Saturday, January 31, 2015

मांटुगा, सायन, प्रतीक्षानगर में सबसे ज्यादा 31 टावर

बीएमसी ने रिलायंस कंपनी को शहर में 1100 जगहों पर 4G मोबाइल टावर लगाने की मंजूरी दे दी है। इन जगहों में 407 पार्कों और मैदानों को भी शामिल किया गया है। इसके तहत गिरगांव चौपाटी स्थित नाना-नानी पार्क, दादर स्थित वीर कोतवाल उद्यान और बांद्रा स्थित बैंच स्टैंड के पास मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में रिलायंस ने बीएमसी से 1100 मोबाइल टावर लगाने के लिए भूखंडों की मांग की थी। बीएमसी ने इसकी मंजूरी दे दी है। हालांकि यह सारे भूखंड मैदान या पार्क हैं। मंजूरी मिलने के बाद बच्चों के खेलने के पार्क और वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित मनोरंजन के उद्यान रिलायंस कंपनी की झोली में जा रहे हैं और यहां मोबाइल टावरों को लगाने की तैयारी की जा रही है।
मांटुगा, सायन, प्रतीक्षानगर में सबसे ज्यादा 31 टावरों को लगाने की मंजूरी दी गई है। मालाड पश्चिम में 22 टावर और बोरिवली पूर्व में 26 टावर लगाए जाएंगे।
हॉर्निमन सर्कल, काला घोड़ा (फोर्ट), नाना-नानी पार्क ( गिरगांव चौपाटी), बिरला क्रीड़ा केंद्र (गिरगांव चौपाटी), प्रियदर्शनी पार्क (नेपीयंसी रोड), वॉर्डन रोड (ब्रीच कैंडी), शिवड़ी बीएमसी स्कूल, महेश्वरी उद्यान (मांटुगा) वीर कोतवाल उद्यान (दादर), खोदालाल सर्कल ( दादर)।

बांद्रा किला, हॉर्निमन सर्कल और भायखला का प्राणि संग्रहालय हेरिटेज के तहत आते हैं। इसके चलते इन परिसरों में किसी भी प्रकार का कंस्ट्रक्शन करने के लिए हेरिटेज समिति की मंजूरी लेना जरूरी है। समिति की मंजूरी के बाद ही यहां किसी भी कंस्ट्रक्शन कार्य को पूरा किया जा सकता है

