Tuesday, September 29, 2015

सोचा खुदकुशी कर लूं - राधे मां

मुंबई पुलिस का समन मिलने के बाद राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर खुदकुशी कर लेना चाहती थीं। उन्होंने मिड डे के साथ एक विशेष साक्षात्कार में इस बात का खुलासा किया और अपनी पिछली जिंदगी और मौजूदा विवादों पर अपनी बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत से लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रस्तुत है मिड डे के संवाददाता शिवा देवनाथ को दिए इस साक्षात्कार के अंश...
आप सुखविंदर कौर से राधे मां कैसे बनीं?
17 साल की उम्र में मेरी शादी कर दी गई। शादी के बाद मेरे पति मुझे छोड़कर विदेश चले गए। दो बेटों और ससुराल वालों की देखभाल के लिए मैंने सिलाई का काम शुरू किया। बचपन से मुझे संगीत से लगाव रहा और मैं इसमें डूब जाती थी। यह देखकर मेरे ससुराल वालों को लगा कि मेरे अंदर कोई शक्ति है। वे मुझे मेरे गुरु के पास ले गए जिन्हें मुझमें दिव्यशक्ति दिखाई थी। उन्होंने मुझे राधे मां का नाम दिया।
क्या आपने कभी भगवान होने का दावा किया?
मैंने भगवान होने का कभी दावा नहीं किया लेकिन लोग मुझमें भगवान देखते हैं।
लोगों का आरोप है कि आसानी से पैसा कमाने के लिए आप राधे मां बनीं?
मैंने कभी किसी को अपने पास आने के लिए नहीं कहा। मैंने कभी किसी को कुछ देने के लिए बाध्य नहीं किया।
लोगों का आरोप है कि आपने 400 करोड़ रुपये कमाए हैं। इस बारे में क्या कहेंगी?
अगर मैं 400 करोड़ की मालकिन हूं तो उनसे कहिए कि मुझे 10 करोड़ दे दें और बाकी वे ले जाएं। मेरे पास केवल दो करोड़ हैं जिनमें दिल्ली में मेरी संपत्ति और गहने शामिल हैं। इन्हें मैंने 25 वर्षों में कमाए हैं।
डॉली बिंद्रा ने आपके खिलाफ आरोप लगाए हैं। इस पर क्या कहेंगी?
डॉली बिंद्रा ने अपनी पारिवारिक और वित्तीय समस्याओं को लेकर मुझे पत्र लिखा था। मैंने उससे ईश्वर में विश्वास करने को कहा था। मुझे भक्तों से जो मिलता था, वह डॉली मुझसे मांगती थी और मैं उसे दे देती थी। उसने मेरे भक्त संजीव गुप्ता से साढ़े पांच लाख रुपये कर्ज लिए लेकिन उसे लौटाने के बजाय मुझ पर आरोप लगाने लगी।
कब पता चला कि आपके खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज कराए गए हैं?

पुलिस का समन मिलने पर मेरे एक भक्त ने इसकी जानकारी दी। यह सुनकर मैं अवाक रह गई कि मैंने ऐसा क्या गलत किया। मैंने सोचा खुदकुशी कर लूं।

Thursday, September 24, 2015

12 लोगों में से आठ के लिए अभियोजन पक्ष ने सजा-ए-मौत मांगी

सन्‌ 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों में दोषी करार दिए गए 12 लोगों में से आठ के लिए अभियोजन पक्ष ने सजा-ए-मौत मांगी है। मकोका की विशेष अदालत में 30 सितंबर को बाकी चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने की तकरीर की गई है।
विशेष सरकारी वकील राजा ठाकरे ने मंगलवार को कोर्ट में इस मामले में दोषी करार दिए गए 12 लोगों को मौत का सौदागर करार देते हुए इनमें से आठ के लिए मौत की सजा सुनाने की दरख्वास्त की। जिन दोषियों के लिए मौत की सजा मांगी गई है, उनके नाम हैं- कमाल अहमद अंसारी, डॉ.तनवीर अहमद अंसारी, मोहम्मद फैजल शेख, एहतेशाम सिद्दिकी, शेख आलम शेख, मोहम्मद साजिद अंसारी, नावेद हुसैन खान और आसिफ खान हैं।
जिन चार दोषियों के लिए उम्रकैद मांगी गई है उनके नाम हैं- मोहम्मद माजिद शेख, मुज्जमिल शेख, सोहेल शेख और जमीर अहमद शेख हैं। हालांकि सरकारी वकील ठाकरे ने अदालत में दलील दी है कि इन चारों दोषियों को सजा में कमी करके उम्रकैद तो दी जाए लेकिन उनकी उम्रकैद की अवधि साठ साल से कम नहीं होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इसी माह में जज यतिन शिन्दे ने इस मामले में एक को बरी करते हुए 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था। 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों की प्रथम श्रेणी की बोगियों में कई बम धमाके हुए थे। इस आतंकी वारदात में कम से कम 189 लोग मारे गए थे और 800 से अधिक घायल हुए थे।

