Monday, June 28, 2010
मुलाकात में कोई राजनीति नहीं
Thursday, June 24, 2010
बिहार में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी
बिहार में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले बिहार के लाखों लोगों को रिझाने और कांग्रेस की ओर मोड़ने की मुहिम के तहत महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में बाकायदा एक विशेष कमिटी बनाई है। इस चुनाव कमिटी का गठन गांधी भवन, नरीमन पॉइंट स्थित पार्टी कार्यालय में महाराष्ट्र कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल द्वारा आयोजित बैठक में किया गया, जिसमें मूलत: बिहार के रहने वाले कांग्रेसियों ने भारी संख्या में भाग लिया। अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष हुसैन दलवई तथा उपाध्यक्ष फारूक आजम ने मतदाताओं में विश्वास जगाने के लिए महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक को बिहार के चुनाव का प्रभारी बनाने की सोनिया गांधी की पहल का स्वागत किया। माणिकराव ठाकरे ने किसान सेल के उपाध्यक्ष एवं बिहार प्रवासी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बलवंत शास्त्री के सुझाव को स्वीकार करते हुए घोषणा की कि महाराष्ट्र से कम से कम पांच लोगों को बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट देने का पार्टी हाईकमान से आग्रह करेंगे। महाराष्ट्र कांग्रेस महासचिव महादेव शेलार को विशेष चुनाव कमिटी का संयोजक बनाया गया है जबकि इसके सात सदस्य होंगे फारूक आजम, मौलाना बुनई नईम हसनी, डॉ. बलवंत शास्त्री, रेणु राय, अली खान, अब्दुल वहीद मुखिया और सुशांत पाठक। इन्हें महाराष्ट्र के बिहारी बहुल जिलों का दौरा कर कांग्रेस के पक्ष में जनमत तैयार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
Tuesday, June 22, 2010
बीजेपी ने शिवसेना के प्रति कड़ा रुख अपनाने का निर्णय
Thursday, June 17, 2010
6 जून को कुर्ला से 8 साल की नुसरत खुर्शीद आलम शेख गायब
6 जून को कुर्ला से 8 साल की नुसरत खुर्शीद आलम शेख गायब हो गई थी। 11 दिन बाद भी उसे ढूंढ पाने में नाकाम रही पुलिस के पास अपने बचाव के लिए शायद कई बहाने हों, लेकिन विभाग के खाते में नाकामियों की (महज गुमशुदा बच्चियों के मामले में) एंट्री इतनी ज्यादा है कि आम आदमी की रूह कांप जाए। एनबीटी द्वारा मुंबई पुलिस से हासिल जानकारी के मुताबिक, शहर में हर साल करीब 1,800 लड़कियां (18 वर्ष से कम) गुम हो जाती हैं। इनमें से 15-20 प्रतिशत को पुलिस कभी ढूंढ नहीं पाती (देखें टेबल)। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद बच्चियों के मां-बाप हर रोज पुलिस स्टेशन का चक्कर लगाते हैं, इस आस में कि शायद उनकी लाड़ली का कोई सुराग पुलिस को मिला हो...और महीनों चक्कर लगाकर वे समझ जाते हैं कि अब पुलिस नहीं, उनके जिगर के टुकड़े को भगवान ही ढूंढ सकता है। एनबीटी को मिली जानकारी के अनुसार, इन बच्चियों में से अधिकतर देह व्यापार गिरोह के हत्थे चढ़ जाती हैं तो कुछ ऑर्गन ट्रांसप्लांट का अवैध कारोबार करनेवालों के हाथों। छोटी बच्चियों को भिखारी गिरोह भी बरगलाकर ले जाते हैं। लड़कियों के बैकग्राउंड की पड़ताल किए जाने पर पता चला है कि इनमें से अधिकतर स्लम्स से हैं खासकर ऐसे परिवारों से जो बाहर से आकर यहां बसे हैं। लापता लड़कियों में से कुछ मां-बाप से लड़कर तो कुछ विकट परिस्थितियों से घबराकर घर से चली गईं। वहीं कुछ को पहचानवालों-कम-दलालों ने लालच देकर उठा लिया गया। एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) देवेन भारती का तर्क है कि कुछ अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ भाग जाती हैं तो कुछ को नौकरी का लालच देकर भगाया जाता है। और नेहरूनगर की नुसरत जैसी कमउम्र लड़कियां? भारती इन केसों को 'रेयर' करार देते हैं। भारती ने स्वीकारा कि इनमें से अधिकतर भिक्षावृत्ति और देह व्यापार के धंधे में पहुंचा दी जाती हैं। बकौल भारती 'कई लड़कियां हमने रेड लाइट एरिया से ट्रेस की हैं। अंगों के अवैध कारोबार में भी इनके इस्तेमाल की जानकारी मिली है, लेकिन ऐसा वयस्कों के साथ ज्यादा होता है।' रेड लाइट एरिया से छुड़वाई गई लड़कियों के लिए काम करनेवाले एनजीओ 'प्रेरणा' की प्रमुख प्रीति पाटकर कहती हैं, 'जो आंकड़े पुलिस के पास हैं, वे हकीकत से काफी कम हैं। मुंबई, पुणे और ठाणे को छोड़ दें, तो बाकी शहरों में पुलिस वही टका सा जवाब देती है-'बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई होगी।' यानी मामला गंभीर है। और पुलिस के पास इन बच्चियों को खोजने के अलावा भी कई काम हैं। तो क्या इन बच्चियों और उनके घरवालों की सिसकियां कोई नहीं सुनेगा?