Thursday, January 29, 2015

पुणे में कॉग्निजेंट कंपनी अपना विस्तार करेगी

दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के समिट में मिले रिसपॉन्स से राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अच्छे दिन आने की उम्मीदों के साथ लौटे हैं। सीएम ने दावोस में मिली कामयाबी के बारे में बुधवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले दिनों में सबसे ज्यादा निवेश महाराष्ट्र में ही होगा। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। दुनिया की 22 जानी-मानी कंपनियों के प्रतिनिधियों को उन्होंने राज्य में निवेश करने के लिए न्योता दिया है। बुधवार को ही माइक्रोसॉफ्ट के इंडिया हेड भास्कर पुराणिक ने राज्य के अधिकारियों से मुलाकात करके मुंबई और पुणे में 2100 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा है।
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी मुंबई और पुणे में एशिया के सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाएगी, जिनमें करीब 20 हजार लोग काम करेंगे। कपंनी ने राज्य में सभी नागरिकों की डिजिटल आईडेंटिटी तैयार करने का ऑफर भी दिया है। इसके तहत सभी के आधार कार्ड से उनका आईडी लिंक रहेगा। इससे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड मिलने में आसानी होगी। यहीं नहीं, हर नागरिक को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की भी जानकारी होगी। यह सब देखा जा सकेगा कि कौन नागरिक सरकार की किस सुविधा का फायदा उठा रहा है। पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर कंपनी एक गांव गोद लेगी। इसके अलावा कंपनी स्किल डिवेलपमेंट के लिए सरकार के साथ करार करने के लिए बेकरार है।
फडणवीस के दावोस दौरे के दौरान कई जापानी कंपनियों ने भी उनसे राज्य में निवेश करने की चर्चा की। इस सिलसिले में जल्द ही जापान का प्रतिनिधिमंडल राज्य के दौरे पर आने वाला है। जापानी कंपनियों के लिए मुख्यमंत्री ने जापानी पार्क बनाने की बात कही। उस पार्क में सिर्फ जापान की कंपनियां होंगी। दुनिया के हर देश को कंपनियों की मांग पर सीएम ऐसे पार्क मुहैया कराने के लिए तैयार हैं।
दावोस जाने से पहले सीएम ने पूरी तैयारी की थी। राज्य में कहां-कहां निवेश किया जा सकता है और कहां पर कितनी जमीन उपलब्ध है, इसका पूरा डेटा लेकर ही सीएम दावोस गए थे। इसका फायदा यह हुआ कि सीएम लगे हाथ निवेशकों को यह भरोसा दिला सकें कि सरकार कितने दिन में उनके प्रॉजेक्ट को क्लियरेंस दे सकती है।
सीएम के मुताबिक, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा कि निवेश का फायदा राज्य के किसानों को भी मिले। यहां के 14 कृषि उत्पादों की खरीद में विदेशी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। वे कंपनियां किसानों को बीज, खाद आदि मुहैया कराएंगी। किसानों को अपने उत्पाद उसी कंपनी को बेचने होंगे।
किन कंपनियों ने बढ़ाए हाथ
- पुणे में कॉग्निजेंट कंपनी अपना विस्तार करेगी
- ऐस्केलेटर बनाने वाली कंपनी शिंडलर तलेगांव में कारखाना खोलेगी
- पेपर उत्पादक ऑस्ट्रेलियन कंपनी से बातचीत जारी
- जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी
- जापान की टोरे कंपनी ने अमरावती और नागपुर में टेक्सटाइल पार्क बनाने में दिलचस्पी
- राज्य के इंफ्रा प्रॉजेक्ट में हिल्टी ग्रुप निवेश का इच्छुक
- फॉक्सवैगन को छोटी कार उत्पादन यूनिट खोलने में दिलचस्पी
- खिमजी ग्रुप ने इंजिनियरिंग में निवेश करने में दिखाई रुचि
- क्रेडिट सुजी के मुंबई और पुणे में विस्तार की संभावना
- जेपी मोर्गन भी राज्य में विस्तार करेगी

