मुंबई पुलिस का समन मिलने के बाद राधे मां उर्फ
सुखविंदर कौर खुदकुशी कर लेना चाहती थीं। उन्होंने मिड डे के साथ एक विशेष
साक्षात्कार में इस बात का खुलासा किया और अपनी पिछली जिंदगी और मौजूदा विवादों पर
अपनी बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत से लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर
रहे हैं। प्रस्तुत है मिड डे के संवाददाता शिवा देवनाथ को
दिए इस साक्षात्कार के अंश...
आप सुखविंदर कौर से राधे मां कैसे बनीं?
17 साल की उम्र में मेरी शादी कर दी गई। शादी के बाद मेरे
पति मुझे छोड़कर विदेश चले गए। दो बेटों और ससुराल वालों की देखभाल के लिए मैंने
सिलाई का काम शुरू किया। बचपन से मुझे संगीत से लगाव रहा और मैं इसमें डूब जाती
थी। यह देखकर मेरे ससुराल वालों को लगा कि मेरे अंदर कोई शक्ति है। वे मुझे मेरे
गुरु के पास ले गए जिन्हें मुझमें दिव्यशक्ति दिखाई थी। उन्होंने मुझे राधे मां का
नाम दिया।
क्या आपने कभी भगवान होने का दावा किया?
मैंने भगवान होने का कभी दावा नहीं किया लेकिन लोग
मुझमें भगवान देखते हैं।
लोगों का आरोप है कि आसानी से पैसा कमाने के लिए आप
राधे मां बनीं?
मैंने कभी किसी को अपने पास आने के लिए नहीं कहा।
मैंने कभी किसी को कुछ देने के लिए बाध्य नहीं किया।
लोगों का आरोप है कि आपने 400 करोड़
रुपये कमाए हैं। इस बारे में क्या कहेंगी?
अगर मैं 400 करोड़ की मालकिन हूं
तो उनसे कहिए कि मुझे 10 करोड़ दे दें और बाकी वे ले जाएं।
मेरे पास केवल दो करोड़ हैं जिनमें दिल्ली में मेरी संपत्ति और गहने शामिल हैं।
इन्हें मैंने 25 वर्षों में कमाए हैं।
डॉली बिंद्रा ने आपके खिलाफ आरोप लगाए हैं। इस पर
क्या कहेंगी?
डॉली बिंद्रा ने अपनी पारिवारिक और वित्तीय समस्याओं
को लेकर मुझे पत्र लिखा था। मैंने उससे ईश्वर में विश्वास करने को कहा था। मुझे
भक्तों से जो मिलता था, वह डॉली मुझसे मांगती थी और मैं उसे
दे देती थी। उसने मेरे भक्त संजीव गुप्ता से साढ़े पांच लाख रुपये कर्ज लिए लेकिन
उसे लौटाने के बजाय मुझ पर आरोप लगाने लगी।
कब पता चला कि आपके खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज कराए
गए हैं?
पुलिस का समन मिलने पर मेरे एक भक्त ने इसकी जानकारी
दी। यह सुनकर मैं अवाक रह गई कि मैंने ऐसा क्या गलत किया। मैंने सोचा खुदकुशी कर
लूं।