Monday, December 8, 2014

बीजेपी सरकार मजदूरों से संबंधित अहम विधेयक लाएगी

आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए बीजेपी सरकार विकास कार्यों में 40 पर्सेंट कटौती करने जा रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह किसी तरह की रियायत नहीं देगी है। शीतकाल सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित मुख्यमंत्री की टी-पार्टी के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने पिछली सरकार पर आर्थिक बदइंतजामी का आरोप लगाकर अपनी सरकार का बचाव किया। खडसे का कहना है कि राज्य कर्ज के बोझ तले दब गया है ।
राजस्व मंत्री खडसे के अनुसार, राज्य पर कर्ज का बोझ 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है जबकि राजस्व घाटा भी 26,000 करोड़ रुपये हो चला है। इसके साथ ही राजकोषीय घाटा भी तेजी से बढ़ा है इसलिए उनकी सरकार पिछली सरकार के गैर-योजनागत खर्च में कटौती करेगी। उनका दावा है कि पिछली सरकार भी इसी तरह से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कटौती करती रही है।इसके बाद भी खडसे यह बताने से नहीं चूके कि सूखा पीड़ित किसानों की मदद के लिए वह केंद्र से आर्थिक मदद लाएंगे।
सीएम की टी पार्टी में विरोधी दल शामिल नहीं हुए। इसके पीछे कांग्रेस-एनसीपी ने हवाल दिया कि जब सीएम ही नहीं है तो सीएम की चाय-पार्टी का क्या मतलब? बीजेपी-शिवसेना के मंत्रियों ने चाय की चुस्की लेते हुए कुछ मिनटों में टी-पार्टी की परंपरा का निर्वाह किया। वैसे, किसानों और मजदूरों के लिए यह अधिवेशन बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्यों कि राज्य का एक हिस्सा सूखे से पीड़ित है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

एकनाथ खड़से ने कहा कि बीजेपी सरकार मजदूरों से संबंधित अहम विधेयक लाएगी, ताकि उनकी स्थित सुधारी जा सके। इसके अलावा मुंबई जैसे बड़े शहरों की समस्याएं और तेजी से उभरते छोटे शहरों के विस्तार और विकास से संबंधित निर्णय की आस इस सरकार से लगाई जा रही है। मुंबई शहर की बुनियादी समस्याओं में सुधार के लिए धीमी गति से चल रही योजनाएं जैसे कोस्टल रोड, ट्रांस हार्बर, पानी समस्या अन्य कई मुद्दों पर चर्चा के निर्णय लेने की उम्मीद नागपुर के शीतकालीन सत्र में की जा रही है। विदर्भ के विकास का मुद्दा यहां जोरशोर से गूंजेगा।

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