Tuesday, December 30, 2014

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी 6.29 की लोकल ट्रेन पकड़ते हैं

न जाने कितने मुंबईकर रोज सीएसटी से कल्याण जाने वाली 6.29 की लोकल ट्रेन पकड़ते हैं, लेकिन जब सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इसी लोकल से यात्रा की तो यह सफर यादगार बन गया। खास बात यह रही की सीएम ने कल्याण तक का यह सफर आम यात्रियों के साथ बैठकर उनसे बातें करते हुए पूरा किया।
मुख्यमंत्री को सोमवार की शाम एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कल्याण जाना था। उनका कार्यक्रम सुबह से ही काफी व्यस्त था इसलिए वे सुबह से ही टाइम बचाने पर जोर दे रहे थे। सुबह अलीबाग जाने के लिए भी उन्होंने गेटवे से बोट का सफर किया। वापस लौटे तो कुलाबा में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी बीच उन्हें लगा कि अब वे सड़क के रास्ते निकले तो कल्याण पहुंचने में बहुत लेट हो जाएंगे। इसलिए कुलाबा का कार्यक्रम खत्म कर सीएम का काफिला सीधे सीएसटी स्टेशन पहुंच गया। वहां 6.29 की कल्याण लोकल प्लैटफॉर्म पर लगी थी। जब अचानक सीएम अपनी टीम के साथ इस लोकल के एक डिब्बे में चढ़े तो लोगों को बड़ा आश्चर्य लगा।

इस साल 1,661 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और उनके बिचौलियों को गिरफ्तार किया

महाराष्ट्र की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस साल हर दिन चार से ज्यादा अधिकारियों और उनके दलालों को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया है। इससे नौकरशाही में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों के साथ-साथ एसीबी के जाल में अनेक पूर्व मंत्री, एमपी और एमएलए भी फंसे। इनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार, पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार के कई सदस्य और कांग्रेस नेता कृपाशंकर सिंह भी शामिल हैं।
एसीबी ने इस साल 1,661 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और उनके बिचौलियों को गिरफ्तार किया। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 117% ज्यादा है। एसीबी के डायरेक्टर प्रवीण दीक्षित ने बताया कि 2013 में 574 बार जाल बिछाकर 764 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों को पकड़ा गया था।
एसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की तरह ब्यूरो ने सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के अधिकारियों को पकड़ा। इसके बाद पुलिसकर्मी गिरफ्त में आए। सबसे कम शिकायतें शहर के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, बेस्ट, चैरिटी कमिशन और ग्रामीण विकास विभाग के खिलाफ आई। इन विभागों में जाल बिछाने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। यहां 319 ट्रैप में राजस्व विभाग के कुल 419 कर्मियों को पकड़ा गया। 292 मामलों में पुलिस विभाग के 408 कर्मी घूस लेते हुए पकड़े गए।

Monday, December 29, 2014

साल 2015 में मुंबईकरों को पानी की समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी

साल 2015 में मुंबईकरों को पानी की समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी। यह संभावना बीएमसी ने झीलों में पानी की मौजूदा स्थित को देखते हुए जताई है।
बीएमसी के जलापूर्ति विभाग ने मुंबई को पानी सप्लाई करने वाले सात तालाबों का लेखा-जोखा पेश किया है। इसके अनुसार सभी झीलों में अभी करीब 1127971 मिलियन लीटर पानी है। मुंबईकरों को रोजाना करीब 3940 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जाती है। जलापूर्ति विभाग के मुताबिक मुंबई को पानी देने वाली सातों झीलों में जमा पानी करीब 10 महीने तक की आपूर्ति के लिए पर्याप्त है।

फिलहाल ऐसे अनेक वॉर्ड है जहां निरंतर पानी की समस्या बनी हुई है। जैसे कि के- वेस्ट वॉर्ड का पहाड़ी इलाका- जहां लोगों को पूरे साल इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही विक्रोली हीलसाइड और कुर्ला भाग में सबसे ज्यादा पानी की दिक्कत रहती है।

Friday, December 26, 2014

मोदी लहर जारी

झारखंड और जम्मू कश्मीर के चुनावों में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय 'मोदी लहर' को देते हुए शिव सेना ने गुरुवार को कहा कि जब विपक्षी पार्टियां धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रदर्शन करने में व्यस्त थीं, तब इन दोनों राज्यों ने प्रधानमंत्री के विकास के अजेंडे को मंजूरी दी।
शिव सेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, 'मोदी लहर जारी है जिसने झारखंड और जम्मू कश्मीर में बीजेपी को बड़ा चुनावी लाभ पहुंचाया। 14 साल बाद झारखंड एक स्थिर सरकार पाने जा रहा है, और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को जाता है।'
जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन की तैयारी कर रही पार्टियों को राज्य में काफी समय से लंबित समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हुए शिवसेना ने कुछ सवाल भी उठाए हैं।
शिवसेना ने कहा, 'क्या कश्मीरी पंडित जम्मू कश्मीर में अपना घर फिर बनाने में सक्षम होंगे? क्या कश्मीर को एक बार फिर धरती का स्वर्ग कहा जाएगा? क्या राज्य में आतंकवादी गतिविधियां रुक जाएंगी? क्या पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ रुक जाएगी? हम कामना करते हैं कि नई सरकार इन सभी सवालों का जवाब देने में सक्षम हो।'

