Saturday, May 30, 2015

वसंत ढोबले शनिवार को पुलिस की नौकरी से रिटायर

फिल्म शोले के गब्बर की तरह तीन साल पहले मुंबई में एक डॉयलाग बहुत सुर्खियों में रहा था- बेटा सो जा, ढोबले आ जाएगा। मुंबई पुलिस का सबसे खौफनाक यह अधिकारी वसंत ढोबले शनिवार को पुलिस की नौकरी से रिटायर हो रहा है।
रिटायर होने से पहले ढोबले ने एनबीटी से कहा कि अपने 39 साल के पुलिस करियर में उन पर बहुत आरोप लगे, केस भी हुए, पर वह किसी से नहीं डरे। वह डरे, तो सिर्फ अपनी आत्मा से। डॉक्टर सत्यपाल सिंह जब मुंबई के पुलिस कमिश्नर बने थे, तो उन्होंने ढोबले के बारे में कहा था कि 'वह लार्जर देन लाइफ बन गया था, इसलिए उस पर किसी का नियंत्रण नहीं था।' ढोबले पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने हमेशा कानून के दायरे से बाहर होकर काम किया। ढोबले भी इस बात से इनकार नहीं करते, पर उन्होंने इस संवाददाता से यह भी कहा कि 'भले ही मैंने कानून के दायरे से बाहर काम किया, पर ऐक्शन हमेशा कानून के दायरे में लिया।'
ढोबले कहते हैं, 'मैं 1976 बैच का पुलिस अधिकारी हूं। मुझ पर 118 केस हुए। पहला केस 1982 में दर्ज हुआ था और आखिरी केस से उन्हें 24 नवंबर, 2014 को मुक्ति मिली।' ढोबले के अनुसार, 'पुलिस हिरासत में हुई एक मौत के मामले में मुझे 1994 में गिरफ्तार कर लिया गया। मैं करीब एक सप्ताह तक आर्थर रोड जेल में भी रहा। मुझे उस दौरान नौकरी से भी निकाल दिया गया। पर मैं कभी डरा नहीं। उस केस में भी मैं सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा और आखिरी में मुझे 1996 में वापस नौकरी में रख लिया। नौकरी में वापस आने के एक महीने बाद ही मैंने फिर एक बड़ी कार्रवाई की और आधा दर्जन बड़े आरोपियों पर एक साथ ऐक्शन लिया।'
ढोबले के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अरुण पटनायक ने इंटरनैशनल शख्सियत बनाया और पूरी पावर दी। ढोबले ने उसी दौरान मुंबई के बीयर बारों में सबसे ज्यादा कार्रवाई की थी। पटनायक उन दिनों मुंबई के पुलिस कमिश्नर थे और ढोबले सिर्फ उन्हीं को रिपोर्ट करते थे। ढोबले पटनायक द्वारा उन्हें खुली पावर देने की बात को सिरे से खारिज करते हैं। उनके अनुसार, 'पटनायक ने उन्हें एक दिन अपने केबिन बुलाया और कहा कि जो भी चीज तुम्हें इलीगल लगे, उस पर तुम लीगल ऐक्शन लो। उसके बाद मैंने जो-जो भी कार्रवाई की, इन कार्रवाइयों पर मुझ पर जो-जो भी आरोप लगे, पटनायक ने उस बारे में मुझसे कभी भी पूछताछ नहीं की।' ढोबले पटनायक को रॉक स्टार मानते हैं, पर पटनायक के अलावा बतौर पुलिस कमिश्नर रिबेरो, राममूर्ति, आर डी त्यागी और रॉनी मेंडोसा की भी भरपूर तारीफ करते हैं। मेंडोसा के बारे में ढोबले कहते हैं, 'वह शख्स पुलिस कमिश्नर होते हुए भी बेहद सादगी भरा रहा। कई केसों में सर्वश्रेष्ठ वकीलों की खोजबीन के लिए मेंडोसा अपनी गाड़ी से बत्ती उतरवा देते थे और फिर मुंबई के किसी भी टॉप वकील के यहां पहुंच जाते थे।' ढोबले कहते हैं कि 'मुझे पता नहीं क्या-क्या नाम दिए गए, किसी ने मुझे हॉकीमैन कहा, तो किसी ने स्टिक मैन, पर जो अवैध काम करते थे, उन्होंने ही मुझे ये नाम दिए। जो आम जनता है, वह जानती है कि मैं क्या हूं।' ढोबले ने इस संबंध में 1992 का उदाहरण दिया, जब वे गोरेगांव पुलिस स्टेशन में थे, तो लोग उनसे मदद मांगने के वास्ते घंटों इंतजार करते थे।

रिटायर होने के बाद हर किसी पुलिस अधिकारी को उन पुराने केसों के संबंध में कोर्ट जाना पड़ता है, जिनमें या तो वह जांच अधिकारी है या जिन केसों में वह परोक्ष या अपरोक्ष रूप से जुड़ा रहा। रिटायरमेंट के बाद किसी भी पुलिस अधिकारी के पास ऐसे केसों की संख्या 20 से 25 या अधिक से अधिक 100 तक ही होती है, पर ढोबले को रिटायरमेंट के बाद करीब 1000 ऐसे केसों में ट्रॉयल के दौरान अपनी गवाही देनी पड़ेगी। इस पृष्ठभूमि से ही समझा जा सकता है कि ढोबले ने अपने पुलिस करियर में कितने केसों में ऐक्शन लिए।

