Monday, September 29, 2014

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। बीजेपी और एनसीपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि एनसीपी ने कांग्रेस के साथ पंद्रह साला पुराना गठबंधन टूटने के बाद सरकार से समर्थन वापस लिया था। इसके बाद राज्य सरकार अल्पमत में आ गई थी।

15 अक्टूबर को महाराष्ट्र में चुनाव होने जा रहे हैं। एनसीपी और कांग्रेस में सीटों को लेकर गतिरोध चल रहा था। दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी-अपनी जिद पर अड़ी रहीं।

Friday, September 26, 2014

जो छोड़कर गए वे पितृपक्ष के काग (कौवे) हैं

शिवसेना ने अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी और उसके नेताओं पर तीखा हमला किया है। पार्टी ने कहा है कि 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने वाले महाराष्ट्र के शत्रु हैं। शिवसेना ने कहा, 'हमारे अन्य सहयोगी चाहते थे कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन कायम रहे। इससे भी बड़ी बात यह थी कि महाराष्ट्र के 11 करोड़ लोग क्या चाहते हैं। जिन लोगों ने इन भावनाओं को आहत किया वे महाराष्ट्र के शत्रु हैं।' पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय में लिखा गया है, 'गठबंधन को तोड़ना संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के 105 मराठी शहीदों का अपमान है।' शिवसेना ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 25 साल से हिंदुत्व की विचारधारा से बंधा हुआ शिवसेना-बीजेपी गठबंधन खत्म हो गया है। 

संपादकीय में कहा गया है, 'हमने यह सुनिश्चित करने के लिए अंत तक ईमानदारी से प्रयास किया कि बीजेपी और महायुति के अन्य दलों के साथ हमारा गठबंधन बना रहे। अब आगे जो भी होगा वह देखा जाएगा। जो भी मां तुलजा भवानी की इच्छा होगी वही होगा। केवल एक इच्छा है कि इस पूरी राजनीति में महाराष्ट्र के भविष्य का गणित न प्रभावित हो।' अखबार आगे लिखता है, 'कल तक जो लोग इस खेमे में प्रार्थना कर रहे थे, अब वे दूसरे खेमे में नमाज पढ़ रहे हैं।' 
संपादकीय में कहा गया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं को एकीकृत मुंबई और महाराष्ट्र की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि शिवसेना और उसका केसरिया ध्वज महाराष्ट्र की रक्षा करेगा। मुखपत्र ने लिखा है,'जल्दी ही यह वास्तविकता उजागर हो जाएगी कि जो (बीजेपी) छोड़कर गए वे पितृपक्ष के काग (कौवे) हैं, जो बने रहे वे मावले (छत्रपति शिवाजी के सैनिक) हैं।' शिवसेना सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शनिवार को मुंबई में एक सार्वजनिक रैली में अपने विचार रखेंगे। उद्धव ने गठबंधन टूटने पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Thursday, September 25, 2014

पुलिस द्वारा जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नवरात्री त्योहार के लिए ठाणे पुलिस द्वारा जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मिले आंकड़ों के मुताबिक, ठाणे जिले के शहरी व ग्रामीण दोनों भागों में कुल 1 हजार 366 सार्वजनिक मंडलों द्वारा देवी की मूर्ति स्थापित की गई है। इसे देखते हुए पुलिस की तरफ से जिले भर में अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त किया गया है। मिली जानकरी के मुताबिक, ठाणे के शहरी भाग में 2 डीसीपी, 3 एसीपी, 5 पीआई, 19 एपीआई/पीएसआई, 550 पुलिस कॉन्स्टेबल, 600 होमगार्ड के अलावा एसआरपी की 2 टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
ग्रामीण भागों में 1 अडिशनल एसपी, 5 डीवाईएसपी, 60 सीनियर पीआई, 800 पुलिस कॉन्स्टेबल, 300 होमगार्ड सहित एसआरपी की 2 टुकड़ियों को सुरक्षा बंदोबस्त में लगाया गया है। शहरी भाग में ठाणे पुलिस कमिश्नरेट की सीमा में वागले एस्टेट में 181, उल्हासनगर में 157, कल्याण में 150, ठाणे नगर में 103, भिवंडी में 89 तथा ग्रामीण परिसर स्थित मुरबाड़ में सबसे अधिक 226 सार्वजनिक मंडलों द्वारा दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई है। 

