Friday, October 30, 2015

इस्लामिक स्टेट में शामिल होने गए युवकों की मदद करने वाले श्‍ाख्‍स की पहचान

इस्लामिक स्टेट में शामिल होने गए मुंबई के कल्याण इलाके के रहने वाले युवकों की मदद करने वाले श्‍ाख्‍स की पहचान कर ली गई है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, फिलहाल फरार चल रहा यह शख्‍स अबू बकर सिद्दीकी है।
बताया जा रहा है कि मुंबई के कल्याण इलाके का ही रहने वाले सिद्दिकी ने ही आरिफ के इराक जाने तक का खर्च भी उठाया, जहां पहुंचने के बाद वह आईएस में शामिल हो गया था।
सिद्दीकी ने ही इराक तक जाने के लिए आरिफ के पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों की व्यव्स्था कराई थी। गौरतलब है कि आरिफ माजिद अपने दोस्तों फहाद शेख, शहीम टांकी और अमन टंडेल के साथ पिछले साल मई में इराक चला गया था।
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी माजिद को नवंबर 2014 में तुर्की से पकड़ कर ले आए थे। हालांकि, उसके दोस्त टांकी के बारे में खबर आई थी, वह अमेरिकी सेना के हमले में मारा गया है।

बताया जा रहा है कि अबू बकर सिद्दीकी ने अफगानिस्तान के कारोबारी रहमान दौलती के जरिए माजिद और अन्य के यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था कराई थी। दौलती खुद दिसंबर में भारत छोड़कर चला गया था, जबकि सिद्दीकी के यात्रा दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है।

Wednesday, October 28, 2015

छोटा राजन की सुरक्षा सरकार के लिए सिरदर्द

छोटा राजन की इंडोनिशिया में गिरफ्तारी के बाद बेहतर राजनयिक संबंधों के सहारे उसे वहां से देश निकाला दिलवाकर (डिपोर्ट) भारत लाना प्रत्यर्पण की तुलना में फायदे का सौदा हो सकता है। विदेश में रह रहे किसी भारतीय आरोपी को स्वदेश लाने के दो तरीके हो सकते हैं।
पहला कानूनी तौर पर उसे प्रत्यर्पित करवाकर (एक्स्ट्राडिशन) लाया जाए। दूसरा वह देश उसे गिरफ्तार कर उसे निर्वासित (डिपोर्ट) कर दे और भारतीय एजेंसी उसे यहां के हवाई अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर ले। प्रख्यात वकील उज्जवल निकम कहते हैं कि यदि निर्वासित करने वाले देश के साथ भारत के अच्छे संबंध हों, तो प्रत्यर्पण की तुलना में निर्वासन ज्यादा कारगर रहता है।
प्रत्यर्पण में एक तो लंबी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है। दूसरे भारत लाए जाने पर भी आरोपी को सजा देने में प्रत्यर्पण करनेवाले देश के कानून का ध्यान रखना पड़ता है। निर्वासन के मामले अपेक्षाकृत आसान होते हैं। दो देशों के बीच अच्छे संबंधों के आधार पर यह काम त्वरित गति से हो सकता है। साथ ही, मुकदमा चलाकर आरोपी को भारतीय कानून के अनुसार सजा दिलाई जा सकती है।
संभवतः यही कारण रहा होगा कि तीन देशों के संयुक्त ऑपरेशन में भारत ने राजन को ऑस्ट्रेलिया से प्रत्यर्पित करवाने के बजाय इंडोनेशिया से निर्वासित करवाना ज्यादा बेहतर समझा। ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, जबकि इंडोनेशिया के साथ नहीं है। लेकिन इंडोनेशिया के साथ भारत के राजनयिक संबंध अच्छे हैं।
प्रत्यर्पण के दो मामलों में भारत सरकार पहले गच्चा खा चुकी है। गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी संगीतकार नदीम इस मामले में अपना नाम आते ही लंदन भाग गया था। इंग्लैंड के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है। लेकिन सितंबर 1999 में लंदन की एक अदालत ने यह मानने से ही इन्कार कर दिया कि नदीम के खिलाफ पहली नजर में कोई मामला बनता भी है।
फिर भारत सरकार इस मामले को वहां के उच्च न्यायालय में ले गई। वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी। 18 मार्च, 2001 को वहां की सर्वोच्च अदालत हाउस ऑफ लॉर्ड्स ने भी उच्च न्यायालय के फैसले पर मुहर लगाकर नदीम के प्रत्यर्पण पर हमेशा के लिए विराम लगा दिया।
प्रत्यर्पण का दूसरा चर्चित मामला अबू सलेम का है। उसे पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके लाया गया है। लेकिन इस प्रत्यर्पण के साथ बहुत सी कानूनी बाध्यताएं भी जुड़ गई हैं। इसलिए कई हत्याओं के आरोप में शामिल सलेम को भारतीय कानून के मुताबिक मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता।
सिरदर्द बनेगी छोटा राजन की सुरक्षा
भारत लाए जाने के बाद छोटा राजन की सुरक्षा सरकार के लिए सिरदर्द होगी। छोटा राजन का ज्यादातर आपराधिक रिकॉर्ड मुंबई का है। लिहाजा उसे मुंबई के ही किसी जेल में रखा जाएगा, ताकि करीब 67 मामलों में पूछताछ करके उस पर यहीं मुकदमा चलाया जा सके।
लेकिन वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम मानते हैं कि उसकी सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार को विशेष बंदोबस्त करना पड़ेगा। सुरक्षा मानकों के हिसाब से यह बंदोबस्त 26/11 के गुनहगार अजमल कसाब के बराबर या उससे भी ज्यादा हो सकता है।
महाराष्ट्र की जेलों में गैंगवार अथवा एक आरोपी द्वारा दूसरे पर हमला करने की घटनाएं अक्सर होती रही हैं। विचाराधीन कैदियों को रखने वाला मुंबई का आर्थर रोड जेल भी इससे अछूता नहीं है। जुलाई 2010 में इसी जेल में अबू सलेम पर दाऊद गिरोह के मुस्तफा दोसा उर्फ मुस्तफा मजनूं ने हमला कर दिया था।

