एनसीपी विधायक जीतेन्द्र आह्वाड ने ठाणे शहर, कलवा तथा मुंब्रा स्थित तमाम
स्कूलों व कॉलेजों के बाहर नशीले मादक पदार्थों की बिक्री किए जाने का सनसनीखेज
आरोप लगाया है। आह्वाड के मुताबिक, ड्रग माफिया एमडी और बुक सांकेतिक
नाम से पहचाने जाने वाले नशीले पदार्थ को पहले छात्रों को मुफ्त में देते हैं और
फिर एक बार लत लग जाने पर उनसे ऊंचे दाम वसूलते हैं। ठाणे शहर में सोमवार दोपहर
हुई प्रेस सम्मेलन में आह्वाड ने इस बात का खुलासा किया।
आह्वाड ने आरोप लगाया कि इस तरह
के सफेद पावडर का नशीले पदार्थ के रूप में उपयोग होने के बावजूद इसको मादक पदार्थ
की श्रेणी में नहीं रखा गया है, जिससे पुलिस द्वारा इसको बेचे जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई
नहीं हो पाती है। इस तरह के नशीले पदार्थ को स्कूल और कॉलेज के छात्र कोल्डड्रिंक
में मिला कर या नाक से सूंघ कर सेवन करते हैं।
आह्वाड के अनुसार, छात्रों को इस पावडर की आदत लग जाने पर ड्रग माफिया 60 रुपये का पावडर छात्रों को 600 से डेढ़ हजार रुपये में बेचते हैं। आह्वाड ने राज्य सरकार से एमडी और बुक सांकेतिक नाम से पहचाने जाने वाले पावडर को नशीले पदार्थ की श्रेणी में शामिल करने की मांग की है, ताकि पुलिस इस तरह के पावडर की बिक्री करने वाले ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके। बता दें कि एमडी और बुक सांकेतिक नाम से पहचाने जाने वाले नशीले पदार्थ का उपयोग रेव पार्टियों में भी होता है।
आह्वाड के अनुसार, छात्रों को इस पावडर की आदत लग जाने पर ड्रग माफिया 60 रुपये का पावडर छात्रों को 600 से डेढ़ हजार रुपये में बेचते हैं। आह्वाड ने राज्य सरकार से एमडी और बुक सांकेतिक नाम से पहचाने जाने वाले पावडर को नशीले पदार्थ की श्रेणी में शामिल करने की मांग की है, ताकि पुलिस इस तरह के पावडर की बिक्री करने वाले ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके। बता दें कि एमडी और बुक सांकेतिक नाम से पहचाने जाने वाले नशीले पदार्थ का उपयोग रेव पार्टियों में भी होता है।
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