Tuesday, December 31, 2013

साकीनाका जंक्शन में जब्त- केटामाइन ड्रग्स

दो दिन पहले साकीनाका जंक्शन में जब्त की गई सात करोड़ रुपये कीमत की केटामाइन ड्रग्स की कहानी जलगांव से जुड़ी हुई है। साकीनाका में जब्त ड्रग्स केस में इंस्पेक्टर सतीश रावराणे और अब्दुल रऊफ ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया , जबकि जलगांव केस में डीआरआई ने छह लोगों को। जलगांव केस का मास्टरमाइंड विकास पुरी है। पुरी के साथ इस केस में जिन लोगों को अरेस्ट किया गया था, उनमें से एक वरुण तिवारी भी है, जबकि साकीनाका में जिन लोगों को पकड़ा गया, उनमें एक राम शिरोमणि पांडे है।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि पांडे और तिवारी दोनों एक दूसरे को काफी समय से जानते हैं। संयोग से दोनों पेशे से ड्राइवर हैं। पांडे मुंबई में डाक विभाग में ड्राइवर है और शिवडी में कार्यरत हैं, जबकि तिवारी विकास पुरी का ड्राइवर है। एम टेक की डिग्री लिए पुरी की जलगांव में एक बड़ी कंपनी हैं। पांडे ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसकी तिवारी से कुछ साल पहले पवई के पोस्ट ऑफिस में मुलाकात हुई थी।
यह संयोग नहीं है कि विकास पुरी भी मूल रूप से पवई के रहने वाले हैं, भले ही उनकी कंपनी जलगांव में हों। पर यहां बड़ा सवाल यह है कि तिवारी जब डाक विभाग में नौकरी नहीं करता, तो वह पवई पोस्ट ऑफिस तब क्यों गया था ? और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह कि जब पांडे की पोस्टिंग पवई में नहीं, शिवडी में थी, तो वह भी पवई क्यों गया था ? इसलिए मुंबई में जांच अधिकारी इस बात की छानबीन कर रहे हैं कि डाक पार्सल के जरिए तो कहीं ड्रग्स की सप्लाई नहीं हो रही थी।

Monday, December 30, 2013

आदर्श न्यायिक आयोग की रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर जारी की जानी चाहिए

आदर्श न्यायिक आयोग की रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर जारी की जानी चाहिए और इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। यह मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने की है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट का मराठी और हिंदी में अनुवाद भी नहीं कराया है जबकि महाराष्ट्र विधानसभा नियमों के अनुसार ऐसा किया जाना अनिवार्य है।
गलगली ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव (सेवा) भगवान सहाय को लिखा है कि महाराष्ट्र विधानसभा के नियमों के अनुसार हर रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने के पहले अंग्रेजी और हिंदी में तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के संबंध में राम प्रधान समिति की रिपोर्ट भी दोनों भाषाओं में तैयार की गई थी, लेकिन सरकार ने अब इस नियम की अनदेखी की है।

Friday, December 27, 2013

कार्रवाई नहीं -आंदोलन शुरु

अन्ना हजारे ने गुरुवार को सीएम पृथ्वीराज चव्हाण से ग्राम सभाओं को मजबूत करने और अधिकारियों के स्थानांतरण समेत अन्य विषयों पर कानूनों को उचित तरीके से लागू करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन शुरु करेंगे। हजारे ने कहा, 'समाज के हर स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार के कारण आम आदमी का जीना दूभर हो गया है।
राज्य की जनता ने 'जन आंदोलन' के जरिए सरकार पर ग्राम सभा को सशक्त करने, आधिकारिक जिम्मेदारी निभाने में देरी, अधिकारियों का तबादला और नागरिक संहिता पर कानून लागू करने के लिए दबाव बनाया था।' अन्ना ने सीएम को लिखे पत्र में लिखा है कि अच्छे कानून होने के बावजूद उनका क्रियान्वयन नहीं होना दुखद है।
वहीं एक अन्य खबर के मुताबिक सीएम पृथ्वीराज चव्हाण शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी सरकार के कामकाज पर 'प्रस्तुति' देंगे। इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस नीत राज्यों की सरकारों के कामकाज की समीक्षा का फैसला किया था।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चव्हाण पार्टी नेतृत्व को महंगाई, विदर्भ में पिछले सत्र के सूखे और फिर बाढ़ जैसे विषयों से निबटने की अपनी सरकार की स्थिति के बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि चुनावी नजरिये से ये मुद्दे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

