Thursday, July 24, 2014

कमिश्नर बिपिन मलिक की जांच कराने की मांग

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दिल्ली के 'महाराष्ट्र सदन' और इसके कमिश्नर बिपिन मलिक की जांच कराने की मांग की है। वे गुरुवार को नासिक दौरे के समय पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसी कर्मचारी को रोजे के दौरान जबरन रोटी खिलाने का उनके पार्टी सांसदों का कोई इरादा नहीं था। विरोधी पार्टियां मामले को तूल देकर राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि विरोधियों को याद रखना चाहिए कि उनका मुकाबला शिवसेना से है।
उद्धव ने कहा कि बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने कागजात पेश करते हुए दिल्ली के महाराष्ट्र सदन के निर्माण के दौरान हुई धांधली का पर्दाफाश किया है। इसलिए निर्माण के समय से लेकर आजतक दिए गए सभी ठेकों की जांच होनी चाहिए, ताकि सच बाहर आ सके। उन्होंने मराठी कलाकारों को सदन में कमरे न मिलने का मामला भी उठाया। शिवसेना अध्यक्ष ने टिप्पणी की है कि अगर ऐसा है तो 'महाराष्ट्र सदन' का नाम बदलकर 'लॉजिंग-बोर्डिंग' कर देना चाहिए।
औरंगाबाद में बुधवार को ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना इतनी गिरी हुई हरकत नहीं कर सकती। जो करना होता है हम सीधे-सीधे और खुले तौर पर करते हैं। हम हिंदू हैं, हिंदुत्ववादी हैं, लेकिन अन्य धर्मों से हम द्वेष नहीं करते। गुरुवार को शिवसेना इस मुद्दे पर आक्रामक नजर आई। पार्टी मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा गया, 'शिवसेना सभी जाति-धर्म का सम्मान करती है, यही हमारा संस्कार है। जब तक कोई अपने धर्म का फालतू दिखावा नहीं करता तब तक हमें उससे कुछ भी लेना-देना नहीं। श्रद्धा का विषय व्यक्तिगत है, लेकिन उसका इस तरह राजनीतिक व्यापारीकरण कर शिवसेना को बदनाम करने की कोशिश की जाएगी, तो याद रखो मुकाबला हमसे है!'

संपादकीय में आगे कहा गया, 'लोकसभा चुनाव के दौरान इन्हीं राजनीतिज्ञों पर राज्य की मराठी जनता ने थूका है, फिर भी इन्हें न तो लाज है और न ही शर्म। आज जो कोई अपने लफड़े को छिपाने के लिए नए महाराष्ट्र सदन में धर्म की राजनीति कर रहा है, उन्हें हम एक ही आखिरी चेतावनी देते हैं। कल महाराष्ट्र में सत्तासीन शिवसेना होगी इस बात को वे न भूलें!'

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