Tuesday, May 10, 2011

साठ हजार रुपये की

छोटे से काम के लिए जिस शख्स को रोज सौ रुपये दिए जाते थे ,वह बाद में साठ हजार रुपये की लूट का कारण बन जाएगा ,इसकी दीपा साटम ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। लेकिनयोगेश गावडे ने ऐसा ही किया। योगेश को चार अन्य आरोपियोंके साथ सीनियर इंस्पेक्टर शिवाजी राव कोलेकर ने सोमवार रातगिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार दीपा साटम मेघवाडी स्थित नाइस मार्केटिंग केदफ्तर में बतौर सहायक काम करती है। इस कंपनी का मूलमालिक कोई कोटियन है , जो दफ्तर बहुत ही कम आता है। इसदफ्तर में दीपा के साथ एक नौकर भी काम करता है , लेकिनसोमवार को वह छुट्टी पर था। इस मार्केटिंग कंपनी का मूल कामकार और ऑटो रिक्शा लोन को किसी फाइनेंस या लोन कंपनी से मंजूर करवाना होता है , जिसके बदले में इस मार्केटिंगकंपनी को हर लोन कंपनी से प्रति कार या ऑटो पांच हजार रुपये मिलते हैं।
योगेश गावडे इस मार्केटिंग कंपनी का स्थायी कर्मचारी नहीं है , लेकिन वह रोज नाइस मार्केटिंग कंपनी कार या ऑटो सेजुड़े दस्तावेज लेने आता था और फिर इन दस्तावेजों को आरटीओ में जाकर जमा कर देता था। बदले में उसे सौ रुपये रोजमिलते थे।
सोमवार को भी वह रोज की तरह देर दोपहर करीब चार बजे वहां आया। कुछ देर बाद वहां तीन और लोग हथियारलेकर गए उन्होंने दीपा से दफ्तर में रखी सारी नकदी ( करीब 50 हजार रुपये ) उन्हें सौंप देने को कहा। साथ ही खुददीपा की सोने की करीब दस हजार रुपये कीमत की अंगूठी उतरवा ली। इसके बाद सारे आरोपी ऑटो में बैठकर भाग गए।
जब अडिशनल सीपी अमिताभ गुप्ता और डीसीपी मुदियार के निर्देश पर मेघवाडी पुलिस ने दीपा से पूछताछ की , तोउसने सबसे ज्यादा शक योगेश गावडे पर जताया। दीपा का तर्क था कि वारदात के बाद वह योगेश से पुलिस स्टेशनचलकर एफआईआर दर्ज कराने को जब कहने लगी , तो वह बहाने बनाने लगा। दीपा के इस तर्क के बाद पुलिस ने योगेशको पूछताछ के लिए जैसे ही उठाया , उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने इसके बाद उन आरोपियों के नामभी बता दिए , जिसे उसने इस अपराध की सुपारी दी थी। पुलिस ने योगेश से मिले सुराग पर फिर नीकेश ठक्कर , भरतठक्कर , दीपक शिंदे और सुरेश राजपूत को गिरफ्तार किया। भरत और नीकेश रिश्ते में बाप - बेटे हैं।
नीकेश और दीपक ने पुलिस को बताया कि उनकी मां पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं , इसलिए इलाज के लिएरुपये जुगाड़ करने के वास्ते वो लोग इस अपराध को करने के लिए मजबूर हुए।

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