Monday, December 23, 2013

विरोधियों पर किए गए तीखे कटाक्ष। मोदी के भाषणों का मुख्य आकर्षण बनकर उभरे

प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से नरेंद्र मोदी के भाषणों के मुद्दे, बोलने का अंदाज और भाव-भंगिमा, इन सभी में फर्क साफ नजर आने लगा है। अटल बिहारी वाजपेई की शैली में लिए गए 'पाज'। आरोह-अवरोह के उतार-चढ़ाव, जनता से सीधे संवाद की शैली और विरोधियों पर किए गए तीखे कटाक्ष। मोदी के भाषणों का मुख्य आकर्षण बनकर उभरे हैं।
मोदी के वक्तृत्व कौशल में सबसे बड़ी सुधार विषय-वस्तु के संयोजन में देखा जा सकता है। वे पहले से कहीं संयत भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। हर बार की तरह उनके प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी उनके निशाने पर हैं पर 'युवराज' का संबोधन तो दूर वाराणसी और अब मुंबई की रैलियों में वे उनका सीधा उल्लेख तक टालते दिखाई दिए हैं। 'कांग्रेस के एक बड़े नेता' के नए संबोधन में थोड़ा सा आदरभाव दिखाई देता है। हालांकि ये अदब ज्यादा देर नहीं ठहरता। 'दिल्ली में उपदेश देता है', 'बोलता एक है, करता दूसरा है'- वे 'आप' की तरफ जाने की बजाए 'तुम' से भी निचली दहलीज की बेतक्कलुफी पर उतर आते हैं। कम से कम तालियां तो यही साबित करती हैं, जनता को यह अच्छा लगता है।
हर बार की तरह मोदी ने मराठी में मुंबई के लोगों का अभिवादन कर रैली की शुरुआत की। कुछ वाक्य बिलकुल साफ-सुथरी मराठी में बोलने के बाद वे राष्ट्रभाषा हिंदी की तरह मुड़ जाते हैं। महाराष्ट्र की बड़ी हस्तियों को याद करते हैं और 1950 से पहले महाराष्ट्र और गुजरात एक ही राज्य का हिस्सा होने की दलील देते हैं। ध्यान रखते हैं कि दोनों राज्यों के गठन के समय की राजनीतिक तल्खी मामले को कहीं बिगाड़ न दे। पुराने संयुक्त राज्य को उसके वास्तविक 'बॉम्बे स्टेट' के नाम से पुकारने की बजाए उसे 'बृहद महाराष्ट्र्' का नया नाम देना पसंद करते हैं। महाराष्ट्र को गुजरात का बड़ा भाई बताना नहीं चूकते। 24 घंटे बिजली वाले गुजरात की तुलना 'अंधियारे' महाराष्ट्र से करते हैं। सिंचाई घोटाले से लेकर आदर्श घोटाले तक की मिसाल देते हैं।
हर बार इस दुर्दशा के लिए यहां का राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराने की सावधानी बरतते चलते हैं। तुलना में गुजरात कहीं बड़ा दिखाई देता है, वे जब यह कहते हैं, 'लेकिन भाइयो-बहनो... जब गुजरात अलग हुआ तब चर्चा होती थी कि राज्य प्रगति कैसे करेगा। पानी नहीं है, प्राकृतिक संपदा नहीं है, उद्योग नहीं हैं और इतना रेगिस्तान है और उधर पाकिस्तान है। लेकिन, अलग होने के बाद भी गुजरात ने विकास की ऊंचाइयों को छुआ है। इससे पहले भारी संख्या में जुटे भाषाई वर्ग को संभालते हुए मुंबई को गुजराती भाषा का मायका बताते हुए एक नया रिश्ता जोड़ चुके होते हैं।
भूमिका बांधते हुए कहते हैं कि 'कुछ लोगों के पेट में दर्द होता है, इसलिए आज गुजरात के बारे में नहीं बोलूंगा'। इसके बाद मध्य प्रदेश को 'बीमारू' राज्य से उबारने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चव्हाण की स्तुति करने लगते हैं। एमपी और छत्तीसगढ़ ने देश के अन्न भंडार भर दिए हैं, कहते हुए दोनों बीजेपी शासित प्रदेशों की गौरव बखान करते हैं। इसके बाद किसानों का आत्महत्या जैसे महाराष्ट्र के मसलों को जोड़ते ही विचार प्रवाह फिर गुजरात की ओर लौटने लगता है। तुलनात्मक अध्ययन का नया दौर शुरू हो जाता है। वे कहते हैं, गुजरात में 14 मुख्यमंत्री बने लेकिन यहां 26 मुख्यमंत्री बने। सोचिए यहां की राजनीति के तौर-तरीके कैसे होंगे। एक आता है तो दूसरा भगाने में लग जाता है। हमारे गुजरात और महाराष्ट्र में सीमा के दोनों तरफ चेक पोस्ट हैं। दोनों के रेट बराबर हैं। लेकिन महाराष्ट्र के बजाय गुजरात के चेकपोस्ट में टेक्नॉलजी की मदद से काम होता। गुजरात की इनकम अपने चेकपोस्ट से 1470 करोड़ है जबकि महाराष्ट्र की 437 करोड़। महाराष्ट्र सरकार बताए कि 1033 करोड़ रुपये कहां चले जाते हैं?
मोदी की चाय की दुकान की पृष्ठभूमि का मुद्दा जब से सपा नेता नरेश अग्रवाल ने उठाया है, तब से गंगा में काफी पानी बह चुका है। पटना रैली के पास चायवालों को बांटकर स्थानीय बीजेपी ने इस मुद्दा बना डाला। इसी सप्ताह वाराणसी की रैली में मोदी खुद मंच से गरजे- 'चाय बेची है, देश नहीं बेचा है'। मुंबई रैली में 10 हजार चायवालों को VIP पास दिए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी बोले, अब चायवाले VIP बन गए हैं। समय बदल रहा है, अब देश का हर गरीब VIP होगा'। मोदी एक छोटे से वर्ग को नई व्यापकता प्रदान कर चुके होते हैं। 'बेराजगार घूमता नौजवान' और उसकी नौकरी की राह ताकती 'बूढ़ी गरीब मां' -ऐसे पात्र हैं जिनके बिना मोदी का कोई भाषण पूरा नहीं होता। इन्हीं दोनों को समाहित करते हुए मोदी गुजरात में सिफारिश और घूस को दरकिनार करने वाली नई नियुक्ति तकनीक बताते हैं। वे कहते हैं- '30 हजार टीचर्स की भर्ती के लिए हमने इंटरव्यू नहीं लिया। हमने राज्य के युवाओं से अपनी जानकारी कंप्यूटर में फीड करने के लिए कहा। हमने युवाओं से उनके मार्क्स और क्वॉलिफिकेशन के बारे में पूछा। जिसकी क्वॉलिफिकेशन सबसे ज्यादा थी, कंप्यूटर की मदद से उन्हें चुना और उन्हें ऑफर लेटर भेज दिया।'
कांग्रेस पार्टी को वे देश की हर समस्या की जड़ बताते हैं। वे कहते हैं, कांग्रेस पार्टी का चरित्र जब तक हम नहीं समझेंगे, देश की समस्याओं का समाधान नहीं सूझेगा। देश की समस्याओं का कारण देश की जनता नहीं है। हमारी समस्याओं की वजह है कांग्रेस शासित सरकारें। इसलिए हमें कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करना होगा। साथ ही यह भी आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति में डूब कर समाज को तोड़ने और बांटने में जुटी हुई है। अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते कांग्रेस ने डिवाइड ऐंड रूल की पॉलिसी अपना ली है। नदियों के लिए लड़ाया जा रहा है लोगों को। पानी के बंटवारे को लेकर कई सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं लोग और केंद्र में बैठी सरकार को भाई को भाई से लड़ाने में आनंद आ रहा है। देश को वोट बैंक की राजनीति से उबारना होगा, तभी देश समस्याओं से मुक्त होगा। ठोस तर्क भी देते हैं और लोग सहमति में सिर हिलाते दिखाई देते हैं। वे जनता से पूछते हैं देश का काला धन कहां है। जवाब गूंजता है तो हलकी मुस्कान के साथ कहते हैं, जब देश का बच्चा-बच्चा जानता है, तो कांग्रेस क्यों कार्रवाई नहीं करती। कांग्रेसियों का काला पैसा स्विस बैंक में है, यह तर्क गले उतर जाता है।
 
वोट बैंक की राजनीति पर प्रहार करते समय वे वोटों के लिए मुस्लिमों को ठगाने का आरोप लगाते हैं। वे कहते हैं- कांग्रेस ने 90 जिले ऐसे चुने थे, जहां पर मुस्लिम ज्यादा हैं। ऐलान किया कि इन जिलों के विकास के लिए अलग बजट का प्रावधान किया जाएगा। हिंदुस्तान के मुस्लिम भाइयों को लगने लगा कि चलो अब कुछ भला होगा। अभी पार्ल्यामेंट में किसी ने पूछा कि आपने जो योजना घोषित की थी, उसमें आपने क्या खर्च किया। आपको यकीन नहीं होगा कि सरकार ने जवाब दिया है कि 3 साल में एक रुपया खर्च नहीं हुआ है।
 


