Saturday, November 29, 2014

शिवसेना उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय, 6 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री पद और 8 महामंडलों का अध्यक्ष पद से कम पर राजी नहीं

बीजेपी और शिवसेना नेताओं के बीच शुक्रवार को शुरू हुई 'मातोश्री वार्ता' का पहला दौर बिना किसी नतीजे के खत्म हो गया। शिवसेना अब भी उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री पद की अपनी मांग छोड़ने को तैयार नहीं है। जबकि बीजेपी ने इसके मुआवजे के रूप में केंद्र में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री पद का ऑफर दिया है।
बीजेपी के वार्ताकार केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटील के साथ शाम 6 बजे चर्चा के लिए 'मातोश्री' पहुंचे और यह वार्ता 40 मिनट तक चली। जब वे भीतर जा रहे थे, तो उनके चेहरे खिले हुए थे, लेकिन जब वे बाहर निकले तो मुस्कान गायब थी। वार्ता बेनतीजा रहने से उदास बीजेपी के दोनों नेता बिना कोई बात किए ही निकल गए।
चर्चा में शामिल उद्धव ठाकरे और सुभाष देसाई ने बीजेपी वार्ताकारों से साफ तौर पर कहा कि शिवसेना उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय के साथ 6 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री पद और 8 महामंडलों का अध्यक्ष पद से कम पर राजी नहीं है।
बीजेपी के वार्ताकारों ने यह कह कर बातचीत खत्म की, कि वह शनिवार को दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं के साथ इस बारे में चर्चा कर फैसला लेंगे।
वैसे तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी शनिवार को मुंबई आना था, लेकिन खबर है कि दांत में दर्द के कारण उनका कार्यक्रम टल गया है। इसलिए बहुत संभव है कि अब इस बारे में फैसला सोमवार तक ही हो पाएगा।
उद्धव ठाकरे के साथ 'मातोश्री वार्ता' पर जाने से पहले बीजेपी कोर कमिटी की बैठक राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के घर पर हुई, जिसमें राज्य बीजेपी नेताओं ने धर्मेंद्र प्रधान को सारे अपडेट्स दिए। इसी तरह मीटिंग खत्म होने के बाद उद्धव ठाकरे ने महापौर बंगले पर शिवसेना नेताओं के साथ मीटिंग की और उन्हें चर्चा के बारे में अवगत कराया।

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