- जेट्ररो ने भी किया राज्य में विस्तार का वादा

Tuesday, January 27, 2015

सबसे बड़ी चुनौती है स्लम फ्री होने की

66 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुंबई के सामने सबसे बड़ी चुनौती है स्लम फ्री होने की। वैसे भी, केंद्र सरकार द्वारा 2022 तक सबको घर देने की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने में मुंबई के स्लम रीडिवेलमपेंट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। हालांकि, अपनी धीमी रफ्तार के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाली एसआरए योजना अब फास्ट ट्रैक पर आती दिख रही है। हालांकि, मुफ्त में घर देने वाली इस एसआरए योजना में तमाम तरह की दिक्कतें भी सामने आती हैं। सोने सरीखे स्लम के रीडिवेलपमेंट पर नजर डालती रिपोर्टः
मुंबई में स्लम में रहने वाले लोग यह भली भांति जानते हैं कि यह स्लम नहीं सोना है। इसी के चलते, इसकी कीमतें वसई-विरार के फ्लैट के बराबर होती है। स्लम रीडिवेलपमेंट के तहत हालांकि, लोगों को 269 स्के. फीट का एरिया दिया जाता है लेकिन इससे फ्री मिलने वाली जमीन बिल्डरों के लिए काफी मायने रखती है। हो भी क्यों न, मुंबई में खुली जगह न होने के चलते स्लम बिल्डरों के लिए 'सोने की खान' हैं। ऐसे में बिल्डर इनका रीडिवेलपमेंट हथियाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसी के चलते कई तरह के आकर्षक 'गिफ्ट' भी सोसायटी के सदस्यों को मिलने का आरोप लगता रहता है।
2000 तक के स्लम को मान्यता मिलने के बावजूद इनके बाद आए स्लम वालों के द्वारा अक्सर इन योजनाओं को रोकने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा राजीव आवास योजना बनाई गई है (जिसमें कट ऑफ की कोई सीमा नहीं है) लेकिन उसे मुंबई में शायद ही कुछ काम हुआ है।
बिल्डर इन स्लम वालों को 'अछूत' सरीखा ट्रीट करते हैं। इन्हें जैसे-तैसे शिफ्ट किया जाता है। इनकी घटिया क्वॉलिटी से अक्सर काफी दिक्कत पैदा होती है। इस पर काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। जानकारों को चिंता है कि आने वाले समय में यह बिल्डिंगें वापस वर्टिकल स्लम न बन जाए।
स्लम के रीडिवेलमपेंट की बिल्डिंगों में फ्लोर पर कंट्रोल लगे। लगातार बढ़ रही ऊंचाई से बाद में इन बिल्डिंगों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पाती है। ऐसे में, केवल इनकी शिफ्टिंग करके ही मामला हल नहीं होता है। इससे लोगों को बिल्डिंग से उतरने-चढ़ने में भी दिक्कत आने लगती है।
कई बार स्लम एक बिल्डर लेकर उसे दूसरे को बेच देता है। कई छोटे बिल्डर इस काम में लगकर इसमें मोटा मुनाफा कमाते हैं। एसआरए में काम करने वाले तमाम बिल्डरों की वेबसाइट तक भी नहीं है। ऐसे में, इनसे काम कराने से आगे चलकर कई योजनाएं अधर में लटक जाती हैं।
कोई ऑनलाइन सिस्टम न होने के चलते एक ही आदमी दूसरे इलाके में नया घर ले लेता है। इससे स्लम का मार्केट काफी प्रभावित होता है। इससे ही घरों के दाम भी अक्सर बढ़ते है। जानकारों के मुताबिक, इसमें भी बड़े पैमाने पर इन्वेस्टर्स आ पहुंचे हैं।
आपसी विवाद के चलते अक्सर परियोजनाएं विवादों में आ जाती हैं। ऐसे में, मामला कोर्ट तक भी पहुंचता है। जिससे काफी समय व्यर्थ हो जाता है।

स्लम पर कंट्रोल किए बिना इन परियोजनाओं का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। ऐसे में, इस पर बेहद अनुशासन से काम करने की जरूरत जानकार मानते हैं। स्लम रीहेबलिएशन अथॉरिटी के पास स्लम के पुनर्वास का जिम्मा है। इसके तहत, अब तक 1.60 हजार परिवारों को घरों की चाबी सौंपी जा चुकी है। वहीं, 1.9 लाख घरों का काम चल रहा है। ऐसे में, स्लम रीडिवेलपमेंट का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। हालांकि, इसमें पिछले कुछ सालों में ही गति आई है। लगभग 1200 परियोजनाएं चल रही हैं।

Thursday, January 22, 2015

मोदी खुद 14 फरवरी को पवार 'चाचा-भतीजे' के संचालित 'विद्या विकास प्रतिष्ठान' के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

