Monday, June 30, 2014

मुंबई में हर दिन 6500 मीट्रिक टन से अधिक कचरा निर्माण

भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) की 'निसर्गऋण' परियोजना की तर्ज पर बीएमसी भी कचरे से गैस बनाने पर विचार कर रही है। प्रशासन ने सभी 24 वॉर्डों में परियोजना को वास्तविक रूप देने के लिए जगह तलाशने का काम शुरू कर दिया है। 'निसर्गऋण' को साकार बनाने के लिए बीएमसी दूसरी संस्थाओं से भी मदद ले रही है। कचरे के डंपिंग की समस्या से जूझ रही बीएमसी को परियोजना से काफी हद तक नियंत्रण पाने में कामयाबी मिलेगी।
मुंबई में हर दिन 6500 मीट्रिक टन से अधिक कचरा निर्माण होता है। मुलुंड और देवनार डंपिंग ग्राउंड तक शहर के कोने-कोने से कचरा ले जाने में बीएमसी को करोड़ों रुपये खर्च करती है। इन सब के बावजूद कचरे की समस्या कम नहीं हो रही है। डंपिंग ग्राउंड भी अपने क्षमता के करीब पहुंच गए हैं। एमएनएस नगरसेवक गटनेता दिलीप लांडे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से मुंबई में उत्पन्न होनेवाले कचरे से गैस बनाने के योजना पर काम करने की मांग की थी।

Thursday, June 26, 2014

आखिरकार म्हाडा के घरों की लॉटरी निकली

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार म्हाडा के घरों की लॉटरी निकाली गई। इसमें मुंबई तथा कोकण बोर्ड के 2641 घरों में से वैसे कुल 2641 घरों के लिए लॉटरी में आवेदन मंगाए गए थे लेकिन 52 घर मुख्यमंत्री कोटे में आरक्षित हैं। बांद्रा वेस्ट में आयोजित लॉटरी के लिए पब्लिक भी बड़ी संख्या में उपस्थिति थी। लॉटरी में निकाले गए घरों में से 1791 घर कोकण मंडल के वहीं, 798 घर मुंबई बोर्ड के थे। लॉटरी में असफल हुए उम्मीदवारों के लिए म्हाडा ने अगले साल फिर 3000 घरों की लॉटरी निकालने की घोषणा की है। इससे घरों की तलाश में लगे लोगों को मौका मिल सकेगा। गौरतलब है कि म्हाडा के घरों की डिमांड काफी ज्यादा रहती है। इसलिए हर साल बड़ी संख्या में लोग इन घरों के लिए आवेदन करते हैं।
म्हाडा के घरों के लिए मुंबई बोर्ड में 84108 लोगों ने वहीं कोकण बोर्ड में 9000 से अधिक लोगों ने अप्लाई किया था। म्हाडा आने वाले समय में भी अफॉर्डेबल घरों की लॉटरी निकालती रहेगी। कोकण बोर्ड के घरों की ऊंची कीमतों के चलते यहां काफी कम लोगों ने अप्लाई किया था। कई कैटिगिरी ऐसी भी रही जहां पर कोई आवेदन नहीं था। ऐसे में, उन्हें दूसरी कैटिगिरी के लोगों को दिया जाएगा।

म्हाडा की लॉटरी जिन लोगों को नहीं मिल पाई है,उन्हें अगले 10 से 15 दिनों में से पैसे रिटर्न मिल जाएगा। डिपॉजिट के पैसे उन्हें बैंक अकाउंट में मिलेंगे। वहीं,लॉटरी लगे लोगों को कागजात जमा करने की प्रक्रिया शुरू होने में काफी समय लगेगा। अभी पिछले साल की लॉटरी वालों की प्रक्रिया चल रही है। म्हाडा के अधिकारी विनोद जगदाले को दूसरी बार लॉटरी लग गई। पिछली साल भी उन्हें लॉटरी लगी थी। उन्होंने अभी किसी भी घर का पजिशन नहीं लिया है। म्हाडा के अनुसार,उन्हें एक घर वापस करना होगा।
मलाड वेस्ट में भाड़े पर रहने वाले विशाल जाधव (21) को पहली बार आवेदन में ही बोरिवली में घर मिल गया। नौकरी करने वाले विशाल को उम्मीद भी नहीं थी कि लॉटरी लग जाएगी।

