बांबे हाई कोर्ट ने देशद्रोह पर जारी महाराष्ट्र
सरकार के परिपत्र पर रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि
कोर्ट में जवाब दाखिल करने तक वह उक्त परिपत्र का क्रियान्वयन न करें। महाराष्ट्र
सरकार ने गत 27 अगस्त को देशद्रोह से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए लागू करने के बारे में पुलिस को दिशानिर्देश संबंधी परिपत्र जारी किया
था। जिसके बाद इस परिपत्र की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाएं हाई
कोर्ट में दायर की गई हैं।
मंगलवार को यह आदेश जस्टिस वीएम कनाडे की अध्यक्षता
वाली खंडपीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया। इसमें से एक याचिका मशहूर
कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी और तीन अन्य द्वारा दायर की गई है, जबकि
दूसरी याचिका एडवोकेट नरेंद्र शर्मा ने दायर की है।
अदालत ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 20 अक्टूबर
तक का समय दिया है। गौरतलब है कि परिपत्र में कहा गया है कि नेताओं व निर्वाचित
प्रतिनिधियों की शब्दों, बोलने, लिखने
या प्रतीकों के जरिये आलोचना करने वाले के खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाई जा सकती
है। याचिकाकर्ताओं ने परिपत्र को संविधान विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि इससे
मौलिक अधिकारों का हनन होता है।
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