राजनीति भी अजीबोगरीब चीज है, राजनेता एक-दूसरे के खिलाफ बयान देते हैं। कार्यकर्ताओं की फौज इसे सही मानते हुए सामने वाले के राजनीतिक खातमे के लिए जी-जान लगा देती है। और तल्ख बयान देने वाले नेता चुनाव बाद एक-दूसरे की गलबहियां डाले फोटो खिंचवाते नजर आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर महीने में बारामती के निवासियों को 'चाचा-भतीजे' की राजनीति खत्म करने चुनौती दी थी। चाचा यानी NCP अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे यानी तब के उपमुख्यमंत्री अजित पवार।
विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी BJP के प्रचार के लिए पवार के गृह नगर बारामती आए थे। उन्होंने बारामती वालों से पवार परिवार की 'गुलामी' से मुक्त होने का आह्वाहन किया था। तब से बारामती को हराभरा रखने वाली 'नीरा कैनाल' में काफी पानी बह चुका। फरवरी महीने में इस बात को चार महीने भी नहीं बीतेंगे और मोदी पवार द्वारा आयोजित समारोह की शोभा बढ़ा रहे होंगे। मोदी खुद 14 फरवरी को पवार 'चाचा-भतीजे' के संचालित 'विद्या विकास प्रतिष्ठान' के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। वैसे, 14 फरवरी को दोस्ती पुख्ता करने के लिए 'वेलंटाइंस-डे' का उत्सव भी मनाया जाएगा।
बुधवार को बारामती में पवार के निवास पर इस समारोह की आयोजन समिति की बैठक हुई। अन्य लोगों के अलावा, महाराष्ट्र की BJP सरकार के मंत्री गिरीश बापट भी इस आयोजन समिति के सदस्य हैं। बताया जाता है दिल्ली में पिछले महीने हुई भेट के दौरान पवार ने मोदी को बारामती में हुए विकास कार्य देखने का न्योता दिया। प्रधानमंत्री स्वयं आदर्श ग्राम योजना और महिला सक्षमीकरण योजनाओं का जायजा लें, यह NCP प्रमुख की इच्छा थी। मोदी ने पवार के न्योते को स्वीकार कर लिया है।

अक्टूबर के चुनावी संग्राम में केवल मोदी ही नहीं, पवार ने भी निशाना साधा था। पवार ने तब कहा था, मोदी ने व्यक्तिगत आरोप लगाकर प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कम की है। राजनीतिक बहस का दर्जा गिराया है। उन्होंने तब BJP विरोधी मोर्चा बनने पर इसमें सहयोग करने की भी बात कही थी।

Tuesday, January 20, 2015

चार आरोपी अभी भी फरार

जिन आरोपियों ने शुक्रवार को विले पार्ले में एक वैन से करीब दो करोड़ रुपये कैश लूटा था, उन्होंने टूरिस्ट गाड़ियां खरीदने के वास्ते इस लूट को अंजाम पर पहुंचाया। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने सोमवार को एनबीटी को यह जानकारी दी। इस केस में तारीक खान, मोहम्मद इकबाल और बाला मुनेश्वर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार आरोपी अभी भी फरार हैं। इनमें सिक्यॉरिटी गार्ड सदरे आलम भी शामिल है।
क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि जो कैश वैन लूटी गई, वह ट्रांस सिक्यॉरिटी एजेंसी की थी। इस एजेंसी का काम अलग-अलग बैंकों से कैश लेना होता था और फिर उन्हें अलग - अलग एटीएम बूथ जाकर मशीन में डालना होता था। ट्रांस एजेंसी की गाड़ी में एक तो उसका ड्राइवर रहता है और साथ ही वह शख्स भी, जिसके पास एटीएम बूथ की मशीन की चाबी होती है। ट्रांस एजेंसी की कैश वैन में जो सिक्यॉरिटी गार्ड होते हैं, वे किसी और एजेंसी से हायर किए जाते हैं। इसलिए शुक्रवार को हुई वारदात में वैन में जो सदरे आलम नामक सिक्यॉरिटी गार्ड था, उसे ओम सिक्यॉरिटी एजेंसी से हायर किया गया था। उसने ही ड्राइवर तारीक खान का ब्रेनवॉश किया और कहा कि अगर पूरी वैन को लूट लिया जाए , तो हम सबकी जिंदगी सुधर जाएगी। संयोग से तारीक बहुत दिनों से टूरिस्ट गाड़ियों का बिजनस शुरू करने को था। उसने सोचा कि अगर वैन का कैश उसके हाथ आ गया , तो वह आसानी से यह बिजनस शुरू कर लेगा।