Wednesday, September 23, 2015

देशद्रोह पर जारी महाराष्ट्र सरकार के परिपत्र पर रोक

बांबे हाई कोर्ट ने देशद्रोह पर जारी महाराष्ट्र सरकार के परिपत्र पर रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि कोर्ट में जवाब दाखिल करने तक वह उक्त परिपत्र का क्रियान्वयन न करें। महाराष्ट्र सरकार ने गत 27 अगस्त को देशद्रोह से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए लागू करने के बारे में पुलिस को दिशानिर्देश संबंधी परिपत्र जारी किया था। जिसके बाद इस परिपत्र की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की गई हैं।
मंगलवार को यह आदेश जस्टिस वीएम कनाडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया। इसमें से एक याचिका मशहूर कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी और तीन अन्य द्वारा दायर की गई है, जबकि दूसरी याचिका एडवोकेट नरेंद्र शर्मा ने दायर की है।

अदालत ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 20 अक्टूबर तक का समय दिया है। गौरतलब है कि परिपत्र में कहा गया है कि नेताओं व निर्वाचित प्रतिनिधियों की शब्दों, बोलने, लिखने या प्रतीकों के जरिये आलोचना करने वाले के खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाई जा सकती है। याचिकाकर्ताओं ने परिपत्र को संविधान विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि इससे मौलिक अधिकारों का हनन होता है।

Monday, September 21, 2015

नौकर नहलाने का वादा कर उसके साथ कुकर्म किया करता था

सात साल के मासूम ने टीवी पर एक क्राइम शो देखा, जो यौन शोषण से जुड़ा एक मामला था। इस शो को देखने के बाद उस मासूम ने जब एक खुलासा किया तब उसके माता-पिता हैरान रह गए। बच्चे ने बताया कि उनका नाबालिग नौकर, जिसकी उम्र 17 साल है, ने उसके साथ तीन माह तक कुकर्म किया। पुलिस ने रविवार को आरोपी नौकर को पुणे से उसके पैतृक निवास से गिरफ्तार कर लिया है।
बीते शुक्रवार को एक क्राइम शो में दिखाया गया था कि कैसे एक नौकर एक बच्चे को अपनी हवस का शिकार बनाता है और उसके साथ कुकर्म करता है। इस शो को देखने के बाद पीड़ित बच्चे ने अपने माता-पिता को बताया कि उसके साथ वही सब कुछ उनके नौकर ने किया है जैसा शो में दिखाया गया।
पीड़ित बच्चे ने बताया कि उसका घरेलू नौकर नहलाने का वादा कर उसके साथ कुकर्म किया करता था। उक्त आरोपी नौकर ने तकरीबन तीन माह तक उसके साथ ऐसा किया। बच्चे के साथ कुकर्म के बाद आरोपी उसे चॉकलेट देता था और किसी से कुछ भी नहीं बताने के लिए कहता था। आरोपी तीन माह तक उनके यहां काम करता रहा था और तीन माह पहले ही नौकरी छोड़कर अपने घर पुणे चला गया था।
उसी दिन बच्चे के परिजनों ने आरोपी नौकर के खिलाफ बांगुर नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में परिजनों ने कहा है कि पति-पत्नी दोनों ही नौकरी करते हैं इसलिए उन्होंने तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले अपने बेटे की देखभाल के लिए 17 वर्षीय नौकर को रखा था।

शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने रविवार को आरोपी को पुणे से गिरफ्तार कर लिया और उसे बांगुर नगर पुलिस स्टेशन के सुपुर्द कर दिया। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और पॉक्सो की धारा 3 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Friday, September 18, 2015