Tuesday, June 15, 2010
'साहेब' मराठी हृदयसम्राट
Wednesday, June 9, 2010
34 वर्षीय सुष्मिता ने अकरम के साथ अपने रोमांस और शादी की योजना संबंधी अफवाहों को खारिज कर दिया
लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तानी क्रिकेटर से शादी करने नहीं जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पूर्व मिस यूनिवर्स और अकरम के बीच करीब दो साल पहले एक टेलिविजन चैनल पर रिऐलिटी शो की मेजबानी करने के बाद नजदीकियां बढ़ गई हैं। अकरम कोलकाता नाइटराइडर्स के गेंदबाजी कोच हैं और अभी भारत में ही हैं। हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में अकरम की पत्नी हुमा की मृत्यु हो जाने के बाद यह भी खबरें उड़ीं कि उनका रोमांस और मजबूत हो गया है और दोनों शादी कर सकते हैं। हाल में दोनों को कथित तौर पर एक साथ देखा गया था और उन्होंने एक साथ शाम बिताई थी। 34 वर्षीय सुष्मिता ने अकरम के साथ अपने रोमांस और शादी की योजना संबंधी अफवाहों को खारिज कर दिया है। एक प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लेने आईं सुष्मिता ने यहां कहा, 'यह सच नहीं है। मैं शादी करने नहीं जा रही हूं। वसीम बेहद अच्छे इंसान हैं। भगवान उनका भला करे।' सुष्मिता अपने काम से ज्यादा अपने निजी जीवन की वजह से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती रही हैं। लेकिन उन्होंने हाल में ही कहा था कि वह अकेली हैं। उन्होंने उन खबरों का खंडन किया था कि वह 'दूल्हा मिल गया' फिल्म के निर्देशक मुदस्सर अजीज के साथ संबंध विच्छेद के बाद अपने पूर्व प्रेमी मानव मेनन के पास लौट गई हैं।
Sunday, June 6, 2010
दसवीं कक्षा के छात्रों को 8 जून को परीक्षा के नतीजे
दसवीं कक्षा के छात्रों को 8 जून को परीक्षा के नतीजे बताने के लिये मुंबई विभागीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) इस साल विशेष पहल करने जा रही है। यह पार्टी मुंबई के सभी 36 विधानसभा क्षेत्रों में 36 साइबर सेवा मुफ्त में मुहैया कराने जा रही है जहां दसवीं कक्षा के छात्र मार्च में लिए गए परीक्षा के नतीजे जान सकते हैं। इस सुविधा को मुहैया कराने वाले मुंबई एनसीपी के अध्यक्ष नरेंद्र वर्मा ने बताया कि अब तक 28 से 30 साइबर सेंटर वालों से उनकी बातचीत हो चुकी है और एक-दो दिनों में सभी 36 केंद्रों पर यह सुविधा मुहैया करा दी जाएगी। जिस दिन दसवीं कक्षा के नतीजे निकलेंगे उस दिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक छात्र एनसीपी द्वारा मुहैया कराए गये साइबर सेंटर पर नतीजे देख सकते हैं। छात्रों की मदद के लिए प्रत्येक साइबर सेंटर पर एनसीपी के तालुका अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी उपलब्ध होंगे। साथ ही एक एसईओ भी होगा जो छात्रों को साइबर सेंटर से दिए गए सीट पर हस्ताक्षर करने के साथ साथ स्टैंप व मुहर लगाएंगे जिससे छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रवेश लेने के लिए दरबदर भटकना नहीं पड़े।