्योंकि वो परिवार राष्ट्रगान के दौरान खड़ा नहीं हुआ। करीब 2 मिनट के इस वीडियो में कुछ लोग इस परिवार को घेरकर खड़े हैं और उन्हें सिनेमाघर से बाहर जाने को कह रहे हैं।
वीडियो में नजर आ रहा है कि मुस्लिम परिवार इस घटना पर सफाई दे रहा है लेकिन उन्हें घेरे खड़े हुए लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं और उन्हें लगातार बाहर निकल जाने को कह रहे हैं।

वीडियो में नजर आ रहा है कि आखिरकार मुस्लिम परिवार को सिनेमाघर छोड़कर जाना पड़ता है और वहां मौजूद लोग इस घटना का स्वागत करते हैं।

Friday, November 27, 2015

भाजपा और कांग्रेस के बाद अब शिवसेना भी

गुरुवार को संसद में सविंधान पर चर्चा के दौरान सेकुलर शब्‍द को लेकर हुए हंगामे के बाद बयानों का दौर जारी है। इस बहस में भाजपा और कांग्रेस के बाद अब शिवसेना भी कूद गई है। सामना के संपादकिय में संविधान दिवस को लेकर लिखे गए लेख में संविधान दिवस मनाए जाने को लेकर खुशी जाहि‍र की है वहीं कांग्रेस को निशाना भी बनाया है।
इसमें लिखा है जिस तरह भारत के लिए 26 जनवरी महत्‍वपूर्ण है वैसे ही 26 नवंबर भी महत्‍वपूर्ण दिन है। लेख में उम्‍मीद की गई है कि किसी संविधान दिवस के माध्‍यम से लोगों के बीच अनभिज्ञता दूर होगी। साथ ही बाबा साहेब के आलौकिक कार्य और योगदान पर चर्चा होगी।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए लेख में कहा गया है कि संसद में पहला दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया गया और बाबा साहेब के कार्यों का अभिवादन किया। इस जगह पर भी कांग्रेसवालों ने यह दिखाया कि बाबा साहेब के संविधान निर्माण और उसके पालन का सारा ठेका उनके पास है।
कांग्रेसवाले केवल बाबा साहेब को चुनाव में उपयोग करते हुए वोट बैंक की राजनीति करते हैं। लेकिन यह बात अब दलित जनता से छिपी नहीं है। संविधान की मूल प्रस्‍तावना में ना होने वाला सेकुलर शब्‍द कांग्रेस ने ही अपनी गंदी राजनीति के लिए बाद में घुसेड़ा और देश में जाति-भेद, धर्म-पंथ की दीवार हमेशा किस तरह बनी रहे इसकी व्‍यवस्‍था कर दी।
लेख में गृह मंत्री की बाद का समर्थन करते हुए लिखा है कि गृह मंत्री ने सदन में कहा कि सेकुलर शब्‍द का धर्मनिरपेक्ष जैसा सुविधाजनक अर्थ निकालकर उसका अपने ही देश में कई सालों से दुरुपयोग जारी है। धर्मनिरपेक्ष शब्‍द का ही उपयोग बंद होना चाहिए। उन्‍होंने जो कहा वो काफी महत्‍वपूर्ण है। समाजवादी की तरह सेकुलर भी एक शब्‍द है जो स‍ंविधान में घुसेड़ा गया।

इन दोनों शब्‍दों ने देश की राजनीतिक, सामाजिक और राष्‍ट्रीय शान ही छीन ली है। संविधान दिवस के बहाने यदि बाबा साहेब के प्रति जनता में जागृति आई और संविधान में घुसाए गए शब्‍दों धर्मनिरपेक्ष और समजावादी का उपयोग ना करने की सद्बुद्धी नेताओं में आई तो यह कहा जा सकता है कि संविधान दिवस सफल रहा।

Tuesday, November 24, 2015

जैसे ही ट्रेन से नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर उतरे

रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण अपनी अपकमिंग फिल्‍म 'तमाशा' की प्रमोशन के लिए ट्रेन से दिल्‍ली पहुंच गए हैं। रणबीर-दीपिका जैसे ही ट्रेन से नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर उतरे फैन्‍स ने उन्‍हें घेर लिया।
रणबीर-दीपिका, फिल्‍म के डायरेक्‍टर इम्तियाज अली के साथ कल मुंबई से सुविधा एक्‍सप्रेस में बैठ दिल्‍ली के लिए रवाना हुए थे। फिल्‍म 27 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
बता दें कि दीपिका और रणबीर इन दिनों फिल्‍म 'तमाशा' की प्रमोशन में जुटे हुए हैं। प्रमोशन के दौरान ये दोनों काफी तमाशा करते हुए नजर आ रहे हैं। दीपिका ने आखिरी पल में ट्रेन से सफर करने की इच्‍छा जाहिर की। इसके बाद फ्लाइट के टिकट तुरंत रद कराए गए और ट्रेन में बुकिंग कराई गई।
'तमाशा' के निर्देशक इम्तियाज अली हैं। दीपिका और रणबीर, इम्तियाज अली के साथ मुंबई से ट्रेन लेंगे और दिल्‍ली तक आएंगे। वैसे बता दें कि रणबीर ने इससे पहले कभी भारतीय रेल में सफर नहीं किया है। उन्‍होंने बताया, 'मैंने भारत में कभी ट्रेन में सफर नहीं किया है। हांलाकि मैं अमेरिका में एक बार ट्रेन में सफर कर चुका हूं। इसलिए यह दूसरी बार होगा जब मैं ट्रेन में सफर करूंगा।'

रणबीर और दीपिका इससे पहले फिल्‍म 'ये जवानी है दीवानी' में सिल्‍वर स्‍क्रीन पर साथ नजर आए थे। इस फिल्‍म को बॉक्‍स ऑफिस पर अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स मिला था। ऐसी उम्‍मीद लगाई जा रही है कि 'तमाशा' देखने के लिए भी सिनेमाघरों में खूब भीड़ जुटेगी।