Thursday, May 28, 2015

शकील 43 दिन के बाद मंगलवार को कराची लौटा

पिछले कई तक पूरे देश में इस बात पर तो बहुत बहस हुई कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है या नहीं, पर इस दौरान दाऊद का खासमखास छोटा शकील पाकिस्तान के बाहर घूमता रहा, पर किसी भी जांच एजेंसी ने उसकी टोह तक लेने की कोशिश नहीं की।
एक विश्वस्त सूत्र ने बुधवार को एनबीटी से कहा कि शकील 43 दिन के बाद मंगलवार को कराची लौटा है। इस सूत्र के अनुसार, इन 43 दिनों में शकील ने कुछ वक्त ऑस्ट्रेलिया में और बाकी का समय अमेरिका में अपनी बेटी और उसके परिवार के साथ बिताया। शकील की बेटी जोया पेशे से डॉक्टर है। पिछले साल सितंबर में उसकी एक डॉक्टर के साथ ही पाकिस्तान में शादी हुई थी। शकील का दामाद मूल रूप से भारतीय है, पर वह अमेरिका में प्रैक्टिस करता है। शकील इसी वजह से अमेरिका गया हुआ था, पर अमेरिका में एफबीआई जैसी एजेंसी के होते हुए भी इंटरपोल उसे लोकेट नहीं कर पाई, मुंबई में काफी लोगों को आश्चर्य हो रहा है।
शकील के खिलाफ मुंबई में काफी केस दर्ज हैं। मुंबई में दाऊद का हफ्ता कारोबार मूल रूप से शकील या फहीम मचमच ही देखता है।

Wednesday, May 27, 2015

गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

कुर्ला के मुस्लिम युवक जीशान अली खान को नौकरी न देने के मामले में नया मोड़ आ गया है। डायमंड कंपनी हरिकृष्णा से जुड़े पांच लोगों ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डीसीपी वीरेंद्र मिश्र ने एनबीटी को यह जानकारी दी।
जॉइंट सीपी देवेन भारती के अनुसार, कोर्ट गए इन पांच कर्मचारियों में दो डायरेक्टर्स हैं। इस कंपनी के खिलाफ पिछले सप्ताह कुर्ला के विनोबा भावे नगर में आईपीसी के सेक्शन 153 बी (1 बीसी) के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में यह केस बीकेसी पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद इस कंपनी के करीब आधा दर्जन लोगों से पूछताछ की थी। साथ ही कंपनी के सूरत स्थित कई डायरेक्टर्स को भी समन भेजा था। उसी के बाद अपनी गिरफ्तारी के डर में कंपनी से जुड़े पांच लोगों ने अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को कोर्ट में अप्लीकेशल दी। कोर्ट ने इस केस की अगली तारीख 1 जून निर्धारित की है और तब तक पुलिस को इन पांचों लोगों को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है।

जिन लोगों ने अग्रिम जमानत की अप्लीकेशन दी , उनमें वह HR ट्रेनी दीपिका टीके भी शामिल है , जिसने जीशान को यह ई-मेल भेजा था कि हमारी कंपनी में मुस्लिमों को जॉब नहीं दिया जाता। जमानत का आवेदन देने वालों में घनश्याम ढोलकिया और हंसमुख ढोलकिया डायरेक्टर्स हैं, जबकि महेंद्र देशमुख असोसिएट वाइस प्रेजिडेंट। पांचवें याचिकाकर्ता भास्कर जोशी हैं, जिनकी कंपनी में पोस्ट एडमिन मैनेजर की है। हालांकि शुरूआती पूछताछ में ई-मेल भेजने वाली HR की लड़की दीपिका ने जीशान को ई-मेल भेजने की जिम्मेदारी खुद पर ली थी और कहा था कि उस दिन उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था, इसलिए उससे यह गलती हो गई, पर बीकेसी पुलिस को उसके इस बयान पर कभी भी विश्वास नहीं हुआ। पुलिस को शक है कि शायद यह कंपनी का हिडन एजेंडा है, इसलिए पुलिस ने मुंबई स्थित HR अधिकारियों को ही नहीं, इसके सूरत स्थित कई डायरेक्टरों को पूछताछ के लिए मुंबई आने के वास्ते समन भेजा था। कंपनी के पांच लोगों को अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में जाना इसी के तहत देखा जा रहा है। एफआईआर में जो आईपीसी का सेक्शन लगाया गया है, यदि अपराध साबित हो गया, तो इसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।

Monday, May 25, 2015

सुपर किंग्स ने भी यू-टर्न लेते हुए लगातार दो गेंदों पर रोहित और सिमंस को पविलियन की राह दिखा दी

