Thursday, April 2, 2015

बेस्ट के यात्रियों ने किराए में बढ़ोतरी

मुंबई की दूसरी लाइफलाइन कहीं जाने वाली बेस्ट बसों के किराए में बुधवार यानी एक अप्रैल से एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है।  बेस्ट के यात्रियों ने किराए में बढ़ोतरी को लेकर कड़ा विरोध जताया है। इसके चलते बुधवार को बसों में बहस और विवाद वाला माहौल भी देखने को मिला। मुंबई के कई इलाकों जैसे- घाटकोपर, कुर्ला और दादर में यात्रियों की कंडक्टरों और ड्राइवरों से तीखी बहस हुई।

बस के किराए में बढ़ोतरी को लेकर बेस्ट के यात्रियों में भारी गुस्सा देखने को मिला। यात्रियों के मुताबिक, 'मोदी ने मुंबईकरों को अच्छे दिन आएंगे' का सपना दिखाया था, परंतु अच्छे दिन के नाम पर मुंबईकरों की जेब काटी जा रही है। अच्छे दिन लाने की बजाय सरकार मुंबईकरों को लूट रही है। सरकार ने फरवरी में पहले ही एक रुपये किराया बढ़ाया है तो अब फिर से किराया बढ़ाने का क्या मतलब है। दो-दो महीने के अंतर पर किराया बढ़ाया जाना सरासर गलत है।
एक अप्रैल से बेस्ट के किराए में एक रुपये की बढ़ोतरी होने वाली है, इस बात से कई यात्री बिलकुल अंजान थे, उन्हें बस में बैठने के बाद तक पता नहीं था कि फिर से किराए में बढ़ोतरी की गई है। जब उन्होंने कंडक्टर को किराया दिया तो पता चला कि एक बार फिर से किराए में बढ़ोतरी हो गई है।
बेस्ट बस के एक ड्राइवर और कंडक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बेस्ट प्रशासन की ओर से बार-बार किराया बढ़ाया जाता है। परंतु, यात्रियों का विरोध कंडक्टरों और ड्राइवरों को झेलना पड़ता है, क्योंकि जो लोग किराया बढ़ाते हैं उनसे तो बस यात्रियों की मुलाकात कभी होती ही नहीं है। ऐसे में प्रशासन के चलते स्टाफ को दिक्कत झेलनी पड़ती है।
कंडक्टर के मुताबिक, मुंबई में किराया बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ट्रैफिक है। ट्रैफिक की गंभीर समस्या के कारण कहीं भी एक घंटे पहुंचने की बजाय दो से तीन घंटे का समय लगता है। ट्रैफिक के कारण हम किसी भी बस स्टेशन पर समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए सरकार को सबसे पहले ट्रैफिक की समस्या दूर करने के बारे में ठोस कदम उठाना चाहिए।
बेस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि किराए में बढ़ोतरी होने के बाद पहले दिन ही करीब चार से पांच पर्सेंट यात्रियों की संख्या घट गई है। एक दिन में ही अगर यह आलम है तो आगे भविष्य में क्या होगा। एक दिन में यात्रियों की संख्या कम होने के चलते अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में यात्रियों की संख्या और कम हो सकती है। गौरतलब है कि फरवरी में बेस्ट का किराया एक रुपया बढ़ने के बाद करीब ढाई लाख यात्रियों की संख्या कम हुई है, जबकि जनवरी महीने में यात्रियों की संख्या करीब 35 लाख थी।
हालांकि यात्री कम हुए परंतु राजस्व के रूप में बेस्ट की तिजोरी में करीब 39 लाख रुपये की राशि जमा हुई है। जनवरी महीने में यह राशि करीब 350 लाख रुपये थी। फरवरी में किराया बढ़ने के बाद इसमें बढ़ोतरी के कारण 389 लाख रुपये हुए।

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