Tuesday, December 23, 2014

सदन की कार्यवाही का बहिष्का

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जो समिति स्थापित करना चाहते हैं, उनकी सरकार उसी पर बहस कराने से मुंह चुरा रही है। सोमवार को विपक्ष इस मुद्दे पर बहस कराने की मांग करता रहा, लेकिन अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने विपक्ष की एक न सुनी। अध्यक्ष के रवैए से परेशान विपक्ष ने सदन में हंगामा मचाया और अंत में सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अलग समिति के मुद्दे को उठाने के लिए नियम 57 के तहत प्रश्नकाल निलंबित करने का नोटिस दिया था। उनके इस नोटिस को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान इसी मुद्दे को स्थगन प्रस्ताव के रूप में दोबारा उठाने की कोशिश की, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी भी मंजूरी नहीं दी।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चर्चा की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस-एनसीपी के विधायक अध्यक्ष के सामने वेल में आकर नारेबाजे करने लगे। शोरशराबे के बीच ही विधायक औचित्य का मुद्दा उठाते रहे। नारेबाजी और शोर शराबे के बीच ही कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने आव्हाड का समर्थन करते हुए कहा कि उनका स्थगन प्रस्ताव है, इसलिए उस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने मना कर दिया। इसी दौरान कांग्रेस-एनसीपी के विधायक 'मुंबई को तोड़ने नहीं देंगे' और 'मुंबई नहीं किसी के बाप की' जैसे नारे लगाने लगे। इसी बीच बीजेपी के विधायक भी एकजुट होकर विपक्षी विधायकों के सामने आ गए। इस स्थिति को टालने के लिए अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए बैठक स्थगित कर दी। जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तब भी विपक्षी विधायक चर्चा की मांग पर अड़े रहे और शोर मचाने लगे। अंत में विपक्ष ने देखा कि अध्यक्ष उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दे रहे, तब उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर मुंबई के विकास को गति देने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा था। इस बारे में मुख्यमंत्री ने सदन में कई बार सफाई दी कि उस समिति से सालों-साल लटकी मुंबई की योजनाओं को जल्दी मंजूरी मिल जाएगी। इस समिति से देश की आर्थिक राजधानी का विकास तेजी से होगा। विपक्ष इसी पर चर्चा और बहस की मांग कर रहा था।

मुंबई के विकास के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनने वाली समिति को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सात पन्नों का खत लिखकर इस समिति से दूर रहने की नसीहत दे चुके हैं। पवार ने अपने खत में मोदी को लिखा था कि उन्हें यानी मोदी को मुंबई के विकास की जिम्मेदारी से खुद को दूर रखना चाहिए, क्योंकि मुंबई के विकास की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और राज्य की है। पवार ने अपने खत में यह भी लिखा था कि था कि जब संविधान में राज्य और केंद्र की जिम्मेदारियों का सविस्तार वर्गीकरण किया गया है, तो ऐसा करना गलत होगा। पवार के इस खत के बाद ही एनसीपी विधायक विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर मुखर हुए हैं।

Monday, December 22, 2014

नागरिकों के प्रवेश को आसान करने के लिए एक प्रणाली

महाराष्ट्र सरकार मंत्रालय में नागरिकों के प्रवेश को आसान करने के लिए एक प्रणाली की अवधारणा पर काम कर रही है। प्रमुख सचिव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी राजेश अग्रवाल ने कहा, 'फिलहाल लोग मंत्रालय में प्रवेश के लिए बाहर घंटों तक कतारों में खड़े रहते हैं। इस प्रक्रिया को प्रौद्योगिकी की मदद से और अधिक अनुकूल बनाने की जरूरत है।'
उन्होंने कहा कि नागपुर में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद सूचना प्रौद्योगिकी विभाग राज्य सचिवालय में लोगों के प्रवेश में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए लोक निर्माण मंत्रालय और गृह मंत्रालय से विचार-विमर्श करेगा। अग्रवाल के मुताबिक मुंबई पुलिस महज 20 मिनट में वानखेडे स्टेडियम में 50,000 लोगों का प्रवेश करा सकती है।
उन्होंने कहा, 'पुलिस का सुरक्षित प्रणाली से संतुष्ट होना जरूरी है। हमें इस दिशा में काम करना होगा कि तेजी से ऑनलाइन डाटा एंट्री के साथ किस तरह शारीरिक जांच को उसमें समाहित कर सकते हैं।'

Saturday, December 20, 2014

ई-सिगरेट, नए तरह का नशा

यूं तो ई-सिगरेट का इस्तेमाल सिगरेट छोड़ने वाले लोग एक माध्यम के तौर पर करते हैं, लेकिन भारत में बिना किसी नियम-कानून के चलते, दिन दोगुनी और रात चौगुनी गति से बढ़ रहा यह बाजार अब पूरी तरह से बेलगाम हो गया है। आलम यह है कि अभी तक सिगरेट छुड़ाने के लिए इलाज के एक माध्यम के रूप में बाजार में मिलने वाली यह ई-सिगरेट, नए तरह का नशा बनकर उभर रही है।
डॉक्टरों के अनुसार बाजार में मिलने वाली ई-सिगरेट्स में कई ब्रैंड ऐसे हैं, जिनमें सामान्य सिगरेट से भी कहीं ज्यादा मात्रा में निकोटीन है और यह सिगरेट की तरह ही खतरनाक है। 

