Wednesday, November 26, 2014

पुलिस को और भी सक्षम बनाने की दिशा में बहुत ही कम प्रयास

26/11 आतंकी हमले के बाद मुंबई पुलिस को तीसरी दुनिया की पुलिस से दुनिया की सबसे बेहतरीन पुलिस बनाने के लिए कई सुझाव दिए गए थे जिससे वह 26/11 जैसे खतरों से निपटने में सक्षम बन सके। लेकिन पुलिस को और भी सक्षम बनाने की दिशा में बहुत ही कम प्रयास किए गए हैं।
बधवार पार्क लैंडिंग पॉइंट, जहां से 10 पाकिस्तानी बंदूकधारी मुंबई में घुसे थे, वहां अब चौबीसों घंटे सुरक्षा रहती है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'शहर के सभी 19 लैंडिंग पॉइंट्स को सुरक्षा प्रदान की गई है।' 26/11 के बाद से पुलिस को 20 नई पट्रोलिंग बोट्स (नौकाएं) दी गई थीं, हालांकि ये बुलेटप्रूफ या फाइटर बोट्स नहीं हैं।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि 2008 में हुए 26/11 के आतंकी हमले के बाद राज्य सरकार ने 29 हाई टेक 'बुलेटप्रूफ' स्पीडबोट्स का ऑर्डर दिया था। लेकिन टेस्ट से साबित हो गया कि वे बुलेटप्रूफ नहीं हैं। सिटी पुलिस ने 2010 में अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा के मुंबई दौरे से पहले इनमें से एक बोट की क्षमता की जांच की थी। जब एसएलआर (सेल्फ लोडिंग रायफल) से गोली चलाई गई तो उसने स्पीडबोड की बॉडी को भेद दिया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत ही इन बोट्स के सप्लायर को पांच कंसाइनमेंट को वापस लेने का आदेश दिया। 
अधिकारी ने कहा, 'सरकार ने एक प्राइवेट फर्म से बोट्स के लिए 150 करोड़ के करार पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें से प्रत्येक बोट की कीमत 5 करोड़ रुपये थी। यह करार 10 पाकिस्तानी आतंकियों के समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसने और आंतकी हमला किए जाने के बाद किया गया था। इस फर्म ने लेवल III (यूएस नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस स्पेसीफिकेशन के आधार पर) की बोट्स दिए जाने का वादा किया था और दावा किया था कि एके-47 की गोली भी इसे नहीं भेद पाएगी। हमने कंपनी से कहा कि वे अपनी बोट्स को वापस ले लें।'
मुंबई तटीय पुलिस राज्य की 720 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा में से 124 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करती है। शहर की पुलिस ने 2009 में चार बुलेटप्रूफ बोट्स खरीदीं थी, जिनके नाम कोएना, भीमा, कावेरी और पुरना हैं। इन बोट्स के ऑडर आंतकी हमले के पहले दिए गए थे। 2011 में तटीय पुलिस ने 10 नॉन बुलेटप्रूफ बोट्स खरीदे। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को 28 बोट्स दिए।
अभी माहिम में एक तटीय पुलिस स्टेशन काम कर रहा है। केंद्र सरकार बोरिवली में एक और पुलिस स्टेशन खोलना चाहती है। पुलिस डिपार्टमेंट ने ऑफिशल बोट्स की लैंडिंग के लिए चार जेटीज बनाने का प्रस्ताव रखा है। अधिकारी ने कहा, 'तटीय स्टेशन की पांच और पुलिस चौकियां बनाए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है।'
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इंडियन नेवी, एयर फोर्स, कोस्ट गार्ड और राज्य की एजेंसियों के 30 से ज्यादा जहाज और सबमरीन को पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है। साथ ही यह भी कहा कि नेवी की सुरक्षा पहले से ज्यादा मजबूत है।
26/11
के बाद रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस लगाया है। आरपीएफ (सीआर) के सीनियर डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर आलोक वोहरा ने कहा, 'हमने 1466 क्लोज सर्किट कैमरे, 14 हैवी ड्यूटी एक्सरे बैगेज स्कैनर्स, तीन पोर्टेबल बैगेज स्कैनर्स, 85 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर्स, 426 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर्स, 37 कैनीज (उनमें से 6 ट्रैकर्स) और 180 जवानों को हमारे टीम में शामिल किया है।'

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