Sunday, March 15, 2009

बीएमसी ने नागरिकों के लिए 'वाटर हेल्पलाइन' शुरू

मुम्बईकरों द्वारा लगातार की जा रही पानी संबंधी शिकायतों को ध्यान में रखकर बीएमसी ने नागरिकों
के लिए 'वाटर हेल्पलाइन' शुरू करने का मन बनाया है। हेल्प लाइन शुरू होने के बाद नागरिकों की शिकायतें 24 घंटे में दूर की जा सकेंगी। इस संबंध में 23 मार्च को 'जल मेला' वर्कशॉप का भी आयोजन किया जा रहा है। इस बाबत बीएमसी के चीफ हाइड्रोलिक इंजीनियर एस. एस. कोरलेकर ने बताया कि हर महीने पानी के पाइप फटने या उनमें लिकेज आदि से संबंधित औसतन दो हजार शिकायतें मिलती हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए बीएमसी वाटर हेल्पलाइन शुरू करने तैयारी में है, ताकि नागरिकों को एक मंच मिल सके। कोरलेकर के मुताबिक वाटर हेल्पलाइन के जरिए मुम्बईकरों की पानी संबंधी समस्याएं सीधे हम तक पहुंचेंगी, जिससे विभाग को इन शिकायतों को दूर करने में आसानी होगी और नागरिकों को भी सुचारु रूप से पानी की सप्लाई मिलेगी। उन्होंने बताया कि पाइप लाइन में लीकेज व अन्य गड़बड़ी के कारण प्रतिदिन कुल सप्लाई का न्यूनतम 20 फीसदी पानी बर्बाद होता है। हेल्पलाइन के जरिए यदि समय पर इन गड़बड़ियों की सूचना मिल जाए, तो पानी की इस बर्बादी को रोका जा सकता है। इस हेल्पलाइन से खासतौर पर झोपड़ पट्टियों व आसपास के क्षेत्रों में होने वाली वाटर लाइन की गड़बड़ियों की सूचना आसानी से मिलने की उम्मीद की जा रही है। कोरलेकर ने बताया कि एमटीएनएल द्वारा एप्रूवल होने के बाद 4 डिजिट वाले वाटर हेल्पलाइन नंबर पर अंतिम फैसला होगा। इस हेल्पलाइन के शुरू होने पर मुम्बईकरों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में हाजी अली स्थित आल इंडिया इंजीनियर्स असोसिएशन पर 23 मार्च को 'जल मेला' वर्कशॉप का भी आयोजन किया जा रहा है। वर्कशॉप का उद्देश्य जल संरक्षण की महत्ता के प्रति नागरिकों को जागरूक बनाना है। कोरलेकर का कहना है कि इस अभियान से जल विद्युत विभाग और नागरिकों के बीच विचारों का आदान प्रदान भी होगा, जिससे जल संचयन की धारणा को मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि बीएमसी द्वारा पोस्टर्स, बैनर्स और एफएम चैनलों के माध्यम से भी मुम्बईकरों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा स्कूली बच्चों से जागरूकता संबंधी संदेश व ड्राइंग भी तैयार कराए जाएंगे, जिन्हें वर्कशॉप में प्रदर्शित किया जाएगा।

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