Friday, December 20, 2013

अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया

महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन ने आदर्श हाउसिंग मामले में सीबीआई को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इससे एजेंसी के पास उनके खिलाफ मामला बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। घोटाला सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चव्हाण उन 12 आरोपियों में से है जिनके खिलाफ एजेंसी ने इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपपत्र में खुद को शामिल किए जाने को चुनौती देते हुए कहा था कि मुकदमे के लिए राज्यपाल से अनुमति नहीं ली गई। जबकि, सीबीआई ने जवाब में कहा कि आरोपपत्र दाखिल करने के समय वह पूर्व मंत्री थे, इसलिए अनुमति की जरूरत ही नहीं थी।
हालांकि, अदालत ने एजेंसी को मामला चलाने की अनुमति नहीं दी थी। बाद में सीबीआई मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास गयी लेकिन अनुमति नहीं मिली। यहां तक कि इस संबंध में एजेंसी ने विस्तृत रिपोर्ट भी पेश की थी।

Tuesday, December 17, 2013

अंजलि दमानिया और बीजेपी नेता नितिन गडकरी के बीच छिड़ा वाकयुद्ध

आम आदमी पार्टी की अंजलि दमानिया और बीजेपी नेता नितिन गडकरी के बीच छिड़ा वाकयुद्ध 2014 के लोकसभा चुनावों में एक नया रूप ले सकता है। अंजलि दमानिया ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि वह नागपुर से नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि, गडकरी ने अभी नागपुर से चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक वह नागपुर से ही खड़े होंगे।
दमानिया ने कहा, 'मेरी पार्टी मुझे कुछ समय से नितिन गडकरी के खिलाफ खड़ा होने के लिए कह रही थी लेकिन मैं पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते इससे बच रही थी। लेकिन शुक्रवार को हमारी राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई और मैंने इसके लिए सहमति दे दी।' अब दमानिया को नागपुर लोकसभा सीट से 'आप' का कैंडिडेट घोषित किए जाने की औपचारिकता मात्र रह गई है। उन्होंने बताया, '22 और 23 दिसंबर को औरंगाबाद में हमारी जिला समिति की बैठक होगी, जिसमें इस पर चर्चा की जाएगी। उसके बाद, अधिक से अधिक 8 दिन में पार्टी द्वारा इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।'

गडकरी नई दिल्ली में थे और उन्होंने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। उनके सहायक सुधीर देउलगांवकर ने कहा कि इस पर गडकरी कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। उन्होंने बताया, 'गडकरी नागपुर से बीजेपी के उम्मीदवार हैं और उम्मीदवार ऐसी चीजों पर प्रतिक्रिया नहीं देते। जरूरत पड़ने पर पार्टी की स्थानीय युनिट इसपर जवाब देगी।'
एक स्थानीय नेता को चुनौती देने के परिणाम के बारे में पूछने पर दमानिया ने कहा कि वह इस चुनाव में एक संदेश देना चाहती हैं जो जीतने से ज्यादा जरूरी है। दमानिया ने कहा, 'यहां हमारा उद्देश्य गडकरी को चैलेंज देना और यह संदेश देना है कि हम हर जगह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे। हम चाहते हैं कि अगर नागपुर के लोगों को लगता है कि मैं सही हूं तो नागपुर के लोग इस लड़ाई में हमारे लिए कैंपेनिंग करें।'
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिले ठोस जनमत के बाद उसे कम नहीं आंका जा सकता। नागपुर के मौजूदा एम पी विलास मुत्तेवार किसी भी उम्मीदवार को हल्के में नहीं ले रहे। उन्होंने कहा, 'हालांकि इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि चुनाव के दौरान हम हर परिस्थिति के लिए तैयार रहेंगे और किसी भी पार्टी के उम्मीदवारों को हल्के में नहीं लेंगे।'
अंजलि दमानिया महाराष्ट्र से ही हैं और पेशे से पैथॉलजिस्ट हैं। उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए इंडिया अगेन्स्ट करप्शन जॉइन किया था। उन्होंने महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले का खुलासा किया था।
सितंबर 2012 में दमानिया ने नैशनल टीवी पर कहा था कि जब उन्होंने तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी से सिंचाई घोटाले पर मदद मांगी तो गडकरी ने उन्हें फटकारा। अक्टूबर 2012 में दमानिया ने मीडिया को बताया कि गडकरी ने अपने राजनीतिक संपर्कों का नाजायज फायदा उठाते हुए कृषियोग्य जमीन को अपनी कंपनी पूर्ति पावर ऐंड शुगर लिमिटेड के लिए हथिया लिया था।
इसके बाद 2007 में दमानिया द्वारा खुद को किसान बताकर खरीदे गए 36 प्लॉटों पर भी सवाल उठे और उनसे वे सभी प्लॉट वापस ले लिए गए।

Monday, December 9, 2013

आगे वाली सीट पर बैठे यात्री ने जोगेंद्र की गरदन पर चाकू रखकर उसे टैक्सी को सड़क किनारे लगाने को कहा