इंडियन प्रीमियर लीग के आठवें संस्करण के खिताबी मुकाबले में रविवार को इडेन गार्डन्स स्टेडियम में मुंबई इंडियंस ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नै सुपर किंग्स को 41 रनों से हराकर दूसरी बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया।
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रनों का पीछा करने उतरी चेन्नै ने धीमी शुरुआत की और उसका पहला विकेट माइकल हसी के रूप में 22 के स्कोर पर गिरा। हसी ने सिर्फ 4 रन बनाए और मैकलेनगन का शिकार बने। दूसरे सलामी बल्लेबाज स्मिथ ने 57 रन बनाए। स्मिथ हरभजन सिंह का शिकार बने। उनके जाने के बाद कोई भी बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल सका। सुरेश रैना ने कुछ अच्छे हाथ दिखाए, लेकिन वह भी 28 रन बनाकर भज्जी का दूसरा शिकार बने।
ब्रावो भी 9 के स्कोर पर चलते बने। वह फाइनल मैच में मैकलेनगन का दूसरा विकेट थे। कप्तान धोनी से चेन्नै के दर्शकों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उन्हें 18 के स्कोर पर लसिथ मलिंगा ने बोल्ड किया। डु प्लेसिस को विनय कुमार ने 1 ही रन बनाने दिया। इसके बाद पवन नेगी को मलिंगा ने 3 के स्कोर पर आउट कर दिया।
अश्विन के रूप में चेन्नै का आठवां विकेट गिरा। उन्होंने सिर्फ 2 रन बनाए और मैकलेनगन का तीसरा शिकार बने। रविंद्र जडेजा 11 और मोहित शर्मा 21 के स्कोर पर नॉट आउट रहे। चेन्नै निर्धारित 20 ओवरों में 161 रन ही बना सके और मुंबई ने 41 रनों से जीत हासिल की। मुंबई की ओर से मैकलेनगन ने 3, मलिंगा और हरभजन ने 2-2 और विनय कुमार ने 1 विकेट लिया।
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में मुंबई ने पांच विकेट गंवाकर 202 रन बनाए। सुपर किंग्स के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने पहले ही ओवर में पार्थिव पटेल को खाता खोले बगैर पविलियन की राह दिखा आक्रामक शुरुआत दिलाई। हालांकि, इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा (50) ने लेंडल सिमंस (68) के साथ दूसरे विकेट के लिए 10 से अधिक के औसत से 119 रनों की साझेदारी कर सुपर किंग्स पर करारा पलटवार किया और टीम को दमदार स्थिति में पहुंचा दिया। रोहित, सिमंस के क्रीज पर रहते मुंबई 12 ओवरों में 120 रन बना चुका था।
सुपर किंग्स ने भी यू-टर्न लेते हुए लगातार दो गेंदों पर रोहित और सिमंस को पविलियन की राह दिखा दी और विशालकाय स्कोर की ओर बढ़ रहे मुंबई पर थोड़ी लगाम जरूर लगा दी। रोहित 25 गेंदों पर छह चौके और दो छक्कों की मदद से हाफ सेंचुरी पूरा करने के तुरंत बाद अगली ही गेंद पर जडेजा के हाथों लपके गए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सभी को चौंकाते हुए 13वें ओवर में आक्रमण पर स्मिथ को बुलाया। हालांकि स्मिथ ने कप्तान के फैसले को बिल्कुल सही ठहराते हुए पहली ही गेंद पर सिमंस का विकेट चटका दिया। सिमंस 45 गेंदों पर आठ चौके और तीन छक्के लगाकर क्लीन बोल्ड हो पविलियन लौटे।
लगातार दो विकेट गिरने के बावजूद रोहित और सिमंस ने आगामी बल्लेबाजों के लिए मजबूत आधार तैयार कर दिया था। अंबाती रायडू (नाबाद 36) और पोलर्ड (36) ने इस मजबूत आधार का भरपूर लाभ उठाते हुए चौथे विकेट के लिए 71 रनों की तेज साझेदार निभाई। स्मिथ के पास 18वें ओवर की पांचवीं गेंद पर इस साझेदारी को तोड़ने की सुनहरा मौका था लेकिन वह रायडू का एक आसान कैच छोड़ बैठे। पोलार्ड के 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आउट होने के साथ यह साझेदारी टूटी।
मोहित की गेंद पर सुरेश रैना को कैच थमाने से पहले पोलार्ड ने 18 गेंदों का सामना कर दो चौके और तीन छक्के लगाए। हमेशा की तरह आखिरी ओवर लेकर आए ब्रावो ने हार्दिक पांड्या को खाता खोलने का भी मौका नहीं दिया। पांड्या का कैच भी रैना ने ही लिया। ब्रावो ने सुपर किंग्स के लिए सर्वाधिक दो विकेट लिए। इसके साथ ही उनके आईपीएल-8 में उन्होंने कुल 26 विकेट लिए।

Friday, May 22, 2015

बेरोजगार मंत्री

छह महीने पूरे होने पर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार की एनसीपी ने जमकर खिंचाई की है। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि इन छह महीने में शिवसेना कोटे के मंत्री बेरोजगार मंत्री बनकर रह गए। उनके पास कोई कामकाज ही नहीं है। शिवसेना के चार मंत्रियों के खाते से एक भी प्रस्ताव कैबिनेट के सामने नहीं आया। उन्होंने सवाल किया कि क्या बीजेपी के लोग शिवसेना मंत्रियों को काम नहीं करने दे रहे?
मलिक ने फडणवीस सरकार को महज ढिंढोरा पिटने वाली सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि छह महीने में बयानबाजी करने के अलावा सरकार ने कोई ठोस काम नहीं किया। मंत्री एक ही प्रस्ताव को कई तरह से पेश करके सिर्फ नंबर गिनाने में लगे हैं। सरकार के छह महीने के कामकाज का लेखा-जोखा रखते हुए मलिक ने कहा कि सरकार के 37 विभागों में से 17 विभाग से एक भी प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सामने नहीं रखा गया। राज्य के छह मंत्री ऐसे हैं जिनके विभाग से एक भी प्रस्ताव कैबिनेट के सामने नहीं आ सका, जिसमें चार शिवसेना के मंत्री हैं।
जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन, आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा, परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, पीडब्लूडी मंत्री एकनाथ शिंदे और पर्यावरण मंत्री रामदास कदम के खाते से एक भी प्रस्ताव कैबिनेट के सामने नहीं आया। सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की कुल 21 बैठकें हुई हैं। कैबिनेट की बैठकों की समीक्षा करने पर पता चलता है कि शिवसेना कोटे के मंत्रियों के पास कोई काम ही नहीं है। मलिक ने शिवसेना से से भी जवाब मांगा कि उनके मंत्रियों की इतनी बुरी हालत क्यों हुई?