Monday, June 23, 2014

पहले से ही महंगाई की मार झेल लोगों पर मोदी कहर बनकर टूटे

रेल किराये में बेतहाशा वृद्धि से लोग दंग है। मोदी को वोट देने वाले आज कांग्रेस का गुणगान कर रहे हैं। लोकल ट्रेन हो या फिर बेस्ट की बस हो-सभी जगह रेल किराये में बढ़ोतरी की चर्चा है। अगर किसी ने मोदी सरकार का समर्थन कर दिया, तो उसकी खैर नहीं। मोदी समर्थकों की बोलती बंद करने के लिए कई लोग एक साथ बोल पड़ते हैं। लोग कहने लगे हैं कि मोदी को उन्होंने गुड गर्वनेंस के लिए वोट दिया था न कि नेताओं की चोरी और अधिकारियों की कमजोरी जनता पर लादने के लिए।
साथ ही चुनौती देते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में बताएंगे कि बेतहाशा किराया बढ़ाने के क्या मायने होते हैं। प्रतिदिन लोकल ट्रेन की यात्रा करने वाले लोग सरकार के निर्णय से बेहद खफा हैं। कभी मोदी की गुणगान करने वाले नरेंद्र भाई कहते हैं कि रेल यात्रियों को इतने बुरे का कतई अनुमान नहीं था। अंधेरी अंबावाडी के अवधेश यादव कहते हैं, पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हम लोगों पर मोदी कहर बनकर टूटे हैं। दुर्गा प्रसाद यादव का कहना है कि किराया बढ़ाने से हम लोगों के यात्रा खर्च में बेतहाशा वृद्धि हो गई है।
शनिवार को अंधेरी स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी नेता मुकेश शर्मा कहते हैं कि इतिहास में पहली बार रेल किराये में इतनी बढ़ोतरी हुई है। कांग्रेस भी केंद्र में थी, उसने इस तरह की किराये में बढ़ोतरी कभी नहीं की थी। कुर्ला के जाहिद अली खान कहते हैं कि रेलवे में मिस-मैनेजमेंट बहुत ज्यादा है जिस पर कंट्रोल कर घाटा कम किया जा सकता है। ऐसे में किराया बढ़ाने की नौबत नहीं आती।
वाशीनाका से सैयद महबूब कहते हैं कि मोदी ने अपने लिए अच्छे दिन ला दिए, जो जनता के बुरे दिन साबित हो रहे हैं। चेंबूर निवासी कुरबान अलीखान कहते हैं, रेल किराया बढ़ाए जाने से मुंबईकरों का बजट बिगड़ जाएगा। देश में मुंबई एकमात्र ऐसा शहर है जहां कदम-कदम पर लोग लोकल सेवा का उपयोग करते हैं। स्कूल, कॉलेज, नौकरी, रिश्तेदारों के यहां आने-जाने के लिए लोकल सेवा का ही उपयोग करते है। ऐसे में मोदी ने किराया बढ़ाकर हम सभी की जेब पर डाका डाला है।
 

Friday, June 20, 2014

संगठन का मुखिया बदलने की तैयारी

महाराष्ट्र में कांग्रेस का चेहरा बदलने की कोशिशें जारी हैं। देशभर में जहां कांग्रेस को भारी पराजय का मुंह देखना पड़ा है, उन आठ से दस राज्यों में संगठन का मुखिया बदलने की तैयारी बताई जा रही है। यह परिवर्तन अगले सप्ताह तक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस क्रम में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष पद से माणिकराव ठाकरे को भी हटाए जाने की चर्चा है। उनकी जगह पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें कांग्रेस वर्तुलों में चल रही थीं।
दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ए.के. एंटनी और अहमद पटेल ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। पवार के निवास स्थान पर घंटे भर चली बातचीत में महाराष्ट्र में नेतृत्व परिवर्तन पर भी बातचीत होने की चर्चा है। इधर, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदलने की भी अफवाहें पिछले कई दिनों से हवा में तैर रही हैं। इस सिलसिले में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का नाम उछाला जा रहा है।