समानता एवं सामाजिक न्याय वर्ष

महाराष्ट्र सरकार ने 2015-16 को 'समानता एवं सामाजिक न्याय वर्ष' के रूप में मनाने का फैसला लिया है। इसके तहत बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े स्थलों को पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित करने और मुंबई, पुणे और नागपुर में अनुसूचित जाति की कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की सुविधा मुहैया कराने की योजना है। ये सभी कदम न्याय वर्ष की प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं।
राज्य के वित्त एवं योजना मंत्री सुधीर मुंगांतिवार ने ने कहा, 'अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए 2015-16 को समानता एवं सामाजिक न्याय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसपर 125 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया गया है।' विधानसभा के मानसून सत्र में 125 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग पेश की गई।

मंत्री ने कहा कि अंबेडकर, महात्मा फुले, अन्नाभाउ साठे और छत्रपति साहू महाराज के लेख और भाषणों को बाबा साहेब अंबेडकर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से प्रकाशित कराया जाएगा।

Tuesday, September 15, 2015

वीर सावरकर के लिए भारत रत्‍न सम्‍मान की मांग

शिव सेना ने स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर के लिए भारत रत्‍न सम्‍मान की मांग की है। इसके लिए शिव सेना के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में राउत ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि 'सावरकर एक हिंदू राष्‍ट्र के कट्टर समर्थक थे और पूर्व की सरकारों ने उन्‍हें नजरअंदाज किया है।'
उन्‍होंने आगे लिखा है कि 'ब्रिटिश अदालत ने सावरकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और अंदमान की सेल्‍यूलर जेल में डाल दिया था। वहां उन्‍हें प्रताड़ि‍त किया गया और उनके साथ काफी बुरा व्‍यवहार हुआ लेकिन वो देशभक्‍त बने रहे।'

पत्र में आगे लिखा है कि, 'पिछली सरकारों ने जानबूझकर वीर सावरकर के महान बलिदान को नजरअंदाज किया। वो हिंदू राष्‍ट्र के समर्थक थे और इसलिए पूर्व की सरकारों ने उनसे बदला लेने की कोशिश की। मुझे पूरा भरोसा है कि आपकी सरकार वीर सावरकर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित करेगी जो कि हमारे देश की जनता की मांग भी है।'

Friday, September 11, 2015

पराग ठाणे के उपनगर भायंदर का निवासी था

नौ साल से कोमा में पड़े पराग सावंत ने बीती 7 जुलाई को हिंदुजा अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। पराग 11 जुलाई, 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में घायल हुआ था।
हिंदुजा अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. बीके मिश्रा के अनुसार धमाके में घायल होने के बाद पराग दो वर्ष तक गहरे कोमा की अवस्था में था। फिर उसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ और वह सामान्य निर्देशों का पालन करने लगा।
7 जुलाई मंगलवार सुबह 5.30 बजे नर्स ने उसे सामान्य अवस्था में देखा था। लेकिन छह बजे उसका ऑक्सीजन स्तर गिरने लगा। डॉक्टरों ने उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पराग ठाणे के उपनगर भायंदर का निवासी था।
वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और एक बेटी छोड़ गया है। पराग की बेटी का जन्म उसके घायल होने के बाद हुआ था। इसलिए वह कभी भी उसे देख नहीं पाया। पराग एक निजी कंपनी में काम करता था। सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के तहत उसकी पत्नी प्रीति को रेलवे में नौकरी मिल गई थी।
11 जुलाई, 2006 को मुंबई के चर्चगेट स्टेशन से विरार की ओर जा रही लोकल ट्रेनों में 11 मिनट के अंदर अलग-अलग सात धमाके हुए थे। शाम को हुए इन धमाकों में 209 लोग मारे गए थे और करीब सात सौ लोग घायल हुए थे। ऐसी ही एक लोकल ट्रेन में पराग सावंत सवार था।

धमाके में बुरी तरह घायल होने के बाद उसे पहले भक्ति वेदांत अस्पताल में लाया गया था। बाद में उसे हिंदुजा अस्पताल लाया गया, जहां कोमा से निकालने के लिए कई बार उसका ऑपरेशन करना पड़ा था। बता दें कि नौ साल बाद भी ट्रेन विस्फोट कांड का मुकदमा ज्यों-का-त्यों पड़ा है।

Wednesday, September 9, 2015

पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को तत्काल प्रभाव से पदोन्नत कर स्थानांतरित