Wednesday, September 24, 2014

नेता चंद्रकांत त्रिपाठी की भी कांग्रेस में वापसी

सोमवार को तिलक भवन में आयोजित कार्यक्रम में चांदवड के निर्दलीय विधायक शिरिष कोतवाल और पंढरपुर के विधायक भारत भालके ने कांग्रेस का का हाथ थाम लिया। इन विधायकों के साथ बड़ी संख्या में इनके समर्थक भी थे। इनके अलावा राजनीति में गुमनाम जीवन जी रहे उत्तरबारतीय नेता चंद्रकांत त्रिपाठी की भी कांग्रेस में वापसी हुई।
एनसीपी के गठन के समय त्रिपाठी शरद पवार के साथ हो लिए थे। कुछ साल तक एनसीपी में सक्रिय रहने के बाद त्रिपाठी धीरे-धीरे राजनीतिक कोमा में चले गए और राजनीतिक कार्यक्रमों से गायब हो गए थे। एनसीपी ने भी त्रिपाठी को साइड लाइन कर रखा था। इससे तंग आकर त्रिपाठी ने हाल ही में एनसीपी से इस्तीफा दे दिया। इससे त्रिपाठी के एनसीपी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ा।

उल्टे उनके पार्टी छोड़ने पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने चुटकी ली कि पार्टी ने जिन्हें दरकिनार कर दिया वे ही पार्टी छोड़कर गए हैं। उनके पार्टी छोड़ने से एनसीपी को कोई फर्क नहीं पड़ता।

Monday, September 22, 2014

शिवसेना-बीजेपी में तनाव अपने चरम पर

शिवसेना-बीजेपी में तनाव अपने चरम पर है। शिवसेना को लग रहा है कि महाराष्ट्र बीजेपी के नेता गठबंधन तोड़ने पर आमादा है। इस स्थिति में शिवसेना और भी ज्यादा आक्रामक हो गई है। शिवसेना सूत्रों का कहना है कि अब हमें मोदी से ही उम्मीद है, क्योंकि मोदी इस समय बीजेपी की सर्वेसर्वा हैं। इसी सोच के तहत रविवार को शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बांद्रा के रंगशारदा सभागृह में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिवंगत शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के उपकार की याद दिलाई।
उद्धव ठाकरे ने पूछा, 'क्या मोदी जी बालासाहेब के उपकार को भूल गए।' उन्होंने कहा, 'हर कोई जानता है कि गोधरा दंगे के समय स्थिति कितनी भयावह थी। हर कोई कह रहा था कि मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। उस वक्त केवल बालासाहेब ने लालकृष्ण आडवाणी से कहा था कि मोदी को बने रहना चाहिए क्योंकि वह हिंदुत्व विचाराधारा का अनुसरण करते हैं।' उद्धव ने कहा कि बालासाहेब ने आडवाणी से कहा था कि 'मोदी गया तो गुजरात गया।'
उद्धव ने मोदी को याद दिलाया कि जिस तरह से लोकसभा चुनावों में बीजेपी के 'मिशन 272' में शिवसेना ने खलल नहीं डाला, उसी तरह बीजेपी को अब महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना के 'मिशन 150' का सम्मान करना चाहिए। उद्धव ने कहा, 'शिवसेना के कार्यकर्ता उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी हैं। वे सभी चुनाव लड़ना चाहते थे। कार्यकर्ता कह रहे थे कि वे लंबे समय से शिवसेना में हैं और उन्हें मौका मिलना चाहिए, लेकिन हमने उन्हें बीजेपी और एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने दिया। अब हमारा मिशन 150 विधायकों को विधानसभा में भेजना है। बीजेपी को इस पर विचार करना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'मैं तहेदिल से चाहता हूं कि गठबंधन बना रहे, क्योंकि यह गठबंधन मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं है बल्कि हिंदुत्व के लिए है । अगर गठबंधन टूटता है तो वह मेरी किस्मत होगी। हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं।'

Saturday, September 20, 2014

प्रमुख सड़कों को टोलमुक्त करने के लिए एक प्रस्ताव

सिडको के अनुसार जेएनपीटी बंदरगाह की दिशा में जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को टोलमुक्त करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव के अनुसार, सिडको, जेएनपीटी व नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित जेएन पोर्ट रोड कंपनी लिमिटेड ने पहले करीब 2700 करोड़ रुपये की लागत से यहां की तीन मुख्य सड़कों को चौड़ा करने की एक योजना बनाई थी। इन तीनों सड़कों का विस्तारित कार्य बिल्ट-ऑपरेट व ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर किया जाना था, पर अब इस बीओटी स्कीम को रद कर दिए जाने की खबर मिली है, जिसके कारण अब ये रूट टोलमुक्त होगा।

