Tuesday, May 31, 2011

गिरफ्तार प्रशांत शिंदे और प्रिया वैद्य को पुलिस हिरासत में

डेटा एंट्री का काम देने के बहाने सैकड़ों बेरोजगारों के साथ कई लाखो की ठगी कर फरार हुए दंपती को डोंबिवली की विष्णुनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार प्रशांत शिंदे और प्रिया वैद्य को पुलिस हिरासत में रखा गया है। पुलिस के मुताबिक डोंबिवली में प्रशांत शिंदे ने 'अविनाश डेटा मैनेजमेंट' के नाम से कार्यालय शुरू किया था। बाद में इस कार्यालय में बेरोजगार युवक-युवतियों को डेटा एंट्री का काम देकर रोजगार उपलब्ध कराया गया। कार्यालय ने डेटा एंट्री का काम करने वालों से दस से पचास हजार की डिपॉजिट वसूली। इसके बाद काम करने के एवज में प्रति एंट्री के बदले पांच रुपये की राशी काम लेने वाले को दी जाती थी। लेकिन कई माह काम करने के बाद भी लोगों को उनके रुपये नहीं मिले और विगत 19 मई को 'अविनाश डेटा मैनेजमेंट' का कार्यालय अचानक बंद हो गया और प्रशांत शिंदे फरार हो गया। लाखों की ठगी का शिकार हुए लोगो ने शिंदे के खिलाफ विष्णुनगर पुलिस में मामला दर्ज कराया। छानबीन के बाद पुलिस ने फरार प्रशांत शिंदे और उसकी पत्नी प्रिया वैद्य को गिरफ्तार कर लिया है।

Friday, May 27, 2011

जहां आदर्श सोसायटी स्थित है, वह प्लॉट महाराष्ट्र सरकार का

आदर्श घोटाले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय आयोग के समक्ष दायर हलफनामे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ' जहां आदर्श सोसायटी स्थित है, वह प्लॉट महाराष्ट्र सरकार का है। यह रक्षाकर्मियों या करगिल के युद्ध नायकों के लिए आरक्षित नहीं था। ' शिन्दे ने कहा कि सरकार ने आदर्श सोसायटी को सभी दस्तावेजों की उचित जांच के बाद ही भूमि का आवंटन किया। हलफनामे में कहा गया है कि 18 जनवरी 2003 के आशय पत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि भूमि जुलाई 1999 के सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुरूप आवंटित की गई थी, जिसमें युद्ध नायकों के लिए आरक्षण प्रदान नहीं किया गया था। शिन्दे ने हलफनामे में कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मई 2003 से नवंबर 2004 तक मेरे कार्यकाल में मुझे आदर्श सोसायटी को भूमि आवंटन में कथित अनियमितता की कोई शिकायत नहीं मिली। ' हलफनामा आयोग द्वारा महीने के शुरू में भेजे गए सम्मन के जवाब में दायर किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को भी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने इसके लिए 13 जून तक का समय मांगा, जिसकी स्वीकृति मिल गई।

Friday, May 20, 2011

वालकेश्वर में 16 इंच की एक पानी की पाइप लाइन फट गई।

वालकेश्वर में 16 इंच की एक पानी की पाइप लाइन फट गई। पाइप लाइन गुरुवार को सुबह वालकेश्वर में तीन बत्ती नाके पर फटी। पाइप लाइन फटने से हजारों लीटर पानी बरबाद हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही बीएमसी के हाइड्रोलिक डिपार्टमेंट के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। हाइड्रोलिक डिपार्टमेंट के अनुसार पाइप लाइन मरम्मत का काम जारी है। गुरुवार रात तक यह ठीक कर ली जाएगी। पाइप लाइन फटने से राजभवन, वर्षा बंगला, पेडर रोड, मलाबार हिल आदि इलाकों में पानी की सप्लाई शाम के समय प्रभावित रही। हालांकि बीएमसी पहले ही मरोशी-रूपारेल टनल पर चल रहे काम की वजह से चार दिन तक पानी की कटौती कर रही है। इस पर पाइप फटने से इन इलाकों में पानी की समस्या बढ़ गई है।

