Friday, February 27, 2015

बीजेपी को छोड़कर महाराष्ट्र का कोई भी राजनीतिक दल रेल बजट से खुश नहीं

बीजेपी को छोड़कर महाराष्ट्र का कोई भी राजनीतिक दल रेल बजट से खुश नहीं है  इनका कहना है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु से महाराष्ट्र को रेल बजट में बड़ी उम्मीदें थीं। मोदी की नजर में अच्छा बनने के लिए उन्होंने अपने ही राज्य की जनता की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया। कांग्रेस, एनसीपी जैसे विरोधी दलों से तो बजट का विरोध स्वाभाविक था, लेकिन केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिव सेना ने भी रेल बजट को निराशाजनक बताया है।
रेल बजट के विरोध में शिव सेना के नेताओं ने कुछ इस तरह दी प्रतिक्रिया...
'यह तो निराश करने वाला बजट है'
यह पूरी तरह से असंतुष्ट करने वाला बजट है। महीने भर पहले ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर उन्हें मुंबई की उपनगरीय रेलों की समस्याओं के संदर्भ में अवगत कराया गया था, परंतु बजट में रेल मंत्री ने उपनगरीय रेल के लिए कोई घोषणा नहीं की है। इस रेल बजट से महाराष्ट्र और मुंबई को कुछ नहीं मिला है। रेल बजट में कई घोषणाएं की गई हैं, लेकिन रेल मंत्री ने यह नहीं बताया कि इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा? बजट ने हर किसी को अंधेरे में रखा है। प्लैटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाने के लिए 97 करोड़ रुपये की जरूरत है। इस काम को पूरा करने के लिए एक ही बार में धन आवंटित करना चाहिए था। लाइनों के दोहरीकरण और तिहरीकरण की बात कर रहे हैं, लेकिन वे किन लाइनों पर काम करेंगे इस बारे में रेल मंत्री ने सदन में कुछ बताया ही नहीं।
- गजानन कीर्तिकर, शिव सेना सांसद
यह बजट निराशाजनक और अपेक्षाओं को भंग करने वाला है। इस बजट में सिर्फ एक ही बात अच्छी है कि रेल मंत्री ने यात्रियों के लिए सुरक्षा और स्वच्छता को प्राथमिकता दी है।
- विनायक राऊत, शिव सेना सांसद
महाराष्ट्र के ग्रामीण भाग के लिए कोई योजना रेल बजट में नहीं है। इस रेल बजट से महाराष्ट्र के हिस्से में कुछ भी न आने से जनता निराश और नाराज है।
- शिवाजीराव आढलराव पाटील, शिव सेना सांसद
महाराष्ट्र के रहने वाले किसी व्यक्ति को 37 साल बाद रेल मंत्री बनाया गया। इससे राज्य के लोगों को एक उम्मीद बंध गई थी, लेकिन रेल मंत्री ने महाराष्ट्र के लोगों को निराश किया है। मोदी सरकार रेल किराया नहीं बढ़ाने पर अपनी पीठ थपथपा रही है, परंतु किराया तो उन्होंने जून में 14.2 पर्सेंट बढ़ा दिया था। पुणे-नाशिक, वर्धा-यवतमाल-नांदेड, कल्याण-अहमदनगर, मनमाड-इंदौर, बडनेरा-वाशिम, सहित अन्य मार्ग के बारे में रेल बजट में कोई घोषणा न होने से लोग निराश हुए हैं।
- माणिकराव ठाकरे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस
मोदी सरकार के पहले पूर्ण रेल बजट ने सभी को निराश किया है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के कारण आस बंधी थी कि यात्री किराए और माल भाड़े में कमी आएगी। इसी सरकार ने आठ महीने पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों का हवाला देकर किराए में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की थी। यूपी, बिहार के लोगों को आस थी कि रेल मंत्री नई गाड़ी देंगे और साप्ताहिक गाड़ियों को रोजाना करेंगे पर वहां भी निराशा ही हाथ लगी। इससे साबित हो गया है कि मोदी सरकार सिर्फ जुबानी खर्च करने में माहिर है।
- नसीम खान, पूर्व मंत्री, महाराष्ट्र
बीजेपी सरकार का यह रेल बजट पूर्ण रूप से निराश करने वाला बजट है। रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व महाराष्ट्र से मिलता है। देश भर में रेल से यात्रा करने वाले कुल यात्रियों की तुलना में महाराष्ट्र और मुंबई में ज्यादा रेल यात्री हैं। इसलिए महाराष्ट्र और मुंबई को अधिक सुविधाएं दिए जाने की जरूरत थी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु मुंबई की लोकल रेल की समस्याओं को जानते हैं, इसलिए मुंबई को इस बार पर्याप्त सुविधा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन बजट ने इन उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है। रेल बजट में स्टेशनों और ट्रेनों को कंपनियों का नाम दिए जाने की बात कही गई है, यह फैसला उचित नहीं है। इससे शहरों की अपनी पहचान प्रभावित होगी। दरअसल यह बजट निजी कंपनियों के फायदे का और आम जनता की उपेक्षा का बजट है।
- छगन भुजबल, पूर्व मुख्यमंत्री महाराष्ट्र
