Thursday, March 19, 2009

पुलिस इंस्पेक्टर को धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज

पुलिस ने महाराष्ट्र के कपड़ा मंत्री अनीस अहमद के खिलाफ कथित तौर पर एक पुलिस इंस्पेक्टर को धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अहमद पर 15 मार्च को तहसील पुलिस स्टेशन के सेकंड पुलिस इंस्पेक्टर एस. एस. देशमुख को धमकी देने का आरोप है। पुलिस ने कहा कि मामला बुधवार रात दर्ज किया गया। मंत्री के समर्थकों ने एक पुलिस पार्टी पर हमला किया था और इस बारे में उन्होंने पुलिस अधिकारी को मामला दर्ज नहीं करने का हुक्म दिया। लेकिन पुलिस इस अफसर ने उनकी बात नहीं मानी। पुलिस ने कहा कि अहमद ने रविवार को चार बार इंस्पेक्टर को फोन कर मामला दर्ज नहीं करने को कहा। यहां तक कि उन्होंने धमकी भी दी। मंत्री पर धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले अहमद पर तत्कालीन कांग्रेस एमएलए नितिन राउत के निजी सहायक के खिलाफ गाली-गलौज करने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने मुंबई पुलिस के एक सिपाही को उसके सरकारी घर पर थप्पड़ भी मारा था।
हत्या के एक मामले को बाइक दुर्घटना बताकर हत्यारों की मदद करने वाले नारपोली पुलिस स्टेशन के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस इंसपेक्टर सहित चार लोगों के विरुद्ध नारपोली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। नारपोली पुलिस ने अपने ही पुलिस स्टेशन अधिकारी के विरुद्ध मामला न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया। सूत्रों के अनुसार ठाणे के लोकमान्य नगर निवासी सचिन मनोहर, रासम व संदीप पाटील एक मोटरसाइकिल से और उनके मित्र अमोल रतिलाल पाटील (पूर्णा) और विक्रांत मोतीराम भोईर (कोपरी, ठाणे) दूसरी मोटरसाइकिल से 5 दिसंबर 2008 की शाम को भिवंडी एक कार्यक्रम में आए थे। रात में वापस घर जाते समय पूर्णा गांव के पास जागरण वजन काटा के सामने तेज गति से आ रही चार चक्के की एक गाड़ी ने सचिन व संदीप की मोटरसाइकिल को ठोक दिया। जिसमें दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, लेकिन इस दुर्घटना की जानकारी मृतक के मित्र अमोल व विक्रांत ने नहीं दी। जिसके कारण नारपोली पुलिस ने बाइक दुर्घटना बताकर मामला रफा दफा कर दिया था। बताया जाता हे कि वह चार चक्के की गाड़ी नारपोली पुलिस की ही थी। जिससे यह दुर्घटना हुई थी। उस गाड़ी को पुलिस निरीक्षक आनंद रावराणे स्वयं चला रहे थे। उनके विरुद्ध मामला दर्ज न हो इसलिए उसे सड़क दुर्घटना बताकर मामला दर्ज कर लिया था। लेकिन इस दुर्घटना को लेकर मृतक के पिता मनोहर देवजी रासम को शक हुआ और उन्होंने भिवंडी न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा कि उनके लड़के सचिन की बाइक दुर्घटना में मौत नहीं हुई है, बल्कि नारपोली पुलिस स्टेशन के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप भोसले एवं पुलिस निरीक्षक आनंद रावराणे की मिलीभगत से हत्या करके बाइक दुर्घटना बताया गया। न्यायालय के आदेश पर नारपोली पुलिस ने प्रदीप भोसले एवं आनंद रावराणे सहित अमोल विक्रांत के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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