Monday, November 23, 2015

छुट्टियों से वंचित देशों की श्रेणी में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर

छुट्टियों से वंचित देशों की श्रेणी में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है। एक सर्वे के मुताबिक, इस श्रेणी में उससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और सिंगापुर का स्थान है। ऑनलाइन ट्रेवल साइट एक्सपीडिया की 2015 की छुट्टियों की कमी से संबंधित रिपोर्ट में पाया गया कि 65 फीसद भारतीय यह मानते हैं कि उन्हें कम छुट्टियां मिल रही हैं जबकि 20 फीसद को लगता है कि उन्हें बहुत ही कम छुट्टियां मिल रही हैं।
रिपोर्ट ने खुलासा किया कि 67 फीसद भारतीय छुट्टियां मिलने पर अपनी पसंदीदा या अनोखी जगह की बजाय नई जगह की यात्रा करना पसंद करेंगे। यह रिपोर्ट अलग-अलग देशों और महाद्वीपों में रहने वाले लोगों की छुट्टियों से संबंधित आदतों के बारे में है। सर्वे इस साल उत्तरी अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका समेत 26 देशों में 6 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के 9273 कर्मचारियों के बीच किया गया।

सर्वे में खुलासा किया गया 65 फीसद भारतीय छुट्टियों को अपनी सारी खुशियों से जोड़कर देखते हैं। थाइलैंड में ऐसा मानने वाले लोगों की तादाद 56 फीसद और संयुक्त अरब अमीरात में 55 फीसद है। एक्सपीडिया इंडिया के मनमीत अहलूवालिया के मुताबिक, "काम और जिंदगी के बीच संतुलन बनाने में छुट्टियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह लोगों को पुनः ऊर्जा से भर देती हैं, जिससे वे काम पर फोकस कर सकें।'' सर्वे में 54 फीसद भारतीय कर्मचारियों ने माना कि वेतन में बढ़ोतरी से ज्यादा प्राथमिकता छुट्टियों में वृद्धि को देंगे।

Wednesday, November 18, 2015

हाईकोर्ट ने फैसला देने से मना कर दिया

देश भर में मशहूर यहां के हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी पर बाम्बे हाईकोर्ट ने फैसला देने से मना कर दिया। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यह असहिष्णुता का दौर है। जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस रेवती माहित की खंडपीठ में हाजी अली दरगाह ट्रस्ट द्वारा महिलाओं के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी। यह दरगाह 15वीं सदी के सूफी संत हाजी अली मकबरा है।

जस्टिस कनाडे ने कहा, "आज ऐसा वातावरण है है जहां हर चीज को दूसरी तरह से लिया जाता है। यह असहिष्णुता का दौर है। जब भी धार्मिक मामला होता है लोग संवेदनशील हो जाते हैं।" खंडपीठ ने कहा, "इसी तरह पारसी पंचायत ने जाति से बाहर शादी करने वाली महिलाओं को अपने मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। तब हमने कोई फैसला नहीं दिया था। उन्हें अदालत से बाहर समझौता करने को कहा था। उत्तेजित महिलाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां से उन्हें थोड़ी राहत मिली थी।"

Monday, November 16, 2015

सभी लोग कानून का समान रूप से पालन करें

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने अपने संपादकीय में पेरिस में हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए भारत सरकार को आतंकवाद के खिलाफ खुद से कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। संपादकीय में पश्चिमी देशों पर आतंकवाद को लेकर दोहरा नजरिया अपनाने पर सामना में तीखी टिप्‍पणी की गई है। इसमें लिखा है कि जबतक अपनी कुर्सी के नीचे धमाका नहीं होता है तब तक वह हिंदुस्‍तान की तड़प महसूस नहीं कर सकते हैं। सामना के मुताबिक पश्चिमी देश अपनी तरह से आतंकवाद से लड़ते हैं और यही भारत को भी सीखना होगा। इसमें कहा गया है कि आतंकवाद की घटनाओं पर जब पाकिस्‍तान टिप्‍पणी करता है तो यह बेहद हास्‍यास्‍पद लगता है क्‍योंकि वह 'आतंकवाद की बहुराष्‍ट्रीय कंपनी' है।
सामना में कहा गया है कि फ्रांस ने जब अपने यहां पर बुर्का बैन किया था तभी उसको परिणाम भुगतने की धमकी मिलनी शुरू हो गई थी। लेकिन वह इसके आगे नहीं झुका। इसका मकसद साफ था कि वह चाहता है कि फ्रांस में रहने वाले सभी लोग कानून का समान रूप से पालन करें, फिर चाहे वह किसी भी धर्म से संबंध क्‍यों न रखता हो। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। एक तरफ जहां फ्रांस वहां पर लगातार बढ़ रही म‍ुस्लिम आबादी से चिंतित दिखाई देता है वहीं भारत इससे कोई सबक नहीं लेता है। संपादकीय में कहा गया है कि भारत हमेशा से ही इस बढ़ती आबादी के सामने झुकने के लिए तैयार रहा है।
सामना में आईएस की उत्‍पत्ति के पीछे अमेरिका को बताया गया है। पत्र लिखता है कि अमेरिका ने अपने स्‍वार्थ की खातिर इराक को तबाह कर दिया और सद्दाम हुसैन को खत्‍म कर दिया। इसमें फ्रांस ने भी उसका साथ दिया। इसके फलस्‍वरूप वहां पर अराजकता का माहौल बना और आईएस का भूत पैदा हुआ जो आज यूरोप पर हमले कर रहा है। संपादकीय में लिखा है कि इस पाप में फ्रांस समान रूप से भागीदार है। क्‍योंकि सद्दाम के पतन के बाद ही उसके आसपास के देशों में अराजकता का माहौल पैदा हुआ। अब वही आतंकवाद यूरोपीय देशों के लिए संकट बन गया है।

