मुंबई कांग्रेस के मंत्रियों की सूची हैरान करने वाली कतई नहीं है पर एनसीपी के विभागों के बंटवारे में रोचक बदलाव किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार को होम नहीं, फाइनैंस- प्लानिंग और ऊर्जा विभाग दिया गया है। इस निर्णय से एनसीपी के सदस्यों को बहुत आश्चर्य हुआ है। फाइनैंस और ऊर्जा दोनों विभाग ऐसे हैं जिनके लिए पूरा वक्त चाहिए। सवाल यह उठाया जा रहा है कि दादा दोनों विभागों और पार्टी के काम के साथ न्याय कैसे कर पाएंगे? चर्चा थी कि आर आर पाटील उर्फ आबा से होम छीन लिया जाएगा पर वे उस्ताद निकले। होम पर नजर गड़ाकर बैठे जयंत पाटील और छगन भुजबल को आबा ने मात दे दी है। भुजबल को लोक निर्माण के अलावा सिर्फ पर्यटन थमा दिया गया है। जयंतराव को फायनान्स वापस मिलने की उम्मीद थी पर उन्हें ग्रामीण विकास ही दिया गया है। दादा के निकटस्थ सुनिल तटकरे को ऊर्जा और जलसंवर्धन मिलने की चर्चा थी। उन्हें भी निराश होना पड़ा है। दादा ने ऊर्जा नहीं छोड़ा सिर्फ जलसंवर्धन ही तटकरे को दिया। गत सरकार में उनके पास फाइनैंस था। विदर्भ के हाई प्रोफाईल एनसीपी नेता अनिल देशमुख के पास खाद्य एवं नागरी आपूर्ति का भार कायम रखा गया है। नवी मुंबई के गणेश नाईक का रूतबा कायम है। उनके पास एक्साईज और अपरंपरागत ऊर्जा कायम रखा गया है। मेडिकल एज्युकेशन और फलोत्पादन का भार आदिवासी नेता विजय गावित को दिया गया है। कुल मिलाकर एनसीपी के 'दादा' मंत्रियों को काफी नाउम्मीद कर दिया गया है। लंबे समय से सरकार में शामिल होने के लिए बेताब वरिष्ठ नेता विजय सिंह मोहिते पाटील को इस बार भी हाशिये पर ही धकेला गया है। एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष मधुकर पिचड़ भी मंत्री बनने की उम्मीद लगाए हुए थे। पर शरद पवार ने महाराष्ट्र की उनकी टीम-20 में कोई बदलाव नहीं किया।
Friday, November 19, 2010
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