Thursday, May 21, 2015

बेस्ट की बसों के यात्रियों की संख्या करीब ढाई लाख तक कम

बेस्ट प्रशासन ने आर्थिक स्थिति संवारने के लिए साल में दो बार बस के किराए में बढ़ोतरी की। एक अप्रैल से एक रुपये की बढ़ोतरी करने के बाद से एक मई तक यानी कि एक महीने में बेस्ट की बसों के यात्रियों की संख्या करीब ढाई लाख तक कम हुई है। फिलहाल बेस्ट बस यात्रियों की संख्या 29 लाख 50 हजार है, जबकि एक महीने पहले यह संख्या करीब 32 लाख थी।
बेस्ट समिति के सदस्य रवि राजा ने कहा कि बेस्ट में आपसी तालमेल की कमी है। बेस्ट परिवहन विभाग को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन के पास सही प्लानिंग नहीं है। इस कारण बेस्ट की आर्थिक स्थिति बदतर हो रही है। स्थिति सुधारने के लिए बेस्ट के सभी सदस्यों समेत अधिकारियों को मिलकर काम करने की जरूरत है।
बेस्ट समिति के सदस्य शिवजी सिंह ने कहा कि किराया बढ़ोतरी के बाद बस यात्रियों की संख्या में कमी आई है। इस कारण कई रूट की बसें बंद कर दी गईं। आर्थिक मजबूती के लिए रूट बढ़ाने की जरूरत है। बेस्ट को आर्थिक संकट से उबारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
बस के किराए में दो बार बढ़ोतरी होने से यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है। लेकिन जून से टैक्सी, रिक्शा के किराए में भी एक रुपये की बढ़ोतरी होने वाली है। इससे बस यात्रियों की संख्या फिर बढ़ सकती है।
बीजेपी ने बेस्ट प्रशासन के खिलाफ श्वेतपत्रिका निकालने की मांग की है। पार्टी के गटनेता मनोज कोटक के मुताबिक, बेस्ट के जनरल मैनेजर के लिए बेस्ट की आर्थिक स्थिति की पूरी जानकारी स्थायी समिति के समक्ष पेश करना अनिवार्य है। साथ ही बार-बार बीएमसी द्वारा बेस्ट को दी जा रही आर्थिक मदद का इस्तेमाल उन्होंने कहां, कब और कैसे किया, इसका लेखाजोखा भी दिया जाना चाहिए।
इस मुद्दे पर प्रशासन को श्वेतपत्रिका जारी करनी चाहिए। कुछ नगरसेवकों ने बेस्ट को टोल मुक्त करने, विदेशों की तर्ज पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सब्सिडी देने, यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए किराया कम करने आदि की भी मांग की।

Wednesday, May 20, 2015

किसानों से 14 से 16 रुपये प्रति लीटर दूध

दूध की बढ़ती कीमतों से जहां आम जन के पसीने छूट रहे हैं, वहीं दूध विरतण कंपनियां किसानों से सस्ते रेट पर दूध खरीदकर उनका शोषण कर रही हैं। खरीदी-बिक्री के इस अंतर से दूध सप्लाई करने वाली कंपनियों की चांदी हो गई है।
मंगलवार को पशु संवर्धन, दूध विकास एवं मत्स्य व्यवसाय मंत्री एकनाथ खडसे ने राज्य की दूध वितरण कंपनियों से कहा कि वे किसानों से न्यूनतम 20 रुपये प्रति लीटर दूध खरीदें। ऐसा नहीं करने वाली वितरण कंपनियों पर फौजदारी कार्रवाई होगी। इस संबंध में सरकार जल्द ही अध्यादेश जारी करेगी। साथ ही उन्होंने वितरण कंपनियों से कहा कि वे जनता को 2 से 5 रुपये कम रेट पर दूध मुहैया कराएं।

दूध विरतण कंपनियां किसानों से 14 से 16 रुपये प्रति लीटर दूध खरीद रही हैं। वही दूध आम जन को 40 से 60 रुपये में दे रही हैं। खरीदी-बिक्री में इतना बड़े अंतर से सरकार और अधिकारी परेशान हैं। दूसरी तरफ, दूध के लालच में जानवर पालने वाले किसानों का बुरा हाल है। बड़ी संख्या में किसान इस व्यवसाय से ही छुटकारा पाने के लिए अपने पशुओं को बेचने लगे हैं। क्योंकि इतने कम रेट पर दूध बेचने से उनका हिसाब गड़बड़ा गया है। नागपुर और मुंबई के बजट सत्र में विरोध दलों ने इस मामले को जोरशोर से उठाया था। तब सरकार ने यह कहते हुए अपना पिंड छुड़ा लिया था कि वह दूध वितरण कंपनियों के साथ बैठक तक रास्ता निकालेगी।
एक समय था जब किसान कंपनियों को 30 से 35 रुपये प्रति लीटर दूध बेचती थी। उस वक्त पावडर बनाने वाली कंपनियों को केंद्र सरकार रियायत देती थी। अब केंद्र ने वह रियायत खत्म कर दी है। इससे दूध से पावडर बनाने का काम लगभग बंद हो गया, इसलिए इन कंपनियों ने किसानों से दूध खरीदना बंद कर दिया। इससे दूध की मांग घट गई। बताया जा रहा है कि दूध की मांग घटने से प्रतिदिन करीब 5 लाख लीटर दूध का अतिरिक्त उत्पादन हो रहा है।
मंगलवार को विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर, विधान सभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे, अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री गिरीष बापट, विधान परिषदेचे विरोधी पक्षनेते धनंजय मुंडे और राज्य के दूध वितरण कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