Monday, May 16, 2011

प्राइवेट सोसायटी के लोग अपने कुओं से पानी बेच सकते हैं

प्राइवेट सोसायटी के लोग अपने कुओं से पानी बेच सकते हैं, क्योंकि बीएमसी ने ऐसा कोई नियम कानून ही नहीं बनाया है जिससे उन पर किसी तरह की पाबंदी लगाई जा सके। पिछले दिनों बीएमसी कमिश्नर ने साफ कर दिया कि निजी सोसायटी अपने कुओं का पानी बेच सकते हैं, उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। पिछले एक साल से मुंबई भारी पानी की समस्या से जूझ रही है। लोगों को जितने पानी की जरूरत है उतना पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में महानगर की कई प्राइवेट सोसायटियों ने अपने परिसर में ही कुआं खोद दिया जिससे कुछ हद तक उन्हें राहत मिली, मगर कई सोसायटियों ने पानी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि पानी खरीदने वाले सोसायटी को एक हजार से 1000-1500 रुपये में प्रति बड़े टैंकर (10 हजार लीटर) देते हैं लेकिन पानी का कारोबार करने वाले माफिया कितने में बेचते हैं इसका सही आंकड़ा कोई बताने के लिए तैयार नहीं है। आमतौर पर पानी का कारोबार करने वाले लोग सोसायटी का पानी होटल व निर्माण कार्य करने वालों को बेचते हैं। पानी का कारोबार करने वालों के बाबत कई सोसायटियों के सदस्यों ने विरोध किया है। बीएमसी का ध्यान भी खींचा है, मगर बीएमसी इस संबंध में कुछ नहीं कर पा रही है क्योंकि प्राइवेट सोसायटियों के पानी बेचने पर किसी तरह का कोई नियम-कानून नहीं है जिससे बीएमसी अधिकारी चाह कर भी उन्हें पानी बेचने से रोक नहीं पाते। गौर करने की बात यह है कि बिना बीएमसी की अनुमति से कोई कुआं या हैंडपंप नहीं लगा सकता। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर जब कुआं खोदने के लिए बीएमसी की अनुमति लेनी पड़ती है तो बीएमसी उसका पानी बेचने पर पाबंदी क्यांे नहीं लगा सकती। म्यूनिसिपल कमिश्नर सुबोध कुमार ने बताया कि सोसायटी को पानी बेचने ने बीएमसी नहीं रोक सकती।

Tuesday, May 10, 2011

साठ हजार रुपये की

छोटे से काम के लिए जिस शख्स को रोज सौ रुपये दिए जाते थे ,वह बाद में साठ हजार रुपये की लूट का कारण बन जाएगा ,इसकी दीपा साटम ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। लेकिनयोगेश गावडे ने ऐसा ही किया। योगेश को चार अन्य आरोपियोंके साथ सीनियर इंस्पेक्टर शिवाजी राव कोलेकर ने सोमवार रातगिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार दीपा साटम मेघवाडी स्थित नाइस मार्केटिंग केदफ्तर में बतौर सहायक काम करती है। इस कंपनी का मूलमालिक कोई कोटियन है , जो दफ्तर बहुत ही कम आता है। इसदफ्तर में दीपा के साथ एक नौकर भी काम करता है , लेकिनसोमवार को वह छुट्टी पर था। इस मार्केटिंग कंपनी का मूल कामकार और ऑटो रिक्शा लोन को किसी फाइनेंस या लोन कंपनी से मंजूर करवाना होता है , जिसके बदले में इस मार्केटिंगकंपनी को हर लोन कंपनी से प्रति कार या ऑटो पांच हजार रुपये मिलते हैं।
योगेश गावडे इस मार्केटिंग कंपनी का स्थायी कर्मचारी नहीं है , लेकिन वह रोज नाइस मार्केटिंग कंपनी कार या ऑटो सेजुड़े दस्तावेज लेने आता था और फिर इन दस्तावेजों को आरटीओ में जाकर जमा कर देता था। बदले में उसे सौ रुपये रोजमिलते थे।
सोमवार को भी वह रोज की तरह देर दोपहर करीब चार बजे वहां आया। कुछ देर बाद वहां तीन और लोग हथियारलेकर गए उन्होंने दीपा से दफ्तर में रखी सारी नकदी ( करीब 50 हजार रुपये ) उन्हें सौंप देने को कहा। साथ ही खुददीपा की सोने की करीब दस हजार रुपये कीमत की अंगूठी उतरवा ली। इसके बाद सारे आरोपी ऑटो में बैठकर भाग गए।
जब अडिशनल सीपी अमिताभ गुप्ता और डीसीपी मुदियार के निर्देश पर मेघवाडी पुलिस ने दीपा से पूछताछ की , तोउसने सबसे ज्यादा शक योगेश गावडे पर जताया। दीपा का तर्क था कि वारदात के बाद वह योगेश से पुलिस स्टेशनचलकर एफआईआर दर्ज कराने को जब कहने लगी , तो वह बहाने बनाने लगा। दीपा के इस तर्क के बाद पुलिस ने योगेशको पूछताछ के लिए जैसे ही उठाया , उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने इसके बाद उन आरोपियों के नामभी बता दिए , जिसे उसने इस अपराध की सुपारी दी थी। पुलिस ने योगेश से मिले सुराग पर फिर नीकेश ठक्कर , भरतठक्कर , दीपक शिंदे और सुरेश राजपूत को गिरफ्तार किया। भरत और नीकेश रिश्ते में बाप - बेटे हैं।
नीकेश और दीपक ने पुलिस को बताया कि उनकी मां पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं , इसलिए इलाज के लिएरुपये जुगाड़ करने के वास्ते वो लोग इस अपराध को करने के लिए मजबूर हुए।

