दांतों के इलाज के दौरान पांच महीने पहले हुई एक बच्ची की रहस्यमयी मौत के
मामले में डेंटिस्ट को क्लीन चिट मिल गई है। इस मामले की जांच के लिए गठित ससून
जनरल हॉस्पिटल डॉक्टर्स के एक पैनल ने पाया है कि इलाज के दौरान डेंटिस्ट ने कोई
लापरवाही नहीं की थी।
पैनल ने इस केस को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' तो माना, लेकिन साथ ही इस केस में डेंटिस्ट की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरतने की
बात भी कही। हालांकि, यह बात मृतक बच्ची के पिता निरंजन
रेवतकर और पुलिस के गले आसानी से नहीं उतर रही है।
इस मामले में पुलिस ससून जनरल हॉस्पिटल को केस की फिर से जांच करने के लिए
नोटिस जारी करने जा रही है। पुलिस यह जानना चाहती है कि डेंटिस्ट ने इलाज से पहले
मरीज पर ऐलर्जी टेस्ट करके देखा था या नहीं? पेशे से आईटी प्रोफेशनल
निरंजन ने कहा है कि वह न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
यह है मामला
पुणे के ससून जनरल हॉस्पिटल में 29 जून को करीब साढ़े तीन
साल की सानवी रेवतकर की रूट कनैल सर्जरी की गई थी। इस दौरान अचानक बच्ची की तबीयत
खराब हो गई और उसे एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां भी डॉक्टर्स ने
जवाब दे दिया, तो बच्ची के माता-पिता उसे पास के एक अन्य
निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर
दिया गया।
इस हादसे के बाद बच्ची के पिता ने डॉक्टर डेंटिस्ट के खिलाफ केस दर्ज करा
दिया था। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट मामले की जांच कर रहे डॉक्टर्स के आंतरिक पैनल
को दे दी। अब पांच महीने बाद पैनल ने डेंटिस्ट को क्लीन चिट देते हुए कहा कि
मौजूद दस्तावेजों की जांच करने के बाद यह कहीं से नहीं पता चलता है कि डेंटिस्ट ने
कोई लापरवाही की थी।
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