Thursday, June 19, 2014

राज्यपाल पद से हटाए जाने के प्रयासों का विरोध

महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन केंद्रीय गृह सचिव द्वारा संदेश दिए जाने से संभवत: प्रसन्न नहीं हैं, लेकिन 'उपयुक्त प्राधिकार' द्वारा कहे जाने की स्थिति में वह पद छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।
राजभवन सूत्रों ने 82 वर्षीय शंकरनारायणन का हवाला देते हुए कहा, 'अगर कोई उपयुक्त प्राधिकार वाला व्यक्ति मुझे पद छोड़ने के लिए कहता है, तो मैं निश्चित रूप से इस पर विचार करूंगा।' उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने दो दिन पहले शंकरनारायणन से बात की थी।
सूत्रों ने कहा, 'केंद्रीय गृह सचिव ने 'पद छोड़ने के' संदेश के साथ दो दिन पहले राज्यपाल से बातचीत की। राज्यपाल ने कुछ मीडियाकर्मियों से बातचीत की और अपनी प्रतिक्रिया स्पष्ट की।'
शंकरनारायणन 22 जनवरी 2010 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। राष्ट्रपति द्वारा पांच साल का नया कार्यकाल प्रदान किए जाने के बाद उन्होंने दूसरी बार सात मई 2012 को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली थी।
नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में नियुक्त कुछ राज्यपालों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। कथित रूप से दबाव दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी. एल. जोशी ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था।
 

Tuesday, June 17, 2014

डीवाईएसपी रैंक के 67 अधिकारियों के ट्रांसफर

राज्य सरकार ने सोमवार को एसीपी और डीवाईएसपी रैंक के 67 अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए हैं। मुंबई के अलावा पुणे, नागपुर, नवी मुंबई और ठाणे में भी काफी स्थानांतरण हुए हैं।

जिन अधिकारियों को वापस मुंबई में पोस्टिंग मिली है, उनमें संजय कदम, अशोक कामथ, राजन घुले, शशिकांत भंडलकर, प्रशांत बगाडे, संजय रांगणेकर, प्रताप धरमशी के नाम प्रमुख हैं

