Sunday, January 11, 2015

नो पार्किंग जोन में गाड़ियां पार्क करने वालों खिलाफ सख्त कदम

मुंबई ट्रैफिक पुलिस इन दिनों जहां दोषी व्यक्तियों को काउंसिलिंग देकर उन्हें अपराध करने के रोकने में लगी है। वहीं, बिना हेल्मेट पहनने वाले वाहन चालकों, रैश ड्राइविंग, लापरवाही और मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों और नो पार्किंग जोन में गाड़ियां पार्क करने वालों खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। एक तरफ मुंबई ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक विभाग द्वारा जारी आंकड़ों ने मुंबई पुलिस का सिर दर्द बढ़ा दिया है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 के मुकाबले 2014 में रैश ड्राइविंग के 648 मामले बढ़े हैं, जबकि वर्ष 2012 के मुकाबले पिछले साल रैश ड्राइविंग के मामलों में 2,433 केस ज्यादा हुए हैं। ये आंकड़े मुंबई ट्रैफिक और सिटी पुलिस दोनों के लिए चिंताजनक है।
पीक आवर्स के समय मुंबई के रास्तों पर वाहन चालक अपने वाहन रास्ते में कहीं भी पार्क करके चले जाते हैं जिससे रास्तों पर ट्रैफिक जाम लग जाता है। इस गंभीर समस्या पर काबू पाने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ी उठाने (टोईंग) का दर बढ़ाया था। यही वजह है कि मुंबई वासियों को नो पार्किंग जोन में वाहन पार्क करना इतना महंगा पड़ा।
पिछले पांच सालों में नो पार्किंग जोन में गाड़ियां पार्क करना मुंबइकरों को काफी महंगा पड़ा है। हाल ही में मुंबई ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में नो पार्किंग जोन में पार्क करने के 25 लाख से अधिक मामलों में 22 करोड़ रुपये से ज्यादा पेनल्टी वसूली गई है। फिलहाल ट्रैफिक पुलिस द्वारा पिछले पांच सालों में ट्रैफ‌िक नियम तोड़ने वालों से वसूली गई पेनल्टी को राज्य सरकार के कोष में जमा किया जाएगा। बीएमसी जल्द ही पार्किंग के लिए नई पॉलिसी लाने जा रही है जिसके बाद नो-पार्किंग के मामलों में वसूली गई पेनल्टी को बीएमसी के खाते में जमा किया जाएगा।

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