सोमवार को तिलक भवन में आयोजित कार्यक्रम में
चांदवड के निर्दलीय विधायक शिरिष कोतवाल और पंढरपुर के विधायक भारत भालके ने
कांग्रेस का का हाथ थाम लिया। इन विधायकों के साथ बड़ी संख्या में इनके समर्थक भी
थे। इनके अलावा राजनीति में गुमनाम जीवन जी रहे उत्तरबारतीय नेता चंद्रकांत
त्रिपाठी की भी कांग्रेस में वापसी हुई।
एनसीपी के गठन के समय त्रिपाठी शरद पवार के साथ हो लिए थे। कुछ साल तक एनसीपी में सक्रिय रहने के बाद त्रिपाठी धीरे-धीरे राजनीतिक कोमा में चले गए और राजनीतिक कार्यक्रमों से गायब हो गए थे। एनसीपी ने भी त्रिपाठी को साइड लाइन कर रखा था। इससे तंग आकर त्रिपाठी ने हाल ही में एनसीपी से इस्तीफा दे दिया। इससे त्रिपाठी के एनसीपी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ा।
एनसीपी के गठन के समय त्रिपाठी शरद पवार के साथ हो लिए थे। कुछ साल तक एनसीपी में सक्रिय रहने के बाद त्रिपाठी धीरे-धीरे राजनीतिक कोमा में चले गए और राजनीतिक कार्यक्रमों से गायब हो गए थे। एनसीपी ने भी त्रिपाठी को साइड लाइन कर रखा था। इससे तंग आकर त्रिपाठी ने हाल ही में एनसीपी से इस्तीफा दे दिया। इससे त्रिपाठी के एनसीपी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ा।
उल्टे
उनके पार्टी छोड़ने पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने चुटकी ली कि पार्टी ने
जिन्हें दरकिनार कर दिया वे ही पार्टी छोड़कर गए हैं। उनके पार्टी छोड़ने से
एनसीपी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
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