Wednesday, June 11, 2014

महत्वपूर्ण फाइलें यहां से वहां और वहां से यहां घूमती रहती हैं

सरकार घोषणा पर घोषणा करती है, पर उन घोषणाओं को अमल में नहीं लाती। महत्वपूर्ण फाइलें यहां से वहां और वहां से यहां घूमती रहती हैं, पर काम नहीं होता, फैसले नहीं लिए जाते। इससे राज्य की सामान्य जनता हैरान है कि आखिर सरकार कर क्या रही है? सरकार का चेहरा साफ-सुथरा होने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि सरकार को नकारात्मक छोड़ सकारात्मक निर्णय लेंगे होंगे, अन्यथा आने वाले दिन इस सरकार के लिए अच्छे नहीं होंगे। यह खरी-खरी कोई और नहीं, बल्कि सरकार के विधायक ही सरकार को सुना रहे थे। उनका साथ विरोधी पक्ष चटखारे लेकर दे रहा था।
मंगलवार को विधानसभा में पूरक मांगों पर चर्चा की शुरुआत बाबा सिद्दीकी ने की। कांग्रेस के विधायक ने चर्चा शुरू करते हुए अपनी ही सरकार को घेरा। उस वक्त मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सदन में उपस्थित थे। बाबा ने सवाल उठाया कि सरकार का ऐसे ही कामकाज चलता रहा, तो निश्चित ही आने वाले दिन अच्छे नहीं होंगे। उन्होंने सरकार के निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठाया। पर्यावरण के नाम पर रोकी जा रही योजनाओं, गांवठान, एफएसआई जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय नहीं लिए जाने की शिकायत की। बाबा ने मुंबई में महंगे होते घर का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि मुंबई शहर में घर आम लोगों की पहुंच से बाहर चला गया है। मराठी माणुस को बाहर जाना पड़ रहा है। मराठी माणुस को बचाने की गुहार बाबा ने लगाई।
कांग्रेसी के सहयोगी दल एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने भी सरकार को घेरने में कोई कमी नहीं रखी। मलिक ने कहा कि विधान भवन में घोषित की गई योजनाओं को तीन महीने के भीतर अमल में लाना चाहिए, किंतु 20-20 साल बीत जाने के बाद भी प्रशासन निर्णय नहीं लेता। अधिकारी सरकार की घोषणा की गई योजनाओं पर ध्यान ही नहीं देते। मुंबई महानगर में एमएमआरडीए के कई सारे प्रकल्प 10-10 साल से चल रहे हैं, पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। मुंबई मेट्रो-2 का भूमिपूजन किए चार-पांच साल हो गए, पर अब तक काम शुरू नहीं हुआ है। मलिक ने कहा कि सरकार का कामकाज ऐसे ही चलता रहा, तो आने वाले दिन अच्छे नहीं होंगे। इनके अलावा मुंबई के अमीन पटेल सहित राज्य के कई विधायकों ने सरकार को घेरा।
विरोधी पक्ष नेता एकनाथ खडसे ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर आरोप लगाया कि एक लाख करोड़ रुपये का घोटाला करने वालों को मुख्यमंत्री बचा रहे हैं। पिछले तीन साल में भ्रष्टाचार के 103 मामले मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली गई है, जिसके कागजात भी मुख्यमंत्री को दे दिए गए हैं, पर मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे सिद्ध होता है कि उन भ्रष्टाचारियों के ऊपर मुख्यमंत्री का हाथ है। खडसे ने कहा कि राज्य पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। और भी कर्ज लेने पर विभागों को पैसा नहीं मिल रहा है।
खडसे ने एक-एक कर सरकार के घोटाले और भ्रष्टाचार सदन में रखे। खडसे के साथ-साथ बीजेपी के प्रकाश मेहता, सरदार तारासिंह, मंगलप्रभात लोढ़ा के अलावा शिवसेना के सुभाष देसाई, एनसीपी के बाला नांदगांवकर सहित अन्य विधायकों ने भी सरकार की कमजोर नस पर हाथ रखा।

Wednesday, June 4, 2014

वर्ली स्थित कैंपा कोला निवासियों की आखिरी उम्मीद टूट गई

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुनर्विचार याचिका खारिज करने के बाद वर्ली स्थित कैंपा कोला निवासियों की आखिरी उम्मीद टूट गई। कोर्ट ने निवासियों को अपने फ्लैट्स खाली करने का आदेश दिया और बीएमसी द्वारा होनेवाली तोड़क कार्रवाई को भी कायम रखा है।
बीएमसी प्रशासन ने भी कैंपा कोला कंपाउंड के अवैध फ्लैट्स को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। बीएमसी निवासियों को घर खाली करने के लिए नोटिस भेजनेवाली है। अडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर मोहन अड़तानी ने कहा, 'बीएमसी अधिनियम 488 के तहत निवासियों को फ्लैट्स खाली करने का आदेश दिया जाएगा। हमने निवासियों को घर खाली कर चाभियां सौंपने के लिए चार दिन का समय दिया था, लेकिन किसी ने भी चाभी नहीं दी।'
अड़तानी ने कहा, 'चूंकि कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया, इसलिए अवमानना के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया।' संभवत: अगले दो दिनों कार्रवाई शुरू कर देगी। इस बीच, तोड़क कार्रवाई के लिए बीएमसी की ओर से निकाले गए टेंडर को चौथी बार किसी ने भी नहीं भरा। अड़तानी ने बताया कि हम पुलिस सुरक्षा के लिए बात करेंगे। बीएमसी की ओर से तैयारी पूरी है और जिस दिन तोड़क कार्रवाई करनी होगी पुलिस को एक दिन पहले जानकारी दी जाएगी।