समस्याओं का अध्ययन किए बिना ही सिर्फ घोषणाओं के दम पर बीजेपी सरकार चल रही है। चुनाव में अच्छे दिन की घोषणा करने वाली मोदी सरकार ने जनता को बुरे दिन दिखाने की शुरुआत रेल बजट से कर दी है। यह बजट कर्ज के दम पर रेल को चलाने वाला बजट है। रेल मंत्री खुद कोकण के हैं, वहां के लोगों का प्रभु पर भरोसा था, लेकिन उन्होंने भरोसा तोड़ने का काम किया है।
- नवाब मलिक, प्रवक्ता एनसीपी
रेल मंत्री सुरेश प्रभु का बजट भाषण तो उत्तम था, उनसे उम्मीद थी कि वे महाराष्ट्र पर कृपा करेंगे पर उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। कोकण और मुंबई के लोगों को उनसे बड़ी आस थी। कोकण के लोगों को रेलवे की नई सुविधा और साधन मिलेंगे। मुंबईकरों की प्रभु से अपेक्षा थी, भीड़ से उन्हें राहत मिलेगी पर उन्होंने निराश किया।
- बाला नांदगांवकर, एमएनएस नेता
रेल बजट के पक्ष में भी कई नेताओं ने दी प्रतिक्रिया...
'बजट रेलवे को मजबूत भविष्य देने वाला है'
यह रेल बजट देश को विकास की ओर ले जाने के दूरदृष्टिकोण को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। बजट में मुंबई और महाराष्ट्र के लिए बहुत कुछ दिया है। एमयूटीपी-3 के अंतर्गत 11,500 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया है, राज्य की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। शिवसेना के लोगों ने शायद बजट को ध्यान से पढ़ा और सुना नहीं है। इसलिए वे बजट पर प्रतिकूल टिप्पणी कर रहे हैं।
- देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री महाराष्ट्र
रेल किराया नहीं बढ़ाया और कृषि उत्पादक के लिए अत्याधुनिक कार्गो की व्यवस्था करके रेल मंत्री ने किसानों को दिलासा दी है। सर्वे के बाद आवश्यक नई गाड़ियां शुरू करने की योजना बजट में शामिल की है। रेल को गति देने के लिए विविध प्रकार की आधुनिक तकनीक की बात कही है। मुंबई के लिए एमयूटीपी-3 शुरू करने से लोकल यात्रियों की परेशानियां कम होंगी।
- एकनाथ खडसे, राजस्व मंत्री
इस बजट में स्वच्छता, सुरक्षा और मौजूदा व्यवस्थाओं में सुधार पर जोर दिया गया है। बुजुर्गों को लोअर सीट, महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे, जनरल डिब्बों में मोबाइल चार्जिंग की सुविधा, जानकारी और शिकायतों के लिए मोबाइल एप और हेल्पलाइन नंबर जारी कर रेल मंत्री ने रेल यात्रियों की समस्याओं के समाधान और उनके लिए सुविधाएं जुटाने पर जोर दिया है।
- सुधीर मुनगंटीवार, वित्त मंत्री महाराष्ट्र
पिछले कई सालों से गलत निर्णयों के कारण पटरी से खिसक गई भारतीय रेल का किराया नहीं बढ़ाकर लोगों पर कोई आर्थिक बोझ रेल मंत्री ने नहीं पड़ने दिया है। देश की सामान्य जनता को ध्यान में रखकर रेल मंत्री ने बजट तैयार किया है। यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले इस पर ज्यादा ध्यान दिया है। रेल बजट को किसी भी राज्य को दृष्टि में रखकर नहीं बल्कि देश को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
- रावसाहेब दानवे पाटील, अध्यक्ष महाराष्ट्र बीजेपी
किराया नहीं बढ़ाकर रेल मंत्री ने आम जनता को राहत दी है। नौ मार्गों पर हाई स्पीड ट्रेन चलेगी। दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई मार्ग की गति बढ़ाने का निर्णय बेहतर है। महिला यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से निर्भय निधि व महिला डिब्बों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं, परंतु महाराष्ट्र को जैसी आवश्यकता थी वैसा नहीं दिया गया।
- रामदास आठवले, सांसद व आरपीआई नेता
यह एक तारीफ के काबिल रेल बजट है। वर्तमान स्थितियों में इससे बेहतरीन बजट नहीं हो सकता था। बजट में जिस तरह से बिना किराया बढ़ाए यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। एक तरफ किराए के बोझ से राहत और दूसरी तरफ महिला और बुजुर्ग यात्रियों की सहूलियतों का ध्यान रखा गया है। कुल मिलाकर यह बजट परिपूर्ण रूप से रेल यात्रियों का राहत देने वाला बजट है।
-मनोभव त्रिपाठी, सदस्य, बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी

यह एक सकारात्मक बजट है और लोकलुभावन घोषणाओं से दूर रहने के लिए रेल मंत्री की सराहना की जानी चाहिए। रेल मंत्री ने यात्रियों पर बोझ डालने के बजाए वित्तिय अनुशासन और निजी क्षेत्र की भागीदारी के बल पर रेलवे के लिए संसाधन जुटाने की कोशिश की है। मुंबई के लिए एमयूटीपी -3 की घोषणा कर रेल मंत्री ने मुंबई का ख्याल रखा है।

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