पिछले काफी महीनों से दादर, बांद्रा और अंधेरी से लेकर घाटकोपर, कुर्ला और विक्रोली जैसे भीड़ वाले रेलवे स्टेशनों से सवारी उठाने वाले टैक्सी चालक इन दिनों टैक्सी चोर गिरोह से परेशान हैं। टैक्सी चालकों की मानें तो भीड़ वाले स्टेशनों से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए टैक्सी स्टैंड में टैक्सी चालक और ऑटोरिक्शा चालक यात्रियों का इंतजार करते हैं।
इस दौरान ऑटोरिक्शा और टैक्सी चोर गिरोह के लोग यात्री बनकर आते हैं और गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही उनके साथ लूटपाट, मारपीट और जान से मारने की धमकी देकर टैक्सी व ऑटो सहित मोबाइल, नकदी और लाइसेंस लेकर फरार हो जाते हैं। दादर रेलवे स्टेशन टैक्सी चालक संगठन से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि पुलिस में शिकायतें दर्ज करवाने के बाद भी टैक्सी व ऑटो चालकों को उनकी गाड़ियां नहीं मिलती हैं। संगठन की मानें तो अधिकतर टैक्सी चालक महिला यात्री के झांसे में फंसकर सब कुछ गवां बैठते हैं।
शुक्रवार की रात टैक्सी लूटने वाले गिरोह का शिकार बने लालबाग निवासी जोगेंद्र जैसवार ने बताया कि रात साढ़े नौ बजे वह दादर स्टेशन के बाहर यात्रियों का इंतजार कर रहा था। इस दौरान एक पुरुष और एक महिला आए और उन्होंने जोगेंद्र को कल्याण चलने को कहा। दूर का भाड़ा पाने के लालच में जोगेंद्र महिला को ले जाने को तैयार हो गया। इस दौरान महिला के दो और जान पहचान वाले वहां पहुंच गए और सभी लोग टैक्सी में बैठ गए।
जोगेंद्र के मुताबिक, सभी लोगों को बिठाकर जैसे ही वह कल्याण से आगे मोहिनी बीट चौकी के पास पहुंचा, अचानक आगे वाली सीट पर बैठे यात्री ने जोगेंद्र की गरदन पर चाकू रखकर उसे टैक्सी को सड़क किनारे लगाने को कहा। इसके बाद चाकू की नोंक पर उसे टैक्सी से उतारने के बाद टैक्सी की पिछली सीट पर बैठे दो लोगों ने उसका हाथ पकड़ा और महिला यात्री ने चाकू से उसकीबनियान फाड़ डाली।
इस दौरान एक व्यक्ति ने बनियान के टुकड़े से उसका हाथ बांधा, जबकि महिला ने बचे हुए टुकड़े को जोगेंद्र के मुंह में ठूंस दिया, ताकि वह बोल न पाए। इसके बाद महिला ने जोगेंद्र की पैंट से गाड़ी की चाबी, लाइसेंस, नकदी और मोबाइल लेने के बाद उसे सड़क किनारे धक्का मार दिया। फिर लुटेरे वहां से टैक्सी में बैठकर फरार हो गए। करीब एक बजे रात में किसी तरह हाथ खोलने के बाद जोगेंद्र टिटवाला पुलिस स्टेशन पहुंचा।
जांच अधिकारी एस. के. कदम के मुताबिक, जोगेंद्र के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच टीम दादर स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाल रही है।
 

Thursday, December 5, 2013

बीएमसी का दस्ता दल-बल के साथ बीआईटी चाल पहुंचा

ताडवाडी, मझगांव की बीआईटी चाल की चार इमारतों की बिजली और पानी मंगलवार को बीएमसी ने काट दी। कार्रवाई के दौरान स्थानीय निवासियों ने डटकर विरोध किया। उनका समर्थन स्थानीय नेताओं ने भी किया। किंतु बीएमसी और पुलिस के सामने उनकी एक नहीं चली। चार इमारतों में कुल 320 परिवार रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें हटाने का आदेश दिया है। 
मंगलवार को बीएमसी का दस्ता दल-बल के साथ बीआईटी चाल पहुंचा। इसकी भनक जैसे ही लोगों का लगी सभी लोग नीचे आ गए। शिवसेना के नेता व पूर्व नगरसेवक यशवंत जाधव व अन्य लोग भी पहुंच गए। लोग बीएमसी की कार्रवाई का विरोध करने लगे, लेकिन पहले से तैनात पुलिस के सामने विरोधकों की एक न चली। बीएमसी दस्ते ने पानी और बिजली कनेक्टशन काट दिए। 
ताडवाडी में बीआईटी चालें हैं। इनमें बिल्डिंग नंबर 13, 14, 15 और 16 जर्जर हो चुकी हैं। इन बिल्डिंगों को बीएमसी ने रहने के अयोग्य घोषित कर दिया है और सी-1 की श्रेणी में डाल दिया है। इन बिल्डिंगों में रहने वालों को बीएमसी ने ट्रांजिट कैंप और माहुल में घर मुहैया कराए हैं, लेकिन लोग वहां पर जाने के लिए तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि ट्रांजिट कैंप का घर बहुत ही छोटा है जबकि माहुल का मकान बहुत दूर है। 
सभी लोगों को रहने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है, फिर भी लोग यहां से जाने के लिए तैयार नहीं है। बिल्डिंग खतरनाक हो चुकी और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन इमारतों को खाली कराने का आदेश दिया है, इसलिए पहले दौर में इन इमारतों की बिजली और पानी का कनेक्शन काटा है। 

Monday, November 18, 2013

बालासाहेब ठाकरे की पहली पुण्यतिथि पर लोगों का हुजूम

 दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की पहली पुण्यतिथि पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। रविवार की सुबह सात बजे से ही शिवाजी पार्क में बने 'स्मृति स्थल' के दर्शन व श्रद्धांजलि देनेवालों का तांता लग गया।
राजनीति, उद्योग जगत समेत तकरीबन सभी क्षेत्रों से लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए शिवसैनिक 'परत या, परत या बालासाहेब या' के नारे लगाकर अपने 'साहेब' की वंदना की।
बालासाहेब की पहली पुण्यतिथि पर शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पत्नी शर्मिला, बेटे आदित्य और तेजस ठाकरे के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं, महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, उनकी पुत्री सुप्रिया सुले, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गोपीनाथ मुंडे ने भी श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा पीडब्लूडी मंत्री छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी, विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावडे, वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत और बजाज ग्रुप के राहुल बजाज ने भी आदरांजलि दी।

Wednesday, November 13, 2013

नवी मुंबई - प्रस्तावित इंटरनैशनल एयरपोर्ट के निर्माण

नवी मुंबई के प्रस्तावित इंटरनैशनल एयरपोर्ट के निर्माण की राह में अब तक की सबसे बड़ी बाधा बने 'भू-अधिग्रहण विवाद' के हल हो जाने की खुशी में कई गांवों में दीवाली-सा जश्न है। इसका सबसे बड़ा कारण विदेशों में मिलने वाले आकर्षक पैकेज की तर्ज पर यहां के किसानों व भूमिहीनों को मिला देश का अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है। सिडको को उम्मीद है कि अब 2017 तक किसी भी हाल में पहले चरण का निर्माण पूरा कर यहां से पहली उड़ान शुरू हो जाएगी।
नए इंटरनैशनल एयरपोर्ट से विस्थापित होने वाले ग्रामीणों के साथ मुआवजे, पुनर्वसन और अन्य लाभ की मांग को लेकर बीते 10 साल से सिर्फ बातें और बातें ही हो रही थी। एक वक्त ऐसा भी आया कि सभी को लगा कि 305 फीसदी तक महंगा हो चुका यह एयरपोर्ट सपना ही रह जाएगा और इसकी योजना कागजों पर ही सिमट जाएगी।