सलेम के ही एक साथी मेहंदी हसन पर भी आर्थर रोड जेल में हमला हो चुका है। नासिक और ठाणे जेल भी गैंगवार से अछूते नहीं हैं। सरकार को अदालती सुनवाई के लिए भी विशेष बंदोबस्त करना पड़ सकता है। ऐसी व्यवस्था कसाब के लिए आर्थर रोड जेल में की गई थी।

Monday, October 26, 2015

अकबरुद्दीन ओवैसी पुणे में भी रैली नहीं कर सकेंगे

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईइएम) नेता अकबरुद्दीन ओवैसी पुणे में भी रैली नहीं कर सकेंगे। ओवैसी की यहां 26 अक्टूबर को रैली होना प्रस्तावित था, लेकिन कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इससे पहले कल्याण और भिवंडी में भी उन्हें रैली की मंजूरी नहीं मिली थी।
भड़काऊ भाषण देने के कारण अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हाल ही में बिहार चुनाव प्रचार के दौरान मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने इसी को ध्यान में लेते हुए ओवैसी को रैली की अनुमति नहीं दी है। आगामी एक नवंबर को होने वाले कोंढवा उपचुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार मजहर मणियार के चुनाव के प्रचार के लिए ओवैसी की रैली का आयोजन किया गया था।

पुलिस ने आयोजकों से यह कहते हुए रैली की मंजूरी नहीं दी कि ओवैसी के भाषण से शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। रैली की इजाजत नहीं मिलने पर पुणे एआईएमआईएम के नेता अजहर तंबोली ने इसे चुनाव प्रचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है।

