Tuesday, December 31, 2013

साकीनाका जंक्शन में जब्त- केटामाइन ड्रग्स

दो दिन पहले साकीनाका जंक्शन में जब्त की गई सात करोड़ रुपये कीमत की केटामाइन ड्रग्स की कहानी जलगांव से जुड़ी हुई है। साकीनाका में जब्त ड्रग्स केस में इंस्पेक्टर सतीश रावराणे और अब्दुल रऊफ ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया , जबकि जलगांव केस में डीआरआई ने छह लोगों को। जलगांव केस का मास्टरमाइंड विकास पुरी है। पुरी के साथ इस केस में जिन लोगों को अरेस्ट किया गया था, उनमें से एक वरुण तिवारी भी है, जबकि साकीनाका में जिन लोगों को पकड़ा गया, उनमें एक राम शिरोमणि पांडे है।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि पांडे और तिवारी दोनों एक दूसरे को काफी समय से जानते हैं। संयोग से दोनों पेशे से ड्राइवर हैं। पांडे मुंबई में डाक विभाग में ड्राइवर है और शिवडी में कार्यरत हैं, जबकि तिवारी विकास पुरी का ड्राइवर है। एम टेक की डिग्री लिए पुरी की जलगांव में एक बड़ी कंपनी हैं। पांडे ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसकी तिवारी से कुछ साल पहले पवई के पोस्ट ऑफिस में मुलाकात हुई थी।
यह संयोग नहीं है कि विकास पुरी भी मूल रूप से पवई के रहने वाले हैं, भले ही उनकी कंपनी जलगांव में हों। पर यहां बड़ा सवाल यह है कि तिवारी जब डाक विभाग में नौकरी नहीं करता, तो वह पवई पोस्ट ऑफिस तब क्यों गया था ? और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह कि जब पांडे की पोस्टिंग पवई में नहीं, शिवडी में थी, तो वह भी पवई क्यों गया था ? इसलिए मुंबई में जांच अधिकारी इस बात की छानबीन कर रहे हैं कि डाक पार्सल के जरिए तो कहीं ड्रग्स की सप्लाई नहीं हो रही थी।

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