राज्य सरकार के इस अत्यंत महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट का 2002-03 में शुरुआती बजट करीब 4000 करोड़ रुपये का था। पर 10 सालों में यही बजट चार गुना बढ़कर अब 15000 से 16000 हजार करोड़ रुपये के करीब हो चुका है। अभी यह भी निश्चित नहीं है कि इतने बजट में ही सब काम हो जाएगा।
सितंबर में नीदरलैंड (डच) की 'नीदरलैंड्स एयरपोर्ट कंसल्टटेंट्स' कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक जोयेरी आलमैन ने महाराष्ट्र सरकार को यह सलाह दी थी कि महंगी जमीन के सौदे को देखते हुए जेएनपीटी (उरण) के पास के समुद्र में भराई कर 2500 हेक्टेयर जमीन का निर्माण कर नया इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाया जा सकता है।
परियोजनाग्रस्तों की अव्यवहारिक 35 फीसदी विकसित भूखंड समेत कई अन्य राहत की मांग से परेशान महाराष्ट्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया था। सूत्रों का कहना है कि इस समुद्री विकल्प के चलते ही परियोजनाग्रस्तों पर दबाव बढ़ा और अंततः राज्य सरकार से जो भी प्रस्ताव मिला, उसे मंजूर कर लिया। हालांकि जिस मुआवजे पर सहमति बनी है, वह पूरे देश में बेजोड़ और शानदार ही कही जाएगी।
नए हवाई अड्डे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां एयरपोर्ट में लगने वाली कुल जमीन: 2268 हेक्टेयर सिडको के कब्जे वाली कुल जमीन: 1572 हेक्टेयर हस्तांतरण के इंतजार में बची सरकारी जमीन: 25 हेक्टेयर अभी तक संपादित जमीन: 1597 हेक्टेयर शेष बची असंपादित जमीन: 671 हेक्टेयर वैमानिक क्षेत्र की मुख्य जमीन: 1160 हेक्टेयर वैमानिक क्षेत्र में आने वाले 10 गावों की असंपादित जमीन: 292 हेक्टेयर प्रॉजेक्ट का शुरुआती मूल बजट: करीब 4000 करोड़ रुपये प्रॉजेक्ट का वर्त्तमान संभावित बजट: 15000 से 16000 करोड़ या इससे अधिक विस्थापित होने वाले गांव: तारघर, कोंबडभुजे, उलवे, गणेशपुरी, वाघिवली वाडा, अप्पर ओवले, कोल्ही, कोपर, चिंचपाडा व वाघिवली 3500 विस्थापित परिवारों के लिए विकल्प: पनवेल के पास दापोली गांव में बनेगा पुष्पक नगर पुष्पक नगर की रचना: 106 हेक्टेयर के विस्तृत भूखंड पर इंटरनैशनल स्टैंडर्ड व सुविधाओं वाला नगर पुष्पक नगर में होंगी ये सुविधाएं: कंक्रीट सड़कें, अत्याधुनिक हॉस्पिटल्स, शैक्षणिक संकुल, तीन व पांच सितारा होटेल्स, वाणिज्यिक व व्यवसायिक संकुल पुष्पक नगर का बजट: 850 करोड़ रुपये एयरपोर्ट की संभावित यात्री उड़ान क्षमता: पूरी तरह से बन जाने के बाद 60 मिलियन (छह करोड़) हवाई यात्री प्रति वर्ष। 

Thursday, November 7, 2013

उद्धव मुंबई में होने वाले सचिन के आखिरी मैच को देखने के लिए खुद मौजूद रहेंगे



'मास्टर ब्लास्टर' क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से वादा ले लिया है। वादा ये है कि उद्धव मुंबई में होने वाले सचिन के आखिरी मैच को देखने के लिए खुद मौजूद रहेंगे। सचिन अपना 200वां और जीवन का अंतिम टेस्ट मैच 14 से 18 नवंबर के बीच मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में खेलेंगे।
शिवसेना सूत्रों के अनुसार, उद्धन ने पहले ही मन बना लिया था कि वे सचिन का अंतिम मैच देखने नहीं आएंगे। मुंबई क्रिकेट असोसिएशन के चुनाव और पार्टी नेता मनोहर जोशी से नाराजगी के चलते क्रिकेट प्रेमी उद्धव ने यह ऐतिहासिक मैच घर पर ही देखने का निर्णय किया था। सचिन और उद्धव पिछले दिनों उद्यमी मुकेश अंबानी की पत्नी नीता के जन्मदिन के उपलक्ष्य में जोधपुर में साथ थे।
बताया जाता है कि यहीं सचिन आगे बढ़कर उद्धव के पास आए और हालचाल जानने की औपचारिकता के बाद अपने अंतिम मैच के बारे में पूछ लिया। सचिन ने सीधे बिना लागलपेट यह पूछ लिया कि क्या आप वानखेडे में मेरा आखिरी मैच देखने आ रहे हैं या नहीं। सूत्रों के अनुसार, सवाल इतना सीधा था कि उद्धव नकार नहीं पाए। सचिन के आग्रह पर उद्धव ने यह वादा किया कि वे मैच देखने के लिए जरूर आएंगे। सचिन ने इसके लिए उद्धव ठाकरे का आभार व्यक्त किया है।

Monday, November 4, 2013

सभी फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के परिवार

 शनिवार को भायखला में एक बड़ा हादसा टल गया। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को दीवाली से पहले की शाम बेहद उठापटकवाली व खतरनाक रही। भायखला में स्थित फायर ब्रिगेड कमांडिंग सेंटर के पास बने स्टाफ क्वॉर्टर्स को जर्जर पाए जाने के बाद आनन-फानन में खाली करा दिया गया। डाकयॉर्ड रोड बिल्डिंग हादसे के बाद बीएमसी किसी तरह का कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है इसलिए जैसे ही बिल्डिंग के खंभे में मौजूद दरार के अधिक गहरा होने का पता चला निवासियों को बाहर निकाल लिया गया।
ई वॉर्ड के असिस्टेंट म्यूनिसिपल कमिश्नर संजोग कबरे ने बताया, 'दोपहर को एक कर्मचारी ने बिल्डिंग की पहली मंजिल के खंभे में दरार होने की जानकारी दी। इसके बाद बीएमसी के इंजिनियर्स ने वहां पहुंचकर जांच के बाद बिल्डिंग को खाली करा लिया गया।' यहां पांच-पांच मंजिला दो बिल्डिंग हैं, जिनमें कुल 64 परिवार रहते हैं और सभी फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के परिवार हैं। कबरे ने कहा, 'पूर्वी हिस्से की बिल्डिंग में दरार थी इसलिए उसमें रहनेवाले 32 परिवारों को तुरंत बाहर निकाल लिया गया।' वहीं, दूसरी बिल्डिंग में रहनेवाले बाकी के 32 परिवारों को भी निकाला गया लेकिन बाद में जांच के बाद उन्हें रहने की इजाजत दी गई। कबरे ने बताया, 'बिल्डिंग की जांच के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिटर को जिम्मा सौंपा गया है। फिलहाल, निकाले गए 32 परिवारों को पास ही बनी कमांडिंग सेंटर की खाली बिल्डिंग में अस्थायी तौर पर रखा जाएगा।' फायर ब्रिगेड कंट्रोल रूम को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई है। खबर लिखे जाने तक तक ऑडिट का काम चलता रहा।