लेकिन यहां सवाल यह था कि अगर उसने क्राइम किया, तो वह पकड़ा जाएगा। ऐसे में सदरे आलम ने सुझाव दिया कि वह कुछ बंदे रखता है, जो वेस्टर्न ऐक्सप्रेस हाईवे पर कार में इंतजार करेंगे और वैन का कैश लेकर भाग जाएंगे, जबकि जो वैन में तारीक व सदरे आलम के अलावा दो लोग होंगे, उन्हें आलम रास्ते में नींद की गोलियां मिलाकर चाय पिला देगा। शुक्रवार को आलम ने ऐसा ही किया। पर कोई शक न हो, इसके लिए तारीक ने भी पहले नींद वाली थोड़ी चाय पी। बाद में वैन में दोनों लोगों के बेहोश होने के बाद तारीक ने भी सोने का ड्रामा किया। इसी दौरान वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर सदरे आलम ने पूरा कैश कार में बैठे अपने साथियों को दे दिया और फिर इन साथियों के साथ भाग गया। बाद में इन साथियों के जरिए तारीक का हिस्सा उसके घर के पास किसी को पहुंचा दिया गया।
वारदात के बाद जब तारीक अपने दो साथियों के साथ अस्पताल में भर्ती हुआ और फिर जल्दी डिस्चार्ज हो गया, तो सीनियर इंस्पेक्टर दीपक फटांगरे, व्हावल, सुनील माने की टीम उसके घर गई और फिर उसे पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर लाई। उसी दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।

Saturday, January 17, 2015

एक कर्मचारी ने कैश वैन के अपने तीन साथियों को चाय पिलाई और दो करोड़ लूट कर फरार

पूरे फिल्मी अंदाज में सिक्यॉरिटी एजेंसी के एक कर्मचारी ने कैश वैन के अपने तीन साथियों को चाय पिलाई और दो करोड़ लूट कर फरार हो गया । विले पार्ले में हुई इस घटना को अंजाम देने वाले शख्स का नाम सदरे आलम बताया जा रहा है, जिसने महज डेढ़ महीने पहले ही कंपनी जॉइन की थी। जानकारी के मुताबिक, आलम एटीएम लोडर वैन में कैशियर था और उसके साथ एक हथियारबंद गार्ड, एक कैश लोडर और ड्राइवर भी मौजूद था। लूट का केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने कंपनी से आलम के बारे में सारी जानकारी हासिल करके उसकी खोज शुरू दी। शनिवार सुबह पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया।
वारदात शुक्रवार दोपहर की है, जब आलम ने अपने तीनों साथियों के साथ लोअर परेल स्थित अपने ऑफिस से वैन में कैश भरा और आस-पास के इलाकों के एटीएम में पैसे डालने निकल पड़ा। वैन ऑफिस से कुछ दूर ही निकली थी कि आलम ने अपने साथियों से चाय पीने को कहा। वैन एक टी स्टॉल के पास रुकी और आलम ने चाय ऑर्डर की। चाय बन ही रही थी, तभी आलम ने अपने साथियों से कहा कि पास ही उसका कोई परिचित उसका इंतजार कर रहा है और उसे कुछ पैसे लेने हैं। निकलने से पहले आलम ने अपने तीनों साथियों को चाय पकड़ा दी। आलम ने चाय में कुछ नशीली चीज मिला दी थी। आलम लौटा तो ड्राइवर ने वैन स्टार्ट की। जल्द ही गार्ड और लोडर बेहोश हो गए, लेकिन ड्राइवर को कुछ नहीं हुआ।
गाड़ी मिलान सबवे फ्लाईओवर के करीब पहुंची तो मारुति जेन में सवार तीन लोगों ने वैन पर धावा बोलकर ड्राइवर को जख्मी कर दिया। आलम ने वैन का कैश एक बैग में भरा और कार में आए साथियों के साथ फरार हो गया। ड्राइवर का दावा है कि उसने जोगेश्वरी तक कार का पीछा किया, लेकिन वहां लुटेरे चकमा देकर गायब हो गए। इसके बाद तुरंत ही उसने अपने ऑफिस को यह खबर दी और विले पार्ले थाने में शिकायत दर्ज कराई। ड्राइवर का कहना है कि मारुति जेन की नंबर प्लेट छिपा दी गई थी, जिसके चलते वह नंबर नहीं नोट कर पाया। उसने यह भी बताया कि चाय के नशीले पदार्थ का उसर उसपर शायद इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उसने चाय पीने के तुरंत बाद चॉकलेट खा ली थी।
हालांकि, शाम को ड्राइवर को भी तकलीफ महसूस हुई और उसे अन्य दो साथियों के साथ एक अस्पताल में भर्ती किया गया। पुलिस को यह भी पता चला था कि आलम ने नेपाल की एक महिला के साथ निकाह किया था और कुर्ला में किसी परिजन के घर पर रह रहा था। हालांकि नौकरी मिलने के बाद उसने मकान बदल दिया था। चार लोगों की गिरफ्तारी में अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आलम हिरासत में लिया गया है या नहीं।

