Thursday, May 21, 2015

बेस्ट की बसों के यात्रियों की संख्या करीब ढाई लाख तक कम

बेस्ट प्रशासन ने आर्थिक स्थिति संवारने के लिए साल में दो बार बस के किराए में बढ़ोतरी की। एक अप्रैल से एक रुपये की बढ़ोतरी करने के बाद से एक मई तक यानी कि एक महीने में बेस्ट की बसों के यात्रियों की संख्या करीब ढाई लाख तक कम हुई है। फिलहाल बेस्ट बस यात्रियों की संख्या 29 लाख 50 हजार है, जबकि एक महीने पहले यह संख्या करीब 32 लाख थी।
बेस्ट समिति के सदस्य रवि राजा ने कहा कि बेस्ट में आपसी तालमेल की कमी है। बेस्ट परिवहन विभाग को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन के पास सही प्लानिंग नहीं है। इस कारण बेस्ट की आर्थिक स्थिति बदतर हो रही है। स्थिति सुधारने के लिए बेस्ट के सभी सदस्यों समेत अधिकारियों को मिलकर काम करने की जरूरत है।
बेस्ट समिति के सदस्य शिवजी सिंह ने कहा कि किराया बढ़ोतरी के बाद बस यात्रियों की संख्या में कमी आई है। इस कारण कई रूट की बसें बंद कर दी गईं। आर्थिक मजबूती के लिए रूट बढ़ाने की जरूरत है। बेस्ट को आर्थिक संकट से उबारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
बस के किराए में दो बार बढ़ोतरी होने से यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है। लेकिन जून से टैक्सी, रिक्शा के किराए में भी एक रुपये की बढ़ोतरी होने वाली है। इससे बस यात्रियों की संख्या फिर बढ़ सकती है।
बीजेपी ने बेस्ट प्रशासन के खिलाफ श्वेतपत्रिका निकालने की मांग की है। पार्टी के गटनेता मनोज कोटक के मुताबिक, बेस्ट के जनरल मैनेजर के लिए बेस्ट की आर्थिक स्थिति की पूरी जानकारी स्थायी समिति के समक्ष पेश करना अनिवार्य है। साथ ही बार-बार बीएमसी द्वारा बेस्ट को दी जा रही आर्थिक मदद का इस्तेमाल उन्होंने कहां, कब और कैसे किया, इसका लेखाजोखा भी दिया जाना चाहिए।
इस मुद्दे पर प्रशासन को श्वेतपत्रिका जारी करनी चाहिए। कुछ नगरसेवकों ने बेस्ट को टोल मुक्त करने, विदेशों की तर्ज पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सब्सिडी देने, यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए किराया कम करने आदि की भी मांग की।

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