बॉम्बे हाईकोर्ट में सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए नेताओं को जमीन आंबटित किए जाने के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटील की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने सीएजी की रिपोर्ट को आधार बनाया है।
याचिका के अनुसार, सीएजी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि विलासराव देशमुख ने मंजरा एजुकेशन ट्रस्ट को 24,000 वर्ग मीटर जमीन मंजूर की थी और पतंगराव कदम को पुणे में उनकी भारती विद्यापीठ को मुफ्त में 20,000 वर्ग मीटर जगह दी गई। इसी तरह सीएजी रिपोर्ट कहती है कि छगन भुजबल के नाशिक स्थित मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट को 50,000 वर्ग मीटर जमीन उपहार में दी।
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