Wednesday, October 23, 2013

मुसलमानों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आठ से 10 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश

 महाराष्ट्र सरकार की डॉ. महेमुदूर रहमान कमिटी ने राज्य में मुसलमानों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आठ से 10 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की है। समिति की रिपोर्ट सोमवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को सौंपी गई। मुसलमानों की शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का कारणों का पता लगाने के लिए समिति का गठन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के कार्यकाल में किया गया था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, समिति ने सरकारी नौकरियों में मुस्लिम युवकों की स्थिति, दलित मुसलमानों के हालात, वक्फ बोर्ड की जमीन पर प्राइवेट कब्जे की समस्या और समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन की वजह जैसे मुद्दों पर अपनी सिफारिशें दी हैं। डॉ. रहमान ने सोमवार शाम मुख्यमंत्री चव्हाण को अपनी 200 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी, तब अल्पसंख्यक विकास मंत्री आरिफ नसीम खान और अल्पसंख्यक विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. एफ. थेक्केकारा साथ थीं।
मई 2008 में केंद्र सरकार के रिटायर्ड सेक्रेटरी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. रहमान की अध्यक्षता में 'स्टडी ग्रुप' का गठन किया था। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) के प्रो डॉ. अब्दुल शबान, सर सैय्यद कॉलेज (औरंगाबाद) के पूर्व प्रिंसिपल प्रो. मोहम्मद तिलावत अली, निर्मला निकेतन की डेप्युटी प्रिंसिपल डॉ. फरीदा लांबे, टीआईएसएस की प्रो. डॉ. राणू जैन, एसएनडीटी वीमेंस यूनिवर्सिटी की प्रो. विभूती पटेल व डॉ. वीणा पुनाचा सदस्य के तौर पर शामिल थे।

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