Sunday, November 3, 2013

शुभकामनायें

आप सभी पाठकों को दीप पर्व की शुभकामनायें 

Thursday, October 31, 2013

समीकरण की नींव हिलती

 नई दिल्ली में 'थर्ड फ्रंट' सम्मेलन का राष्ट्रीय स्तर पर असर चाहे जितना सीमित दिखे, महाराष्ट्र में सत्ता के समीकरण की नींव हिलती नजर आ रही है। इस सम्मेलन में एनसीपी की मौजूदगी कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब हो सकती है। 1999 से दोनों पार्टियां राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर सत्ता में साझेदार हैं। एनसीपी के इस बदले तेवर से कांग्रेस में बेचैनी लाजमी है। इनके अलावा, रिपब्लिकन नेता प्रकाश आंबेडकर की शिरकत ने उसके पास उपलब्ध आगे के विकल्पों पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

आठवले भी नहीं, आंबेडकर भी गए: थर्ड फ्रंट के नाम पर महाराष्ट्र में सीपीआई, सीपीएम, जनता दल(यू), समाजवादी पार्टी और शेतकरी कामगार पार्टी का गठजोड़ होगा, यह तो काफी समय पहले तय हो चुका था। इसमें प्रकाश आंबेडकर का एकाएक शामिल होना कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के नाती हैं प्रकाश आंबेडकर। सैंकड़ों धड़ों में बंटे दलित पार्टियों में सिर्फ रामदास आठवले और आंबेडकर के ही घटक ऐसे हैं, जिनके संगठनों का असर राज्यभर में देखा जा सकता है।

शुरुआत से कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे आठवले कुछ वर्ष पहले इनका साथ छोड़कर विपक्षी शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के साथ हो लिए हैं। तब से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी लगातार यह संकेत देती रही है कि आंबेडकर उसके साथ आकर आठवले की कमी को पूरा कर देंगे। डेढ़ साल पहले तो महाराष्ट्र कांग्रेस ने बाकायदा यह घोषणा तक कर दी थी कि आंबेडकर जिला परिषद के चुनाव उसके साथ मिलकर लड़ेंगे। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में इसके लिए आयोजित प्रेस सम्मेलन में आंबेडकर पहुंचे ही नहीं।

Tuesday, October 29, 2013

उद्धव के अखबबार ने राहुल की दलील को 'सच' करार दिया

 मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों और आईएसआई को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जिस बयान को लेकर बीजेपी तीखे हमले कर रही है, उसको बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सही ठहराया है। राहुल के आईएसआई वाले बयान को 'सच' करार देते हुए शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने उसका समर्थन किया है।
शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादक हैं। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि गलती से सच बोल गए राहुल गांधी, ऐसे में जरूरी नहीं की उनकी आलोचना हो। राहुल ने मुजफ्फरनगर के दंगो में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बात की थी। इस बयान को लेकर बीजेपी ने राहुल की आलोचना की थी, लेकिन उद्धव के अखबबार ने राहुल की दलील को 'सच' करार दिया है।
संपादकीय में लिखा गया है, ' देश के युवा मुसलमानों के दिमाग भड़काने का काम आईएसआई कर रही है और इसके बीच कांग्रेस, एसपी जैसी झूठी सेक्युलर पार्टियां वोटों की राजनीति कर रही हैं। यूं ही चलता रहा तो इस देश को भगवान भी नहीं बचा सकता। इस पृष्ठभूमि पर राहुल ने अनजाने में ही सही, लेकिन सच सामने रखा है। बीजेपी और मोदी अपने एजेंडे के तहत राहुल को कोस रहे हैं।... गलती से सच बोल गए राहुल गांधी पर टीका की जाए, यह जरूरी नहीं है।'

Monday, October 28, 2013

मरीन ड्राइव मेकओवर प्रॉजेक्ट का दूसरा चरण

 मरीन ड्राइव मेकओवर प्रॉजेक्ट का दूसरा चरण, बस अब शुरू ही होने को है। एमएमआरडीए ने पिछले दिनों टेंडर मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्क आर्डर दिसंबर तक जारी होने की पूरी संभावना है। महाराष्ट्र कोस्टल मैनेजमेंट अथॉरिटी जून में ही 35 करोड़ रुपये के इस प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे चुकी है। योजना का क्रियान्वयन एमएमआरडीए करेगी। योजना के तहत मच्छीमार नगर, कोलाबा से गिरगांव चौपाटी तक मरीन ड्राइव का कायाकल्प किया जाना है। मरीन ड्राइव मेक ओवर प्रॉजेक्ट की शुरुआत 2004 में हुई थी। इसका कुछ हिस्सा पूरा हो चुका है। चीफ सेक्रेटरी जे. के. बांठिया के नेतत्व वाली मुंबई मेकओवर इंपावर्डँ कमिटी ने इसी वर्ष इसे हरी झंडी दिखाई है।

क्वींस नेकलेस के ठीक सामने गर्ल्स हॉस्टेल में रहने वाली स्टुडेंट कीर्ति दोडेजा अभी से यह फर्क महसूस करने लगी हैं, 'पेड़-पौधे तराशे हुए हैं, उन्हें वक्त से पानी दिया जाता है, बैठने के लिए ज्यादा जगह है और साफ-सफाई भी बेहतर है। बस, कुछ डस्टबिन और चाहिए। और हां, भद्दे दिखते इन विज्ञापनों और स्टिकरों का भी कोई इंतजाम किया जाना चाहिए।'
मरीन ड्राइव सागर की उत्ताल फेनिल तरंगों, ताजा हवा और दूर तक चले गए ताड़ के वक्षों की संगत में विशाल प्रमनेड पर चहलकदमी करने, सूर्यास्त का मोहक नजारा देखने और चौपाटी की मशहूर भेल चाट खाने की तफरीहगाह ही नहीं है, न है केवल भीमकाय होर्डिंग्ज, लकदक होटेल्स, फैंसी कारों और जलती-बुझती नियॉन लाइटों की ऐशगाह। बाबुलनाथ और मलबार हिल को जोड़ने वाली यह C शेप्ड लोकेलिटी देश के मशहूर सिलेब्रिटीज का बसेरा है और देश का सबसे महंगा बिजनेस डिस्ट्रिक्ट। यह इंप्रेस कोर्ट जैसी 39 सौंदर्यशाली आर्ट डेको और विक्टोरियन गोथिक बिल्डिग्ज और तारापोर एक्वेरियम का घर भी है। समुद्र को पाटकर बनाई गई यह प्राकतिक खाड़ी इंडियन एयरफोर्स के एयरशो, इंडियन नेवी की इंटरनैशनल फ्लीट रिव्यू और फ्रेंच फेस्टिवल जैसे भव्य इवेंट्स का ठिकाना रही है। देश और दुनिया भर की नामचीन शख्सियतों के साथ मुंबई मैराथन जैसी इंटरनैशनल मैराथन हर साल इसकी चौड़ी-चकली छाती पर से होकर गुजरती है। 1999 से यह मुंबई की हेरिटेज लिस्ट का भी अंग है।