Tuesday, May 19, 2015

दिन के वक्त भी महिलाएं और बच्चे सुरक्षित नहीं

चकाचौंध से भरी 'मायानगरी' अब दुर्भाग्य से 'जुर्म की नगरी' बनती जा रही है। साल 2015 के शुरुआती तीन महीनों में अपराध के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओँ के अपहरण मामलों में बीते साल से 165 % बढ़त दर्ज हुई है। 
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक रेप केस 43 फीसदी बढ़े हैं, वहीं गैंगरेप का औसत आंकड़ा 7 से कम होकर 4 पर पहुंचा है। 

आरटीआई कार्यकर्ता चेतन कोठारी के जुटाए तथ्य बता रहे हैं कि साल 2015 में जनवरी से मार्च तक 138 लोगों के खिलाफ 172 केस दर्ज हुए। इसी के साथ अपहरण जैसे अपराधों में भी बढ़त दर्ज की गई है।
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के इस अंतराल में 202 अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं, जो कि पिछले साल 76 थे।
एक आईपीएस अफसर ने बताया कि लगभग 95 फीसदी रेप के मामलों में शादी का झांसा देकर बलात्कार किया गया है। अफसर ने ऐसी घटनाओं के लिए पैर पसार रहे शहरीकरण को भी दोषी ठहराया है। बाल अपराधों की बात करें तो ज्यादातर मामलों में 10 साल से कम उम्र के बच्चों के 'दुश्मन' उनके अपने रिश्तेदार, परिवार के सदस्य ही हैं। मार्च 2014 में हुए ऑडिट में पुलिस ने 272 जगहें चिन्हित की थीं, जहां दिन के वक्त भी महिलाएं और बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। यह सतर्कता भी तब बरती गई थी जब 22 वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट के साथ शक्तिमिल कंपाउंड में गैंगरेप का मामला चर्चा में आया था।

Saturday, May 16, 2015

स्कूलों में आपदा प्रबंधन कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय

राष्ट्रीय स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम से प्रेरणा लेते हुए महाराष्ट्र सरकार ने इस साल स्कूलों में आपदा प्रबंधन कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत शिक्षकों और छात्रों को भूकंप और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
राज्य की आपदा प्रबंधन इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि प्रायोगिक आधार पर पुणे और सतारा जिले के 200-200 स्कूलों में पहले ही यह प्रशिक्षण दिया गया है।
निदेशक सुहास दिवसे ने कहा, 'हमारा जून से शुरू हो रहे अकैडमिक वर्ष से राज्य के प्रत्येक जिलों में 100 स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। हम अगले 3-4 वर्षों में पूरे राज्य के स्कूलों में प्रशिक्षण मुहैया कराएंगे।'

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्रों को प्राकृतिक आपदाओं के कारणों और प्रभावों के साथ-साथ बताया जाएगा कि इस दौरान क्या करें और क्या नहीं।
इसी के साथ ही मॉक ड्रिल का आयोजन भी किया जाएगा। बच्चों को आपदा प्रबंधन योजना बनाने के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को संपूर्ण प्रशिक्षण सामग्री दी जाएगी और उनसे गृहकार्य के तहत आपात स्थिति में जोखिम की पहचान करने और उसके प्रभाव को कम करने के बारे में कहा जाएगा।

Friday, May 15, 2015

सत्ता की रेवड़ी

महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी के सत्ता में आने के छह महीने बाद साथी दलों को 'सत्ता की रेवड़ी' नसीब हुई है। साथी दलों ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करके 'महायुति' गठबंधन छोड़ने की धमकी दी थी। गुरुवार को इस चेतावनी का असर होता दिखाई दिया। मुख्यमंत्री तड़के चीन की यात्रा पर निकल गए। इससे पहले बुधबार को उन्होंने साथी दल की पहली नियुक्ति के आदेश जारी करवाए। उनके रवाना होने के बाद सरकारी आदेश औपचारिक तौर पर जारी किया गया।
सबसे ज्यादा नाराज चल रहे साथी दल 'स्वाभिमानी शेतकरी संगटना' को महाराष्ट्र स्टेट पॉवरलूम बोर्ड (यंत्रमाग महामंडल) का अध्यक्ष पद दिया गया है। पार्टी अध्यक्ष राजू शेट्टी ने खेद व्यक्त किया था कि सत्ता में कोई हिस्सेदारी देना जरूरी नहीं समझा गया। उनकी पार्टी के युवाध्यक्ष रवि तपकीर को इस बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। तपकीर को पिछले साल तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार के खिलाफ आक्रामक आंदोलन चलाने के लिए 'तड़ीपार' कर दिया गया था। बाद में एक सरकारी अफसर ने यह आदेश रद किया था।

इस घटना के बाद बाकी बचे नाराज साथी दलों के कार्यकर्ताओं में भी उम्मीद की किरण बंधी है। जहां तक नेताओं का हाल है, वे मंत्रिमंडल में स्थान पाने की आशा लगाए बैठे हैं। वे पहले दिए गए आश्वासन गिना रहे हैं। अठावले ने तो चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री पद और सरकार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी दिए जाने का दावा किया था। हालांकि उनका एक भी विधायक चुनकर नहीं आया। यही हाल स्वाभिमानी संगटना का भी हुआ। बीजेपी और शिवसेना के बीच हुए समझौते के अनुसार, 60 प्रतिशत पद बीजेपी और 30 प्रतिशत शिवसेना को देने पर सहमति होने की खबर है।
इसे सही माना जाए तो तीनों साथी दलों को 10 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलनी है। तीसरे साथी विनायक मेटे की पार्टी से ताल्लुक रखने वाली भारतीताई लव्हेकर मुंबई की वरसोवा सीट से निर्वाचित हुई हैं। लेकिन उन्होंने नामांकन 'कमल' चुनाव चिह्न पर बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार को तौर पर लड़ा था। मेटे एक लंबे अर्से से विधान परिषद सदस्य रहे हैं। अभी यह देखना बाकी है कि साथी दल 'सत्ता की रेवड़ियों' से कितना संतुष्ट हो पाता है? क्या विधायक पद और मंत्री दर्जा पाए बिना ये दल वास्तव में संतुष्ट होंगे?