इस साल अक्टूबर में मॉस्को में हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तंबाकू नियंत्रण सेमिनार में ई-सिगरेट को सामान्य सिगरेट के जैसे ही खतरनाक और नुकसानदायक माना। वहीं सितंबर में दिल्ली में दक्षिण-एशियाई देशों की बैठक में भी इसे नुकसानदायक करार दिया गया है। यही कारण है कि भारत में ई-सिगरेट पर कड़े नियम बनाने की मांग बढ़ गई है। 
भारत में सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने पर प्रतिबंध है, लेकिन ई-सिगरेट पीने पर कोई नियम-कानून नहीं है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन ई-सिगरेट मंगाने का ट्रेंड बहुत ज्यादा बढ़ा है। मुंबई की हील्स फाउंडेशन के डॉ. प्रकाश गुप्ता का कहना है कि ई-सिगरेट में निकोटीन के ऐसे उत्पाद हैं, जिन्हें बिना किसी रोक-टोक के आसानी से इंटरनेट से मंगाया जा रहा है।
भारत में तंबाकू पर बने कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू प्रॉडक्ट नहीं दिए जाते, जबकि इंटरनेट के माध्यम से ई-सिगरेट किसी भी उम्र के लोग मंगा रहे हैं। 
गौरतलब है कि ई-सिगरेट बनाने वाली कंपनियां इसे सामान्य सिगरेट से कम हानिकारक के तौर पर प्रचारित कर रही हैं, लेकिन डॉक्टरों की राय इससे जुदा है। टाटा अस्पताल के हेड ऐंड नेक सर्जन, डॉ. पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि किसी भी रिसर्च के माध्यम से यह साबित नहीं हुआ है कि ई-सिगरेट, सिगरेट के 'डी-अडिक्शन' के लिए किसी भी तरह से कारगर साबित हुई है बल्कि, यह उतनी ही नुकसानदायक है जितनी सामान्य सिगरेट। कई ब्रैंड के ई-सिगरेट में 36 मिलीग्राम तक निकोटीन की मात्रा होती है, जो उसे सामान्य सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक बनाती है।
 ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसा उपकरण है, जो निकोटीन को सीधे फेफड़ों तक पहुंचाता है। ई-सिगरेट, देखने में बिलकुल सामान्य सिगरेट या सिगार जैसी प्लास्टिक या मेटल से बनी होती है। बाजार में ई-सिगरेट के 7764 से भी ज्यादा फ्लेवर उपलब्ध हैं। 

Thursday, December 18, 2014

अधिकारियों की इमारत में सुबह 11:15 बजे के करीब आग

पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर स्थित अधिकारियों की इमारत में सुबह 11:15 बजे के करीब आग लग गई। फायर ब्रिगेड के अनुसार, 20 मंजिला इमारत के चौथे फ्लोर पर आग लगी थी, जिसके बाद पूरी बिल्डिंग में धुआं होने लगा। फायर ब्रिगेड ने जल्द ही आग को काबू में कर लिया। इस दुर्घटना में धुंए से हुई परेशानी के कारण 13 लोगों को जगजीवन राम और नायर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जबकि प्रकाश यादव नाम के रेलकर्मी को चोटें आईं है। आग लगने के सही कारणों की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
राहतकार्य में जुटे हुए फायर फाइटर्स का कहना था कि बिल्डिंग में आग से लड़ने के लिए पर्याप्त साधन तो थे, लेकिन एक भी काम का नहीं था। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 12 सालों से बिल्डिंग में आग बुझाने के लिए लगे पाइप (वॉटर स्प्रिंकल) की टेस्टिंग नहीं की गई थी। आग बुझाने के उपकरण भी काम नहीं कर रहे थे, जबकि फायर ब्रिगेड को पहले भी बिल्डिंग का ऑडिट करने के लिए पत्र लिखा गया था।
सुबह आग की घटना के बाद पूरी बिल्डिंग की बिजली काट दी गई थी। शाम को 7:30 बजे के करीब बिल्डिंग की लिफ्ट चालू की गई, जबकि रात 9:30 बजे के करीब बिल्डिंग के आधे हिस्से में बिजली की आपूर्ति शुरू की गई।

20 मंजिला इमारत में आग लगने के बाद धुंआ ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गया, लेकिन फायर ब्रिगेड की सतर्कता के बाद जल्द ही आग पर नियंत्रण कर लिया गया था। बचाव कार्य के दौरान कई लोगों को फायर ब्रिगेड ने उनके फ्लैट्स से स्नॉर्केल (सीढ़ी वाली वैन) द्वारा निकाला।

आपसी सहमति से सुलझाने को तैयार -विवाद

बाल ठाकरे के पुत्र और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के भाई जयदेव ठाकरे ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वे अपने भाई उद्धव के साथ पिता की संपत्ति पर चल रहे विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने को तैयार हैं। दोनों भाइयों में उनके पिता द्वारा तैयार की गई 'वसीयत' को लेकर विवाद चल रहा है। हालांकि, इस समझौते के प्रति उद्धव ने फिलहाल कोई रुचि नहीं दिखाई है। उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि अपने मुवक्किल का पक्ष पेश करने के लिए उन्हें कुछ समय चाहिए।
वकील की दलील थी कि जयदेव ने उनके मुवक्किल के विरुद्ध जो आरोप लगाए हैं, वे काफी आपत्तिजनक हैं और विवाद के निपटारे में बाधा बन रहे हैं। कोर्ट ने दोनों भाइयों से यह विवाद आपस में सुलझाने को कहा था। अब इस मुद्दे पर 6 जनवरी को सुनवाई होगी। तब तक उनसे इस विवाद का आपसी सहमति से कोई हल निकालने को कहा गया है।