Wednesday, September 17, 2014

शिवसेना और बीजेपी के बीच तनाव चरम पर

शिवसेना और बीजेपी के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची लेकर तैयार हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उनसे चर्चा के लिए बुधवार को मुंबई पहुंच रहे हैं। अगर बात नहीं बनी, तो रात को ही एक साथ राज्यभर के कैडिडेटों की लिस्ट का 'बम' गिराए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बताया जाता है कि उद्धव ने बीजेपी के साथ 25 साल पुराने गठबंधन के बने रहने की उम्मीद अभी नहीं छोड़ी है। 
बीजेपी के महाराष्ट्र प्रभारी ओ.पी. माथुर और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अहमदाबाद एअरपोर्ट के हैंगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवसेना से सीटों के बंटवारे के बारे में इन नेताओं में चर्चा हुई होगी। दिन भर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बंगले पर बैठकों का सिलसिला जारी रहा। 

इससे पहले उद्धव ने मंगलवार सुबह को आरपीआई नेता रामदास आठवले से मुलाकात की। मुलाकात के बाद आठवले ने पत्रकारों को बताया कि उद्धव बीजेपी से बातचीत करने के इच्छुक हैं। उन्होंने यह अपेक्षा भी जताई कि शिवसेना उनकी पार्टी के लिए अपने हिस्से की छह सीटें छोड़े। बीजेपी पहले ही आठवले की पार्टी को छह सीटें देने का वादा कर चुकी है। उद्धव स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के नेताओं से बातचीत करके उनकी सीटें तय कर चुके हैं। बाकी छोटे दलों से उनकी बातचीत नहीं हो सकी। शिवसंग्राम के विनायक मेटे और आरपीअई नेता आठवले ने समय पर सीटें न मिलने की हालत में अकेले चुनाव लड़ने की धमकी दी है। 

Monday, September 15, 2014

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली एमएनएस - विधानसभा चुनाव अपने बूते

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली एमएनएस (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) अगला विधानसभा चुनाव अपने बूते लड़ेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता आला नंदगावकर ने कहा कि अगर राजनीतिक दल वास्तव में महाराष्ट्र का विकास चाहते हैं तो उन्हें अपने बूते चुनाव लड़ना चाहिए और किसी तरह का गठबंधन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए एमएनएस सोमवार से आकांक्षी उम्ममीदारों का इंटरव्यू लेना शुरू करेगी।
इस बीच दो दिन के औरंगाबाद दौरे पर पहुंचे राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। वह मराठवाडा क्षेत्र की 46 विधानसभा क्षेत्रों के आकांक्षी उम्मीदवारों का सोमवार को इंटरव्यू लेंगे।

Thursday, September 11, 2014

सीएम के लिए सीट की तलाश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण अपने लिए सेफ सीट तलाशने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अपने नेताओं और एनसीपी के साथ बातचीत कर रही है ताकि चव्हाण को सुरक्षित रास्ता दिया जा सके। पार्टी नहीं चाहती है कि चव्हाण चुनाव लड़ने से मना कर दें या चुनाव लड़ने की स्थिति में उन्हें हार का सामना करना पड़े। 
एआईसीसी के सूत्रों के मुताबिक चव्हाण लेजिस्लेटिव काउंसिल के मेंबर हैं। उन्होंने पार्टी हाईकमान को कराद (दक्षिण) से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा बता दी है। कराद (दक्षिण) कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। पार्टी यहां बुरे से बुरे दौर में भी आसानी से बाहर निकलती रही है। हालांकि पिछले 20 सालों से इस सीट की नुमाइंदगी कर रहे दिग्गज कांग्रेसी विलास काका पाटिल ने चव्हाण के इस फैसले का विरोध किया है। पाटिल ने पार्टी को बता दिया है कि अगर यह सीट चव्हाण को दी जाती है तो वह यहां से बागी उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगे। वहीं चव्हाण को एक और मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एनसीपी चव्हाण को सेफ पैसेज देने के मूड में नहीं है। एनसीपी के साथ चव्हाण के संबंध बेहतर नहीं रहे हैं। कराद (दक्षिण) सतारा लोकसभा सीट के तहत आती है और यह सीट एनसीपी के कब्जे में है। 
चव्हाण के कराद दक्षिण सीट को चुनने की वजह यह भी है कि यह क्षेत्र सतारा लोकसभा सीट के तहत आती है और यहां पर चव्हाण फैमिली की मजबूत पकड़ रही है। हालांकि 1999 में चव्हाण को एनसीपी उम्मीदवार ने हरा दिया था। इसी साल कांग्रेस से टूटकर एनसीपी का गठन हुआ था। उसके बाद से चव्हाण ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है। मई में हुए लोकसभा चुनावों में एनसीपी सतारा सीट पर कब्जा करने में कामयाब रही। एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा, 'हम विलासराव काका पाटिल को वह सीट छोड़ने के लिए मना रहे हैं, लेकिन वह विरोध कर रहे हैं। हम अभी भी सीएम के लिए सीट तलाश रहे हैं।