Friday, October 23, 2015

दालों की जमाखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस और राज्य के आपूर्ति विभाग ने दालों की जमाखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यहां कई गोदामों पर छापा मारकर 125 करोड़ रुपए मूल्य से भी अधिक की दालें बरामद की हैं। ठाणे आयुक्त कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी गजानन कबदुले ने बताया कि एक संयुक्त अभियान में रायगढ़ इलाके में स्थित पांच गोदामों पर छापे मारे गए।
वहां से तूवर, सफेद चना, उड़द और मसूर समेत भारी मात्रा में दालों का भंडार जब्त किया गया। प्रारंभिक आकलन के अनुसार इन दालों की कीमत करीब 125 करोड़ रुपए आंकी गई है। उन्होंने बताया कि जो दालें बरामद कर जब्त की गई हैं उनकी सही मात्रा का भी आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गोदामों को सील करने और उनके मालिकों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि संयुक्त दल ने चामुंडा गोदाम से 7.75 करोड़ रुपए, लक्ष्मी गोदाम से 45.20 करोड़ रुपए और त्रिमूर्ति गोदाम से 40.94 करोड़ रुपए मूल्य का माल जब्त किया। इसके साथ ही आरपी वेयरहाउस से 25.04 करोड़ रुपए और एसडी वेयरहाउस से 3.55 करोड़ रुपए की दालें जब्त की गईं।

आरोपी गोदाम मालिकों के खिलाफ अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि दो-तीन दिनों में दालों की कीमतें कम होंगी। आयातित दाल बाजार तक पहुंचने लगी है। साथ ही 10 राज्यों में जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।

Tuesday, October 20, 2015

महिलाओं का प्रवेश इस्लाम में 'गंभीर गुनाह'

प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह के न्यासियों ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि एक पुरुष संत की दरगाह के बहुत करीब महिलाओं का प्रवेश इस्लाम में 'गंभीर गुनाह' है। महिलाओं के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इससे पहले दरगाह के न्यासियों से अपने उस नियम पर फिर से विचार करने के लिए कहा था, जिसके तहत गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। आपको बता दें कि इस जगह पर 15वीं सदी के सूफी संत हाजी अली की कब्र बनी है।
जस्टिस वीएम कनाडे की अध्यक्षता वाली पीठ को न्यास ने सोमवार को एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया है कि अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में हाल में एक बैठक हुई। इस बैठक में न्यासियों ने फिर से सर्वसम्मति से फैसला किया कि गर्भगृह में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
पत्र में बताया गया है कि सभी न्यासी इस मुद्दे पर एकमत हैं कि पुरुष मुस्लिम संत की मजार के बहुत निकट महिलाओं का प्रवेश इस्लाम के अनुसार 'गंभीर गुनाह' है और यह संवैधानिक कानून और खासकर संविधान के अनुच्छेद 26 से संचालित होता है जो न्यास को अपने धार्मिक मामलों के प्रबंधन का मौलिक अधिकार देता है। इस मसले पर किसी तीसरे पक्ष का इस तरह का हस्तक्षेप अनुचित है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को होनी है।

हाजी अली दरगाह में कुली, फिजा समेत कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इतना ही नहीं, यहां पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर, बॉलीवुड स्टार संजय दत्त, इमरान हाशमी, तुषार कपूर समेत कई एक्टर्स व एक्ट्रेसेज अकसर आते हैं।

Thursday, October 15, 2015

डांस बार पर लगे प्रतिबंध पर गुरुवार को उच्‍चतम न्‍यायालय में रोक

महाराष्‍ट्र में डांस बार पर लगे प्रतिबंध पर गुरुवार को उच्‍चतम न्‍यायालय में रोक लगा दी है। इसके बाद अब राज्‍य में डांस बार एक बार फिर से खुल जाएंगे।
इससे पहले अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने महिला बार डांसर्स के अधिकारों को कायम रखते हुए उन्‍हें उनके काम को जारी रखने की अनुमति दी थी और डांस बार्स पर प्रतिबंध लगाने से इन्‍कार कर दिया था।
लेकिन जून 2014 में राज्‍य सरकार ने महाराष्‍ट्र पुलिस एक्‍ट में संशोधन को मंजूरी देते हुए राज्‍य में डांस बार पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बॉम्‍बे हाई कोर्ट के प्रतिबंध के खिलाफ दिए गए फैसले का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से पूछा है कि राज्‍य सरकार इस तरह के बार में बार टेंडर, रिसेप्‍शनिस्‍ट और वेट्रेस के तौर पर काम करने वाली महिलाओं के काम को अभद्र और अपमानजनक क्‍यों नहीं मानती।
फैसले के बाद बाहर आए वकील प्रसेनजीत केसवानी ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि डांस बार चलाए जा सकते हैं लेकिन इनमें अश्‍लीलता नहीं होनी चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्‍यमंत्री देवंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे। अदालत ने कहा है कि डांस बार्स में अश्‍लीलता नहीं हो इसका हम ध्‍यान रखेंगे।