Monday, December 15, 2014

लोकायुक्त और उप लोकायुक्त यह दोनों ही पद फिलहाल रिक्त

महाराष्ट्र में लोकायुक्त और उप लोकायुक्त यह दोनों ही पद फिलहाल रिक्त हैं। दो अलग कानून इसलिए बनाए गए थे कि प्रशासन और अधिकारियों के अन्याय के खिलाफ गुहार लगाने के लिए इनमें से कम से कम एक कार्यालय हमेशा उपलब्ध रहे। इन 15 सालों में कुल तीन लोकायुक्त और उतने की उपलोकायुक्त नियुक्त किए गए। इनमें से अंतिम लोकायुक्त जस्टिस पुरुषोत्तम बा. गायकवाड़ एक जुलाई 2014 को रिटायर कर गए। वहीं, अंतिम लोकआयुक्त जॉनी जोसेफ का कार्यकाल पिछली 30 नवंबर को खत्म हो गया। लेकिन सरकार की तरफ नई नियुक्ति को लेकर कोई अबतक सामने नहीं आई है।
एक आरटीआई से प्राप्त जानकारी से यह तथ्य उभरा है कि इसमें शिकायत करने वालों की संख्या लगातार कम हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त ब्योरे के अनुसार, दोनों कार्यालयों में अब तक कुल 2,06,269 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उसमें से 1,34,749 शिकायतों का निपटान किया गया। जो कि करीब 65 प्रतिशत ही बैठता है। मतलब यह कि एक-तिहाई मामले अभी भी लंबित पड़े हैं। लोकायुक्त को पहले पांच वर्षों के कार्यकाल में जोश देखा गया। वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक हर साल नई शिकायतों के संख्या 10 हजार से ज्यादा दर्ज की गई। पिछले कुछ सालों से यह पांच से सात हजार शिकायतें प्रति वर्ष तक सीमटकर रह गई है।
: लोकायुक्त और उपलोकायुक्त को दीवानी अदालतों को जांच पड़ताल के लिए मिले सभी अधिकार बहाल किए गए हैं। लोकायुक्त कानून की धारा 11 (2) का इसमें उल्लेख है। इसके अलावा धारा 11 (3) में यह उल्लेख है कि आईपीसी कानून की धारा 193 के तहत फौजदारी न्यायालय को प्राप्त दर्जा इन्हें दिया गया हैं। बस यहीं उनके अधिकार सीमित हो जाते हैं। लोकायुक्त को न तो सजा देने का अधिकार है और न ही किसी तरह की सजा कि सिफारिश करने का। वह सरकार को केवल अपनी रिपार्ट पेश कर सकते हैं। खास मामलों में राज्यपाल को रिपोर्ट भेज सकते हैं। यह रिपोर्ट विधानमंडल के सामने रखी जाती है। सामान्य भाषा में कहा जाए तो 'पंच पकवान वाला भोजन तो दिया, खाने के दांत ही नहीं दिए। निवाला मुंह से उतरे कैसे?'
पिछले 15 वर्षों के कार्यकाल में मिली दो लाख से ज्यादा शिकायतों में लोकायुक्त और उपलोकायुक्त ने कुल 2034 मामलों में कार्रवाई करने की शिफारिश की है। यानी बमुश्किल एक प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की सिफारिश की है। इनको भी सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया हो, ऐसी मिसालें नहीं के बराबर के हैं। वर्ष 2005 में लोकायुक्त -उपलोकायुक्त कार्यालय ने केवल एक शिकायत पर कार्रवाई की शिफारिश की। इसी एक मामले पर राज्यपाल को रिपोर्ट भी भेजी गई। निराशा की हालत यह रही कि अगले दो सालों 2006 और 2007 में इस कार्यालय से राज्यपाल को एक भी रिपोर्ट कार्रवाई के लिए नहीं भेजी गई। पिछले लोकायुक्त जस्टिस गायकवाड और उपलोकायुक्त जॉनी जोसेफ ने पिछले दो सालों में मामलों के निपटारे में तेजी लाई है। लगभग दो हजार सिफारिशों में से डेढ़ हजार मामलों में शिकायतें इन्हीं के कार्यकाल में की गई है। फिर भी विश्वास की कमी के चलते लोकायुक्त कार्यालयों को मिलने वाली शिकायतों की संख्या में इजाफा नहीं हो पाया है।

महाराष्ट्र में सभी मंत्रियों को 'लोकसेवक' बताकर उनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की जा सकती है। लेकिन मुख्यमंत्री को इस दायरे से बाहर रखा गया है। मंत्रियों के खिलाफ दर्ज 127 मामलों में केवल चार मामलों में लोकायुक्त ने कार्रवाई करने की सिफारिश की। मामले फाइलों में बंद होकर रह गए। इस साल अक्टूबर तक मिले आंकड़े बताते हैं कि इस साल किसी भी मंत्री के खिलाफ नई शिकायत दर्ज ही नहीं हुई। ऐसा 15 सालों में पहली बार हुआ है। विश्वास की डोर इतनी कमजोर तो कभी नहीं थी।

Friday, December 12, 2014

बीएमसी में पानी के मुद्दे को लेकर सभी दलों के नगरसेवकों ने जमकर किया हंगामा

बुधवार को बीएमसी में पानी के मुद्दे को लेकर सभी दलों के नगरसेवकों ने जमकर हंगामा किया। नगरसेवकों ने प्रशासन से मुंबई में पानी की समस्या को जल्द से जल्द खत्म करने की मांग की। सबसे पहले नगरसेवक प्रवीण छेड़ा ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुंबई को करीब 3750 एमएलडी पानी सप्लाई किया जाता है, जबकि मुंबई में 1800 से 2000 हजार एमएलडी पानी की जरूरत है, तो बाकी का पानी कहां जाता है?
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चार दिनों से घाटकोपर में पानी की सप्लाई बंद है, इसके बावजूद आम जनता को उसका अनायास ही बिल भरना पड़ेगा, ऐसे में जिन दिनों पानी की सप्लाई नहीं हुई है, उतने दिन का बिल न भेजने की मांग की गई। इस पर बीएमसी के अडिशनल कमिश्नर एन. श्रीनिवासन ने कहा कि प्रशासन की ओर से इस तरह बिल काटकर नहीं भेजा जा सकता।
कांग्रेस के नगरसेवक आसिफ जकारिया ने कहा कि एच वेस्ट वॉर्ड में पानी का प्रेशर हमेशा कम ही रहता है, जबकि यह रेजिडेंशल एरिया है। बीएमसी प्रशासन जनता को 24 घंटे पानी सप्लाई करने की बात करके महज बरगलाता है। अगर प्रशासन जनता को सुविधा देने में सक्षम नहीं है, तो उसे कुछ भी कहने से बचना चाहिए।

शिवसेना नगरसेविका अनुराधा पेडणेकर ने कहा कि बीएमसी पिछले सात-आठ महीनों से एल वॉर्ड में वॉटर बिल ही नहीं भेज रही है। बीएमसी के कर्मचारी वॉटर बिल एल-वॉर्ड स्थित एक पान वाले की टपरी पर छोड़ जाते हैं, जिससे वे किसी के पास नहीं पहुंच पाते हैं। कर्चचारियों की इस घोर लापरवाही के खिलाफ प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए।