Thursday, May 14, 2015

ठोस आश्वासन के बजाए विरोध न करने की नसीहत लेकर खाली हाथ लौट आए

कोंकण में बनाए जा रहे जैतापुर परमाणु रिऐक्टर के खिलाफ शिवसेना सांसदों ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। लगभग 10 मिनट तक चली इस मुलाकात में शिवसेना सांसदों ने जैतापुर प्रॉजेक्ट को पर्यावरण के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि जिस इलाके में रिऐक्टर बनाया जा रहा है वह पहले ही भूकंप के हिसाब से खतरनाक जोन में है। पीएम से मुलाकात करने वालों में 12 शिवसेना सांसदों के अलावा आरपीआई के रामदास आठवले भी शामिल थे।
जैतापुर परमाणु परियोजना का विरोध करने पीएम के पास गए शिवसेना सांसद इस मुद्दे पर पीएम से किसी ठोस आश्वासन के बजाए विरोध न करने की नसीहत लेकर खाली हाथ लौट आए। पीएम मोदी ने शिवसेना सांसदों से कहा कि वे जैतापुर का विरोध न करें। उन्होंने शिवसेना सांसदों को यह भी नसीहत दी कि जैतापुर प्रॉजेक्ट के कारण देश में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश होगा। पीएम ने कहा कि जैतापुर प्रॉजेक्ट का विरोध करने का मतलब विकास का विरोध करना है।
18 सांसदों वाली अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसदों को पीएम मोदी ने बड़े ही सस्ते में टरका दिया। सांसदों को टरकाने के लिए मोदी ने कहा कि वे परमाणु विशेषज्ञ नहीं हैं इसलिए उनके विरोध के मुद्दों को वे संबंधित मंत्रालय और विशेषज्ञों को भेज देंगे। जबकि सबको मालूम है कि अनिल काकोडकर से लेकर ज्यादातर परमाणु विशेषज्ञ पहले से ही जैतापुर परमाणु प्रॉजेक्ट के समर्थन में हैं। खुद मोदी हाल ही में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान इस प्रॉजेक्ट के लिए फ्रांस की एक कंपनी अरेवा के साथ समझौता करके लौटे हैं।
जैतापुर परमाणु परियोजना का विरोध कर रही शिवसेना का कहना है कि 10 हजार मेगावॉट परमाणु ऊर्जा वाली इस परियोजना के कारण होने वाले रेडिएशन से कोकण की धान की खेती, फलों के बाग, मच्छीमारी जैसे व्यवसाय तो प्रभावित होंगे ही, इससे लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ेगा। शिवसेना का यह भी कहना है कि कोकण भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र है और यहां परमाणु संयत्र लगाना खतरनाक हो सकता है।

शिवसेना भले ही लंबे समय से इस परियोजना का विरोध कर रही है लेकिन उसका विरोध किसी काम का नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री फडणवीस पहले ही कह चुके हैं कि इस परियोजना का काम इतना आगे बढ़ गया है कि अब इससे पीछे नहीं हटाया जा सकता।

Wednesday, May 13, 2015

किसानों के आक्रोश को निमंत्रण न दे और न ही उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करे

शिवसेना ने बीजेपी को नसीहत दी है कि वह प्राकृतिक आपदाओं और आत्महत्याओं का दंश झेल रहे किसानों के आक्रोश को निमंत्रण न दे और न ही उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करे।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि हम बेशक केंद्र और राज्य में बीजेपी के सहयोगी हैं, लेकिन हम बीजेपी के सामने झुकने वाले नहीं हैं। जब कभी जरूरत होगी हम लोगों के हित में आवाज उठाएंगे। शिवसेना ने किसानों के हितों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वे 2014 के चुनाव के दौरान किसानों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार से टक्कर लेने से भी नहीं चूकेगी।

पार्टी ने खुलासा किया है कि जब शिवसेना के सांसद अनिल देसाई ने राज्यसभा में किसानों की आत्महत्या का प्रश्न उठाया तो परेशान करने वाला जवाब सामने आया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बार-बार दावा करते हैं कि उन्होंने बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों की सहायता के लिए केंद्र से मांग की है, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का जवाब मुख्यमंत्री के दावे को झुठलाता है।
गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों की मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार से किसी तरह का प्रस्ताव मिलने से इनकार किया है। शिवसेना ने बीजेपी से पूछा है कि कौन है जो किसानों की जिंदगी से खेल रहा है? राज्य के कृषि मंत्री एकनाथ खडसे कह रहे हैं कि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने जो कहा वह गलत है। दोनों मंत्री एक-दूसरे को झूठा करार देने का प्रयास कर रहे हैं तो फिर सच कौन बोल रहा है? शिवसेना ने कहा कि जब भी कभी कोई प्राकृतिक आपदा आती है, सरकार उनके लिए तुरंत सहायता की घोषणा करती है, लेकिन असल प्रश्न यह है कि क्या वह मदद उन तक पहुंचती भी है, जिनके लिए इसे जारी किया गया है।

