Wednesday, November 13, 2013

नवी मुंबई - प्रस्तावित इंटरनैशनल एयरपोर्ट के निर्माण

नवी मुंबई के प्रस्तावित इंटरनैशनल एयरपोर्ट के निर्माण की राह में अब तक की सबसे बड़ी बाधा बने 'भू-अधिग्रहण विवाद' के हल हो जाने की खुशी में कई गांवों में दीवाली-सा जश्न है। इसका सबसे बड़ा कारण विदेशों में मिलने वाले आकर्षक पैकेज की तर्ज पर यहां के किसानों व भूमिहीनों को मिला देश का अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है। सिडको को उम्मीद है कि अब 2017 तक किसी भी हाल में पहले चरण का निर्माण पूरा कर यहां से पहली उड़ान शुरू हो जाएगी।
नए इंटरनैशनल एयरपोर्ट से विस्थापित होने वाले ग्रामीणों के साथ मुआवजे, पुनर्वसन और अन्य लाभ की मांग को लेकर बीते 10 साल से सिर्फ बातें और बातें ही हो रही थी। एक वक्त ऐसा भी आया कि सभी को लगा कि 305 फीसदी तक महंगा हो चुका यह एयरपोर्ट सपना ही रह जाएगा और इसकी योजना कागजों पर ही सिमट जाएगी।

राज्य सरकार के इस अत्यंत महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट का 2002-03 में शुरुआती बजट करीब 4000 करोड़ रुपये का था। पर 10 सालों में यही बजट चार गुना बढ़कर अब 15000 से 16000 हजार करोड़ रुपये के करीब हो चुका है। अभी यह भी निश्चित नहीं है कि इतने बजट में ही सब काम हो जाएगा।
सितंबर में नीदरलैंड (डच) की 'नीदरलैंड्स एयरपोर्ट कंसल्टटेंट्स' कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक जोयेरी आलमैन ने महाराष्ट्र सरकार को यह सलाह दी थी कि महंगी जमीन के सौदे को देखते हुए जेएनपीटी (उरण) के पास के समुद्र में भराई कर 2500 हेक्टेयर जमीन का निर्माण कर नया इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाया जा सकता है।
परियोजनाग्रस्तों की अव्यवहारिक 35 फीसदी विकसित भूखंड समेत कई अन्य राहत की मांग से परेशान महाराष्ट्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया था। सूत्रों का कहना है कि इस समुद्री विकल्प के चलते ही परियोजनाग्रस्तों पर दबाव बढ़ा और अंततः राज्य सरकार से जो भी प्रस्ताव मिला, उसे मंजूर कर लिया। हालांकि जिस मुआवजे पर सहमति बनी है, वह पूरे देश में बेजोड़ और शानदार ही कही जाएगी।
नए हवाई अड्डे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां एयरपोर्ट में लगने वाली कुल जमीन: 2268 हेक्टेयर सिडको के कब्जे वाली कुल जमीन: 1572 हेक्टेयर हस्तांतरण के इंतजार में बची सरकारी जमीन: 25 हेक्टेयर अभी तक संपादित जमीन: 1597 हेक्टेयर शेष बची असंपादित जमीन: 671 हेक्टेयर वैमानिक क्षेत्र की मुख्य जमीन: 1160 हेक्टेयर वैमानिक क्षेत्र में आने वाले 10 गावों की असंपादित जमीन: 292 हेक्टेयर प्रॉजेक्ट का शुरुआती मूल बजट: करीब 4000 करोड़ रुपये प्रॉजेक्ट का वर्त्तमान संभावित बजट: 15000 से 16000 करोड़ या इससे अधिक विस्थापित होने वाले गांव: तारघर, कोंबडभुजे, उलवे, गणेशपुरी, वाघिवली वाडा, अप्पर ओवले, कोल्ही, कोपर, चिंचपाडा व वाघिवली 3500 विस्थापित परिवारों के लिए विकल्प: पनवेल के पास दापोली गांव में बनेगा पुष्पक नगर पुष्पक नगर की रचना: 106 हेक्टेयर के विस्तृत भूखंड पर इंटरनैशनल स्टैंडर्ड व सुविधाओं वाला नगर पुष्पक नगर में होंगी ये सुविधाएं: कंक्रीट सड़कें, अत्याधुनिक हॉस्पिटल्स, शैक्षणिक संकुल, तीन व पांच सितारा होटेल्स, वाणिज्यिक व व्यवसायिक संकुल पुष्पक नगर का बजट: 850 करोड़ रुपये एयरपोर्ट की संभावित यात्री उड़ान क्षमता: पूरी तरह से बन जाने के बाद 60 मिलियन (छह करोड़) हवाई यात्री प्रति वर्ष। 

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