Wednesday, December 10, 2014

रेप की घटना से मुंबई पुलिस सर्तक

दिल्ली में पिछले हफ्ते उबर कंपनी के कैब ड्राइवर द्वारा रेप की घटना से मुंबई पुलिस सर्तक हो गई है और उसने 31 दिसंबर के पहले शहर के सभी टैक्सी ड्राइवरों के बैकग्राउंड की जांच का काम पूरा करने की योजना बनाई है।
मुंबई में 44500 हजार से ज्यादा टैक्सियां हैं, जिनमें 3500 रेडियो कैब, 3000 हजार टैक्सियां और 38 हजार यलो टॉप्स टैक्सियां शामिल हैं। पुलिस विभाग ने इस काम को पूरा करने के लिए अपने स्पेशल ब्रांच, क्राइम ब्रांच, सभी पुलिस स्टेशनों और ट्रैफिक विभाग को शामिल किया है। 

यह शहर के टैक्सी ड्राइवरों के स्क्रीन टेस्ट के लिए चलाए गए सबसे बड़े अभियानों में से एक है और इसकी मदद से जो डेटा बनाया जाएगा उसे ऑनलाइन किया जाएगा ताकि सभी पुलिस स्टेशनों के लिए वह बस एक क्लिक की दूरी पर हो।
दिल्ली रेप पीड़िता ने एक स्मार्ट फोन ऐप से शुक्रवार रात ऊबर कंपनी की टैक्सी बुक कराई थी। लेकिन उसका आरोप है कि ड्राइवर उसे एक सूनसून जगह पर ले गया और उसके साथ रेप किया। टैक्सी ड्राइवर को मथुरा से अरेस्ट किया गया। पुलिस ने जांच में पाया कि वह ड्राइवर पहले भी एक बार रेप के आरोप में जेल जा चुका है। दिल्ली में ऊबर की सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। टैक्सी कंपनियों द्वारा ड्राइवरों की जांच-पड़ताल किए बिना ही काम पर रखे जाने पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने कहा, हमने दिल्ली रेप के से सबक सीखा है और हमने खुद के सामने एक बड़ा लक्ष्य रखा है। उम्मीद है कि नए साल से पहले हम उसे पूरा कर लेंगे।' उन्होंने कहा नए साल के सेलिब्रेशन के दौरान लोग ज्यादा टैक्सी हायर करते हैं, तो ऐसे में हम नहीं चाहते कि शहर की कोई महिला खुद को असुरक्षित महसूस करे।
मुंबई के पास तीन रेडियो कैब सेवाएं हैं, जिनमें मेरु, ईजीकैब और टैबकैब शामिल हैं। लेकिन फिर भी काली-पीली और ब्लू-सिल्वर रंग की एसी टैक्सियां शहर में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। ऊबर के साथ-साथ ओला और टैक्सी फॉर श्योर जैसी कंपनियां ग्राहकों के लिए कैब उपलब्ध कराने के लिए ऐप का इस्तेमाल करती हैं। जबकि मेरु, ईजीकैब और टैबकैब्स जैसी कंपनियों के कॉल सेंटर्स है और उसी से वे ग्राहकों तक पहुंची हैं। लेकिन ओला और टैक्सी फॉर श्योर की कारें ब्रैंडेंड होती हैं।
अडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सतीश सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ओला और ऊबर टूरिस्ट कंपनियां हैं जिनके पास नैशनल परमिट हैं और वे राज्य सरकार की टैक्सी योजनाओं के अतंर्गत नहीं आती हैं।
राज्य में चलने वाली टैक्सियां राज्य सरकार के फ्लीट टैक्सी स्कीम 2006, कॉल टैक्सी स्कीम 2010 और फोन फ्लीट टैक्सी स्कीम 2010 के तहत राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से अप्रूव्ड हैं। लेकिन यह नियम ओला और टैक्सी फॉर श्योर के लिए नहीं है।
कैब की जांच आज से शुरू कर दी जाएगी। रेडियो कैब ड्राइवर्स और टैक्सी ड्राइवर्स असोसिएशन को निर्देश दिया गया है कि वे सारे रेकॉर्ड्स पुलिस को उपलब्ध कराएं। डेप्युटी कमिश्नर ऑप पुलिस (क्राइम) धनंजय कुलकर्णी ने बताया कि जांच के दौरान ड्राइवर की मुंबई में आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच के साथ ही उसके मूल निवास स्थान में भी उसके आपराधिक रेकॉर्ड की जांच की जाएगी।
सीनियर अधिकारियों के मुताबिक मारिया द्वारा रखा गया लक्ष्य जितना लगा रहा है उससे कहीं बड़ा है। पहली बात तो शहर में टैक्सियों की वास्तविक संख्या टैक्सी की आधिकारिक यूनियनों द्वारा बताई गई संख्या से ज्यादा हैं और दूसरी बात हर टैक्सी के साथ कम से कम दो से तीन ड्राइवर जुड़े होते हैं। एक अधिकारी ने कहा, 'हमारे अनुमान के मुताबिक मुंबई में कम से कम 60 हजार टैक्सियां हैं। अगर यह माना जाए कि एक टैक्सी के साथ दो ड्राइवरों जुड़े हैं तो मतलब हमें 20 दिनों में 1 लाख 20 हजार ड्राइवरों की जांच करनी हैं।' यह बहुत बड़ा काम है लेकिन हम इसे पूरा करने के लिए अपने सभी संसाधन लगाएंगे।'
लेकिन जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (लॉ ऐंड ऑर्डर) धनंजय कमलाकर ने कहा कि पुलिस इस काम को पूरा करने के लिए आगे बढ़ेगी जिससे यह शहर में किसी अनहोनी को रोकने के लिए अवरोध का काम करे। उन्होंने कहा, 'हम इस बात पर काम कर रहे हैं कि इसे कैसे पूरा किया जाए। हमने आरटीओ से टैक्सी ड्राइवर्स के पुलिस वेरीफिकेशन का रेकॉर्ड मांगा है। हम इस काम को पूरा करने के लिए अपने पुलिस स्टेशन को भी लगाएंगे।' 