पत्र में कहा गया है कि भारत के कश्‍मीर में भी आईएस दस्‍तक दे चुका है। पिछले दिनों वहां पर खुलेआम आईएस के झंडे दिखाए गए और प्रदर्शन किया गया। सामना में आईए को पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया है। इसमें कहा गया है इन्‍होंने फ्रांस की जमीन को खून से लाल कर दिया है। अब इससे सबक सीखने की जरूरत है। संपादकीय में कहा गया है अब जरूरत है कि आतंकवाद की जड़ों को खत्‍म करने के लिए उनपर कड़ा प्रहार किया जाए।

Friday, November 13, 2015

सीमाताई को मंत्री बनाए जाने की उम्मीद

राज्यसभा सांसद व आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले की पत्नी सीमाताई आठवले को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद दिया जाना लगभग तय हो गया है। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले होने वाले राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार में सीमाताई को मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार आरपीआई कोटे के मंत्री पद को लेकर आठवले और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच चर्चा हो चुकी है। जापान दौरे के समय ही दोनों के बीच सीमाताई को मंत्री पद दिए जाने को लेकर सहमति बन चुकी हैं।

हालांकि आठवले ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेने के लिए अभी तक कोई बैठक नहीं बुलाई है, पर माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख निश्चित होने के बाद ही आठवले पार्टी के आला नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

Thursday, November 12, 2015

हिंदुत्व की खातिर

मुखपत्र 'सामना' में भाजपा की खुली आलोचना करने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बिहार में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों में भी चुनाव लड़ सकती है।
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व के विचार की खाई भरने के लिए पार्टी ऐसा कर सकती है। शिवसेना राजग का हिस्सा है और उसने बिहार चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा था। कल्याण-डोंबिवली नगर निगम के मेयर पद पर पार्टी के राजेन्द्र देवलेकर के चुने जाने के बाद कल्याण में पत्रकारों से चर्चा में ठाकरे ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि पहले पार्टी अन्य राज्यों में चुनाव मैदान में उतरने के पक्ष में नहीं थी, लेकिन वह हिंदुत्व की खातिर ऐसा करने को तैयार है।

Tuesday, November 10, 2015

शुभकामनायें

साथियों ,

आप सभी को तथा सभी के परिवार को  मेरी और मेरी पत्नी की ओर से दीपावली की  हार्दिक
शुभकामनायें

Monday, November 9, 2015

सरोगेसी पर लगे प्रतिबंध पर रोक

बांबे हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में विदेशी दंपतियों के लिए सरोगेसी पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रतिबंध पर रोक उन दंपतियों के लिए लगाई है, जिनकी सरोगेसी की प्रक्रिया पूरी होने वाली है या जो इलाज के नाजुक दौर में हैं।
अंतरिम आदेश तीन तारीख को जस्टिस रवि देशपांडे की पीठ ने डॉ. कौशल कदम और कुछ प्रजनन केंद्रों की याचिका पर दिया गया था। याचिका में 27 अक्टूबर को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च द्वारा जारी एक सूचना पत्र को चुनौती दी गई थी।
पत्र में बताया गया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश पर सरोगेसी केवल भारतीय विवाहित दंपतियों के लिए संभव होगी जबकि विदेशी दंपतियों के लिए इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसमें डॉक्टरों से अनुरोध किया गया था कि वे विदेशी दंपतियों के लिए सरोगेसी की प्रक्रिया में सहयोग न करें।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में केवल उन विदेशी दंपतियों को राहत दी है जिनकी सरोगेसी की प्रक्रिया 15 से 20 दिन में पूरी होने वाली है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे ऐसे दंपतियों के नाम संबंधित अधिकारियों को बंद लिफाफे में रखकर दें। उसने यह भी कहा कि इन लिफाफों को कोर्ट की अनुमति के बगैर नहीं खोला जाए।
कोर्ट के मुताबिक, भविष्यमें ऐसे विदेशी दंपतियों को सरोगेसी का लाभ नहीं दी जानी चाहिए, जिनकी प्रकिया अभी शुरू नहीं हुई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिबंध के बारे में फैसला लिए जाने से पहले इससे प्रभावित होने वाले लोगों को नोटिस दी जाती है, जो इस मामले में नहीं किया गया।

सरोगेसी एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए वे दंपति बच्चा प्राप्त कर सकते हैं, जिनमें महिला किन्हीं कारणों से गर्भ धारण नहीं कर सकती। इस स्थिति में समझौते के तहत किसी जरूरतमंद महिला के गर्भ में पुरुष के शुक्राणु स्थापित कर दिए जाते हैं। महिला के गर्भ धारण करने के बाद भ्रूण उसके गर्भाशय में विकसित होता रहता है। बाद में निर्धारित समय पर महिला बच्चे को जन्म देती है, जिसे समझौता करने वाले दंपती को सौंप दिया जाता है।

