Tuesday, October 20, 2015

महिलाओं का प्रवेश इस्लाम में 'गंभीर गुनाह'

प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह के न्यासियों ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि एक पुरुष संत की दरगाह के बहुत करीब महिलाओं का प्रवेश इस्लाम में 'गंभीर गुनाह' है। महिलाओं के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इससे पहले दरगाह के न्यासियों से अपने उस नियम पर फिर से विचार करने के लिए कहा था, जिसके तहत गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। आपको बता दें कि इस जगह पर 15वीं सदी के सूफी संत हाजी अली की कब्र बनी है।
जस्टिस वीएम कनाडे की अध्यक्षता वाली पीठ को न्यास ने सोमवार को एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया है कि अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में हाल में एक बैठक हुई। इस बैठक में न्यासियों ने फिर से सर्वसम्मति से फैसला किया कि गर्भगृह में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
पत्र में बताया गया है कि सभी न्यासी इस मुद्दे पर एकमत हैं कि पुरुष मुस्लिम संत की मजार के बहुत निकट महिलाओं का प्रवेश इस्लाम के अनुसार 'गंभीर गुनाह' है और यह संवैधानिक कानून और खासकर संविधान के अनुच्छेद 26 से संचालित होता है जो न्यास को अपने धार्मिक मामलों के प्रबंधन का मौलिक अधिकार देता है। इस मसले पर किसी तीसरे पक्ष का इस तरह का हस्तक्षेप अनुचित है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को होनी है।

हाजी अली दरगाह में कुली, फिजा समेत कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इतना ही नहीं, यहां पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर, बॉलीवुड स्टार संजय दत्त, इमरान हाशमी, तुषार कपूर समेत कई एक्टर्स व एक्ट्रेसेज अकसर आते हैं।

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