Tuesday, September 9, 2014

कोई अप्रत्याशित घटना घटित होती है तो भारी तबाही

खुफिया एजेंसियों की ओर से मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान आतंकी हमले की आशंका जताए जाने के बाद सरकार ने संभावित आतंकी हमलों से निपटने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। खुफिया सूत्रों से सूचना मिली है कि गणेशोत्सव के नौवें दिन अर्थात विसर्जन के दौरान आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है। 
ध्यान रहे कि गणेशोत्सव के नौवें दिन भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं। अगर इस दिन कोई अप्रत्याशित घटना घटित होती है तो भारी तबाही मच सकती है।
 

डीसीपी (अपराध) धनंजय कुलकर्णी ने बताया कि हालांकि हर किसी की तलाशी लेना संभव तो नहीं है लेकिन पुलिस प्रशासन ने मुंबई के नागरिकों की सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए हैं, जिससे कि कोई अनहोनी घटना घटित न हो। उन्होंने कहा, 'हमारे अधिकारी हर उन स्थानों पर तैनात होंगे जहां भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है। इसके अलावा मैरिन पुलिस तट रक्षक बल के निरंतर संपर्क में है। हम अपनी ओर से कोई चूक नहीं होने देंगे। समुंद्र के अंदर सभी गतिविधियों पर हमारी निगाह है तथा हम किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के लिए समस्त नाविक संगठनों के भी निरंतर संपर्क में हैं।' 
इसके अलावा तटीय क्षेत्र में रहने वाले आरोपी अवैध आप्रवासियों के साथ साथ उन विदेशी आप्रवासियों पर भी पुलिस की पैनी नजर है जो आसपास के इलाकों में स्थित होटलों या लॉजों में रह रहे हैं।

Friday, September 5, 2014

चलो चलें मोदी के साथ'

शिवसेना का दिल जीतने वाले वक्तव्य में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र बालासाहेब ठाकरे की भूमि है। वह देर शाम षणमुखानंद सभागार में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर एनसीपी की पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सूर्यकांता पाटील, महाराष्ट्र के मंत्री बबनराव पाचपुते और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के जीजा भास्करराव खतगांवकर को शाह ने बीजेपी में शामिल दिया। कार्यक्रम के दौरान 'छत्रपति का आशीर्वाद, चलो चलें मोदी के साथ' के नारे गूंजते रहे।
इससे पहले, शाह के दिल्ली से यहां पहुंचने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'आगामी विधानसभा चुनाव हमारे कांग्रेस मुक्त भारत अभियान का दूसरा चरण होगा और जनता ने जिस तरह से लोकसभा चुनाव में समर्थन किया था, उसी तरह से इस बार भी समर्थन करेगी।' उन्होंने महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी की सरकार को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ''सबसे भ्रष्ट और निष्प्रभावी'' सरकार बताया। शाह ने भरोसा जताया कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की मदद और राज्य की जनता के सहयोग से उसे विधानसभा चुनाव में परास्त करेगी।'
एयरपोर्ट पर शाह का स्वागत महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े, बीजेपी मुंबई प्रमुख आशीष शेलार, पार्टी नेता पंकजा मुंडे और अन्य लोगों ने किया। शाह के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रुड़ी और ओ. पी. माथुर भी थे। इससे पहले, शाम को बीजेपी अध्यक्ष ने शिवाजी पार्क स्थित बाला साहेब ठाकरे के स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। शाह ने महानगर में गणपति मंडलों को संबोधित किया और बंद कमरे में बीजेपी के प्रदेश नेताओं के साथ दोपहर का भोज भी किया। अमित शाह ने पश्चिमी उपनगर विलेपार्ले में विधानपरिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े के आवास पर कोर ग्रुप की बैठक की।