Friday, November 6, 2015

एक बच्ची की रहस्यमयी मौत

दांतों के इलाज के दौरान पांच महीने पहले हुई एक बच्ची की रहस्यमयी मौत के मामले में डेंटिस्ट को क्लीन चिट मिल गई है। इस मामले की जांच के लिए गठित ससून जनरल हॉस्पिटल डॉक्टर्स के एक पैनल ने पाया है कि इलाज के दौरान डेंटिस्ट ने कोई लापरवाही नहीं की थी।
पैनल ने इस केस को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' तो माना, लेकिन साथ ही इस केस में डेंटिस्ट की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरतने की बात भी कही। हालां‍कि, यह बात मृतक बच्‍ची के पिता निरंजन रेवतकर और पुलिस के गले आसानी से नहीं उतर रही है।
इस मामले में पुलिस ससून जनरल हॉस्पिटल को केस की फिर से जांच करने के लिए नोटिस जारी करने जा रही है। पुलिस यह जानना चाहती है कि डेंटिस्ट ने इलाज से पहले मरीज पर ऐलर्जी टेस्ट करके देखा था या नहीं? पेशे से आईटी प्रोफेशनल निरंजन ने कहा है कि वह न्‍याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
यह है मामला
पुणे के ससून जनरल हॉस्पिटल में 29 जून को करीब साढ़े तीन साल की सानवी रेवतकर की रूट कनैल सर्जरी की गई थी। इस दौरान अचानक बच्ची की तबीयत खराब हो गई और उसे एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां भी डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया, तो बच्ची के माता-पिता उसे पास के एक अन्य निजी अस्‍पताल ले गए, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इस हादसे के बाद बच्ची के पिता ने डॉक्टर डेंटिस्‍ट के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट मामले की जांच कर रहे डॉक्टर्स के आंतरिक पैनल को दे दी। अब पांच महीने बाद पैनल ने डेंटिस्‍ट को क्‍लीन चिट देते हुए कहा कि मौजूद दस्तावेजों की जांच करने के बाद यह कहीं से नहीं पता चलता है कि डेंटिस्ट ने कोई लापरवाही की थी।

Wednesday, November 4, 2015

35,000 रुपए का हर्जाना

अपने कर्मचारी की लापरवाही की यहां के यूनियन बैंक को कीमत चुकाना पड़ी। बैंक ने खाते में फंड होने के बावजूद अपने एक ग्राहक का चेक लौटा दिया था। ग्राहक ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की, जहां ग्राहक को 35,000 रुपए का हर्जाना भरने का आदेश दिया गया।
लालबाग निवासी लालचंद जैन ने 26 मार्च 2014 को अपने एक लेनदार को 72,000 रुपए का चेक दिया था। 29 मार्च को बैंक ने यह कहते हुए चेक लौटा दिया कि खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। जैन का कहना है कि उनके बचत खाते में चेक क्लियर होने जितनी राशि थी, फिर भी चेक बाउंस कर दिया गया और 150 रुपए वसूल लिए गए।
बकौल जैन, चेक बाउंस होने के बाद जिस शख्स को राशि देना थी, उसने मुझे परेशान किया, गालियां भी दीं। इस पर जैन ने बैंक को चिट्ठी लिखी और सफाई मांगी। 20 जून को लिखी गई चिट्ठी का 8 अगस्त को जवाब आया, जिसमें हास्यास्पद कारण बताए गए।

अपनी मानसिक परेशानी से एवज में उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। जिस पर अब यह फैसला आया।

कंपनी का तर्क मान्‍य नहीं

बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि यदि पति अच्‍छा कमाता है, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि परिवार पत्‍नी के वेतन पर निर्भर नहीं करता है। जस्टिस अभय ओका और रेवती डेरे की डिवीजन बेंच ने न्‍यू इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी को आदेश दिया है कि वह सांगली के रहने वाले सुनील गरुण और उनके दो बेटों को सात फीसद ब्‍याज के साथ 47 लाख रुपए हर्जाना दे।
इंश्‍योरेंस कंपनी ने यह कहते हुए इस दावे का विरोध किया था कि सुनील सरकारी कर्मचारी है और अपनी पत्‍नी से अधिक कमाते हैं। कंपनी का दावा था कि सुनील की पत्‍नी उज्‍जवला गरुण इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर थी और इसलिए वह पत्‍नी के वेतन पर निर्भर नहीं थे।
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि कंपनी का यह तर्क मान्‍य नहीं है। कॉस्‍ट ऑफ लिविंग को ध्‍यान में रखते हुए आज के दौर में पति और पत्‍नी, दोनों की आय घर को चलाने के लिए महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि दोनों की आय एक दूसरे की पूरक है। न्‍यायाधीश ने कहा कि जब पति-पत्‍नी दोनों कमाते हैं तो वे खर्चों को साझा करते हैं, जिससे अधिक बचत होती है।

इस मामले में मृतक महिला उज्‍जवला अपनी पूरी सैलरी घरेलू खर्चों को पूरा करने और दो बेटों की शिक्षा पर खर्च कर रही थी। इस प्रमाण को चुनौती नहीं दी जा सकती है। गौरतलब है कि तीन जनवरी 2009 को मुंबई से बैठक के बाद लौटते वक्त सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी।

Monday, November 2, 2015

नीतियों के क्रियान्वयन में दिक्कत -नई सरकार के साथ पूर्णतया सहयोग नहीं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सूबे के नौकरशाहों पर नई सरकार के साथ पूर्णतया सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इन्हीं कारणों से नीतियों के क्रियान्वयन में दिक्कत आ रही है। उन्होंने रविवार को यहां "मीट द प्रेस" कार्यक्रम में कहा, "पिछले कुछ समय से सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन में नौकरशाह बाधा बने हैं।
ऐसे में सरकार ने 800 नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई की। अब वे सरकार के साथ काम कर रहे हैं। सूबे के करीब 70 फीसद वरिष्ठ नौकरशाहों ने अब अपने कार्य करने के ढंग में सुधार किया है, जबकि शेष अब भी उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि कनिष्ठ नौकरशाहों में स्थिति बेहतर से अब भी दूर है। गत एक वर्ष से भाजपा-शिवसेना सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में करीब 50 फीसद (नौकरशाह) दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि राज्य सरकार ने 800 नौकरशाहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। इसमें उनका निलंबन और 50 अधिकारियों को बर्खास्त करना भी शामिल है।

Sunday, November 1, 2015

जींस और टी-शर्ट पहनने पर एक व्यक्ति ने अपनी 21 वर्षीय पत्नी की हत्या

जींस और टी-शर्ट पहनने पर एक व्यक्ति ने अपनी 21 वर्षीय पत्नी की कथित तौर पर हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को बताया कि आरोपी की पहचान 24 वर्षीय रंजीत निषाद के रूप में हुई है, जो फिलहाल फरार चल रहा है।

