कई हादसों में हुई मौतों के बाद विक्रोली रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज बनाने की गतिविधि तेज हो गई है। गुरुवार को बीएमसी और रेल अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। पर इससे पहले ब्रिज बनाने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। विक्रोली रेलवे फाटक पर ब्रिज बनाने की पहल सालों पहले की गई थी, मगर बाबुओं के टेबल पर फाइलें घूमती रही, ब्रिज बना नहीं। मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने एमयूटीपी योजना के अंतर्गत रोड ओवर ब्रिज बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। उसके लिए प्राधिकरण ने सलाहकार भी नियुक्त कर दिया था, पर 2008 तक ब्रिज का कोई अता-पता ही नहीं चला। इधर, रेलवे फाटक पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रही, जिससे लोग मरते रहे, घायल होते रहे। मगर बाबुओं के ब्रिज फाइलों में घूमती रही और जब मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण ब्रिज बनाने में नाकाम रहा, तब उसने 2008-09 में ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी मुंबई महानगर पालिका के कंघे पर डाल दी। कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी से जूझ रहे बीएमसी के ब्रिज विभाग ने ब्रिज बनाने की रूपरेखा तय की। ब्रिज की कुल लंबाई लगभग 390 मीटर निश्चित की गई जिसमें से करीब 64 मीटर रेल महकमा बनाएगा। यह वह हिस्सा होगा, जो रेल पटरियों के ऊपर से गुजरेगा। रोड ओवर ब्रिज की चौड़ाई करीब 60 फिट होगी। बीएमसी ने सन 2009 में उस ब्रिज की कुल लागत 15 करोड़ लगाई थी। विक्रोली का रोड ओवर ब्रिज रेलवे स्टेशन के पश्चिम में लालबहादुर शास्त्री मार्ग से पूर्व में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के करीब तक जाएगा। ब्रिज बनाने के दरमियान 34 दुकानों के साथ-साथ एक मंदिर प्रभावित हो रहा था। इससे पुनर्वास को लेकर ब्रिज का मामला लटका पड़ा था। उधर, रेलवे महकमा भी ब्रिज को लेकर किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। जैसे तैसे दिन बीतते गए। विक्रोली रेल फाटक पर ब्रिज बनाने के बाबत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के स्थानीय विधायक मंगेश सांगले ने पहल की। विक्रोली निवासियों ने बीएमसी कमिश्नर स्वाधीन क्षत्रिय से मुलाकात की। पिछले दिनों हुए हादसे के बाद एक बार फिर से धूल खा रही फाइलें साफ की जा रही हैं और बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस बाबत बीएमसी कमिश्नर स्वाधीन क्षत्रिय ने बताया कि रेलवे ने ब्रिज बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। गुरुवार को होने वाली बैठक में इस बाबत कई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
Tuesday, November 30, 2010
विक्रोली रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज बनाने की गतिविधि तेज
कई हादसों में हुई मौतों के बाद विक्रोली रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज बनाने की गतिविधि तेज हो गई है। गुरुवार को बीएमसी और रेल अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। पर इससे पहले ब्रिज बनाने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। विक्रोली रेलवे फाटक पर ब्रिज बनाने की पहल सालों पहले की गई थी, मगर बाबुओं के टेबल पर फाइलें घूमती रही, ब्रिज बना नहीं। मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने एमयूटीपी योजना के अंतर्गत रोड ओवर ब्रिज बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। उसके लिए प्राधिकरण ने सलाहकार भी नियुक्त कर दिया था, पर 2008 तक ब्रिज का कोई अता-पता ही नहीं चला। इधर, रेलवे फाटक पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रही, जिससे लोग मरते रहे, घायल होते रहे। मगर बाबुओं के ब्रिज फाइलों में घूमती रही