21 साल की शाहीन डाढा ने 18 नवंबर को शिवसेना चीफ बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार वाले दिन फेसबुक पर एक स्टेटस अपडेट किया था। इस अपडेट को उनकी दोस्त रेणू ने लाइक करके शेयर किया था। हालांकि शाहीन ने अपनी पोस्ट में ठाकरे का जिक्र नहीं किया था, लेकिन स्थानीय शिवसेना चीफ ने उसके खिलाफ लोगों की भावनाएं भड़काने की शिकायत दर्ज करा दी। यही नहीं, शाहीन के चाचा के क्लिनिक में कुछ गुंडों ने तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने भी इस मामले में दोनों लड़कियों को अरेस्ट कर लिया था, जिसके बाद देश भर में 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' के मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई थी।
चारों तरफ हो रहे विरोध के बाद महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चव्हान और गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने ऐक्शन लेने का वादा किया था। इसके लिए आईजी रैंक के एक ऑफिसर को मामले की जांच सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि सीनियर पुलिस ऑफिसर्स ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अगर उन्होंने वक्त पर सही फैसला लिया होता, तो हालात इतने खराब नहीं होते।