Monday, December 8, 2014

बांद्रा टर्मिनस से पालिताना (गुजरात) के लिए ट्रेन

शुक्रवार रात रेलमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर बांद्रा टर्मिनस से पालिताना (गुजरात) के लिए ट्रेन रवाना की। इस रूट के लोगों के महत्व को समझते हुए दिल्ली से रेलमंत्री सुरेश प्रभु आए इसके अलावा सांसद किरीट सोमैया, गोपाल शेट्टी और अरविंद सावंत भी मौजूद थे।
रात दस बजे के करीब आयोजित किए इस समारोह में मुंबई महापौर स्नेहल आंबेकर और अन्य नेताओं के अलावा महाप्रबंधक हेमंत कुमार (वेस्टर्न) और सुनील कुमार सूद (सेंट्रल), दोनों डीआरएम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रभु ने कहा कि रेलवे के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेल इस कैश क्रंच से गुजर रही है। तकरीबन 4-5 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स प्रलंबित हैं। प्रभु ने कहा कि हम जल्द ही रेलवे पर श्वेत पत्र जारी करेंगे, जिसमें सभी प्रकल्पों का विवरण भी शामिल होगा। रेलमंत्री ने कहा कि यातायात व्यवस्था को अपग्रेड करने के लिए एक मल्टी मॉडल एजेंसी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

दिवा-वसई के और रोहा-दिवा के बीच चल रही पुरानी गाड़ियों (रेक) की जगह दो नए डेमू(डीजल मल्टीपल यूनिट) रेक सेवा में लाए जाएंगे। दोनों रेक मुंबई आ चुके हैं और संभवत 7 या 8 दिसबंर की रात इनका ट्रायल किया जाएगा।

बीजेपी सरकार मजदूरों से संबंधित अहम विधेयक लाएगी

आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए बीजेपी सरकार विकास कार्यों में 40 पर्सेंट कटौती करने जा रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह किसी तरह की रियायत नहीं देगी है। शीतकाल सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित मुख्यमंत्री की टी-पार्टी के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने पिछली सरकार पर आर्थिक बदइंतजामी का आरोप लगाकर अपनी सरकार का बचाव किया। खडसे का कहना है कि राज्य कर्ज के बोझ तले दब गया है ।
राजस्व मंत्री खडसे के अनुसार, राज्य पर कर्ज का बोझ 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है जबकि राजस्व घाटा भी 26,000 करोड़ रुपये हो चला है। इसके साथ ही राजकोषीय घाटा भी तेजी से बढ़ा है इसलिए उनकी सरकार पिछली सरकार के गैर-योजनागत खर्च में कटौती करेगी। उनका दावा है कि पिछली सरकार भी इसी तरह से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कटौती करती रही है।इसके बाद भी खडसे यह बताने से नहीं चूके कि सूखा पीड़ित किसानों की मदद के लिए वह केंद्र से आर्थिक मदद लाएंगे।
सीएम की टी पार्टी में विरोधी दल शामिल नहीं हुए। इसके पीछे कांग्रेस-एनसीपी ने हवाल दिया कि जब सीएम ही नहीं है तो सीएम की चाय-पार्टी का क्या मतलब? बीजेपी-शिवसेना के मंत्रियों ने चाय की चुस्की लेते हुए कुछ मिनटों में टी-पार्टी की परंपरा का निर्वाह किया। वैसे, किसानों और मजदूरों के लिए यह अधिवेशन बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्यों कि राज्य का एक हिस्सा सूखे से पीड़ित है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

एकनाथ खड़से ने कहा कि बीजेपी सरकार मजदूरों से संबंधित अहम विधेयक लाएगी, ताकि उनकी स्थित सुधारी जा सके। इसके अलावा मुंबई जैसे बड़े शहरों की समस्याएं और तेजी से उभरते छोटे शहरों के विस्तार और विकास से संबंधित निर्णय की आस इस सरकार से लगाई जा रही है। मुंबई शहर की बुनियादी समस्याओं में सुधार के लिए धीमी गति से चल रही योजनाएं जैसे कोस्टल रोड, ट्रांस हार्बर, पानी समस्या अन्य कई मुद्दों पर चर्चा के निर्णय लेने की उम्मीद नागपुर के शीतकालीन सत्र में की जा रही है। विदर्भ के विकास का मुद्दा यहां जोरशोर से गूंजेगा।

Saturday, December 6, 2014

एकनाथ शिंदे ने विरोधी पक्ष नेता पद से इस्तीफा

शिवसेना के सरकार में शामिल होने से पहले एकनाथ शिंदे ने विरोधी पक्ष नेता पद से इस्तीफा दे दिया। शिंदे के इस्तीफे की भनक लगते ही कांग्रेस ने उस पद पर दावा ठोक दिया। पार्टी गट नेता राधाकृष्ण विलेपाटील की ओर से विधायक संजय दत्त ने विधानसभा अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे को पत्र दिया।

विधानसभा अध्यक्ष को दिए पत्र में कांग्रेस ने नियमों का हवाला देते हुए विरोधी पक्ष नेता पद पर अपना दावा पेश किया। शिवसेना के सरकार में जाने के बाद कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में है। उसके कुल 42 विधायक हैं जबकि एनसीपी के 41 विधायक हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस के 5 विधायक निलंबित है।
इस तरह से सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 37 हो जाती है। सोमवार से शीतकालीन सत्र नागपुर में शुरू हो रहा है। सत्र के पहले दिन ही विरोधी पक्ष पद के नियुक्ति की घोषणा की जाएगी।