Thursday, January 15, 2015

यात्रियों को जल्द ही मोबाइल पर मिलेगी 'बेस्ट इन्फर्मेशन'

बेस्ट परिवहन विभाग की ओर से मार्च 2016 तक बेस्ट के तहत आने वाली सभी बसों में यात्रियों की जानकारी के लिए पैसेंजर इन्फर्मेशन सिस्टम (PIS) लगाया जाएगा। इस सिस्टम के जरिए यात्रियों को बस के बारे में पूरी जानकारी उनके मोबाइल पर उपलब्ध हो सकेगी।
बेस्ट विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेस्ट की बसों से प्रतिदिन करीब 40 लाख यात्री यात्रा करते हैं। यात्रियों के मन में यात्रा करने से पहले कई सवाल होते हैं, जिनका जवाब उन्हें वक्त पर नहीं मिल पाता है। इसलिए बेस्ट ने उनकी सुविधा के मद्देनजर सभी बसों में PIS सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत यात्रियों को बस से संबंधित सारी जानकारी उनके मोबाइल पर आराम से उपलब्ध हो सकेगी।
अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बेस्ट परिवहन विभाग के अंर्तगत आने वाली करीब 4200 साधारण बसें और 290 एसी बसें हैं, जिनमें से अब तक कुल 1900 बसों में PIS सिस्टम लगाया जा चुका है। बेस्ट प्रशासन ने अब सभी बसों में PIS सिस्टम लगाने का निर्णय ले लिया है। साल 2016 तक इसका काम पूरा किया जाएगा। PIS सिस्टम लगाने की लागत को 2015-16 के आर्थिक बजट में दर्ज कराया जाएगा। इसके अलावा बेस्ट परिवहन विभाग की पूरी जानकारी वेबसाइट www.bestpis.in पर उपलब्ध की गई है।
अधिकारी ने बताया कि बस में आशंकित हलचलों पर नजर रखने के लिए बेस्ट परिवहन विभाग ने सभी बसों में CCTV कैमरे लगाए थे, लेकिन सभी CCTV कैमरे लगभग बंद ही पड़े हैं। बस और यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेस्ट विभाग ने सारे CCTV कैमरों को जल्द से जल्द कार्यान्वित करने का निर्णय ले लिया है। इस साल के अंत तक सभी बसों के CCTV कैमरे कार्यान्वित होने की संभावना जताई जा रही है।

