Monday, March 2, 2015

टैक्स में और अधिक बढ़ोतरी किए जाने की संभावना

बीएमसी सदन में गुरुवार को बेस्ट परिवहन विभाग की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 'प्रॉपर्टी टैक्स में ही परिवहन उपकर' नामक नया टैक्स लागू करने की मंजूरी दे दी गई। बीएमसी प्रशासन ने हाल ही में बेस्ट के किराए में बढ़ोतरी करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद अब 'प्रॉपर्टी टैक्स' में परिवहन उपकर शामिल करने की मंजूरी दी है। इस तरह बीएमसी ने एक बार फिर से मुंबईकरों की जेब पर डाका डालने की तैयारी कर ली है। अब इस प्रस्ताव को जल्द ही राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इससे मुंबईकरों पर जल्द ही नए टैक्स परिवहन उपकर का बोझ लादे जाने की संभावना जताई जा रही है।
विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र आंबेरकर ने बताया कि जब सदन में मेयर स्नेहल आंबेकर इस प्रस्ताव को मंजूर करने की घोषणा कर रही थीं, तब बाहर एलईडी लाइटों को लेकर जोरदार हंगामा हो रहा था। हंगामे का फायदा उठाकर मेयर ने चुपचाप प्रस्ताव मंजूर कर दिया। सदन में बैठे नगरसेवकों को भी इस प्रस्ताव की मंजूरी का उस वक्त पता नहीं चल पाया। उन्होंने बीएमसी की इस मनमानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की बात कही।

बता दें कि किसी भी प्रस्ताव को मंजूर करने से पहले सदन में उस पर बड़ी चर्चा की जाती है। परंतु प्रॉपर्टी टैक्स में परिवहन उपकर को शामिल करने के लिए सदन में कोई भी चर्चा नहीं की गई। बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी बीजेपी को भी इस प्रस्ताव के मंजूर होने की भनक तक नहीं लगी।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक कर्ज के बोझ तले दबी बेस्ट ने परिवहन विभाग की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बीएमसी द्वारा वसूले जाने वाले 3.25 पर्सेंट क्रूड ऑइल टैक्स में से 0.25 पर्सेंट बेस्ट विभाग को देने की मांग की थी। बेस्ट को इससे 225 करोड़ रुपये का फायदा होगा और प्रॉपर्टी टैक्स में 0.02 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ बेस्ट को करीब 300 करोड़ रुपये का मुनाफा होगा। हालांकि आने वाले समय में 0.02 पर्सेंट प्रॉपर्टी टैक्स में और अधिक बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
बेस्ट परिवहन विभाग के नुकसान को पिछले दो सालों से बेस्ट बिजली ग्राहकों से टीडीएलआर (ट्रांसपोर्ट डिविजन लॉस रिकवरी) के जरिए वसूला जा रहा था। हाल ही में विद्युत नियामक आयोग ने इसे बंद करने का निर्देश दे दिया है, इसलिए साल 2016 में इसे बंद कर दिया जाएगा। परंतु बेस्ट ने टीडीएलआर के विकल्प को तलाशते हुए परिवहन उपकर लागू करने की तैयारी कर ली है।

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