महाराष्ट्र सरकार ने शीना बोरा हत्याकांड की जांच में जुटे मुंबई के पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को तत्काल प्रभाव से पदोन्नत कर स्थानांतरित कर दिया। उनकी जगह जावेद अहमद को नया कमिश्नर बना दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, मारिया इस फैसले को राजनीति से प्रभावित मान रहे हैं और इस्तीफा देने का भी मन बना रहे हैं। एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक, आमतौर पर मारिया किसी भी मसले पर सार्वजनिकतौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन ट्रांसफर की खबर सुनकर उनका चेहरा सबकुछ कह रहा था।
इस बीच मारिया ने इस बात का खंडन करते हुए कहा है कि वो इस्‍तीफा देने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।
मारिया की पदोन्नति 30 सितंबर को तय थी, लेकिन उन्हें 22 दिन पूर्व ही तुरंत प्रमोशन व ट्रांसफर की "सौगात" देकर डीजी होमगार्ड नियुक्त किया गया है। अहमद ने तत्काल नया पदभार भी संभाल लिया।
गणपति की तैयारी बताई वजहमहाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी ने बताया कि मारिया के यकायक प्रमोशन व ट्रांसफर इसलिए किया गया कि आगामी गणपति महोत्सव व बकरीद के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अहमद को वक्त मिल सके। बख्शी ने इसे शीना हत्याकांड की जांच से जोड़ने को अनुचित बताया।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर के पद को अपग्रेड कर महानिदेशक स्तर का बनाया गया है। इसीलिए डीजी होमगार्ड अहमद को यह पद और मारिया को डीजी होमगार्ड का पद दिया जा सका। दोनों 1981 बैच के आईपीएस अफसर हैं। शीना कांड की जांच का क्या होगा, यह पूछने पर बख्शी ने कहा कि पुलिस के लिए सभी जांच महत्वपूर्ण होती है न सिर्फ इसी केस की।

कमिश्नर का काम सिर्फ जांच की निगरानी का रहता है। जांच निचले स्तर के अधिकारी करते हैं। इस वजह से मारिया बिदा?जानकार सूत्र इसे हाई प्रोफाइल शीना मर्डर केस में मारिया की गहरी रुचि व जांच के लिए घंटों खार थाने में स्वयं पूछताछ करना बता रहे हैं।

Monday, September 7, 2015

जुलूस निकालने को लेकर साधुओं के दो समूह में विवाद

महाराष्ट्र के नासिक में चल रहे कुंभ मेले में जुलूस निकालने को लेकर साधुओं के दो समूह में विवाद हो गया। इस दौरान दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप से हालात को तुरंत नियंत्रित कर लिया गया।
उप पुलिस आयुक्त अविनाश बार्गल ने बताया कि यह घटना शनिवार को घटी, जब कोपरगांव की आत्मा मलिक ध्यानपीठ के जंगलीदास महाराज ने अनुयायियों के साथ शाही मार्ग पर एक जुलूस निकाला। उनके इस जुलूस पर अखाड़ा समूह ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि जुलूस निकालने के लिए अखाड़ा समूह से अनुमति नहीं ली गई है। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया और हिंसा में दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

बार्गल ने बताया कि मौके पर पहुंचकर पुलिस ने जुलूस का मार्ग परिवर्तित कराया और हालात को नियंत्रित कर लिया। इस मामले में कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है। हालांकि पुलिस घटना की जांच कर रही है।

Friday, September 4, 2015

शुभकामनायें

हमारे सभी पाठकों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें 

आचार्य विनोबा भावे के गांव के बाहर जलाया शीना का शव

इन दिनों बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी शीना बोरा को मारने के बाद उसका शव रायगढ़ के जिस गांव के बाहर जलाया, वह गांव अहिंसा के पुजारी आचार्य विनोबा भावे का था।
महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माने जानेवाले आचार्य विनोबा भावे का जन्म रायगढ़ जिले की तत्कालीन कोलाबा तहसील के गागोडे गांव में हुआ था। कोलाबा अब पेण तहसील के नाम से जाना जाता है एवं आचार्य का गांव अब गागोडे बुदरुक के नाम से जाना जाता है।
इसी गांव की सीमा से सटे पहाड़ी जंगल में 25 अप्रैल, 2012 की रात इंद्राणी मुखर्जी ने अपने दूसरे पति संजीव खन्ना एवं ड्राइवर श्याम राय की मदद से अपनी ही बेटी शीना बोरा को पेट्रोल डालकर जला दिया था। इसी स्थान पर पड़ोस के हेतेवने गांव के निवासी गणेश धेने को शीना का कंकाल पहली बार दिखाई दिया था।
जिसके आसपास की वनस्पतियां जली हुई थीं। धेने ने इस बात की जानकारी 23 मई, 2012 स्थानीय पुलिस थाने को दी थी। स्थानीय पुलिस ने नरकंकाल का पोस्टमार्टम करके उसे दफना दिया था।
दूसरी ओर स्थानीय पेण थाने की पुलिस के वर्ष 2012 पाए गए नरकंकाल को जल्दबाजी में ठिकाने लगा दिए जाने को लेकर जांच भी शुरू हो गई है। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सुवेज हक के अनुसार महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक इस जांच के आदेश दिए हैं। जांच में मई 2012 में पेण पुलिस थाने में उस समय तैनात पुलिस अधिकारियों की पूरी जांच की जाएगी।