और जब मुंबई महानगर विकास प्राधिकरण ब्रिज बनाने में नाकाम रहा, तब उसने 2008-09 में ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी मुंबई महानगर पालिका के कंघे पर डाल दी। कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी से जूझ रहे बीएमसी के ब्रिज विभाग ने ब्रिज बनाने की रूपरेखा तय की। ब्रिज की कुल लंबाई लगभग 390 मीटर निश्चित की गई जिसमें से करीब 64 मीटर रेल महकमा बनाएगा। यह वह हिस्सा होगा, जो रेल पटरियों के ऊपर से गुजरेगा। रोड ओवर ब्रिज की चौड़ाई करीब 60 फिट होगी। बीएमसी ने सन 2009 में उस ब्रिज की कुल लागत 15 करोड़ लगाई थी। विक्रोली का रोड ओवर ब्रिज रेलवे स्टेशन के पश्चिम में लालबहादुर शास्त्री मार्ग से पूर्व में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के करीब तक जाएगा। ब्रिज बनाने के दरमियान 34 दुकानों के साथ-साथ एक मंदिर प्रभावित हो रहा था। इससे पुनर्वास को लेकर ब्रिज का मामला लटका पड़ा था। उधर, रेलवे महकमा भी ब्रिज को लेकर किसी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। जैसे तैसे दिन बीतते गए। विक्रोली रेल फाटक पर ब्रिज बनाने के बाबत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के स्थानीय विधायक मंगेश सांगले ने पहल की। विक्रोली निवासियों ने बीएमसी कमिश्नर स्वाधीन क्षत्रिय से मुलाकात की। पिछले दिनों हुए हादसे के बाद एक बार फिर से धूल खा रही फाइलें साफ की जा रही हैं और बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस बाबत बीएमसी कमिश्नर स्वाधीन क्षत्रिय ने बताया कि रेलवे ने ब्रिज बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। गुरुवार को होने वाली बैठक में इस बाबत कई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
Monday, November 22, 2010
आंदोलन कई मायनों में खुद यात्रियों को काफी परेशानी दे गया।
Friday, November 19, 2010
निर्णय से एनसीपी के सदस्यों को बहुत आश्चर्य
Wednesday, November 17, 2010
आदर्श घोटाले में लिप्त अफसरों को दंडित किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार ने मंगलवार को यहां बताया कि 26 नवंबर 2008 में आतंकवादी हमले के बाद राजनीतिज्ञों को दंड दिया गया पर अफसरों को सजा नहीं दी गई। इस बार सरकार यह गलती नहीं दोहराएंगी। आदर्श घोटाले में लिप्त अफसरों को दंडित किया जाएगा। मंत्रालय में उन्होंने पत्रकारों को बताया कि यह आम धारणा बनती जा रही हैं कि अफसरों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। राजनीतिज्ञों में भी यह भावना बढ़ी हैं कि अफसरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना आवश्यक हो गया है। वे इस भावना को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे। उनकी नई सरकार इस दिशा में उचित कदम उठाएगी। उल्लेखनीय है कि आदर्श घोटाले में लगभग एक दर्जन सीनियर सचिवों का रोल होने की चर्चा है। इनके रिश्तेदारों को आदर्श में फ्लैट आबंटित हुए है। इस बीच पवार ने बताया कि एनसीपी के मंत्रियों की सूची तैयार है। कांग्रेस का फैसला हो जाने पर एनसीपी की सूची भी घोषित की जाएगी। उन्होंने बताया कि बुधवार को ईद की छुट्टी है अत: मंत्रियों की शपथ का समारोह गुरुवार को होने की संभावना है। उनके विभागों के बारे में निर्णय बाद में होगा। सूत्रों ने बताया कि एनसीपी में विभागों में भारी फेरबदल किए जाने वाले हैं। दादा को हाईप्रोफाइल होम मिलने की चर्चा है। बहरहाल मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण मंगलवार को मंत्रालय में दो बैठकें करने वाले थे। एक बैठक महाराष्ट्र में बे वक्त हुई बारिश के कारण फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए थी। पर वे रात तक मुंबई नहीं आये। दादा उनका इंतजार करते रहे। दूसरी बैठक ईद के मद्दे नजर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए थी।