आज के शहरों की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, मॉर्डन
हैं और नौकरीपेशा वाली हैं। मगर, उनके पास अपने पसंदीदा साथी
की तलाश के लिए वक्त ही नहीं है। ऐसे में ट्रूली मैडली, टिंडर,
हिंग, वू, एककॉफी जैसे
डेटिंग एप उनकी इस समस्या का हल बन रहे हैं।
इन एप्स को चलाने वाले एक्िजक्यूटिव्स का दावा है कि करीब पांच लाख
शहरी महिलाएं इन डेटिंग एप्स का इस्तेमाल कर रही हैं। मोटे तौर पर यह आंकड़ा कुल
पंजीकृत यूजर का 35 से 40 फीसद है। इनमें से कई महिलाएं
मल्टीपल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही हैं।
इन एप का उपयोग करने वाली करीब 98 फीसद महिलाएं नौकरीपेशा
हैं और करीब 95 फीसद अविवाहित हैं। इन एप के चलन का अंदाजा
इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल अगस्त में लॉन्च किए गए ट्रूलीमैडली
को अब तक करीब 15 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
इस ऐप का दवा है कि उसके 35 फीसद यूजर महिलाएं हैं।
इस ऐप ने हेलियन वेंचर पार्टनर्स और केई कैपिटल से इस साल मार्च में 35 करोड़ रुपए हासिल किए थे। वहीं, एककॉफी एप का दावा
है कि उसके एप पर हर दो महिलाओं के लिए तीन पुरुष मौजूद हैं और इसमें से 95 फीसद महिलाएं नौकरीपेशा हैं।
No comments:
Post a Comment