Sunday, January 11, 2015

नो पार्किंग जोन में गाड़ियां पार्क करने वालों खिलाफ सख्त कदम

मुंबई ट्रैफिक पुलिस इन दिनों जहां दोषी व्यक्तियों को काउंसिलिंग देकर उन्हें अपराध करने के रोकने में लगी है। वहीं, बिना हेल्मेट पहनने वाले वाहन चालकों, रैश ड्राइविंग, लापरवाही और मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों और नो पार्किंग जोन में गाड़ियां पार्क करने वालों खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। एक तरफ मुंबई ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक विभाग द्वारा जारी आंकड़ों ने मुंबई पुलिस का सिर दर्द बढ़ा दिया है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 के मुकाबले 2014 में रैश ड्राइविंग के 648 मामले बढ़े हैं, जबकि वर्ष 2012 के मुकाबले पिछले साल रैश ड्राइविंग के मामलों में 2,433 केस ज्यादा हुए हैं। ये आंकड़े मुंबई ट्रैफिक और सिटी पुलिस दोनों के लिए चिंताजनक है।
पीक आवर्स के समय मुंबई के रास्तों पर वाहन चालक अपने वाहन रास्ते में कहीं भी पार्क करके चले जाते हैं जिससे रास्तों पर ट्रैफिक जाम लग जाता है। इस गंभीर समस्या पर काबू पाने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ी उठाने (टोईंग) का दर बढ़ाया था। यही वजह है कि मुंबई वासियों को नो पार्किंग जोन में वाहन पार्क करना इतना महंगा पड़ा।
पिछले पांच सालों में नो पार्किंग जोन में गाड़ियां पार्क करना मुंबइकरों को काफी महंगा पड़ा है। हाल ही में मुंबई ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में नो पार्किंग जोन में पार्क करने के 25 लाख से अधिक मामलों में 22 करोड़ रुपये से ज्यादा पेनल्टी वसूली गई है। फिलहाल ट्रैफिक पुलिस द्वारा पिछले पांच सालों में ट्रैफ‌िक नियम तोड़ने वालों से वसूली गई पेनल्टी को राज्य सरकार के कोष में जमा किया जाएगा। बीएमसी जल्द ही पार्किंग के लिए नई पॉलिसी लाने जा रही है जिसके बाद नो-पार्किंग के मामलों में वसूली गई पेनल्टी को बीएमसी के खाते में जमा किया जाएगा।

Friday, January 9, 2015

कैबिनेट का 10 नए मिनिस्टर्स के साथ विस्तार


बीजेपी महाराष्ट्र में कुछ छोटे दलों के नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने पर काम कर रही है। कैबिनेट का 10 नए मिनिस्टर्स के साथ विस्तार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और बीजेपी के महाराष्ट्र में प्रेजिडेंट रावसाहेब दन्वे नए मिनिस्टर्स के नाम फाइनल करने के लिए पार्टी के प्रेजिडेंट अमित शाह के साथ मुलाकात करेंगे।
बीजेपी और शिव सेना ने राज्य में लोकसभा चुनाव राजू शेट्टी के स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस), महादेव जनकर की राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) और कुछ अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर लड़ा था। मुंबई से बीजेपी के एक विधायक ने कहा, 'यह गठबंधन राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान नहीं रहा था। लेकिन अब बीजेपी का मानना है कि राजू शेट्टी और अन्य दल पार्टी की राजनीतिक तौर पर मदद करेंगे। 
इन छोटे दलों में से किसी के पास स्टेट लेजिस्लेटिव काउंसिल में सीटें नहीं हैं। इन दलों को कैबिनेट में शामिल करने का मतलब है कि बीजेपी को इनके नेताओं को स्टेट लेजिस्लेटिव काउंसिल में सीटें भी उपलब्ध करानी होगी। काउंसिल की चार सीटें अगले महीने भरी जानी हैं, जबकि चार और जून में खाली होंगी।
इस वजह से इन नेताओं को आसानी से जगह दी जा सकती है। लेकिन अंतिम मंजूरी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से ही आनी है।' राजू शेट्टी के सहयोगी सदाभाउ खोटे और महादेव जनकर को राज्य मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया भी कैबिनेट में एक जगह की मांग कर रही है, लेकिन बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी को कॉर्पोरेशंस में कुछ सीनियर पोजीशंस ही दी जा सकती हैं।
बीजेपी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता छोटे दलों को कैबिनेट में जगह देने के पक्ष में हैं, लेकिन इसे लेकर एक मुद्दा यह है कि इन दलों के नेताओं को कौन से पोर्टफोलियो दिए जाएं। शिव सेना के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर इंडस्ट्रीज जैसे कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से छीनकर शिव सेना को दिए गए थे।
बीजेपी नेताओं ने कहा कि इसे अब दोहराया नहीं जा सकता और मुख्यमंत्री के पास अभी मौजूद कुछ हल्के पोर्टफोलियो छोटे दलों के नेताओं को दिए जा सकते हैं।