पुलिस ने पड़ोसियों के हवाले से कहा है कि पिछले कुछ दिनों से जींस और टी-शर्ट पहनने को लेकर व्यक्ति का अपनी पत्नी पूजा के साथ विवाद चल रहा था। आरोपी ने कथित तौर पर महिला पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी। घर बंद कर दिया और फरार हो गया। स्वारगेट पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है।

Friday, October 30, 2015

इस्लामिक स्टेट में शामिल होने गए युवकों की मदद करने वाले श्‍ाख्‍स की पहचान

इस्लामिक स्टेट में शामिल होने गए मुंबई के कल्याण इलाके के रहने वाले युवकों की मदद करने वाले श्‍ाख्‍स की पहचान कर ली गई है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, फिलहाल फरार चल रहा यह शख्‍स अबू बकर सिद्दीकी है।
बताया जा रहा है कि मुंबई के कल्याण इलाके का ही रहने वाले सिद्दिकी ने ही आरिफ के इराक जाने तक का खर्च भी उठाया, जहां पहुंचने के बाद वह आईएस में शामिल हो गया था।
सिद्दीकी ने ही इराक तक जाने के लिए आरिफ के पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों की व्यव्स्था कराई थी। गौरतलब है कि आरिफ माजिद अपने दोस्तों फहाद शेख, शहीम टांकी और अमन टंडेल के साथ पिछले साल मई में इराक चला गया था।
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी माजिद को नवंबर 2014 में तुर्की से पकड़ कर ले आए थे। हालांकि, उसके दोस्त टांकी के बारे में खबर आई थी, वह अमेरिकी सेना के हमले में मारा गया है।

बताया जा रहा है कि अबू बकर सिद्दीकी ने अफगानिस्तान के कारोबारी रहमान दौलती के जरिए माजिद और अन्य के यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था कराई थी। दौलती खुद दिसंबर में भारत छोड़कर चला गया था, जबकि सिद्दीकी के यात्रा दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है।

Wednesday, October 28, 2015

छोटा राजन की सुरक्षा सरकार के लिए सिरदर्द

छोटा राजन की इंडोनिशिया में गिरफ्तारी के बाद बेहतर राजनयिक संबंधों के सहारे उसे वहां से देश निकाला दिलवाकर (डिपोर्ट) भारत लाना प्रत्यर्पण की तुलना में फायदे का सौदा हो सकता है। विदेश में रह रहे किसी भारतीय आरोपी को स्वदेश लाने के दो तरीके हो सकते हैं।
पहला कानूनी तौर पर उसे प्रत्यर्पित करवाकर (एक्स्ट्राडिशन) लाया जाए। दूसरा वह देश उसे गिरफ्तार कर उसे निर्वासित (डिपोर्ट) कर दे और भारतीय एजेंसी उसे यहां के हवाई अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर ले। प्रख्यात वकील उज्जवल निकम कहते हैं कि यदि निर्वासित करने वाले देश के साथ भारत के अच्छे संबंध हों, तो प्रत्यर्पण की तुलना में निर्वासन ज्यादा कारगर रहता है।
प्रत्यर्पण में एक तो लंबी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है। दूसरे भारत लाए जाने पर भी आरोपी को सजा देने में प्रत्यर्पण करनेवाले देश के कानून का ध्यान रखना पड़ता है। निर्वासन के मामले अपेक्षाकृत आसान होते हैं। दो देशों के बीच अच्छे संबंधों के आधार पर यह काम त्वरित गति से हो सकता है। साथ ही, मुकदमा चलाकर आरोपी को भारतीय कानून के अनुसार सजा दिलाई जा सकती है।
संभवतः यही कारण रहा होगा कि तीन देशों के संयुक्त ऑपरेशन में भारत ने राजन को ऑस्ट्रेलिया से प्रत्यर्पित करवाने के बजाय इंडोनेशिया से निर्वासित करवाना ज्यादा बेहतर समझा। ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, जबकि इंडोनेशिया के साथ नहीं है। लेकिन इंडोनेशिया के साथ भारत के राजनयिक संबंध अच्छे हैं।
प्रत्यर्पण के दो मामलों में भारत सरकार पहले गच्चा खा चुकी है। गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी संगीतकार नदीम इस मामले में अपना नाम आते ही लंदन भाग गया था। इंग्लैंड के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है। लेकिन सितंबर 1999 में लंदन की एक अदालत ने यह मानने से ही इन्कार कर दिया कि नदीम के खिलाफ पहली नजर में कोई मामला बनता भी है।
फिर भारत सरकार इस मामले को वहां के उच्च न्यायालय में ले गई। वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी। 18 मार्च, 2001 को वहां की सर्वोच्च अदालत हाउस ऑफ लॉर्ड्स ने भी उच्च न्यायालय के फैसले पर मुहर लगाकर नदीम के प्रत्यर्पण पर हमेशा के लिए विराम लगा दिया।
प्रत्यर्पण का दूसरा चर्चित मामला अबू सलेम का है। उसे पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके लाया गया है। लेकिन इस प्रत्यर्पण के साथ बहुत सी कानूनी बाध्यताएं भी जुड़ गई हैं। इसलिए कई हत्याओं के आरोप में शामिल सलेम को भारतीय कानून के मुताबिक मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता।
सिरदर्द बनेगी छोटा राजन की सुरक्षा
भारत लाए जाने के बाद छोटा राजन की सुरक्षा सरकार के लिए सिरदर्द होगी। छोटा राजन का ज्यादातर आपराधिक रिकॉर्ड मुंबई का है। लिहाजा उसे मुंबई के ही किसी जेल में रखा जाएगा, ताकि करीब 67 मामलों में पूछताछ करके उस पर यहीं मुकदमा चलाया जा सके।
लेकिन वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम मानते हैं कि उसकी सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार को विशेष बंदोबस्त करना पड़ेगा। सुरक्षा मानकों के हिसाब से यह बंदोबस्त 26/11 के गुनहगार अजमल कसाब के बराबर या उससे भी ज्यादा हो सकता है।
महाराष्ट्र की जेलों में गैंगवार अथवा एक आरोपी द्वारा दूसरे पर हमला करने की घटनाएं अक्सर होती रही हैं। विचाराधीन कैदियों को रखने वाला मुंबई का आर्थर रोड जेल भी इससे अछूता नहीं है। जुलाई 2010 में इसी जेल में अबू सलेम पर दाऊद गिरोह के मुस्तफा दोसा उर्फ मुस्तफा मजनूं ने हमला कर दिया था।