Wednesday, September 3, 2014

मंगलवार की सुबह अचानक बिजली गुल

मुंबई के कई इलाकों में मंगलवार की सुबह अचानक बिजली गुल हो गई, जिससे लाखों लोगों को भारी परेशानी हुई। ट्रॉम्बे स्थित टाटा पावर प्लांट की एक यूनिट सुबह 9.40 बजे अचानक ठप हो गई। इस यूनिट से 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। प्लांट ठप होने से उसे अपने कई फीडर्स को बिजली देना बंद करना पड़ा। इससे टाटा पावर के ग्राहक तो प्रभावित हुए ही, बेस्ट और रिलायंस इन्फ्रा के ग्राहकों को भी बिजली नहीं मिल सकी।
बिजली गुल होने का सबसे ज्यादा असर बेस्ट वाले इलाकों में पड़ा है, क्योंकि यह अपनी बिजली नहीं बनाता है। सारी बिजली वह टाटा पावर से ही खरीदता है। इससे दादर, माहिम, धारावी, सायन, प्रभादेवी, परेल, शिवड़ी, भायखला, चिंचपोकली, गिरगांव और मुंबई सेंट्रल पूरी तरह से बिजली से कटे रहे। वहीं हुतात्मा चौक, बैलार्ड पियर, नरीमन पॉइंट और मेट्रो सिनेमा के कुछ हिस्सों में भी बिजली नहीं थी।
खराब हुई यूनिट मुख्य रूप से शहर को बिजली की आपूर्ति करती है। टाटा पावर खुद बिजली बनाता है और सबर्ब में सप्लाई भी करता है, इसलिए सबर्ब के कई इलाकों में बिजली नहीं रही। टाटा पावर के 5 लाख ग्राहक हैं। टाटा अपनी बिजली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बेचता है, इसलिए रिलायंस की सप्लाई वाले इलाकों में भी बिजली नहीं थी। जुहू, अंधेरी, साकीनाका, चेंबूर और बीकेसी में भी बिजली नहीं थी। मस्जिद बंदर और कालबादेवी जैसे ट्रेडिंग इलाकों में भी बिजली गायब रही।
ऊंची इमारतों में रहने वालों को सीढ़ियां चढ़नी-उतरनी पड़ीं। पहले से तय कई कार्यक्रम रद करने पड़े। कारखानों का उत्पादन ठप हो गया। कमर्शल ऑफिसों और बाजारों में अटेंडेंस कम रही। कम्प्यूटर बंद रहे। कॉपोर्रेट हाउस अंधेरे में डूबे रहे।
टाटा
 पावर के अनुसार, इस यूनिट में तकनीकी खराबी के कारण बिजली उत्पादन बंद हो गया। कंपनी का कहनाहै महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों में बिजली उपलब्ध है, लेकिन स्टेट ट्रांसमिशन नेटवर्क की ओवरलोडिंग के कारणमुंबई में बिजली का लाना संभव नहीं है।
टाटा
 पावर ने शाम को बताया कि सभी इलाकों में बिजली की आपूर्ति देर रात तक ही शुरू हो सकेगी। कंपनीप्रवक्ता ने बताया, 'हम बिगड़ी हुई यूनिट को ठीक करने के साथ-साथ अपने खोपोली पावर प्लांट से पावर लाकरमुंबई में सप्लाई करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, यूनिट 5 के पास वाली यूनिट 6 भी शुरू की जा रही है, जोऑयल से चलती है।

Monday, September 1, 2014

आम आदमी पार्टी में भी भगदड़

विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में भी भगदड़ मच गई है। एक ही साथ करीब 200 कार्यकर्ताओं ने पार्टी को जय महाराष्ट्र कर दिया। शनिवार को मराठी पत्रकार भवन में संवाददाता सम्मेलन कर मयंक गांधी पर आरोपों की झड़ी लगाई। हालांकि, इस्तीफा देने वालों में आम आदमी पार्टी का कोई नामचीन चेहरा नहीं है।
पार्टी से नाराज लोगों का कहना है कि राज्य के नेता मयंक गांधी के काम करने के तरीके की शिकायत दिल्ली बैठे अरविंद केजरीवाल तक पहुंचाई पर केजरीवाल ने कोई दिलचस्पी नहीं ली। गौरतलब है कि पार्टी ने पहले की घोषणा की है कि आगामी विधानसभा पार्टी नहीं लड़ेगी। इससे राज्य के कर्यकर्ता बहुत ही निराश है।