Thursday, July 10, 2014

अबू आसिम आजमी कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार

लोकसभा चुनाव में मात खाए राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव में एक छतरी के नीचे चुनाव लड़ने की पहल शुरू कर दी है। हारी हुई राजनीति पार्टीयों को इस बार का पूरी तरह से अहसास हो गया है कि अलग-अलग चुनाव लड़ने की स्थित में उन सभी को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इस स्थित से निपटने के लिए कांग्रेस, एनसीपी सहित समाजवादी पार्टी माहौल टटोल रही है।
समाजवादी पार्टी राज्य प्रमुख अबू आसिम आजमी का कहना है कि वह कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। बशर्ते, उन्हें पूरा सम्मान मिले। उन्होंने साफ किया कि सेक्युलर दल एक प्लैटफॉर्म पर आकर चुनाव लड़े, यह वक्त का तकाजा है, वर्ना वोटों के बंटवारे से सभी सेक्युलर दल को नुकसान होगा। आजमी ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि जब 20-25 साल बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार मिल सकते हैं, तो महाराष्ट्र में सभी सेक्युलर दल एक साथ एक जगह पर क्यों नहीं आ सकते। राज ठाकरे की एमएनएस को आजमी ने सेक्युलर पार्टी मानने से ही इनकार किया। आजमी ने साफ किया कि राज ठाकरे की पार्टी जिस किसी गठबंधन में शामिल होगी, उस गठबंधन दल के साथ समाजवादी पार्टी कभी नहीं जाएगी।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी की बत्ती गुल हो गई है। यहीं नहीं, प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अबू आजमी का बेटा फरहान भी बुरी तरह से लोकसभा चुनाव हार गया था। पार्टी के दूसरे उम्मीदवारों का भी यही हाल रहा रहा। कांग्रेस-एनसीपी और समाजवादी पार्टी अब तक लोकसभा के चुनाव नतीजों को भूल नहीं सके है। इन्हें डर है कि विधानसभा चुनावों में भी वे लोग एक दूसरे की टांग खींचते रहे, तो राज्य से भी उन्हे बोरिया-बिस्तर समेटना पड़ सकता है। एक विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ लाने के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने खुद ही कमान संभाल ली है। आजमी के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी है।
 

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