सलेम के ही एक साथी मेहंदी हसन पर भी आर्थर रोड जेल में हमला हो चुका है। नासिक और ठाणे जेल भी गैंगवार से अछूते नहीं हैं। सरकार को अदालती सुनवाई के लिए भी विशेष बंदोबस्त करना पड़ सकता है। ऐसी व्यवस्था कसाब के लिए आर्थर रोड जेल में की गई थी।

Monday, October 26, 2015

अकबरुद्दीन ओवैसी पुणे में भी रैली नहीं कर सकेंगे

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईइएम) नेता अकबरुद्दीन ओवैसी पुणे में भी रैली नहीं कर सकेंगे। ओवैसी की यहां 26 अक्टूबर को रैली होना प्रस्तावित था, लेकिन कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इससे पहले कल्याण और भिवंडी में भी उन्हें रैली की मंजूरी नहीं मिली थी।
भड़काऊ भाषण देने के कारण अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हाल ही में बिहार चुनाव प्रचार के दौरान मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने इसी को ध्यान में लेते हुए ओवैसी को रैली की अनुमति नहीं दी है। आगामी एक नवंबर को होने वाले कोंढवा उपचुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार मजहर मणियार के चुनाव के प्रचार के लिए ओवैसी की रैली का आयोजन किया गया था।

पुलिस ने आयोजकों से यह कहते हुए रैली की मंजूरी नहीं दी कि ओवैसी के भाषण से शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। रैली की इजाजत नहीं मिलने पर पुणे एआईएमआईएम के नेता अजहर तंबोली ने इसे चुनाव प्रचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है।

Friday, October 23, 2015

दालों की जमाखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस और राज्य के आपूर्ति विभाग ने दालों की जमाखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यहां कई गोदामों पर छापा मारकर 125 करोड़ रुपए मूल्य से भी अधिक की दालें बरामद की हैं। ठाणे आयुक्त कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी गजानन कबदुले ने बताया कि एक संयुक्त अभियान में रायगढ़ इलाके में स्थित पांच गोदामों पर छापे मारे गए।
वहां से तूवर, सफेद चना, उड़द और मसूर समेत भारी मात्रा में दालों का भंडार जब्त किया गया। प्रारंभिक आकलन के अनुसार इन दालों की कीमत करीब 125 करोड़ रुपए आंकी गई है। उन्होंने बताया कि जो दालें बरामद कर जब्त की गई हैं उनकी सही मात्रा का भी आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गोदामों को सील करने और उनके मालिकों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि संयुक्त दल ने चामुंडा गोदाम से 7.75 करोड़ रुपए, लक्ष्मी गोदाम से 45.20 करोड़ रुपए और त्रिमूर्ति गोदाम से 40.94 करोड़ रुपए मूल्य का माल जब्त किया। इसके साथ ही आरपी वेयरहाउस से 25.04 करोड़ रुपए और एसडी वेयरहाउस से 3.55 करोड़ रुपए की दालें जब्त की गईं।

आरोपी गोदाम मालिकों के खिलाफ अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि दो-तीन दिनों में दालों की कीमतें कम होंगी। आयातित दाल बाजार तक पहुंचने लगी है। साथ ही 10 राज्यों में जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।

Tuesday, October 20, 2015

महिलाओं का प्रवेश इस्लाम में 'गंभीर गुनाह'

प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह के न्यासियों ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि एक पुरुष संत की दरगाह के बहुत करीब महिलाओं का प्रवेश इस्लाम में 'गंभीर गुनाह' है। महिलाओं के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इससे पहले दरगाह के न्यासियों से अपने उस नियम पर फिर से विचार करने के लिए कहा था, जिसके तहत गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। आपको बता दें कि इस जगह पर 15वीं सदी के सूफी संत हाजी अली की कब्र बनी है।
जस्टिस वीएम कनाडे की अध्यक्षता वाली पीठ को न्यास ने सोमवार को एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया है कि अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में हाल में एक बैठक हुई। इस बैठक में न्यासियों ने फिर से सर्वसम्मति से फैसला किया कि गर्भगृह में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
पत्र में बताया गया है कि सभी न्यासी इस मुद्दे पर एकमत हैं कि पुरुष मुस्लिम संत की मजार के बहुत निकट महिलाओं का प्रवेश इस्लाम के अनुसार 'गंभीर गुनाह' है और यह संवैधानिक कानून और खासकर संविधान के अनुच्छेद 26 से संचालित होता है जो न्यास को अपने धार्मिक मामलों के प्रबंधन का मौलिक अधिकार देता है। इस मसले पर किसी तीसरे पक्ष का इस तरह का हस्तक्षेप अनुचित है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को होनी है।

हाजी अली दरगाह में कुली, फिजा समेत कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इतना ही नहीं, यहां पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर, बॉलीवुड स्टार संजय दत्त, इमरान हाशमी, तुषार कपूर समेत कई एक्टर्स व एक्ट्रेसेज अकसर आते हैं।