Thursday, January 8, 2015

शौचालय बनाने के लिए मदद 4,000 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का निर्णय

राज्य सरकार मे ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक मदद 4,000 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का निर्णय लिया है। शौचालय बनाने के लिए दी जाने वाली रकम सीधे लाभार्थी के खाते में जमा होगी। अगले पांच साल में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 56 लाख नए शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है।

राज्य के जलापूर्ति और स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने रकम बढ़ाने की घोषणा करते हुए बताया कि जलापूर्ति और स्वच्छता विभाग की ओर से ग्रामीण इलाकों में बंद पड़ी योजनाओं को एक बार फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इन योजनाओं के लिए आने वाले खर्च की मूल राशि में से 15 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी। उन्होंने बताया कि राज्य भर की 92 नगरपालिकों में जूनियर इंजिनियर के पद रिक्त पड़े हैं। जबकि राज्य सरकार के पास 1500 सरप्लस इंजिनियर्स हैं। सरकार की योजना इन्हें अलग-अलग नगरपालिकों में भेजने की है। उन्होंने बताया कि गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी एक ही जल योजना चलाई जाएगी।

Tuesday, January 6, 2015

वृद्धावस्था का फायदा उठा कर बेटी द्वारा ही उन्हें ठगने की बात सामने आई


पिता की वृद्धावस्था का फायदा उठा कर बेटी द्वारा ही उन्हें ठगने की बात सामने आई है। 87 वर्षीय पिता ने बेटी शोभा त्रयंबके और नातिन श्रुति त्रयंबके-ठाकरे के खिलाफ नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में ठगी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।
पुलिस से मिली जानकरी के मुताबिक रघुनाथ नगर के यश आंनद सोसायटी में रहने वाले 87 वर्षीय गोविंद शिंदे का एक ‌फ्लैट करीब के ही सत्यम अपार्टमेंट में था। बेटी शोभा ने उस फ्लैट का अच्छा दाम मिलने की बात कह कर पिता से उसे बेचने की जिद की। गोविंद शिंदे फ्लैट को बेचना नहीं चाहते थे लेकिन बेटी ने उसे जबरदस्ती बेचने को मजबूर किया।  फ्लैट बेचने से मिली बड़ी राशि बेटी ने खुद रख ली और कुछ रुपए पिता के अकाउंट में जमा करा दिए। आरोपों के मुताबिक कुछ दिन बाद बेटी ने पिता को झांसे में लिया और पिता के नाम पर एक दूसरा घर लेने की बात कह कर पिता के बैंक अकाउंट से रुपए निकलवाए। इसके बाद बेटी शोभा ने फ्लैट पिता के नाम पर न ले कर खुद के नाम पर ले लिया।
इस बात का पता जब पिता को चला तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। ठगी का शिकार हुए पिता ने आखिरकार नौपाड़ा पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया है और बेटी शोभा और नातिन श्रुति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आईपीसी 420 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। पीआई थोरवे मामले की जांच कर रहे हैं।