Friday, September 26, 2014

जो छोड़कर गए वे पितृपक्ष के काग (कौवे) हैं

शिवसेना ने अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी और उसके नेताओं पर तीखा हमला किया है। पार्टी ने कहा है कि 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने वाले महाराष्ट्र के शत्रु हैं। शिवसेना ने कहा, 'हमारे अन्य सहयोगी चाहते थे कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन कायम रहे। इससे भी बड़ी बात यह थी कि महाराष्ट्र के 11 करोड़ लोग क्या चाहते हैं। जिन लोगों ने इन भावनाओं को आहत किया वे महाराष्ट्र के शत्रु हैं।' पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय में लिखा गया है, 'गठबंधन को तोड़ना संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के 105 मराठी शहीदों का अपमान है।' शिवसेना ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 25 साल से हिंदुत्व की विचारधारा से बंधा हुआ शिवसेना-बीजेपी गठबंधन खत्म हो गया है। 

संपादकीय में कहा गया है, 'हमने यह सुनिश्चित करने के लिए अंत तक ईमानदारी से प्रयास किया कि बीजेपी और महायुति के अन्य दलों के साथ हमारा गठबंधन बना रहे। अब आगे जो भी होगा वह देखा जाएगा। जो भी मां तुलजा भवानी की इच्छा होगी वही होगा। केवल एक इच्छा है कि इस पूरी राजनीति में महाराष्ट्र के भविष्य का गणित न प्रभावित हो।' अखबार आगे लिखता है, 'कल तक जो लोग इस खेमे में प्रार्थना कर रहे थे, अब वे दूसरे खेमे में नमाज पढ़ रहे हैं।' 
संपादकीय में कहा गया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं को एकीकृत मुंबई और महाराष्ट्र की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि शिवसेना और उसका केसरिया ध्वज महाराष्ट्र की रक्षा करेगा। मुखपत्र ने लिखा है,'जल्दी ही यह वास्तविकता उजागर हो जाएगी कि जो (बीजेपी) छोड़कर गए वे पितृपक्ष के काग (कौवे) हैं, जो बने रहे वे मावले (छत्रपति शिवाजी के सैनिक) हैं।' शिवसेना सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शनिवार को मुंबई में एक सार्वजनिक रैली में अपने विचार रखेंगे। उद्धव ने गठबंधन टूटने पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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