Saturday, April 4, 2015

रोबो फॉर्म नाम के सॉफ्टवेयर की मदद से अवैध तरीके से टिकटों की बुकिंग

एक तरफ रेलवे ने दलालों को रोकने का तर्क देकर अग्रिम आरक्षण की अवधि बढ़ाकर 120 दिनों की कर दी दूसरी तरफ इंटरनेट पर हो रही टिकटों की धांधली को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। हाल ही में सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे ने कई जगहों पर छापामारी कर इंटरनेट पर अवैध तरीके से टिकट बुकिंग करने वालों को पकड़ा है। सेंट्रल रेलवे द्वारा की गई एक और छापामारी में पता चला है कि इंटरनेट पर मौजूद रोबो फॉर्म नाम के सॉफ्टवेयर की मदद से अवैध तरीके से टिकटों की बुकिंग की जा रही है 

सेंट्रल रेलवे आरपीएफ की दादर क्राइम ब्रांच ने एक सूचना के आधार पर कोपरेखैरने में छापा मारकर 4,21,694 रुपये मूल्य 122 ई-टिकट जब्त किए हैं। आरपीएफ निरीक्षक राजेश कांबले, उप निरीक्षक संदीप ओंबासे तथा सुधीर शिंदे द्वारा की गई छापे मारी की इस कार्रवाई में नितिन महादेव पटेल नामक एक आरोपी को गिरफ्तार तुर्भे आरपीएफ के हवाले कर दिया गया है।
सेंट्रल रेलवे के मुंबई मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त आलोक बोहरा ने इस छापेमारी की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी रोबो फॉर्म नामक ऐप का इस्तेमाल कर फर्जी आईडी बनाकर रेलवे के आरक्षित टिकट बुक करता था।
इंटरनेट से रोबो फॉर्म ऐप को आसानी से डाउनलोड कर घर बैठे रेलवे के टिकटों की अवैध तरीके से बुकिंग की जा रही है। इस ऐप की मदद से 15 सेकंड में आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) की वेबसाइट से टिकट निकाले जा सकते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि इस तरह की ऐप से होने वाले फायदे तथा उपयोग विधि को भी विस्तार से दिया गया है।
रोबो फॉर्म पासवर्ड मैनजेर का अपग्रेडेड वर्जन हैं, जिससे न केवल स्पीड से सर्फिंग की जा सकती है, बल्कि एक साथ संबंधित विडों ओपन कर उसमें डिटेल भी भरे जा सकते हैं। साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो इस तरह के ऐप ऑन लाइन शॉपिंग को ध्यान में रखते हुए डिवेलप किए गए हैं, जिसका इस्तेमाल फर्जी आईडी बनाकर टिकट दलालों ने शुरू कर दिया है।

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