Wednesday, October 23, 2013

मुसलमानों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आठ से 10 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश

 महाराष्ट्र सरकार की डॉ. महेमुदूर रहमान कमिटी ने राज्य में मुसलमानों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आठ से 10 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की है। समिति की रिपोर्ट सोमवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को सौंपी गई। मुसलमानों की शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का कारणों का पता लगाने के लिए समिति का गठन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के कार्यकाल में किया गया था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, समिति ने सरकारी नौकरियों में मुस्लिम युवकों की स्थिति, दलित मुसलमानों के हालात, वक्फ बोर्ड की जमीन पर प्राइवेट कब्जे की समस्या और समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन की वजह जैसे मुद्दों पर अपनी सिफारिशें दी हैं। डॉ. रहमान ने सोमवार शाम मुख्यमंत्री चव्हाण को अपनी 200 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी, तब अल्पसंख्यक विकास मंत्री आरिफ नसीम खान और अल्पसंख्यक विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. एफ. थेक्केकारा साथ थीं।
मई 2008 में केंद्र सरकार के रिटायर्ड सेक्रेटरी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. रहमान की अध्यक्षता में 'स्टडी ग्रुप' का गठन किया था। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) के प्रो डॉ. अब्दुल शबान, सर सैय्यद कॉलेज (औरंगाबाद) के पूर्व प्रिंसिपल प्रो. मोहम्मद तिलावत अली, निर्मला निकेतन की डेप्युटी प्रिंसिपल डॉ. फरीदा लांबे, टीआईएसएस की प्रो. डॉ. राणू जैन, एसएनडीटी वीमेंस यूनिवर्सिटी की प्रो. विभूती पटेल व डॉ. वीणा पुनाचा सदस्य के तौर पर शामिल थे।

Friday, October 18, 2013

सचिन तेंडुलकर को डब्बावाले उन्हें अपनी तरह की सलामी देंगे

सचिन तेंडुलकर 14 नवंबर को वानखेड़े स्टेडियम में जब अपने करियर का 200वां और अंतिम टेस्ट मैच खेलने उतरेंगे, तब मुंबई के डब्बावाले उन्हें अपनी तरह की सलामी देंगे। यह पहला मौका होगा, जब 100 के करीब डब्बावाले अपना काम छोड़कर स्टेडियम पहुंचेंगे। नूतन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स (एनएमटीबीएसटी) के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने कहा, ''50 से 100 डब्बावाले दैनिक काम से कुछ दिनों की फुर्सत लेकर स्टेडियम पहुंचेंगे और क्रिकेट से संन्यास ले रहे महान सचिन को अपनी सलामी पेश करेंगे।'' 
तालेकर ने कहा कि डब्बावाले बीते 123 साल से मुंबई की सेवा कर रहे हैं और सचिन लगभग तीन दशक से भारतीय क्रिकेट की सेवा कर रहे हैं, ऐसे में डब्बावाले सचिन को मुंबई का प्रतीक मानने लगे हैं। तालेकर ने कहा,''सचिन मुंबई की पहचान हैं। उन्होंने पूरे देश का मान बढ़ाया है। हम इस महान क्षण में सचिन को सलामी देना अपनी ड्यूटी समझते हैं।'' डब्बावाले अपने पैसों से 14 से 18 नवंबर तक वेस्टइंडीज के साथ खेले जाने वाले टेस्ट मैच के लिए टिकट खरीदेंगे।
 
इस मैच में सचिन की मां भी उपस्थित रहेंगी। सचिन की मां पहली बार कोई मैच देखने जाएंगी। तालेकार ने कहा कि डब्बावाले सचिन के सम्मान में बैनर लिए रहेंगे और उन्हें एक टिफिन (डब्बा) भी भेंट करने का फैसला किया गया है। इस तरह का डब्बा ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स को भी भेंट किया जा चुका है। मुंबई में लगभग 5000 डब्बावाले काम करते हैं। ये शहर भर में काम कर रहे लोगों तक लगभग 20,000 टिफिन पहुंचाते हैं। खास बात यह है कि सबके टिफिन उनके दफ्तरों तक साल के 365 दिन समय से और सुरक्षित पहुंचते हैं।

Tuesday, October 15, 2013

अंतिम टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में

 मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर अपने करियर का 200वां और अंतिम टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेलेंगे। इसका फैसला मंगलवार को बीसीसीआई की बैठक में लिया गया। गौरतलब है कि संन्यास की घोषणा के वक्त सचिन ने मुंबई में आखिरी मैच खेलने की इच्छा जताई थी। संन्यास की घोषणा के वक्त सचिन ने कहा था कि वह अपनी मां को स्टेडियम की दर्शक दीर्घा में देखना चाहते हैं। सचिन की मां अस्वस्थ रहती हैं और हमेशा वील चेयर पर ही चलती हैं और आज तक उन्होंने सचिन का कोई मैच स्टेडियम में नहीं देखा है। 

राजीव शुक्ला की अगुवाई वाली बीसीसीआई की कार्यक्रम समिति की मंगलवार को हुई बैठक में सीरीज का कार्यक्रम तय किया गया। वेस्ट इंडीज को भारत के साथ 2 टेस्ट मैच खेलने हैं। शुक्ला ने कहा कि समिति ने आखिरी टेस्ट उसी मैदान पर खेलने की तेंडुलकर की इच्छा मानने का फैसला किया जहां से उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी।
 

