देश की आर्थिक राजधानी मुंबई महिलाओं के लिए सुरक्षित
नहीं है। शहर के एक एनजीओ प्रजा फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में रेप
के मामलों में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है।
साल 2013 की
तुलना में साल 2014 में दुष्कर्म के मामलों में 49 फीसद का इजाफा हुआ है। वहीं, छेड़छाड़ के मामलों
में यह आंकड़ा 39 फीसद बढ़ गया है। यह जानकारी प्रजा
फाउंडेशन के संस्थापक निताई मेहता ने एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर दी।
रेप के सबसे अधिक
मामले दक्षिण मुंबई में दर्ज किए गए। एनजीओ की यह रिपोर्ट पिछले पांच साल के दौरान
18,000 लोगों
पर किए गए सर्वे और दर्ज किए गए अपराधों और दोषी ठहराए गए अपराधियों की दर पर
आधारित है।
फाउंडेशन की 200 सदस्यों
की टीम ने वित्तीय वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 के दौरान यह सर्वे किया। फाउंडेशन के संस्थापक निताई मेहता ने कहा कि
चिंता का विषय यह है कि काफी सिफारिशों के बावजूद पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था
बनाए रखने में विफल साबित हुआ है।
इस सर्वे के मुताबिक
साल 2014 में दुष्कर्म के मामलों में सिर्फ 27 फीसद को ही सजा हुई है, जबकि ब्रिटेन में यह दर 57 फीसद है। साल 2010-11 में रेप के 165 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा बढ़कर 643 हो गया। वर्ष 2010-11 से 2014-15 के चार सालों के अंतराल में दुष्कर्म
के मामलों में 290 फीसद की बढ़त देखी गई है।
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