Friday, December 5, 2014

शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी

मुंबई के समंदर में बनाए जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसकी सूचना केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली में आयोजित एक पत्रकार परिषद में दी।
दिल्ली से आई खबरों के मुताबिक जावडेकर ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यावरण विभाग के सुझावों को समाविष्ट कर केंद्र के पास प्रस्ताव भेजा था। केंद्रीय अनुमति के बाद समुद्र में शिवाजी महाराज का स्मारण बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में जल्द ही पर्यावरण विभाग अधिसूचना जारी करेगा।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने ' छत्रपति का आशीर्वाद, चलो चलें मोदी के साथ' नारा दिया था। उस वक्त बीजेपी को कई तरह के आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उस वक्त शिवसेना की ओर से व्यंग किया जा रहा था कि छत्रपित शिवाजी महाराज का आशीर्वाद शिवसेना के साथ है, न कि मोदी के साथ। अब मोदी सरकार ने शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक बनाने की अनुमति दे दी है। छत्रपति शिवाजी महाराज का वह स्मारक अरब सागर में करीब 309 फीट ऊंची होगी।

Monday, December 1, 2014

बीजेपी और शिवसेना में बातचीत अंतिम चरण में

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना में बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। बीजेपी चाहती है कि महाराष्ट्र विधानसभा के 8 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले शिवसेना सरकार का हिस्सा बन जाए। देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर उनके साथ शिवसेना नेताओं अनिल देसाई और सुभाष देसाई की बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि आज यह मुद्दा सुलझ सकता है।
फडणवीस के घर पर हुई मीटिंग के बाद शिवसेना के एक नेता ने कहा कि सरकार में शामिल होने को लेकर बातचीत अंतिम चरण में हैं और आज इसका हल निकल सकता है। मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि वह चाहते हैं कि शिवसेना सरकार का हिस्सा बने। दोनों पार्टियों के नेता इस रणनीति में जुटे हैं कि शिवसेना को किस फॉर्म्युले से सरकार का हिस्सा बनाया जाए। 

खबरों की मानें तो बीजेपी, शिवसेना के कोटे से आठ लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए राजी होती दिख रही है, जिसमें चार कैबिनेट और चार राज्यमंत्री होंगे। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना अब भी कुछ बातों को लेकर अड़ी हुई है। बीजेपी ने उप-मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का पद दिए जाने की मांग को पहले ही ठुकरा दिया है। शिवसेना ने गृह मंत्रालय समेत कुछ और अहम मंत्रालय दिए जाने की मांग की है।
सूत्रों का कहना है कि कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और उद्धव ठाकरे में पहले ही इस बात पर सहमति बन चुकी है शिवसेना फडणवीस सरकार में शामिल होगी और उसके कोटे से कम-से-कम चार कैबिनेट स्तर के मंत्री होंगे। केंद्रीय नेतृत्व में मोटी-मोटी बातों पर सहमति बनने के बाद शिवसेना कोटे के मंत्रियों की संख्या और महकमे को लेकर फॉर्म्युला निकालने का काम राज्य नेतृत्व को दे दिया था।
288
सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 122 सदस्य है, जबकि शिवसेना के विधायकों की संख्या 63 है। समझौता दोनों पार्टियों को फायदे का सौदा लग रहा है। बीजेपी शिवसेना के बिना विधानसभा में बहुमत नहीं पा सकती है, दूसरी तरफ शिवसेना केंद्र में सरकार में है और ऐसे में राज्य में दमदार विपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकती है। 

Sunday, November 30, 2014

धर्म के साथ-साथ पहनावे पर भी टिप्पणी

बॉलिवुड ऐक्टर गौहर खान को एक रिऐलिटी शो की रिकॉर्डिंग के दौरान मौजूद एक दर्शक ने थप्पड़ मार दिया और उनके धर्म के साथ-साथ उनके पहनावे पर भी टिप्पणी की। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बाद में उस युवक को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया। 
रविवार देर शाम गोरेगांव स्थित फिल्म सीटी में एक रिऐलिटी शो के रिकॉर्डिंग के दौरान शो की महिला एंकर गौहर खान के साथ एक युवक ने छेड़खानी और मारपीट की। आरोपी युवक का नाम मोहम्मद अकिल मलिक (24 साल) बताया जा रहा है।

जोन-12 के डीसीपी पंजाबराव उगले ने बताया कि गौहर खान द्वारा आरे पुलिस स्टेशन में की गई शिकायत के मुताबिक, रविवार की शाम स्टूडियो नंबर-9 में एक रिऐलिटी शो की रिकॉर्डिंग हो रही थी। इस दौरान मंच पर गौहर खान प्रोग्राम पेश कर रही कि अचानक दर्शकों में से एक व्यक्ति (अकिल मलिक) मंच पर आया और उसने उन्हें थप्पड़ मारा।
पुलिस के अनुसार आरोपी अकिल मलिक गौहर खान के शॉर्ट ड्रेस से खफा था और इससे नाराज होकर उसने ऐसा कदम उठाया। यहां तक की थप्पर मारने के बाद मलिक ने गौहर से पूछा भी कि एक मुस्लिम होकर भी ऐसे कपड़े पहनने और गंदे गानों पर डांस करने में तुम्हें शर्म नहीं आती। 
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस दौरान आरोपी ने गौहर खान के साथ छेड़खानी करने की भी कोशिश की। पूरे मामले की आरे पुलिस जांच करने में जुटी है। गौहर खान बिग बॉस 7 (2013) की विजेता रह चुकी हैं।

Saturday, November 29, 2014

शिवसेना उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय, 6 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री पद और 8 महामंडलों का अध्यक्ष पद से कम पर राजी नहीं