Monday, May 11, 2015

कालबा देवी में एक इमारत में आग

साउथ मुंबई के बिजनेस हब कालबा देवी में शनिवार की शाम एक इमारत में आग लग गई। आग को बुझाने की कोशिश में दमकल विभाग के 2 अफसरों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस हादसे में दमकल विभाग के 2 अन्य कर्मचारी भी घायल हुए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कालबा देवी इलाके की गोकुल निवास नामक 4 मंजिला रिहायशी इमारत में लगी आग को बुझाने के लिए दमकल विभाग की टीम को बुलाया गया था। आग बुझाने की कोशिश में मुंबई फायर ब्रिगेड टीम के 2 कर्मचारी जान से हाथ धो बैठे। हादसे में अडिशनल फायर ऑफिसर संजय वामन राणे और स्टेशन ऑफिसर महेंद्र देसाई की आग से मौत हो गई।

इसके अलावा मुंबई फायर ब्रिगेड के चीफ सुनील नेसीरकर और डेप्युटी चीफ ऑफिसर सुधीर अमीन इस हादसे में घायल हो गए। इनकी हालक अब भी नाजुक है। इन दोनों को नवी मुंबई के एरोली में नैशनल बर्न सेंटर अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है। आग लगने के कारणों की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
कालबा देवी इलाके में ये हादसा शनिवार की शाम 4 बजे के आसपास हुआ था। इमारत में लगी आग इतनी ज्यादा फैल गई थी कि उसे बुझाने के लिए दमकल विभाग की 8 गाड़ियां 6 घंटे से ज्यादा समय तक मशक्कत करती रहीं। आधी रात के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इमारत में आग लगने के कुछ घंटों बाद ही इमारत ढह गई थी।

Friday, May 8, 2015

दुखों को दूर करने के लिए वरजिन लड़कियां मांगता था

थाणे पुलिस ने एक ऐसे बाबा को गिरफ्तार किया है जो दुखों को दूर करने के लिए वरजिन लड़कियां मांगता था । इस बाबा पर 22 नाबालिग लड़कियों का रेप करने का आरोप है। यह बाबा गरीब और संघर्ष कर रहे परिवारों से दुख और संकट दूर करने के नाम पर उनके बच्चों से रेप करता था
पुलिस ने 42 साल के LIC एजेंट और तांत्रित होने का दावा करने वाले विजय तोंबरे के बारे में जानकारी मिलने के बाद उसे अरेस्ट किया। इस दौरान पुलिस ने घर से 15 साल की एक लड़की को भी छुड़ाया। पुलिस ने बताया है कि तोंबरे शहर में कई जगहों पर अपने एजेंट तैनात करता था, जो उसे गरीब परिवारों के बारे में बताते थे।

पुलिस ने बताया है कि तोंबरे की ज्यादातर मेसेंजर महिलाएं होती थीं। ये महिलाएं लोगों को तोंबरे की 18 सालों से समाजसेवा की फर्जी कहानियां सुनाकर अपने जाल में फंसाती थीं। शिकारों के सामने नकली परिवारों को भी पेश किया जाता था, जो तोंबरे की जादुई शक्तियों के बारे में उन्हें बताते थे। थाणे क्राइम ब्रांच का कहना है कि उन्हें तीन महीने पहले तोंबरे के बारे में जानकारी मिली थी। तब उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की गई थी, पर वह बच निकला था। इस बार पुलिस ने अपने एक इन्फॉर्मर को परेशान बिजनसमेन बनाकर तोंबरे के पास भेजा, जिसने काफी नुकसान होने का ढोंग किया। तोंबरे ने कहा कि उसके दुखों का अंत तभी हो सकता है, जब वह उसे एक वरजिन लड़की लाकर अर्पित करे। तोंबरे ने कहा कि उसके शरीर में एक ताकतवर आत्मा आएगी और लड़की के साथ सेक्स करेगी। आरोपी का कहना था कि वह जितनी बार उस वरजिन लड़की से संबंध बनाएगा उतना ही उसके परिवार के दुखों में कमी आएगी।
जैसे ही तोंबरे ने लड़की को कमरे में बंद किया तो इन्फॉर्मर ने पुलिस को इशारा कर दिया और पुलिस उसके फ्लैट में घुस गई और लड़की को बचा लिया। पुलिस ने तोंबरे की मुख्य सहयोगी जानकी हिंडाले को भी अरेस्ट किया है। पुलिस ने कहा है कि आरोपी पर पॉस्को ऐक्ट और ऐंटी-ब्लैक मैजिक ऐक्ट की धाराएं लगाई गई हैं।

Wednesday, May 6, 2015

जस्टिस डी.डब्ल्यू. देशपांडे का तबादला सतारा कर दिया गया

साल 2002 के कुख्यात 'हिट ऐंड रन' केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस डी.डब्ल्यू. देशपांडे का तबादला सतारा कर दिया गया है। इस केस में मुख्य आरोपी बॉलिवुड स्टॉर सलमान खान हैं और उन पर आरोप है कि 28 सितंबर, 2002 की रात उनकी कार बांद्रा वेस्ट में एक बेकरी में घुस गई थी जिससे वहां फुटपाथ पर सो रहे लोगों में से 1 की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए थे।
अब इस केस में 6 मई को श्री देशपांडे अपना फैसला देंगे। इस केस से जुड़ी अडवोकेट आभा सिंह का कहना है कि इस ट्रांसफर से इस केस में जज श्री देशपांडे के फैसले का असर नहीं होगा, क्योंकि उनके ही कोर्ट में ट्रॉयल हुआ है इसलिए फैसला होने तक वे यहीं बने रहेंगे।
बॉम्बे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रॉर जनरल मंगेश पाटील के अनुसार मई के दूसरे सप्ताह में कोर्टों में छुट्टियां रहेंगी और फिर जून में कोर्ट खुलेंगे। उसी के बाद देशपांडे सतारा में नया पदभार संभालेंगे। जानकारों का कहना है कि यदि सलमान खान इस केस में दोषी पाए गए तो उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है।