Thursday, October 15, 2015

डांस बार पर लगे प्रतिबंध पर गुरुवार को उच्‍चतम न्‍यायालय में रोक

महाराष्‍ट्र में डांस बार पर लगे प्रतिबंध पर गुरुवार को उच्‍चतम न्‍यायालय में रोक लगा दी है। इसके बाद अब राज्‍य में डांस बार एक बार फिर से खुल जाएंगे।
इससे पहले अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने महिला बार डांसर्स के अधिकारों को कायम रखते हुए उन्‍हें उनके काम को जारी रखने की अनुमति दी थी और डांस बार्स पर प्रतिबंध लगाने से इन्‍कार कर दिया था।
लेकिन जून 2014 में राज्‍य सरकार ने महाराष्‍ट्र पुलिस एक्‍ट में संशोधन को मंजूरी देते हुए राज्‍य में डांस बार पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बॉम्‍बे हाई कोर्ट के प्रतिबंध के खिलाफ दिए गए फैसले का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से पूछा है कि राज्‍य सरकार इस तरह के बार में बार टेंडर, रिसेप्‍शनिस्‍ट और वेट्रेस के तौर पर काम करने वाली महिलाओं के काम को अभद्र और अपमानजनक क्‍यों नहीं मानती।
फैसले के बाद बाहर आए वकील प्रसेनजीत केसवानी ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि डांस बार चलाए जा सकते हैं लेकिन इनमें अश्‍लीलता नहीं होनी चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्‍यमंत्री देवंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे। अदालत ने कहा है कि डांस बार्स में अश्‍लीलता नहीं हो इसका हम ध्‍यान रखेंगे।

Monday, October 12, 2015

पोस्टमार्टम होने ही वाला था कि वह उठ बैठा

डॉक्टरों ने नब्ज टटोलने के बाद उसे मुर्दा घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम होने ही वाला था कि वह उठ बैठा हुआ। ...यह किसी कॉमडी फिल्म का दृश्य नहीं, मुंबई के सायन हॉस्पिटल का घटनाक्रम है, जिसमें डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है।
वहीं, पुलिस के मुताबिक, आरोपी डॉक्टरों ने सारे सबूत मिटाने की भी कोशश की। डॉक्टर के अनुसार, रविवार सुबह 11.15 बजे के करीब सायन पुलिस को एक फोन आया जिसमें कहा गया कि एसटी बस डिपो के पास एक शख्स बेहोश पड़ा है।
पुलिस ने तुरंत पेट्रोलिंग टीम भेजी, जिसने वहां पड़े शख्स को उठाया और सायन अस्पताल में भर्ती करा दिया। सूत्रों के मुताबिक, चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. रोहन रोहेकर उस वक्त ड्यूटी पर थे। चेकअप के बाद शख्स को मृत घोषित कर दिया गया। डेड बॉडी को मुर्दाघर भेज दिया गया।
डेड बॉडी को कैजुअलिटी वार्ड में कम से कम दो घंटे तक रखा जाता है। इसे कूलिंग ऑफ पीरियड कहते हैं। जहां रिवाइवल का चांस रहता है।
बॉडी सफेद कपड़े से ढंकी थी और डॉक्टर ने तुरंत कैजुअलिटी वार्ड की डायरी में एंट्री की और उसे मुर्दाघर लेकर पहुंच गए। बॉडी को मुर्दाघर तक एक स्ट्रेचर में ले जाया गया, लेकिन जैसे ही वहां के स्टाफर सुभाष और सुरेंदर बॉडी को लिफ्ट पर चढ़ाने वाले थे, उन्हें शॉक लगा। सुभाष ने कहा, मरा हुआ शख्स सांस ले रहा था, सांस लेने पर उसका पेट ऊपर-नीचे हो रहा था।

इसके कुछ देर बाद ही मरीज जाग गया। अस्पताल के स्टाफ ने बताया, जैसे ही वह शख्स जिंदा हुआ, डॉक्टर मुर्दा घर की ओर दौड़े। वहां उन्होंने डेथ इंटिमेशन रिपोर्ट को तुरंत फाड़ दिया और कैजुअलिटी वार्ड डायरी से एंट्री भी मिटा दी। हालांकि, अभी तक इस युवक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Friday, October 9, 2015

पांच लाख शहरी महिलाएं इन डेटिंग एप्‍स का इस्‍तेमाल कर रही हैं

आज के शहरों की महिलाएं आर्थिक रूप से स्‍वतंत्र हैं, मॉर्डन हैं और नौकरीपेशा वाली हैं। मगर, उनके पास अपने पसंदीदा साथी की तलाश के लिए वक्‍त ही नहीं है। ऐसे में ट्रूली मैडली, टिंडर, हिंग, वू, एककॉफी जैसे डेटिंग एप उनकी इस समस्‍या का हल बन रहे हैं।
इन एप्‍स को चलाने वाले एक्‍िजक्‍यूटिव्‍स का दावा है कि करीब पांच लाख शहरी महिलाएं इन डेटिंग एप्‍स का इस्‍तेमाल कर रही हैं। मोटे तौर पर यह आंकड़ा कुल पंजीकृत यूजर का 35 से 40 फीसद है। इनमें से कई महिलाएं मल्‍टीपल प्‍लेटफॉर्म का उपयोग कर रही हैं।
इन एप का उपयोग करने वाली करीब 98 फीसद महिलाएं नौकरीपेशा हैं और करीब 95 फीसद अविवा‍हित हैं। इन एप के चलन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल अगस्‍त में लॉन्‍च किए गए ट्रूलीमैडली को अब तक करीब 15 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

इस ऐप का दवा है‍ कि उसके 35 फीसद यूजर महिलाएं हैं। इस ऐप ने हेलियन वेंचर पार्टनर्स और केई कैपिटल से इस साल मार्च में 35 करोड़ रुपए हासिल किए थे। वहीं, एककॉफी एप का दावा है कि उसके एप पर हर दो महिलाओं के लिए तीन पुरुष मौजूद हैं और इसमें से 95 फीसद महिलाएं नौकरीपेशा हैं।