चूंकि उस समय पुलिस ने जले हुए शव का नरकंकाल पाए जाने पर भी इस मामले की जांच गंभीरता से करने के बजाय सिर्फ एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज (एडीआर) दर्ज की थी। घटनास्थल पर तीन कांस्टेबल गए थे। वहीं पर डॉक्टर को बुलाकर पोस्टमॉर्टम कराया था। फिर नरकंकाल का पंचनामा करा कर उसके कुछ अवशेष मुंबई के जे.जे.अस्पताल में भिजवाए थे।

Thursday, September 3, 2015

शीना बोरा मर्डर मामले में पुलिस की सभी आरोपियों से पूछताछ जारी

शीना बोरा मर्डर मामले में पुलिस की सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। इसी मामले को लेकर इंद्राणी मुखर्जी के पति पीटर मुखर्जी से भी आज खार पुलिस स्टेशन में पूछताछ शुरू हुई। इसके लिए पीटर मुखर्जी खार पुलिस स्‍टेशन पहुंचे।
उनके अलावा इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्‍ना को भी पुलिस स्‍टेशन लाया गया। यहां इन तीनों से अलग-अलग पूछताछ की गई। इस दौरान जब पीटर इंद्राणी के सामने आए तो उन्‍हें देखकर इंद्राणी भावुक हो गई लेकिन पीटर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पूछताछ के लिए पीटर के भाई को भी थाने बुलाया गया था।
वहीं, जिस समय पीटर से पूछताछ हो रही थी, उसी समय मुंबई पुलिस की टीम पीटर के घर पहुंची और जांच पड़ताल की। उधर, मुंबई पुलिस के एक दल ने कोलकाता में इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति एवं शीना बोरा हत्याकांड के सह-आरोपी संजीव खन्ना के निवास से आज एक लैपटॉप और बैंक खातों एवं निवेश से जुड़े दस्तावेज जब्त किए।
मुंबई पुलिस इस केस के सभी तीनो आरोपियों इंद्राणी मुखर्जी, संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय को रायगढ़ ले जाकर क्राइम सीन को रीक्रिएट कर सकती है। गौरतलब है कि मुंबई पुलिस को इन तीनों की 5 सितंबर तक हिरासत मिली हुई है।

उधर, एक अंग्रेजी अखबार ने मुंबई पुलिस के सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है कि शीना की हत्या में जिस कार का इस्तेमाल किया गया, वो उसके वर्तमान पति और स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी ने बुक की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस फिलहाल इससे किसी आखिरी नतीजे पर नहीं पहुंची है।

Tuesday, September 1, 2015

जहां पानी की चोरी होती है

चोर कुछ भी चुरा सकता है। लेकिन क्‍या पानी चुराने के लिए किसी घर में कभी चोरी हो सकती है। शायद नहीं। लेकिन महाराष्‍ट्र में एक ऐसा शहर है, जहां पानी की चोरी होती है। लातून जिले में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां लोग पीने के पानी की चोरी करते हैं। दरअसल इस शहर में पानी की घोर किल्‍लत है।

ऐसे में जिनके घरों में पानी रहता है, वो इसे ताले के पीछे सुरक्षित रखते हैं। क्‍योंकि ऐसे घर बाल्‍टीधारी चोरों के निशाने पर होते हैं। ये चोर बाल्‍टी लेकर घरों में चुपके से घुसते हैं और पानी चुराकर भाग जाते हैं। महाराष्‍ट्र के मराठवाड़ा और लातूर जिले में पानी की घोर किल्‍लत है। यही वजह है कि यहां सोने-चांदी से भी ज्‍यादा कीमती चीज अगर कोई है, तो वो हैं पानी।