Monday, October 12, 2015

पोस्टमार्टम होने ही वाला था कि वह उठ बैठा

डॉक्टरों ने नब्ज टटोलने के बाद उसे मुर्दा घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम होने ही वाला था कि वह उठ बैठा हुआ। ...यह किसी कॉमडी फिल्म का दृश्य नहीं, मुंबई के सायन हॉस्पिटल का घटनाक्रम है, जिसमें डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है।
वहीं, पुलिस के मुताबिक, आरोपी डॉक्टरों ने सारे सबूत मिटाने की भी कोशश की। डॉक्टर के अनुसार, रविवार सुबह 11.15 बजे के करीब सायन पुलिस को एक फोन आया जिसमें कहा गया कि एसटी बस डिपो के पास एक शख्स बेहोश पड़ा है।
पुलिस ने तुरंत पेट्रोलिंग टीम भेजी, जिसने वहां पड़े शख्स को उठाया और सायन अस्पताल में भर्ती करा दिया। सूत्रों के मुताबिक, चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. रोहन रोहेकर उस वक्त ड्यूटी पर थे। चेकअप के बाद शख्स को मृत घोषित कर दिया गया। डेड बॉडी को मुर्दाघर भेज दिया गया।
डेड बॉडी को कैजुअलिटी वार्ड में कम से कम दो घंटे तक रखा जाता है। इसे कूलिंग ऑफ पीरियड कहते हैं। जहां रिवाइवल का चांस रहता है।
बॉडी सफेद कपड़े से ढंकी थी और डॉक्टर ने तुरंत कैजुअलिटी वार्ड की डायरी में एंट्री की और उसे मुर्दाघर लेकर पहुंच गए। बॉडी को मुर्दाघर तक एक स्ट्रेचर में ले जाया गया, लेकिन जैसे ही वहां के स्टाफर सुभाष और सुरेंदर बॉडी को लिफ्ट पर चढ़ाने वाले थे, उन्हें शॉक लगा। सुभाष ने कहा, मरा हुआ शख्स सांस ले रहा था, सांस लेने पर उसका पेट ऊपर-नीचे हो रहा था।

इसके कुछ देर बाद ही मरीज जाग गया। अस्पताल के स्टाफ ने बताया, जैसे ही वह शख्स जिंदा हुआ, डॉक्टर मुर्दा घर की ओर दौड़े। वहां उन्होंने डेथ इंटिमेशन रिपोर्ट को तुरंत फाड़ दिया और कैजुअलिटी वार्ड डायरी से एंट्री भी मिटा दी। हालांकि, अभी तक इस युवक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Friday, October 9, 2015

पांच लाख शहरी महिलाएं इन डेटिंग एप्‍स का इस्‍तेमाल कर रही हैं

आज के शहरों की महिलाएं आर्थिक रूप से स्‍वतंत्र हैं, मॉर्डन हैं और नौकरीपेशा वाली हैं। मगर, उनके पास अपने पसंदीदा साथी की तलाश के लिए वक्‍त ही नहीं है। ऐसे में ट्रूली मैडली, टिंडर, हिंग, वू, एककॉफी जैसे डेटिंग एप उनकी इस समस्‍या का हल बन रहे हैं।
इन एप्‍स को चलाने वाले एक्‍िजक्‍यूटिव्‍स का दावा है कि करीब पांच लाख शहरी महिलाएं इन डेटिंग एप्‍स का इस्‍तेमाल कर रही हैं। मोटे तौर पर यह आंकड़ा कुल पंजीकृत यूजर का 35 से 40 फीसद है। इनमें से कई महिलाएं मल्‍टीपल प्‍लेटफॉर्म का उपयोग कर रही हैं।
इन एप का उपयोग करने वाली करीब 98 फीसद महिलाएं नौकरीपेशा हैं और करीब 95 फीसद अविवा‍हित हैं। इन एप के चलन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल अगस्‍त में लॉन्‍च किए गए ट्रूलीमैडली को अब तक करीब 15 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

