Friday, April 10, 2015

पानी गुजरात को देने का मामला गुरुवार को विधानसभा में फिर गूंजा

महाराष्ट्र का पानी गुजरात को देने का मामला गुरुवार को विधानसभा में फिर गूंजा। प्रश्नकाल खत्म होते ही एनसीपी के छगन भुजबल व दूसरे अन्य विधायक अपने हाथ में बैनर लिए सदन के अंदर वेल में जमीन पर बैठ गए। अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने उन्हें बैनर लेकर बाहर चले जाने को कहा, परंतु भुजबल टस से मस नहीं हुए।
इस पर विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखेपाटील, दिलीप वलसेपाटील सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि बजट सत्र खत्म होने से पहले सरकार दमण-गंगा और पार-तापी-नर्मदा का पानी गुजरात को देने के बारे में विस्तार से रिपोर्ट रखेगी। उसका खाका बताने वाली थी, लेकिन अब सत्र खत्म होने वाला है और सरकार ने कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य का 135 टीएमसी पानी गुजरात को जाएगा। इसका असर खानदेश के अलावा मराठवाडा को भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में बहुत कुछ छुपा रही है।
सरकार की ओर से जल संशाधन मंत्री गिरीष महाजन ने कहा कि आज ही प्रजेंटेशन सेंट्रल हॉल में किया जाएगा। महाजन ने कहा कि जो समझौता हुआ है वह सिर्फ डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के बाबत किया है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द प्लान देने के लिए बोल रही है, ताकि योजना को आगे बढ़ाया जा सका।
महाजन ने साफ किया कि राज्य का एक बूंद पानी भी गुजरात को नहीं देंगे। यह बात सरकार बार-बार दोहरा चुकी है। शाम चार बजे पीठासीन अधिकारी योगेश सागर ने बताया कि शुक्रवार सुबह 10 बजे सेट्रल हॉल में प्रजेंटेशन किया जाएगा।

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