Sunday, March 15, 2009

मीठी नदी को चौड़ा, गहरा और इसके डिसिलटिंग का काम अब भी अधर में

मीठी नदी को चौड़ा, गहरा और इसके डिसिलटिंग का काम अब भी अधर में है। 26 जुलाई 05 की बाढ़ जैसी विभीषिका से बचने के लिए यह निर्णय किया गया था, परंतु प्रशासनिक शिथिलता की वजह से यह काम लंबे समय से अधूरा है। राज्य सरकार ने जून, 2010 तक नदी के सभी कार्यों को पूरा कराने का वादा किया था, परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि निर्धारित अवधि तक काम पूरा होने की संभावना न के बराबर है। माहिम काउजवे से 2 किलोमीटर की दूरी पर एक तरफ अरब सागर में और दूसरी तरफ बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर एक 60 मीटर चौड़े चैनल के निर्माण की योजना है। इससे नदी का रुख गहरे समुद्र की ओर हो सकेगा। चैनल निर्माण के लिए 80,000 क्यूबिक मीटर सिल्ट और 17,000 क्यूबिक मीटर रॉक को हटाना होगा। यद्यपि मुम्बई मेट्रोपोलिटन रिजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) का मॉनसून से पहले एक-तिहाई काम पूरा करने का लक्ष्य है, परंतु अभी तक उच्चतम निविदा आकलित लागत (22 करोड़) का केवल 45 प्रतिशत मिली है। एमएमआरडीए के जॉइंट डाइरेक्टर दिलीप कावथकर के मुताबिक इतने कम लागत में बगैर मैनिपुलेशन के काम पूरा करना संभव नहीं है। एजेंसी ने निविदा को अंतिम रूप नहीं दिया है। एमएमआरडीए समय पर माहिम खाड़ी के मुहाने को गहरा भी नहीं कर सका है, जहां नदी सागर से मिलती है। 1,600 क्यूबिक मीटर रॉक एक्सकेवेशन का काम पूरा हो चुका है, जबकि योजना 2.15 लाख क्यूबिक मीटर रॉक एक्सकेवेशन की है। कांट्रेक्ट की डेडलाइन इस साल जून महीने तक बढ़ाई गई है।

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