देश भर में मशहूर यहां के हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर लगी
पाबंदी पर बाम्बे हाईकोर्ट ने फैसला देने से मना कर दिया। हाईकोर्ट ने मंगलवार को
कहा कि यह असहिष्णुता का दौर है। जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस रेवती माहित की
खंडपीठ में हाजी अली दरगाह ट्रस्ट द्वारा महिलाओं के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को
चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी। यह दरगाह 15वीं
सदी के सूफी संत हाजी अली मकबरा है।
जस्टिस कनाडे ने कहा, "आज ऐसा वातावरण है है जहां हर
चीज को दूसरी तरह से लिया जाता है। यह असहिष्णुता का दौर है। जब भी धार्मिक मामला
होता है लोग संवेदनशील हो जाते हैं।" खंडपीठ ने कहा, "इसी तरह पारसी पंचायत ने जाति से बाहर शादी करने वाली महिलाओं को अपने
मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। तब हमने कोई फैसला नहीं दिया था। उन्हें
अदालत से बाहर समझौता करने को कहा था। उत्तेजित महिलाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां
से उन्हें थोड़ी राहत मिली थी।"
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