Tuesday, April 7, 2015

वीआईपी नंबरों की बिक्री से 2 करोड़ 90 लाख रुपए का राजस्व जमा

गत आर्थिक वर्ष में वाशी स्थित उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में वीआईपी नंबरों की बिक्री से 2 करोड़ 90 लाख रुपए का राजस्व जमा हुआ। इसके पहले के आर्थिक वर्ष में वीआईपी नंबरों की दरों में वृद्धि कर दिए जाने से आरटीओ को अपेक्षाकृत कम राजस्व मिला था। बाद में सभी वीआईपी नंबरों की बिक्री या नीलामी में पारदर्शिता लाए जाने से वाहन खरीदारों ने इसे हाथों हाथ लिया।
आरटीओ सूत्रों के अनुसार साल 2014-15 में कुल 2,923 वाहन खरीदारों ने अपनी पसंद के नंबर खरीदे। आरटीओ कार्यालय परिसर में एक टेलिविजन स्क्रीन लगाया है जिस पर वाशी आरटीओ में चल रहे नंबर सीरीज में उपलब्ध वीआईपी नंबरों के विवरण व उनके मूल्य को दिखाया जाता है। पिछले आर्थिक वर्ष के आखिरी दो दिनों हेतु तो वाशी आरटीओ कार्यालय ने नई सीरीज की शुरुआत करते हुए वीआईपी नंबरों को खरीदने का आवाहन नए वाहन खरीदारों के सामने रखा था। इन दो दिनों में कुल 81 वाहन खरीदारों ने अपनी पसंद का नंबर खरीदा। इसके बदले आरटीओ को मात्र दो दिनों में ही कुल 9 लाख 51 हजार रुपये के राजस्व की कमाई हो गई।
वाशी आरटीओ के मौजूदा दर के अनुसार 1 नंबर के लिए चार पहिया वाहनों हेतु 4 लाख व दो पहिया वाहनों हेतु 50 हजार रुपये अतिरिक्त देने होते हैं। इसी तरह 99, 111, 222 जैसे नंबरों हेतु चार पहिया वाहनों हेतु 75 हजार व दो पहिया वाहनों के लिए 50 हजार देने होते हैं। इसी तरह अन्य वीआईपी नंबरों के लिए अलग-अलग दर निर्धारित है।

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