इस ऐप का दवा है‍ कि उसके 35 फीसद यूजर महिलाएं हैं। इस ऐप ने हेलियन वेंचर पार्टनर्स और केई कैपिटल से इस साल मार्च में 35 करोड़ रुपए हासिल किए थे। वहीं, एककॉफी एप का दावा है कि उसके एप पर हर दो महिलाओं के लिए तीन पुरुष मौजूद हैं और इसमें से 95 फीसद महिलाएं नौकरीपेशा हैं।

Thursday, October 8, 2015

पाक को भगाओ

साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में चार साल से अधिक समय के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करेगी। एजेंसी अभी इस मामले के मुख्य अभियुक्‍त लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वरी का हिस्सा रहे सेना के अधिकारियों का बयान ले रही है।
बताया जा रहा है कि चार्जशीट की तैयारी अंतिम दौर में है और एनआईए इस चार्जशीट से कुछ आरोपियों के नाम हटा सकती है। महाराष्ट्र एटीएस ने कुल 14 लोगों के खिलाफ दायर अपनी चार्जशीट में शामिल किया था। एनआईए ने इस केस को साल 2011 में अपने हाथ में लिया है।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, एजेंसी सूत्रों ने बताया कि एटीएस पर झूठा आरोप मढ़ने का आरोप लगाने वाले मामले के मुख्य अभियुक्‍तों साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ सबूतों की सावाधानी से दोबारा जांच की जा रही है।
इसके अलावा एनआईए ने उन सैन्‍य अधिकारियों के बयान लेने का फैसला किया है, जिन्होंने कोर्ट ऑफ इन्क्वरी के दौरान पुरोहित से पूछताछ की थी। कोर्ट ऑफ इन्क्वरी में पुरोहित का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं पाया गया। माना जा रहा है कि एनआईए साध्‍वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के नाम चार्जशीट से हटा सकती है।
बताया जा रहा है कि इस बात की भी दोबार जांच की जा रही है कि क्या प्रज्ञा के खिलाफ भी सिर्फ इसलिए चार्जशीट दायर की जा सकती है क्योंकि ब्लास्ट में इस्‍तेमाल की गई बाइक उसके नाम पर रजिस्टर्ड थी।

एक सूत्र ने बताया कि साध्‍वी प्रज्ञा, धमाकों के दो साल पहले से घटना में प्रयोग हुई बाइक का इस्‍तेमाल नहीं कर रही थीं। उन्‍होंने इसे सुनील जोशी को बेच दिया था और उसने ही दो सालों के दौरान बाइक की सर्विसिंग के बिल भरे थे। बाइक में बम रखने वाला रामजी कलसांगरे अभी फरार है।

