Monday, August 4, 2014

गणेशोत्सव, कृष्णा जन्माष्टमी तथा नवरात्री के मद्देनजर शहर में होने वाले शोरशराबे को 65 डेसिबल तक प्रतिबंधित करने की योजना

त्योहारों के दौरान लाऊड स्पीकर और डीजे से होने वाले कान फाडू शोर शराबे को लेकर ठाणे पुलिस ने इस बार कड़ा रुख अख्तियार किया है। पुलिस ने आने वाले गणेशोत्सव, कृष्णा जन्माष्टमी तथा नवरात्री के मद्देनजर शहर में होने वाले शोरशराबे को 65 डेसिबल तक प्रतिबंधित करने की योजना बनाई है।
पुलिस की तरफ से तमाम मंडलधारकों तथा डीजे को निर्देश दिया गया है कि वे लाउडस्पीकर तथा डीजे की आवाज को 65 डेसिबल तक सीमित रखें। यदि इससे ज्यादा आवाज हुई, तो आदेश का उल्लंघन करने वाले मंडल तथा डीजे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मनपा अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी, विभिन्न मंडलों के प्रतिनिधि तथा डीजे धारकों के साथ हुई एक मीटिंग में ठाणे पुलिस के जॉइंट कमिश्नर वी. वी. लक्ष्मीनारायण ने यह निर्देश दिया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में 75, व्यावसायिक परिसर में 65 तथा निवासी परिसर में 55 डेसिबल से अधिक आवाज को ध्वनि-प्रदूषण माना गया है। लेकिन ठाणे शहर में त्योहारों के अवसर पर 100 डेसिबल से अधिक का शोरशराबा आम है।
ठाणे पुलिस की तरफ से पिछली बार ध्वनि प्रदूषण करने वाले मंडलों के खिलाफ मामला तो दर्ज किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे आयोजकों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। मगर नए जॉइंट कमिश्नर लक्ष्मीनारायण ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सभी डीजेधारकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी मशीन में किसी मैकेनिजम का उपयोग कर आवाज को 65 डेसिबल तक सीमित करें, वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहें। उन्होंने आवाज को नियंत्रित करने के कई तरीके मीटिंग के दौरान लोगों को बताए।
लक्ष्मीनारायण के आदेश के मुताबिक कानून का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ पुलिस द्वारा 'ऑन द स्पॉट' कार्रवाई की जाएगी और डीजे तथा लाऊड स्पीकर जब्त कर तुरंत संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज होगा। ठाणे पुलिस के इस आदेश के बाद त्योहार के आयोजकों तथा डीजे मालिकों में खलबली मच गई है। ठाणे पुलिस की तरफ से आवाज को नियंत्रित करने के सिलसिले में शीघ्र ही मुंबई पुलिस से बातचीत कर मुंबई शहर में भी डीजे के आवाज को 65 डेसिबल तक प्रतिबंधित करने की बात बताई गई है।

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