औरंगाबाद मनपा में शिवसेना द्वारा बीजेपी सदस्यों के साथ मारपीट की घटना के बाद से युति में भारी तनाव व्याप्त है। इस सिलसिले में बीजेपी ने शिवसेना के प्रति कड़ा रुख अपनाने का निर्णय किया है। बीजेपी ने अगले दो-तीन दिनों में राज्य कार्यकारिणी की बैठक करके शिवसेना को विधिवत चेतावनी देने का मन बना लिया है। इस बार शिवसेना को स्पष्ट रूप से यह कह दिया जाएगा कि मारपीट और दंगल करना हो तो युति बरकरार रखने में बीजेपी को रुचि नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर शिवसेना से नाता तोड़ने की कगार पर बीजेपी पहुंची थी, पर हर बार इसके राजनीतिक फायदे-नुकसान की याद दिलाने पर वह नरमाने पर मजबूर होती रही है। इस बार बीजेपी के शीर्ष नेताओं का रवैया अलग है। इसके पीछे गणित यह है कि फिलहाल कोई चुनाव नहीं है अत: बीजेपी कड़ा रुख अपना सकती है। एकनाथ खडसे ने इस बयान के साथ बीजेपी का रुख साफ कर दिया है कि 'वह अब मार नहीं खाएगी'। पिछले शनिवार को औरंगाबाद मनपा की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद को लेकर हुए बवाल के दौरान शिवसेना के सदस्यों ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष बसराव मंगरूले को पीटा। कांग्रेस और निर्दलियों की मदद से बीजेपी के राजू शिंदे स्थायी समिति के अध्यक्ष चुने गये। इसके विरोध में शिवसेना ने बवाल मचाया था। बीजेपी द्वारा निर्देश के बावजूद राजू शिंदे ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। अत: शिवसेना तमतमा गई है। अब यह कह कर बीजेपी शिंदे का बचाव करने वाली है कि उसकी स्थानीय इकाई इस मसले पर निर्णय करेगी। पार्टी ने बहुत पहले यह निर्णय किया है कि स्थानीय मामलों के निर्णय स्थानीय इकाई ही करेगी। बीजेपी द्वारा शिवसेना को यह संकेत दिया जाएगा कि शिवसेना की दादागिरी उसे निर्णय बदलने पर मजबूर नहीं कर सकती, वह चाहे तो औरंगाबाद में बीजेपी से युति तोड़ दे। इसका मतलब होगा कि शिंदे इस्तीफा नहीं देंगे।
Tuesday, June 22, 2010
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