Tuesday, July 1, 2014

यहां थूकना मना है'

यहां थूकना मना है' यह चेतावनी पढ़ने के बाद भी अगर आपको उसी जगह पर थूकने की आदत है, तो यह आपको मुसीबत में डाल सकती है। राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जल्द ही सार्वजनिक स्थानों, शिक्षण संस्थाओं, सभी स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल आदि पर तंबाकू, पान, गुटखा आदि का सेवन पूरी तरह निषिद्ध घोषित करने वाली है।
सिगरेट ऐंड अदर टोबैको प्रोडक्ट ऐक्ट (सीओटीपीए) के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना बैन है, लेकिन तंबाकू सेवन आदि की बढ़ती प्रवृति रोकने के लिए महाराष्ट्र इसे भी सार्वजनिक स्थानों पर बैन करने की मंशा से यह नया कदम उठा रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में वर्ल्ड नो टोबैको डे (31 मई) पर बीएमसी ने अपने सभी अस्पतालों में 'नो टोबैको जोन' की घोषण की थी। ऐसा करने वाली बीएमसी देश की पहली महानगर पालिका बन गई है। राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की मुख्य सचिव, सुजाता सौनिक ने सोमवार को एक कार्यशाला के तहत 'इकोनॉमिक बर्डन ऑफ टोबैको रिलेटैड डिजीज इन इंडिया' नामक रिपोर्ट के मुख्य अंश प्रस्तुत किए।
सुजाता सौनिक ने बताया कि हमने सभी संबंधित विभागों को इस विषय पर पत्र लिख दिया है और जल्द ही इसका सरकारी अध्यादेश निकाकर इसे कानूनी रूप दिया जाएगा। सुजाता का कहना है कि हम कोशिश करेंगे कि अगस्त तक यह कानून बन जाए और पूरे राज्य में इसका पालन हो। इस नए नियम के बाद सार्वजनिक स्थानों पर थूकना, तंबाकू-पान, गुटखा आदि का सेवन करना पूरी तरह बैन हो जाएगा।
सलाम बॉम्बे फाउंडेशन की तरफ से आयोजित इस कार्यशाला में आए टाटा अस्पताल के कैंसर स्पेशलिस्ट, डॉ़ पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि तंबाकू पदार्थों के सार्वजनिक स्थानों पर रोक लगने के साथ ही यह जरूरी है कि इनपर लगे टैक्स की मात्रा तीन गुना बढ़ा दी जाए। इससे तंबाकू पदार्थों की खपत में कमी आएगी। डॉ़ पंकज का कहना है कि कैंसर से जूझ रहे 30 प्रतिशत मामलों में मरीजों की उम्र 30 साल से कम है।
महाराष्ट्र सरकार हर वर्ष 2,290 करोड़ रुपये तंबाकू से होने वाली बीमारियों पर खर्च करती है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया के अनुसार महाराष्ट्र में 31 प्रतिशत व्यस्क (15 वर्ष या उससे अधिक) तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें 7 प्रतिशत व्यस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 25 प्रतिशत लोग धूम्रपानरहित तंबाकू का सेवन करते हैं। इस कार्यशाला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ महाराष्ट्र फूड ऐंड ड्रग अडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर महेश झगड़े, हेलिस फाउंडेशन के डायरेक्टर, डॉ़ पीसी गुप्ता आदि ने हिस्सा लिया।

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