Tuesday, October 6, 2015

बिग बी के बंगले के बगल का मामला

किसी नामी गिरामी क्रिकेटर या मशहूर अभिनेता के बजाय शहर में कचरा बीननेवालों एवं भिखारियों को स्वच्छ भारत अभियान का दूत नामांकित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन को ज्यादा सफल बनाया जा सकता है। रागिनी जैन का यह ट्राइड एंड टेस्टेड मॉडल मुंबई के जुहू क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से काम कर रहा है।
बिग बी के बंगले के बगल का मामला
जुहू स्थित जेवीपीडी स्कीम में अभिनेता जीतेंद्र के बंगले के ठीक पीछे और अमिताभ बच्चन के बंगले से चंद कदमों की दूरी पर करीब आधा एकड़ परिसर में कहीं प्लास्टिक बोतलों, कहीं थर्मोकोल तो कहीं घरेलू कचरे में से कुछ छांटते-बीनते करीब दो दर्जन लोग नजर आते हैं। लेकिन आसपास फैले कचरे के बावजूद मक्खी-मच्छर या बदबू का नामोनिशान नहीं है।
इस अतिविशिष्ट क्षेत्र की करीब 50 वर्ग किलोमीटर में फैली आवासीय कॉलोनी के घरों, दुकानों या नालों से उठाकर लाए गए सूखे-गीले कचरे को इस प्रकार छांटा जाता है कि उन्हें पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) के लिए 12 से 15 हिस्सों में बांटा जा सके। इन छंटे हुए पदार्थों को पुनर्चक्रण करनेवाली कंपनियां स्वयं आकर यहां से ले जाती हैं और नकद दाम दे जाती हैं। यह नकद राशि यहां काम करनेवालों में उनके द्वारा लाए या छांटे गए कचरे के हिसाब से उनमें बांट दी जाती है।
अब जुड़े डेढ़ सौ परिवार
इस परिसर को जेवीपीडी स्कीम में गीतांजलि एनजीओ सेंटर के नाम से जाना जाता है। इसकी शुरुआत करीब 13 साल पहले रागिनी जैन ने मुंबई की सड़कों पर कचरा बीननेवाली महिलाओं और भिखारियों से की थी। मुंबई महानगरपालिका ने उन्हें यह भूखंड पीपीपी मॉडल पर यह केंद्र चलाने के लिए दी थी। 10-15 लोगों से शुरू हुई इस मुहिम में अब करीब 150 परिवार जुड़ चुके हैं।
पार्वती ने तो बना ली दोमंजिली चाल
शुरुआत से ही इस सेंटर से जुड़ी करीब 50 वर्षीय पार्वती और उसका पति यहां से प्रतिमाह करीब 30 हजार रुपए कमा लेते हैं। पड़ोस की नेहरूनगर झोपड़पट्टी में अपनी दोमंजिली चाल बना ली है। फर्श सफेद संगमरमर की बनवाई है। नीचे पार्वती का परिवार रहता है, ऊपर की मंजिल किराए पर दे रखी है। रागिनी बताती हैं कि यहां काम कर रहे लोगों में कुछ महिलाएं तो देहव्यापार छोड़कर अब इज्जत की जिंदगी गुजार रही हैं।
दोहरे फायदे वाला मॉडल

स्वच्छता अभियान के इस मॉडल का फायदा दोहरा है। क्षेत्र का कचरा तो दूर हो ही रहा है, करीब 150 ऐसे परिवारों को सम्मानजनक आमदनी भी हो रही है, जिन्हें खुद कभी समाज का कचरा समझा जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के करीब 12 वर्ष पहले से यह केंद्र चलाती आ रही रागिनी जैन यह मॉडल लेकर कई नगर निगमों के अधिकारियों व नेताओं से मिल चुकी हैं। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। क्योंकि हर जगह पूछा जाता है कि मेरा कमीशन कितना होगा ?

Thursday, October 1, 2015

महाराष्ट्र सराकर ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढोत्तरी करने का निर्णय लिया

सूखे के हालात से उबरने के लिए और देश को स्वच्छ बनाने में भागीदारी के लिए महाराष्ट्र सराकर ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढोत्तरी करने का निर्णय लिया है। सोने और चांदी के साथ शराब और सिगरेट के दाम में इजाफा किया जाएगा।
राज्य में पेट्रोल-डीजल 2 रुपये महंगा हो रहा है। तेल की बढ़ी हुई कीमतें गुरुवार आधी रात से लागू हो जाएंगी। इसके साथ ही सिगरेट और शराब पर भी पांच फीसद टैक्स बढ़ाया गया है। सोने-चांदी पर 1.2 फीसदी टैक्स बढ़ाया गया है।

बीते सप्ताह नीति आयोग की बैठक में यह फैसला लिया गया था। अगले पांच सालों में देश को स्वच्छ बनाने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में पेट्रोल, डीजल और खनिज पदार्थों के अलावा भी कुछ चीजों पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया था। महाराष्ट्र सरकार ने सबसे पहले यह फैसला लागू किया है।