कोलकाता के ईडन गार्डन पर 6-10 नवंबर तक सीरीज का पहला टेस्ट खेला जाएगा। बीसीसीआई की रोटेशन नीति के तहत अगला मैच बेंगलुरु या अहमदाबाद को मिलना था, लेकिन वानखेड़े को 'आउट ऑफ टर्न' टेस्ट दिया गया। दूसरा टेस्ट 14-18 नवंबर तक खेला जाएगा। इसके बाद 21, 24 और 27 नवंबर को 3 वनडे मैच भी खेले जाने हैं। पहले 2 वनडे क्रमश: कोच्चि और विशाखापत्तनम में होंगे, जबकि तीसरे वनडे पर अभी फैसला नहीं हुआ है। शुक्ला के अनुसार आखिरी वनडे कानपुर या बड़ौदा में खेला जाएगा। बीसीसीआई तेंडुलकर को भव्य विदाई देने की योजना भी बना रहा है। गौरतलब है कि तेंडुलकर ने पिछले सप्ताह 200वें टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था।

Friday, October 11, 2013

७ वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार

 कल्याण में एक 70 वर्षीय व्यक्ति द्वारा एक ७ वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार की कोशिश का मामला सामने आया है। यही नहीं, जब पीड़ित लड़की किसी प्रकार बुजुर्ग के चुंगल से भाग मां को घटना की जानकारी दी और जब उसकी मां ने आरोपी से जवाब-तलब करने गई, तो आरोपी ने उल्टा पीड़ित की मां को धमकाया।
घटना कल्याण के रामबाग इलाके की है, जहां आरोपी सहाजी बोडके अकेले रहता है और उसने अपनी बिल्डिंग की रहने वाली सात वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश की। जब पीड़ित की मां आरोपी से पूछताछ करने गई, तो उसने उसे धमकाया, जिसके बाद महिला ने बेटी के साथ रेप की कोशिश की जानकारी पुलिस को दी। पीड़ित की मां ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार की कोशिश और धमकाने का मामला दर्ज कराया है। मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार है, जिसकी तलाश महात्मा फुले पुलिस कर रही है।


Tuesday, October 8, 2013

जस्ट डायल में फोन करने के बाद लोगों को लूटता था

मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है , जो जस्ट डायल में फोन करने के बाद लोगों को लूटता था। क्राइम ब्रांच ने इस रैकेट के जिन दो लोगों को अरेस्ट किया है, उनके नाम हैं - दर्शन घोसालकर और विक्रम सरागे।
क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, इन दोनों में से एक ने कुछ दिन पहले जस्ट डायल में फोन किया कि इन्हें शूटिंग के लिए किराए पर एक कैमरा चाहिए। कुछ मिनट बाद फोन करनेवाले को एक कैमरामैन का नंबर दे दिया गया । गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने इस कैमरामैन को एक खास जगह बुलाया और इधर-उधर की शूटिंग करवाता रहा।
बाद में दोनों आरोपियों ने उसे किसी होटेल में चाय का ऑफर दिया और फिर चाय पिलाने के बाद बातें करते करते एक आरोपी कैमरामैन को होटेल के बाहर ले गया, जबकि दूसरे ने इस बीच बहुत होशियारी से कैमरा गायब कर दिया। कुछ सेकंड में कैमरामैन के साथ खड़ा आरोपी भी हल्के से वहां से निकल लिया।

Thursday, October 3, 2013

फाइल प्रक्रिया पूरी की तभी तो बजट में 1.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सका

डॉकयॉर्ड के जिस इमारत ने 61 लोगों को निगललिया , उसी की रिपेयिरंग के लिए बीएमसी ने इस साल केबजट में 1.25 करोड़ रुपये प्रावधान किया था। किंतु बजटपारित होने के छह महीने के बाद भी कुछ नहीं किया गया।रिपेयिरंग का प्लान तो बनाया ही नहीं जा सका। ऐसे मेंनिविदा प्रक्रिया तो शुरू करना दूर की बात है। अब सवाल उनउन्हीं लोगों पर उठाया जा रहा है। इस बात को खंगाला जारहा है कि किस विभाग ने कितने दिनों तक फाइलें रोकी। 
जुलाई
 2011 के आसपास मार्केट विभाग निरीक्षक जमाल काजी ने  वॉर्ड और मार्केट विभाग को पत्र लिखकरबिल्डिंग की सख्त रिपेयरिंग की आवश्यकता बताई थी।  वॉर्ड ने इमारत का मुआयना करने के बाद तत्कालबिल्डिंग खाली करने के लिए कहा। उस बाबत मार्केट विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर चंद्रशेखर चोरे और प्लानिंगएंड डिजाइन ( पीऐंडडी ) को विस्तार लिखित जानकारी दी गई। बिल्डंग खाली कराने के लिए चोरे ने मार्केटविभाग के दो अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी। ताकि , पीऐंडडी और वॉर्ड नियमित उन दोनों से संपर्क कर सके।करीब छह - सात महीने बीतने के बाद पीऐंडडी के अधिकारियों ने दौरा किया। उसके बाद ही इमारत केरिपेयिरंग हेतु सलाहकार नियुक्ति किया। 
इस
 पूरी कहानी में प्लानिंग विभाग को कटधरे में खड़ा किया जा रहा है जबकि प्लानिंग विभाग के लोग बताते हैं कि सिविल वर्क्स हेतु 1.76 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया और बिजली के खर्च की लागत तय करने लिए उसविभाग को भेज दिया। उसके बाद से ही रिपेयिरंग की वह फाइल कभी यहां तो कभी वहां धूमती रही। इसी बीचसाल 201314 के बजट में उस इमारत की रिपयरिंग हेतु 1.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। प्लानिंगविभाग के लोग कहते हैं कि हमारे उपर आरोप लगाया जा रहा है कि हमने फाइल रोकी पर असलियत यह है किपीऐंडडी ने फाइल प्रक्रिया पूरी की तभी तो बजट में 1.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सका , वर्ना यहरकम किस आधार पर तय किया गया ? 
बिल्डिंग
 गिरने की घटना के दौरान एक अजीब पहलू दिखाई दिया जिसे लेकर पुलिस ने भी उंगली उठाई है।शुक्रवार की भोर में बिल्डिंग गिरीऔर सोमवार की सुबह तक बचाव कार्य चलता रहा। यानी एक तरफ बचावकार्य चल रहा है तो दूसरी तरफ बचाव कार्य की उपेक्षा करते हुए उपअधीक्षक बी़ सी़ चव्हाण शिवडी पुलिसस्टेशन में जाकर उस इमारत के डेकारेटर पर एफआईआर दर्ज करा रहे थे। बीएमसी की यह जल्दबाजी भी गलेनहीं उतरी। उल्टे शिकायत करने वाले चव्हाण को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डेप्युटी पुलिस कमिश्नरतानाजी घाडगे द्वारा जल्दबाजी में शिकायत दर्ज करने की बाबत सवाल उठाया गया है। उनका कहना है कि होसकता है कि पुलिस को मिसगाइड करने के लिए बीएमसी कर्मियों ने एफआईआर दर्ज कराया हो।