Thursday, January 22, 2015

मोदी खुद 14 फरवरी को पवार 'चाचा-भतीजे' के संचालित 'विद्या विकास प्रतिष्ठान' के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

राजनीति भी अजीबोगरीब चीज है, राजनेता एक-दूसरे के खिलाफ बयान देते हैं। कार्यकर्ताओं की फौज इसे सही मानते हुए सामने वाले के राजनीतिक खातमे के लिए जी-जान लगा देती है। और तल्ख बयान देने वाले नेता चुनाव बाद एक-दूसरे की गलबहियां डाले फोटो खिंचवाते नजर आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर महीने में बारामती के निवासियों को 'चाचा-भतीजे' की राजनीति खत्म करने चुनौती दी थी। चाचा यानी NCP अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे यानी तब के उपमुख्यमंत्री अजित पवार।
विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी BJP के प्रचार के लिए पवार के गृह नगर बारामती आए थे। उन्होंने बारामती वालों से पवार परिवार की 'गुलामी' से मुक्त होने का आह्वाहन किया था। तब से बारामती को हराभरा रखने वाली 'नीरा कैनाल' में काफी पानी बह चुका। फरवरी महीने में इस बात को चार महीने भी नहीं बीतेंगे और मोदी पवार द्वारा आयोजित समारोह की शोभा बढ़ा रहे होंगे। मोदी खुद 14 फरवरी को पवार 'चाचा-भतीजे' के संचालित 'विद्या विकास प्रतिष्ठान' के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। वैसे, 14 फरवरी को दोस्ती पुख्ता करने के लिए 'वेलंटाइंस-डे' का उत्सव भी मनाया जाएगा।
बुधवार को बारामती में पवार के निवास पर इस समारोह की आयोजन समिति की बैठक हुई। अन्य लोगों के अलावा, महाराष्ट्र की BJP सरकार के मंत्री गिरीश बापट भी इस आयोजन समिति के सदस्य हैं। बताया जाता है दिल्ली में पिछले महीने हुई भेट के दौरान पवार ने मोदी को बारामती में हुए विकास कार्य देखने का न्योता दिया। प्रधानमंत्री स्वयं आदर्श ग्राम योजना और महिला सक्षमीकरण योजनाओं का जायजा लें, यह NCP प्रमुख की इच्छा थी। मोदी ने पवार के न्योते को स्वीकार कर लिया है।

अक्टूबर के चुनावी संग्राम में केवल मोदी ही नहीं, पवार ने भी निशाना साधा था। पवार ने तब कहा था, मोदी ने व्यक्तिगत आरोप लगाकर प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कम की है। राजनीतिक बहस का दर्जा गिराया है। उन्होंने तब BJP विरोधी मोर्चा बनने पर इसमें सहयोग करने की भी बात कही थी।

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