Thursday, October 8, 2015

पाक को भगाओ

साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में चार साल से अधिक समय के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करेगी। एजेंसी अभी इस मामले के मुख्य अभियुक्‍त लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वरी का हिस्सा रहे सेना के अधिकारियों का बयान ले रही है।
बताया जा रहा है कि चार्जशीट की तैयारी अंतिम दौर में है और एनआईए इस चार्जशीट से कुछ आरोपियों के नाम हटा सकती है। महाराष्ट्र एटीएस ने कुल 14 लोगों के खिलाफ दायर अपनी चार्जशीट में शामिल किया था। एनआईए ने इस केस को साल 2011 में अपने हाथ में लिया है।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, एजेंसी सूत्रों ने बताया कि एटीएस पर झूठा आरोप मढ़ने का आरोप लगाने वाले मामले के मुख्य अभियुक्‍तों साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ सबूतों की सावाधानी से दोबारा जांच की जा रही है।
इसके अलावा एनआईए ने उन सैन्‍य अधिकारियों के बयान लेने का फैसला किया है, जिन्होंने कोर्ट ऑफ इन्क्वरी के दौरान पुरोहित से पूछताछ की थी। कोर्ट ऑफ इन्क्वरी में पुरोहित का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं पाया गया। माना जा रहा है कि एनआईए साध्‍वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के नाम चार्जशीट से हटा सकती है।
बताया जा रहा है कि इस बात की भी दोबार जांच की जा रही है कि क्या प्रज्ञा के खिलाफ भी सिर्फ इसलिए चार्जशीट दायर की जा सकती है क्योंकि ब्लास्ट में इस्‍तेमाल की गई बाइक उसके नाम पर रजिस्टर्ड थी।

एक सूत्र ने बताया कि साध्‍वी प्रज्ञा, धमाकों के दो साल पहले से घटना में प्रयोग हुई बाइक का इस्‍तेमाल नहीं कर रही थीं। उन्‍होंने इसे सुनील जोशी को बेच दिया था और उसने ही दो सालों के दौरान बाइक की सर्विसिंग के बिल भरे थे। बाइक में बम रखने वाला रामजी कलसांगरे अभी फरार है।

Tuesday, October 6, 2015

बिग बी के बंगले के बगल का मामला

किसी नामी गिरामी क्रिकेटर या मशहूर अभिनेता के बजाय शहर में कचरा बीननेवालों एवं भिखारियों को स्वच्छ भारत अभियान का दूत नामांकित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन को ज्यादा सफल बनाया जा सकता है। रागिनी जैन का यह ट्राइड एंड टेस्टेड मॉडल मुंबई के जुहू क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से काम कर रहा है।
बिग बी के बंगले के बगल का मामला
जुहू स्थित जेवीपीडी स्कीम में अभिनेता जीतेंद्र के बंगले के ठीक पीछे और अमिताभ बच्चन के बंगले से चंद कदमों की दूरी पर करीब आधा एकड़ परिसर में कहीं प्लास्टिक बोतलों, कहीं थर्मोकोल तो कहीं घरेलू कचरे में से कुछ छांटते-बीनते करीब दो दर्जन लोग नजर आते हैं। लेकिन आसपास फैले कचरे के बावजूद मक्खी-मच्छर या बदबू का नामोनिशान नहीं है।
इस अतिविशिष्ट क्षेत्र की करीब 50 वर्ग किलोमीटर में फैली आवासीय कॉलोनी के घरों, दुकानों या नालों से उठाकर लाए गए सूखे-गीले कचरे को इस प्रकार छांटा जाता है कि उन्हें पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) के लिए 12 से 15 हिस्सों में बांटा जा सके। इन छंटे हुए पदार्थों को पुनर्चक्रण करनेवाली कंपनियां स्वयं आकर यहां से ले जाती हैं और नकद दाम दे जाती हैं। यह नकद राशि यहां काम करनेवालों में उनके द्वारा लाए या छांटे गए कचरे के हिसाब से उनमें बांट दी जाती है।
अब जुड़े डेढ़ सौ परिवार
इस परिसर को जेवीपीडी स्कीम में गीतांजलि एनजीओ सेंटर के नाम से जाना जाता है। इसकी शुरुआत करीब 13 साल पहले रागिनी जैन ने मुंबई की सड़कों पर कचरा बीननेवाली महिलाओं और भिखारियों से की थी। मुंबई महानगरपालिका ने उन्हें यह भूखंड पीपीपी मॉडल पर यह केंद्र चलाने के लिए दी थी। 10-15 लोगों से शुरू हुई इस मुहिम में अब करीब 150 परिवार जुड़ चुके हैं।
पार्वती ने तो बना ली दोमंजिली चाल
शुरुआत से ही इस सेंटर से जुड़ी करीब 50 वर्षीय पार्वती और उसका पति यहां से प्रतिमाह करीब 30 हजार रुपए कमा लेते हैं। पड़ोस की नेहरूनगर झोपड़पट्टी में अपनी दोमंजिली चाल बना ली है। फर्श सफेद संगमरमर की बनवाई है। नीचे पार्वती का परिवार रहता है, ऊपर की मंजिल किराए पर दे रखी है। रागिनी बताती हैं कि यहां काम कर रहे लोगों में कुछ महिलाएं तो देहव्यापार छोड़कर अब इज्जत की जिंदगी गुजार रही हैं।
दोहरे फायदे वाला मॉडल

स्वच्छता अभियान के इस मॉडल का फायदा दोहरा है। क्षेत्र का कचरा तो दूर हो ही रहा है, करीब 150 ऐसे परिवारों को सम्मानजनक आमदनी भी हो रही है, जिन्हें खुद कभी समाज का कचरा समझा जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के करीब 12 वर्ष पहले से यह केंद्र चलाती आ रही रागिनी जैन यह मॉडल लेकर कई नगर निगमों के अधिकारियों व नेताओं से मिल चुकी हैं। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। क्योंकि हर जगह पूछा जाता है कि मेरा कमीशन कितना होगा ?