Friday, March 13, 2015

मुंबई मेट्रो-3 के सभी विवादों पर विराम

मुख्यमंत्री देवेंद्र फणवीस ने मुंबई मेट्रो-3 के सभी विवादों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने गुरुवार को साफ किया कि मुंबई के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए यह बहुत जरूरी है। इसके रास्ते में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। इससे प्रभावित होने वाले लोगों का पुनर्वास भी मेट्रो स्टेशन के पास ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेशन के डिजाइन इस तरह से बनाए जाएंगे कि प्रभावित लोगों का पुनर्वास वहीं पर किया जा सके।
मेट्रो-3 में आरे कॉलोनी की हरियाली खत्म करने की आशंका को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में घोषणा की, 'इसके कारशेड बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई गई है। कारशेड के लिए 12 हेक्टर जमीन चाहिए। आरे कॉलोनी का जितना ग्रीन स्पेस बचा सकेंगे, जरूर बचाएंगे।' मुख्यमंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, 'आरे में ग्रीन स्पेस होने के बाद भी वहां पर गैरकानूनी निर्माण कार्य हुआ है। मेट्रो-3 में साउथ मुंबई की 28 इमारतें और 1,754 झोपड़े प्रभावित हो रहे हैं। इन इमारतों में करीब 777 परिवार रहते हैं। उन परिवारों को वहीं और बेहतर व बड़े मकानों में शिफ्ट किया जाएगा।' 

मुख्यमंत्री ने माना कि मुंबई का पब्लिक ट्रांसपोर्ट कमजोर है। यहां की सड़कों पर रोज करीब 25 लाख गाड़ियां निकलती हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत करने के बाद लोग अपनी गाड़ियों की बजाय मेट्रो से सफर करेंगे। इससे ट्रैफिक जैम की समस्या कम होगी। उन्होंने कहा कि विदेशी भले ही करोड़ों रुपये की गाड़ी रखें, लेकिन वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए यहां मेट्रो बेहद जरूरी है।
टोल मुक्त महाराष्ट्र की घोषणा पर मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी भड़ास कांग्रेस-एनसीपी पर निकाली। उन्होंने सदन को बताया कि पिछली सरकार ने ठेकेदारों के साथ केंद्रीय टोल नियम को दरकिनार करने का करार किया। इससे ठेकेदारों की चांदी हुई। मुंबई में आने और मुंबई-पुणे एक्सप्रेस मार्ग जैसे अन्य महत्वपूर्ण मार्गों के लिए टोल के करार निजी कंपनियों के साथ इस तरह किए गए कि बाय-बैक है ही नहीं। अब यह स्टडी की जा रही है कि उन कंपनियों से टोल करार खत्म करके टोल मुक्त महाराष्ट्र कैसे बनाया जा सकता है।
बीजेपी-शिवसेना सरकार के कार्यकाल में ज्यादा मुजरिमों को सजा दिलाई गई है। पिछली सरकार के समय 8 से 12 पर्सेंट मुजरिमों को को ही सजा मिलती रही थी। जनवरी में यह दर बढ़कर 28 पर्सेंट हो गई। इसका श्रेय लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस तबादलों को पारदर्शी किया गया, फॉरेंसिक लैब्स की संख्या बढ़ाई जा रही है और वकीलों की नियुक्ति का अधिकार अटॉर्नी जनरल व लॉ सेक्रेटरी को दिया गया है।
सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र का एक बूंद भी ज्यादा पानी गुजरात को नहीं देंगे। दमण गंगा-पिंजाल नदी जोड़ योजना का 75 पर्सेंट पानी महाराष्ट्र को और बाकी का 25 पर्सेंट पानी गुजरात को दिया जाएगा। यह करार पहले ही हो चुका है। महाराष्ट्र को मिलने वाला पानी मुंबई को सप्लाई किया जाएगा। इससे मुंबई की अगले 50 साल की पानी की समस्या खत्म हो जाएगी।

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