Tuesday, March 31, 2009

संजय दत्त के मामले की समानता बीजेपी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के मामले से नहीं की जा सकती,

बॉलिवुड स्टार संजय दत्त चुनाव नहीं लड पायेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को संजय दत्त की चुनाव लड़ने संबंधी याचिका खारिज कर दी। याचिका में दत्त ने मुंबई ब्लास्ट मामले में दोषी ठहराए जाने का फैसला सस्पेंड करने की मांग की थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकें। चीफ जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दत्त के वकील और याचिका का विरोध कर रही सीबीआई की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि टाडा कोर्ट ने आर्म्स ऐक्ट के तहत संजय दत्त को दोषी करार दिया था और 6 साल की सजा सुनाई थी। संजय दत्त फिलहाल जमानत पर हैं। कानून के मुताबिक, दो साल से ज्यादा के सजायाफ्ता नहीं लड़ सकते हैं चुनाव। इस मामले में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा था, वहीं सीबीआई ने दत्त की याचिका का विरोध किया था। गौरतलब है संजय दत्त को समाजवादी पार्टी ने लखनऊ संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। बेंच ने कहा कि संजय दत्त के मामले की समानता बीजेपी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के मामले से नहीं की जा सकती, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 2007 के उपचुनाव में अमृतसर से लड़ने देने के लिए रोड रेज के एक मामले में उनके दोष सिद्धी और सजा पर स्टे लगा दिया था। बेंच ने कहा कि दत्त जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (3) के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं, जिसमें दो या इससे अधिक साल की कैद के सजायाफ्ता व्यक्ति के चुनाव में खड़े होने पर रोक का प्रावधान है। न्यायाधीशों ने कहा कि किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने की इजाजत देने के लिए उसकी सजा को निलंबित करने के कोर्ट के अधिकार का इस्तेमाल दुर्लभ मामलों में ही किया जाता है।

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