उधर, सलमान खान को दोषी ठहराने और कितने साल की सजा उन्हें हो सकती है, पर बड़े पैमाने पर सट्टा खेला जा रहा है।

Tuesday, May 5, 2015

बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान दोषी करार दिए गए

2002 हिट ऐंड रन केस में बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान दोषी करार दिए गए हैं। मुंबई की सेशंस कोर्ट के जज डी.डब्ल्यू देशपांडे ने अपने फैसले में यह मान लिया है कि सलमान हादसे की रात शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे। कोर्ट ने कहा कि सलमान पर 10 साल की सजा बनती है आप क्या कहते हैं?
कोर्टरूम में जज ने सलमान से पूछा कि आपके ऊपर लगे तमाम आरोप सही साबित हो रहे हैं और आपके ऊपर 10 साल की सजा बनती है, आपका क्या कहना है? सजा पर जिरह अभी जारी है। बता दें कि सलमान कोर्ट परिसर में हंसते हुए पहुंचे थे लेकिन विटनेस बॉक्स में पहुंचते ही उनके चेहरे के हाव-भाव बदल गए थे। बाहर खड़े उनके भाई अरबाज-सोहेल भी परेशान दिखाई दे रहे थे। सलमान के पास लाइसेंस न होने, शराब पीने और ड्राइविंग करने के आरोप को कोर्ट ने जैसे ही सही माना, अरबाज और सोहेल भी परेशान हो उठे।
इन तीनों जुर्म पर 10 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन अगर सलमान को 3 साल की सजा होती है तो उन्हें बेल मिल सकती है। तीन साल से ज्यादा की सजा होने पर बेल सेशंस कोर्ट के जज के अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात होगी। ऐसे में उन्हें आज ही जेल जाना होगा। हाई कोर्ट से बेल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वह बाहर आ सकेंगे।
वहीं, फैसले से पहले सलमान ने कोर्ट पहुंचने से पहले मां-पिता से गले लगकर आशीर्वाद लिया। उनके परिवार में प्रार्थना का दौर भी शुरू हुआ। सिक्यॉरिटी के मद्देनजर सेशंस कोर्ट में पुलिस की भारी तैनाती की गई। उपनगर बांद्रा में गैलक्सी अपार्टमेंट स्थित सलमान के घर में उनके परिवार के सदस्य-मां सलमा, भाई-अरबाज और सोहेल खान, बहन-अलवीरा और अर्पिता बीती रात से सलमान के लिए दुआ करते रहे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि सलमान की मां भी बीते कुछ दिनों से मंदिरों में प्रार्थना कर रही थीं।
सलमान मंगलवार को ही जम्मू-कश्मीर से वापस आ गए जहां वह अपने प्रॉडक्शन की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की शूटिंग कर रहे थे। यह फिल्म जुलाई में रिलीज होनी है। मंगलवार रात से ही उनके घर सितारों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान ने भी सलमान के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। दोनों के बीच डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई।
शाहरुख के अलावा, फैसले से पहले सलमान की बहन अर्पिता, उनके दोनों भाई-अरबाज और सोहेल खान और कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी भी आज सुबह उनसे मिले। इसके अलावा सोहा अली खान, निर्देशक डेविड धवन, सलमान के जीजा अतुल अग्निहोत्री भी तड़के उनसे मिलने उनके घर पहुंचे और शुभकामनाएं दीं।
सूत्रों ने बताया कि सलमान मंगलवार शाम घर पहुंचे और अपने परिवार के साथ वक्त गुजारा था।


Monday, May 4, 2015

'हिट ऐंड रन' केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस डी.डब्ल्यू. देशपांडे का तबादला

साल 2002 के कुख्यात 'हिट ऐंड रन' केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस डी.डब्ल्यू. देशपांडे का तबादला सतारा कर दिया गया है। इस केस में मुख्य आरोपी बॉलिवुड स्टॉर सलमान खान हैं और उन पर आरोप है कि 28 सितंबर, 2002 की रात उनकी कार बांद्रा वेस्ट में एक बेकरी में घुस गई थी जिससे वहां फुटपाथ पर सो रहे लोगों में से 1 की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए थे।
अब इस केस में 6 मई को श्री देशपांडे अपना फैसला देंगे। इस केस से जुड़ी अडवोकेट आभा सिंह का कहना है कि इस ट्रांसफर से इस केस में जज श्री देशपांडे के फैसले का असर नहीं होगा, क्योंकि उनके ही कोर्ट में ट्रॉयल हुआ है इसलिए फैसला होने तक वे यहीं बने रहेंगे।
बॉम्बे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रॉर जनरल मंगेश पाटील के अनुसार मई के दूसरे सप्ताह में कोर्टों में छुट्टियां रहेंगी और फिर जून में कोर्ट खुलेंगे। उसी के बाद देशपांडे सतारा में नया पदभार संभालेंगे। जानकारों का कहना है कि यदि सलमान खान इस केस में दोषी पाए गए तो उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है।
उधर, सलमान खान को दोषी ठहराने और कितने साल की सजा उन्हें हो सकती है, पर बड़े पैमाने पर सट्टा खेला जा रहा है