Sunday, May 1, 2011

1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य की स्थापना

महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की स्वर्ण जयंती समापन की पूर्व संध्या पर शनिवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर दिग्गजों के सत्कार, मराठी फिल्मों का अवॉर्ड फंक्शन संपन्न हुआ। इसमें मराठी फिल्म दिग्गजों के अलावा क्षेत्रीय कलाकारों को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में रंगत लाने के लिए सांस्कृतिक आयोजन हुए। इस उपलक्ष्य में महाराष्ट्र सरकार ने तीन दिनों के भव्य उत्सव का आयोजन किया है। शनिवार को गेटवे ऑफ इंडिया, रविवार को शिवाजी पार्क और दो मई को गिरगांव चौपाटी में आयोजन होंगे। इसके अलावा विधान भवन, एनसीपी द्वारा हुतात्मा चौक में और बीजेपी द्वारा बांद्रा में भी औपचारिक समारोह होंगे। गत एक मई को स्वर्ण वर्ष के स्वागत में सांस्कृतिक जलसे का आयोजन हुआ था।

1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य की स्थापना के समय मुख्य आयोजन शिवाजी पार्क पर हुआ था। उसी परंपरा में रविवार एक मई को मुख्य सरकारी आयोजन उसी ऐतिहासिक ग्राउंड पर होना है। दो मई को गिरगांव चौपाटी की रेत पर भव्य रंगारंग कार्यक्रम होगा। इसमें स्टेज के कई शो विशेष तौर पर तैयार किए गए है। पिछले साल की तुलना में एक फर्क ये होगा कि लेज़र शो रद्द कर दिया गया है। समुद्र के भीतर से की गई 30 मिनट की लेज़र पटाखेबाजी में कुछ गड़बडि़यां रह गई थीं।

इन उत्सवी समारोहों का समापन सोमवार 2 मई को गिरगांव चौपाटी के कार्यक्रम के साथ होगा। जानेमाने डिजाइनर नितिन देसाई इसके लिए बने विशाल पंडाल में महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा को जीवित करने में जुटे हुए है। इस समारोह में शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का दृश्य भव्य पैमाने पर प्रस्तुत किया जाएगा। महाराष्ट्र के संत कवियों की कृतियों और लावणी जैसी लोककलाओं की भी प्रस्तुति होगी।

मुंबई हाईकोर्ट ने इस आयोजन के लिए गिरगांव चौपाटी के इस्तेमाल की विशेष अनुमति दी है। 150 फीट लंबा मंच बनाने और आयोजन की तारीख बदलकर दो मई करने के अनुरोध को हाईकोर्ट की स्वीकृति मिल गई है।