बीजेपी और शिवसेना नेताओं के बीच शुक्रवार को शुरू हुई 'मातोश्री वार्ता' का पहला दौर बिना किसी नतीजे के खत्म हो गया। शिवसेना अब भी उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री पद की अपनी मांग छोड़ने को तैयार नहीं है। जबकि बीजेपी ने इसके मुआवजे के रूप में केंद्र में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री पद का ऑफर दिया है।
बीजेपी के वार्ताकार केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटील के साथ शाम 6 बजे चर्चा के लिए 'मातोश्री' पहुंचे और यह वार्ता 40 मिनट तक चली। जब वे भीतर जा रहे थे, तो उनके चेहरे खिले हुए थे, लेकिन जब वे बाहर निकले तो मुस्कान गायब थी। वार्ता बेनतीजा रहने से उदास बीजेपी के दोनों नेता बिना कोई बात किए ही निकल गए।
चर्चा में शामिल उद्धव ठाकरे और सुभाष देसाई ने बीजेपी वार्ताकारों से साफ तौर पर कहा कि शिवसेना उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय के साथ 6 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री पद और 8 महामंडलों का अध्यक्ष पद से कम पर राजी नहीं है।
बीजेपी के वार्ताकारों ने यह कह कर बातचीत खत्म की, कि वह शनिवार को दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं के साथ इस बारे में चर्चा कर फैसला लेंगे।
वैसे तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी शनिवार को मुंबई आना था, लेकिन खबर है कि दांत में दर्द के कारण उनका कार्यक्रम टल गया है। इसलिए बहुत संभव है कि अब इस बारे में फैसला सोमवार तक ही हो पाएगा।
उद्धव ठाकरे के साथ 'मातोश्री वार्ता' पर जाने से पहले बीजेपी कोर कमिटी की बैठक राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के घर पर हुई, जिसमें राज्य बीजेपी नेताओं ने धर्मेंद्र प्रधान को सारे अपडेट्स दिए। इसी तरह मीटिंग खत्म होने के बाद उद्धव ठाकरे ने महापौर बंगले पर शिवसेना नेताओं के साथ मीटिंग की और उन्हें चर्चा के बारे में अवगत कराया।

Wednesday, November 26, 2014

पुलिस को और भी सक्षम बनाने की दिशा में बहुत ही कम प्रयास

26/11 आतंकी हमले के बाद मुंबई पुलिस को तीसरी दुनिया की पुलिस से दुनिया की सबसे बेहतरीन पुलिस बनाने के लिए कई सुझाव दिए गए थे जिससे वह 26/11 जैसे खतरों से निपटने में सक्षम बन सके। लेकिन पुलिस को और भी सक्षम बनाने की दिशा में बहुत ही कम प्रयास किए गए हैं।
बधवार पार्क लैंडिंग पॉइंट, जहां से 10 पाकिस्तानी बंदूकधारी मुंबई में घुसे थे, वहां अब चौबीसों घंटे सुरक्षा रहती है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'शहर के सभी 19 लैंडिंग पॉइंट्स को सुरक्षा प्रदान की गई है।' 26/11 के बाद से पुलिस को 20 नई पट्रोलिंग बोट्स (नौकाएं) दी गई थीं, हालांकि ये बुलेटप्रूफ या फाइटर बोट्स नहीं हैं।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि 2008 में हुए 26/11 के आतंकी हमले के बाद राज्य सरकार ने 29 हाई टेक 'बुलेटप्रूफ' स्पीडबोट्स का ऑर्डर दिया था। लेकिन टेस्ट से साबित हो गया कि वे बुलेटप्रूफ नहीं हैं। सिटी पुलिस ने 2010 में अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा के मुंबई दौरे से पहले इनमें से एक बोट की क्षमता की जांच की थी। जब एसएलआर (सेल्फ लोडिंग रायफल) से गोली चलाई गई तो उसने स्पीडबोड की बॉडी को भेद दिया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत ही इन बोट्स के सप्लायर को पांच कंसाइनमेंट को वापस लेने का आदेश दिया। 
अधिकारी ने कहा, 'सरकार ने एक प्राइवेट फर्म से बोट्स के लिए 150 करोड़ के करार पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें से प्रत्येक बोट की कीमत 5 करोड़ रुपये थी। यह करार 10 पाकिस्तानी आतंकियों के समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसने और आंतकी हमला किए जाने के बाद किया गया था। इस फर्म ने लेवल III (यूएस नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस स्पेसीफिकेशन के आधार पर) की बोट्स दिए जाने का वादा किया था और दावा किया था कि एके-47 की गोली भी इसे नहीं भेद पाएगी। हमने कंपनी से कहा कि वे अपनी बोट्स को वापस ले लें।'
मुंबई तटीय पुलिस राज्य की 720 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा में से 124 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करती है। शहर की पुलिस ने 2009 में चार बुलेटप्रूफ बोट्स खरीदीं थी, जिनके नाम कोएना, भीमा, कावेरी और पुरना हैं। इन बोट्स के ऑडर आंतकी हमले के पहले दिए गए थे। 2011 में तटीय पुलिस ने 10 नॉन बुलेटप्रूफ बोट्स खरीदे। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को 28 बोट्स दिए।
अभी माहिम में एक तटीय पुलिस स्टेशन काम कर रहा है। केंद्र सरकार बोरिवली में एक और पुलिस स्टेशन खोलना चाहती है। पुलिस डिपार्टमेंट ने ऑफिशल बोट्स की लैंडिंग के लिए चार जेटीज बनाने का प्रस्ताव रखा है। अधिकारी ने कहा, 'तटीय स्टेशन की पांच और पुलिस चौकियां बनाए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है।'
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इंडियन नेवी, एयर फोर्स, कोस्ट गार्ड और राज्य की एजेंसियों के 30 से ज्यादा जहाज और सबमरीन को पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है। साथ ही यह भी कहा कि नेवी की सुरक्षा पहले से ज्यादा मजबूत है।
26/11
के बाद रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस लगाया है। आरपीएफ (सीआर) के सीनियर डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर आलोक वोहरा ने कहा, 'हमने 1466 क्लोज सर्किट कैमरे, 14 हैवी ड्यूटी एक्सरे बैगेज स्कैनर्स, तीन पोर्टेबल बैगेज स्कैनर्स, 85 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर्स, 426 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर्स, 37 कैनीज (उनमें से 6 ट्रैकर्स) और 180 जवानों को हमारे टीम में शामिल किया है।'